< यूहन्ना 21 >

1 इन बातों के बाद यीशु ने अपने आपको तिबिरियास झील के किनारे चेलों पर प्रगट किया और इस रीति से प्रगट किया।
تَتَح پَرَں تِبِرِیاجَلَدھیسْتَٹے یِیشُح پُنَرَپِ شِشْییبھْیو دَرْشَنَں دَتَّوانْ دَرْشَنَسْیاکھْیانَمِدَمْ۔
2 शमौन पतरस और थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, और गलील के काना नगर का नतनएल और जब्दी के पुत्र, और उसके चेलों में से दो और जन इकट्ठे थे।
شِمونْپِتَرَح یَمَجَتھوما گالِیلِییَکانّانَگَرَنِواسِی نِتھَنیلْ سِوَدیح پُتْراوَنْیَو دْوَو شِشْیَو چَیتیشْویکَتْرَ مِلِتیشُ شِمونْپِتَروکَتھَیَتْ مَتْسْیانْ دھَرْتُں یامِ۔
3 शमौन पतरस ने उनसे कहा, “मैं मछली पकड़ने जाता हूँ।” उन्होंने उससे कहा, “हम भी तेरे साथ चलते हैं।” इसलिए वे निकलकर नाव पर चढ़े, परन्तु उस रात कुछ न पकड़ा।
تَتَسْتے وْیاہَرَنْ تَرْہِ وَیَمَپِ تْوَیا سارْدّھَں یامَح تَدا تے بَہِرْگَتاح سَنْتَح کْشِپْرَں ناوَمْ آروہَنْ کِنْتُ تَسْیاں رَجَنْیامْ ایکَمَپِ نَ پْراپْنُوَنْ۔
4 भोर होते ही यीशु किनारे पर खड़ा हुआ; फिर भी चेलों ने न पहचाना कि यह यीशु है।
پْرَبھاتے سَتِ یِیشُسْتَٹے سْتھِتَوانْ کِنْتُ سَ یِیشُرِتِ شِشْیا جْناتُں ناشَکْنُوَنْ۔
5 तब यीशु ने उनसे कहा, “हे बालकों, क्या तुम्हारे पास कुछ खाने को है?” उन्होंने उत्तर दिया, “नहीं।”
تَدا یِیشُرَپرِچّھَتْ، ہے وَتْسا سَنِّدھَو کِنْچِتْ کھادْیَدْرَوْیَمْ آسْتے؟ تےوَدَنْ کِمَپِ ناسْتِ۔
6 उसने उनसे कहा, “नाव की दाहिनी ओर जाल डालो, तो पाओगे।” तब उन्होंने जाल डाला, और अब मछलियों की बहुतायत के कारण उसे खींच न सके।
تَدا سووَدَتْ نَوکایا دَکْشِنَپارْشْوے جالَں نِکْشِپَتَ تَتو لَپْسْیَدھْوے، تَسْماتْ تَے رْنِکْشِپْتے جالے مَتْسْیا ایتاوَنْتوپَتَنْ یینَ تے جالَماکرِشْیَ نوتّولَیِتُں شَکْتاح۔
7 इसलिए उस चेले ने जिससे यीशु प्रेम रखता था पतरस से कहा, “यह तो प्रभु है।” शमौन पतरस ने यह सुनकर कि प्रभु है, कमर में अंगरखा कस लिया, क्योंकि वह नंगा था, और झील में कूद पड़ा।
تَسْمادْ یِیشوح پْرِیَتَمَشِشْیَح پِتَرایاکَتھَیَتْ ایشَ پْرَبھُ رْبھَویتْ، ایشَ پْرَبھُرِتِ واچَں شْرُتْوَیوَ شِمونْ نَگْنَتاہیتو رْمَتْسْیَدھارِنَ اُتَّرِییَوَسْتْرَں پَرِدھایَ ہْرَدَں پْرَتْیُدَلَمْپھَیَتْ۔
8 परन्तु और चेले डोंगी पर मछलियों से भरा हुआ जाल खींचते हुए आए, क्योंकि वे किनारे से अधिक दूर नहीं, कोई दो सौ हाथ पर थे।
اَپَرے شِشْیا مَتْسْیَیح سارْدّھَں جالَمْ آکَرْشَنْتَح کْشُدْرَنَوکاں واہَیِتْوا کُولَمانَیَنْ تے کُولادْ اَتِدُورے ناسَنْ دْوِشَتَہَسْتیبھْیو دُورَ آسَنْ اِتْیَنُمِییَتے۔
9 जब किनारे पर उतरे, तो उन्होंने कोयले की आग, और उस पर मछली रखी हुई, और रोटी देखी।
تِیرَں پْراپْتَیسْتَیسْتَتْرَ پْرَجْوَلِتاگْنِسْتَدُپَرِ مَتْسْیاح پُوپاشْچَ درِشْٹاح۔
10 १० यीशु ने उनसे कहा, “जो मछलियाँ तुम ने अभी पकड़ी हैं, उनमें से कुछ लाओ।”
تَتو یِیشُرَکَتھَیَدْ یانْ مَتْسْیانْ اَدھَرَتَ تیشاں کَتِپَیانْ آنَیَتَ۔
