< यूहन्ना 14 >

1 “तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।
มโนทุ: ขิโน มา ภูต; อีศฺวเร วิศฺวสิต มยิ จ วิศฺวสิตฯ
2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ।
มม ปิตุ คฺฤเห พหูนิ วาสสฺถานิ สนฺติ โน เจตฺ ปูรฺวฺวํ ยุษฺมานฺ อชฺญาปยิษฺยํ ยุษฺมทรฺถํ สฺถานํ สชฺชยิตุํ คจฺฉามิฯ
3 और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा, कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो।
ยทิ คตฺวาหํ ยุษฺมนฺนิมิตฺตํ สฺถานํ สชฺชยามิ ตรฺหิ ปนราคตฺย ยุษฺมานฺ สฺวสมีปํ เนษฺยามิ, ตโต ยตฺราหํ ติษฺฐามิ ตตฺร ยูยมปิ สฺถาสฺยถฯ
4 “और जहाँ मैं जाता हूँ तुम वहाँ का मार्ग जानते हो।”
อหํ ยตฺสฺถานํ พฺรชามิ ตตฺสฺถานํ ยูยํ ชานีถ ตสฺย ปนฺถานมปิ ชานีถฯ
5 थोमा ने उससे कहा, “हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू कहाँ जाता है; तो मार्ग कैसे जानें?”
ตทา โถมา อวทตฺ, เห ปฺรโภ ภวานฺ กุตฺร ยาติ ตทฺวยํ น ชานีม: , ตรฺหิ กถํ ปนฺถานํ ชฺญาตุํ ศกฺนุม: ?
6 यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।
ยีศุรกถยทฺ อหเมว สตฺยชีวนรูปปโถ มยา น คนฺตา โกปิ ปิตุ: สมีปํ คนฺตุํ น ศกฺโนติฯ
7 यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है।”
ยทิ มามฺ อชฺญาสฺยต ตรฺหิ มม ปิตรมปฺยชฺญาสฺยต กินฺตฺวธุนาตสฺตํ ชานีถ ปศฺยถ จฯ
8 फिलिप्पुस ने उससे कहा, “हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे: यही हमारे लिये बहुत है।”
ตทา ผิลิป: กถิตวานฺ, เห ปฺรโภ ปิตรํ ทรฺศย ตสฺมาทสฺมากํ ยเถษฺฏํ ภวิษฺยติฯ
9 यीशु ने उससे कहा, “हे फिलिप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूँ, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है: तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा?
ตโต ยีศุ: ปฺรตฺยาวาทีตฺ, เห ผิลิป ยุษฺมาภิ: สารฺทฺธมฺ เอตาวทฺทินานิ สฺถิตมปิ มำ กึ น ปฺรตฺยภิชานาสิ? โย ชโน มามฺ อปศฺยตฺ ส ปิตรมปฺยปศฺยตฺ ตรฺหิ ปิตรมฺ อสฺมานฺ ทรฺศเยติ กถำ กถํ กถยสิ?
10 १० क्या तू विश्वास नहीं करता, कि मैं पिता में हूँ, और पिता मुझ में हैं? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है।
อหํ ปิตริ ติษฺฐามิ ปิตา มยิ ติษฺฐตีติ กึ ตฺวํ น ปฺรตฺยษิ? อหํ ยทฺวากฺยํ วทามิ ตตฺ สฺวโต น วทามิ กินฺตุ ย: ปิตา มยิ วิราชเต ส เอว สรฺวฺวกรฺมฺมาณิ กราติฯ
11 ११ मेरा ही विश्वास करो, कि मैं पिता में हूँ; और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरा विश्वास करो।
อเตอว ปิตรฺยฺยหํ ติษฺฐามิ ปิตา จ มยิ ติษฺฐติ มมาสฺยำ กถายำ ปฺรตฺยยํ กุรุต, โน เจตฺ กรฺมฺมเหโต: ปฺรตฺยยํ กุรุตฯ
12 १२ “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूँ वह भी करेगा, वरन् इनसे भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूँ।
อหํ ยุษฺมานติยถารฺถํ วทามิ, โย ชโน มยิ วิศฺวสิติ โสหมิว กรฺมฺมาณิ กริษฺยติ วรํ ตโตปิ มหากรฺมฺมาณิ กริษฺยติ ยโต เหโตรหํ ปิตุ: สมีปํ คจฺฉามิฯ
