< यूहन्ना 15 >
1 १ “सच्ची दाखलता मैं हूँ; और मेरा पिता किसान है।
यीशुए ज़ोवं “अवं दाछ़ारू सच़्च़ू बड़ह अव्वें आईं, ते मेरो बाजी बागबाने।
2 २ जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छाँटता है ताकि और फले।
ज़ै डालड़ी मीं मां आए, ते तैस फल न लगे, तै कट्टी गानीए, ते ज़ैस फल लगते तैस छांटते कि जादे फल लगे।
3 ३ तुम तो उस वचन के कारण जो मैंने तुम से कहा है, शुद्ध हो।
तुस तैस शिक्षाई सेइं ज़ै मीं तुसन दित्तोरीए शुद्ध आथ।
4 ४ तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते।
तुस मीं मां बनोरे राथ, ते अवं तुसन मां, ज़ेन्च़रे डालड़ी अगर बड़हे सेइं बनोरी न राए, त अपने आप सेइं तैस फल न लगे। तेन्च़रे तुसन भी अगर मीं मां बनोरे न राले त तुस फलदार न भोइ सकेले।
5 ५ मैं दाखलता हूँ: तुम डालियाँ हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकिमुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
अवं दाछ़ारू बड़ह आईं, तुस डेलड़ी आथ, ज़ै मीं मां बनोरो रहते तैस खूब फल लगते, किजोकि मीं करां अलग भोइतां तुस किछ न केरि सखत।
6 ६ यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली के समान फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
अगर कोई मीं मां बनोरो न राए, त तैस डेलड़ारो ज़ेरोए ज़ैस केटतां शारतन, ते शुक्की गाचे, ते लोक घेरतां अग्गी मां फुकी छ़डतन।
7 ७ यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
अगर तुस मीं मां बनोरे रातथ ते मेरी गल्लां तुसन मां बेनोरी रैतिन त ज़ैन चाहेले ते मगेले तुसन दित्तू गालू।
8 ८ मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।
मेरे बाजेरी महिमा एसमां आए कि तुस हछो फल आनां, फिरी तुस मेरे चेले भोले।
9 ९ जैसा पिता ने मुझसे प्रेम रखा, वैसे ही मैंने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो।
ज़ेन्च़रे बाजे मीं सेइं प्यार कियो, तेन्च़रे मीं भी तुसन सेइं प्यार कियो। मेरे प्यारे मां बनोरे राथ।
10 १० यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे जैसा कि मैंने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूँ।
अगर तुस मेरे हुक्मन मन्नेले, त मेरे प्यारे मां बनोरे राले, ज़ेन्च़रे मीं अपने बाजेरे हुक्म मन्ने, ते तैसेरे प्यारे मां बनोरो राव।
11 ११ मैंने ये बातें तुम से इसलिए कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
मीं एना गल्लां एल्हेरेलेइ तुसन ज़ोरिन, कि मेरी खुशी तुसन मां बनोरी राए।”
12 १२ “मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।
“मेरो हुक्मे ई आए ज़ेन्च़रे मीं तुसन सेइं प्यार कियो, तुस भी एक्की होरि सेइं प्यार केरा
13 १३ इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।
एस करां जादे प्यार केन्चे नईं कियोरो, कि कोई अपने दोस्तां केरे लेइ अपनि जान दे।
14 १४ जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूँ, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो।
ज़ै हुक्म अवं देताईं, अगर तुस तैस मन्नथ, त मेरे दोस्त आथ।
15 १५ अब से मैं तुम्हें दास न कहूँगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या करता है: परन्तु मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैंने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं।
अज़्ज़ेरे बाद अवं तुसन जो नौकर न ज़ोइलो, किजोकि नौकर न ज़ांने कि तैसेरो मालिक कुन केरते। मीं तुसन जो दोस्त ज़ोरूए, किजोकि ज़ैन किछ मीं बाजी करां शुनोरूए तुसन भी शुनावरू आए।