11 ११ शमौन पतरस ने डोंगी पर चढ़कर एक सौ तिरपन बड़ी मछलियों से भरा हुआ जाल किनारे पर खींचा, और इतनी मछलियाँ होने पर भी जाल न फटा।
اَتَح شِمونْپِتَرَح پَراورِتْیَ گَتْوا برِہَدْبھِسْتْرِپَنْچاشَدَدھِکَشَتَمَتْسْیَیح پَرِپُورْنَں تَجّالَمْ آکرِشْیودَتولَیَتْ کِنْتْویتاوَدْبھِ رْمَتْسْیَیرَپِ جالَں ناچھِدْیَتَ۔
12 १२ यीशु ने उनसे कहा, “आओ, भोजन करो।” और चेलों में से किसी को साहस न हुआ, कि उससे पूछे, “तू कौन है?” क्योंकि वे जानते थे कि यह प्रभु है।
اَنَنْتَرَں یِیشُسْتانْ اَوادِیتْ یُویَماگَتْیَ بھُںگْدھْوَں؛ تَدا سَایوَ پْرَبھُرِتِ جْناتَتْواتْ تْوَں کَح؟ اِتِ پْرَشْٹُں شِشْیاناں کَسْیاپِ پْرَگَلْبھَتا نابھَوَتْ۔
13 १३ यीशु आया, और रोटी लेकर उन्हें दी, और वैसे ही मछली भी।
تَتو یِیشُراگَتْیَ پُوپانْ مَتْسْیاںشْچَ گرِہِیتْوا تیبھْیَح پَرْیَّویشَیَتْ۔
14 १४ यह तीसरी बार है, कि यीशु ने मरे हुओं में से जी उठने के बाद चेलों को दर्शन दिए।
اِتّھَں شْمَشانادُتّھاناتْ پَرَں یِیشُح شِشْییبھْیَسْترِتِییَوارَں دَرْشَنَں دَتَّوانْ۔
15 १५ भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, “हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू इनसे बढ़कर मुझसे प्रेम रखता है?” उसने उससे कहा, “हाँ प्रभु; तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूँ।” उसने उससे कहा, “मेरे मेम्नों को चरा।”
بھوجَنے سَماپْتے سَتِ یِیشُح شِمونْپِتَرَں پرِشْٹَوانْ، ہے یُونَسَح پُتْرَ شِمونْ تْوَں کِمْ ایتیبھْیودھِکَں مَیِ پْرِییَسے؟ تَتَح سَ اُدِتَوانْ سَتْیَں پْرَبھو تْوَیِ پْرِییےہَں تَدْ بھَوانْ جاناتِ؛ تَدا یِیشُرَکَتھَیَتْ تَرْہِ مَمَ میشَشاوَکَگَنَں پالَیَ۔
16 १६ उसने फिर दूसरी बार उससे कहा, “हे शमौन यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझसे प्रेम रखता है?” उसने उससे कहा, “हाँ, प्रभु तू जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूँ।” उसने उससे कहा, “मेरी भेड़ोंकी रखवाली कर।”
تَتَح سَ دْوِتِییَوارَں پرِشْٹَوانْ ہے یُونَسَح پُتْرَ شِمونْ تْوَں کِں مَیِ پْرِییَسے؟ تَتَح سَ اُکْتَوانْ سَتْیَں پْرَبھو تْوَیِ پْرِییےہَں تَدْ بھَوانْ جاناتِ؛ تَدا یِیشُرَکَتھَیَتَ تَرْہِ مَمَ میشَگَنَں پالَیَ۔
17 १७ उसने तीसरी बार उससे कहा, “हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझसे प्रीति रखता है?” पतरस उदास हुआ, कि उसने उसे तीसरी बार ऐसा कहा, “क्या तू मुझसे प्रीति रखता है?” और उससे कहा, “हे प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूँ।” यीशु ने उससे कहा, “मेरी भेड़ों को चरा।
پَشْچاتْ سَ ترِتِییَوارَں پرِشْٹَوانْ، ہے یُونَسَح پُتْرَ شِمونْ تْوَں کِں مَیِ پْرِییَسے؟ ایتَدْواکْیَں ترِتِییَوارَں پرِشْٹَوانْ تَسْماتْ پِتَرو دُحکھِتو بھُوتْواکَتھَیَتْ ہے پْرَبھو بھَوَتَح کِمَپْیَگوچَرَں ناسْتِ تْوَیَّہَں پْرِییے تَدْ بھَوانْ جاناتِ؛ تَتو یِیشُرَوَدَتْ تَرْہِ مَمَ میشَگَنَں پالَیَ۔
18 १८ मैं तुझ से सच-सच कहता हूँ, जब तू जवान था, तो अपनी कमर बाँधकर जहाँ चाहता था, वहाँ फिरता था; परन्तु जब तू बूढ़ा होगा, तो अपने हाथ लम्बे करेगा, और दूसरा तेरी कमर बाँधकर जहाँ तू न चाहेगा वहाँ तुझे ले जाएगा।”
اَہَں تُبھْیَں یَتھارْتھَں کَتھَیامِ یَووَنَکالے سْوَیَں بَدّھَکَٹِ رْیَتْریچّھا تَتْرَ یاتَوانْ کِنْتْوِتَح پَرَں ورِدّھے وَیَسِ ہَسْتَں وِسْتارَیِشْیَسِ، اَنْیَجَنَسْتْواں بَدّھوا یَتْرَ گَنْتُں تَویچّھا نَ بھَوَتِ تْواں دھرِتْوا تَتْرَ نیشْیَتِ۔
19 १९ उसने इन बातों से दर्शाया कि पतरस कैसी मृत्यु से परमेश्वर की महिमा करेगा; और यह कहकर, उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।”
پھَلَتَح کِیدرِشینَ مَرَنینَ سَ اِیشْوَرَسْیَ مَہِمانَں پْرَکاشَیِشْیَتِ تَدْ بودھَیِتُں سَ اِتِ واکْیَں پْروکْتَوانْ۔ اِتْیُکْتے سَتِ سَ تَمَووچَتْ مَمَ پَشْچادْ آگَچّھَ۔
20 २० पतरस ने फिरकर उस चेले को पीछे आते देखा, जिससे यीशु प्रेम रखता था, और जिसने भोजन के समय उसकी छाती की ओर झुककर पूछा “हे प्रभु, तेरा पकड़वानेवाला कौन है?”
یو جَنو راتْرِکالے یِیشو رْوَکْشووَلَمْبْیَ، ہے پْرَبھو کو بھَوَنْتَں پَرَکَریشُ سَمَرْپَیِشْیَتِیتِ واکْیَں پرِشْٹَوانْ، تَں یِیشوح پْرِیَتَمَشِشْیَں پَشْچادْ آگَچّھَنْتَں
21 २१ उसे देखकर पतरस ने यीशु से कहा, “हे प्रभु, इसका क्या हाल होगा?”
پِتَرو مُکھَں پَراوَرْتّیَ وِلوکْیَ یِیشُں پرِشْٹَوانْ، ہے پْرَبھو ایتَسْیَ مانَوَسْیَ کِیدرِشِی گَتِ رْبھَوِشْیَتِ؟
22 २२ यीशु ने उससे कहा, “यदि मैं चाहूँ कि वह मेरे आने तक ठहरा रहे, तो तुझे क्या? तू मेरे पीछे हो ले।”
سَ پْرَتْیَوَدَتْ، مَمَ پُنَراگَمَنَپَرْیَّنْتَں یَدِ تَں سْتھاپَیِتُمْ اِچّھامِ تَتْرَ تَوَ کِں؟ تْوَں مَمَ پَشْچادْ آگَچّھَ۔
23 २३ इसलिए भाइयों में यह बात फैल गई, कि वह चेला न मरेगा; तो भी यीशु ने उससे यह नहीं कहा, कि वह न मरेगा, परन्तु यह कि “यदि मैं चाहूँ कि वह मेरे आने तक ठहरा रहे, तो तुझे इससे क्या?”
تَسْماتْ سَ شِشْیو نَ مَرِشْیَتِیتِ بھْراترِگَنَمَدھْیے کِںوَدَنْتِی جاتا کِنْتُ سَ نَ مَرِشْیَتِیتِ واکْیَں یِیشُ رْناوَدَتْ کیوَلَں مَمَ پُنَراگَمَنَپَرْیَّنْتَں یَدِ تَں سْتھاپَیِتُمْ اِچّھامِ تَتْرَ تَوَ کِں؟ اِتِ واکْیَمْ اُکْتَوانْ۔
24 २४ यह वही चेला है, जो इन बातों की गवाही देता है और जिसने इन बातों को लिखा है और हम जानते हैं, कि उसकी गवाही सच्ची है।
یو جَنَ ایتانِ سَرْوّانِ لِکھِتَوانْ اَتْرَ ساکْشْیَنْچَ دَتَّوانْ سَایوَ سَ شِشْیَح، تَسْیَ ساکْشْیَں پْرَمانَمِتِ وَیَں جانِیمَح۔
25 २५ और भी बहुत से काम हैं, जो यीशु ने किए; यदि वे एक-एक करके लिखे जाते, तो मैं समझता हूँ, कि पुस्तकें जो लिखी जातीं वे जगत में भी न समातीं।
یِیشُریتیبھْیوپَرانْیَپِ بَہُونِ کَرْمّانِ کرِتَوانْ تانِ سَرْوّانِ یَدْییکَیکَں کرِتْوا لِکھْیَنْتے تَرْہِ گْرَنْتھا ایتاوَنْتو بھَوَنْتِ تیشاں دھارَنے پرِتھِوْیاں سْتھانَں نَ بھَوَتِ۔ اِتِ۔۔

< यूहन्ना 21 >