16 १६ तुम ने मुझे नहीं चुनापरन्तु मैंने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगो, वह तुम्हें दे।
तुसेईं अवं नईं च़ुनोरो पन मीं तुस च़ुनोरेथ ते ठहरावरे भी आथ, ताके तुस गेइतां फल आनथ, ते तुश्शो फल बनोरो राए, कि तुस मेरे नंव्वे सेइं बाजी करां ज़ैन किछ मगथ, तै तुसन देलो किजो तुस मेरे चेलेथ।
17 १७ इन बातों की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिए देता हूँ, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।
अवं इन गल्लां केरो हुक्म एल्हेरेलेइ देताईं, कि तुस एक्की होरि सेइं प्यार केरा।”
18 १८ “यदि संसार तुम से बैर रखता है, तो तुम जानते हो, कि उसने तुम से पहले मुझसे भी बैर रखा।
“अगर दुनियारे लोक तुसन सेइं दुश्मनी रखतन, त याद रखा कि तैनेईं पेइले मीं सेइं दुश्मनी रख्खोरी।
19 १९ यदि तुम संसार के होते, तो संसार अपनों से प्रेम रखता, परन्तु इस कारण कि तुम संसार के नहीं वरन् मैंने तुम्हें संसार में से चुन लिया है; इसलिए संसार तुम से बैर रखता है।
अगर तुस दुनियारे भोथे, त दुनिया अपने लोकन सेइं प्यार केरती, पन हुनी तुस दुनियारे लोक नईं किजोकि मीं तुस दुनियाई मरां च़ुनोरेथ तांए दुनियारे लोक तुसन सेइं दुश्मनी रखतन।
20 २० जो बात मैंने तुम से कही थी, ‘दास अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता,’ उसको याद रखो यदि उन्होंने मुझे सताया, तो तुम्हें भी सताएँगे; यदि उन्होंने मेरी बात मानी, तो तुम्हारी भी मानेंगे।
तै गल ज़ै मीं तुसन सेइं ज़ोरी थी याद रख्खा, नौकर अपने मालिके करां बड्डो न भोए, अगर दुनियां अवं सतेवरोइं त तैना तुसन भी सताले, अगर तैनेईं मेरी गल्ली पुड़ अमल कियूं त तुश्शी गल्ली पुड़ भी अमल केरेले।
21 २१ परन्तु यह सब कुछ वे मेरे नाम के कारण तुम्हारे साथ करेंगे क्योंकि वे मेरे भेजनेवाले को नहीं जानते।
पन तैना लोक तुसन सेइं एरो ज़ेरो बर्ताव केरेले, किजोकि तुस मेरे चेलेथ। तैना मेरे भेज़ने बाले परमेशरे न ज़ानन्।
22 २२ यदि मैं न आता और उनसे बातें न करता, तो वे पापी न ठहरते परन्तु अब उन्हें उनके पाप के लिये कोई बहाना नहीं।
अगर मीं एइतां तैन सेइं गल्लां न भोथी कियोरी त तैना पापी न थिये भोने, पन हुनी तैन केरे पापेरो तैन कां कोई बहानो नईं।
23 २३ जो मुझसे बैर रखता है, वह मेरे पिता से भी बैर रखता है।
ज़ै मीं सेइं दुश्मनी रखते, ते तै मेरे बाजी सेइं भी दुश्मनी रखते।
24 २४ यदि मैं उनमें वे काम न करता, जो और किसी ने नहीं किए तो वे पापी नहीं ठहरते, परन्तु अब तो उन्होंने मुझे और मेरे पिता दोनों को देखा, और दोनों से बैर किया।
अगर मीं तैन केरे सामने तैना चमत्कार न भोथे कियोरे, ज़ैना कधी होरे केन्चे नईं कियोरे त तैना पापी न थिये भोने, पन हुनी तैनेईं सब किछ लाव, ते मीं भी ते बाजी सेइं दुश्मनी रख्खी।
25 २५ और यह इसलिए हुआ, कि वह वचन पूरा हो, जो उनकी व्यवस्था में लिखा है, ‘उन्होंने मुझसे व्यर्थ बैर किया।’
पन एन एल्हेरेलेइ भोवं कि तैन केरे कानूने मां लिखोरी तै गल पूरी भोए, तैनेईं मीं सेइं खामखा दुश्मनी रख्खी।
26 २६ परन्तु जब वह सहायक आएगा, जिसे मैं तुम्हारे पास पिता की ओर से भेजूँगा, अर्थात् सत्य का आत्मा जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरी गवाही देगा।
पन ज़ैखन तै मद्दतगार एज्जेलो ज़ैस अवं अपने बाजेरे तरफां भेज़ेलो, मतलब सच़्च़ेरी आत्मा, ज़ै बाजी केरि तरफां एइतीए, तै मेरी गवाही देली।
27 २७ और तुम भी गवाह हो क्योंकि तुम आरम्भ से मेरे साथ रहे हो।
ते तुस भी गवाह आथ किजोकि तुस भी शुरू करां मीं सेइं साथी थिये।”