13 १३ और जो कुछ तुम मेरे नाम से माँगोगे, वही मैं करूँगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।
ยถา ปุเตฺรณ ปิตุ รฺมหิมา ปฺรกาศเต ตทรฺถํ มม นาม โปฺรจฺย ยตฺ ปฺรารฺถยิษฺยเธฺว ตตฺ สผลํ กริษฺยามิฯ
14 १४ यदि तुम मुझसे मेरे नाम से कुछ माँगोगे, तो मैं उसे करूँगा।
ยทิ มม นามฺนา ยตฺ กิญฺจิทฺ ยาจเธฺว ตรฺหิ ตทหํ สาธยิษฺยามิฯ
15 १५ “यदि तुम मुझसे प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे।
ยทิ มยิ ปฺรียเธฺว ตรฺหิ มมาชฺญา: สมาจรตฯ
16 १६ औरमैं पिता से विनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। (aiōn g165)
ตโต มยา ปิตุ: สมีเป ปฺรารฺถิเต ปิตา นิรนฺตรํ ยุษฺมาภิ: สารฺทฺธํ สฺถาตุมฺ อิตรเมกํ สหายมฺ อรฺถาตฺ สตฺยมยมฺ อาตฺมานํ ยุษฺมากํ นิกฏํ เปฺรษยิษฺยติฯ (aiōn g165)
17 १७ अर्थात् सत्य की आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
เอตชฺชคโต โลกาสฺตํ คฺรหีตุํ น ศกฺนุวนฺติ ยตเสฺต ตํ นาปศฺยนฺ นาชนํศฺจ กินฺตุ ยูยํ ชานีถ ยโต เหโต: ส ยุษฺมากมนฺต รฺนิวสติ ยุษฺมากํ มเธฺย สฺถาสฺยติ จฯ
18 १८ “मैं तुम्हें अनाथ न छोड़ूँगा, मैं तुम्हारे पास वापस आता हूँ।
อหํ ยุษฺมานฺ อนาถานฺ กฺฤตฺวา น ยาสฺยามิ ปุนรปิ ยุษฺมากํ สมีปมฺ อาคมิษฺยามิฯ
19 १९ और थोड़ी देर रह गई है कि संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिए कि मैं जीवित हूँ, तुम भी जीवित रहोगे।
กิยตฺกาลรตฺ ปรมฺ อสฺย ชคโต โลกา มำ ปุน รฺน ทฺรกฺษฺยนฺติ กินฺตุ ยูยํ ทฺรกฺษฺยถ; อหํ ชีวิษฺยามิ ตสฺมาตฺ การณาทฺ ยูยมปิ ชีวิษฺยถฯ
20 २० उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूँ, और तुम मुझ में, और मैं तुम में।
ปิตรฺยฺยหมสฺมิ มยิ จ ยูยํ สฺถ, ตถาหํ ยุษฺมาสฺวสฺมิ ตทปิ ตทา ชฺญาสฺยถฯ
21 २१ जिसके पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझसे प्रेम रखता है, और जो मुझसे प्रेम रखता है, उससे मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उससे प्रेम रखूँगा, और अपने आपको उस पर प्रगट करूँगा।”
โย ชโน มมาชฺญา คฺฤหีตฺวา ตา อาจรติ เสอว มยิ ปฺรียเต; โย ชนศฺจ มยิ ปฺรียเต เสอว มม ปิตุ: ปฺริยปาตฺรํ ภวิษฺยติ, ตถาหมปิ ตสฺมินฺ ปฺรีตฺวา ตไสฺม สฺวํ ปฺรกาศยิษฺยามิฯ
22 २२ उस यहूदा ने जो इस्करियोती न था, उससे कहा, “हे प्रभु, क्या हुआ कि तू अपने आपको हम पर प्रगट करना चाहता है, और संसार पर नहीं?”
ตทา อีษฺกริโยตียาทฺ อโนฺย ยิหูทาสฺตมวทตฺ, เห ปฺรโภ ภวานฺ ชคโต โลกานำ สนฺนิเธา ปฺรกาศิโต น ภูตฺวาสฺมากํ สนฺนิเธา กุต: ปฺรกาศิโต ภวิษฺยติ?
23 २३ यीशु ने उसको उत्तर दिया, “यदि कोई मुझसे प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उससे प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएँगे, और उसके साथ वास करेंगे।
ตโต ยีศุ: ปฺรตฺยุทิตวานฺ, โย ชโน มยิ ปฺรียเต ส มมาชฺญา อปิ คฺฤหฺลาติ, เตน มม ปิตาปิ ตสฺมินฺ เปฺรษฺยเต, อาวาญฺจ ตนฺนิกฏมาคตฺย เตน สห นิวตฺสฺยาว: ฯ
24 २४ जो मुझसे प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन् पिता का है, जिसने मुझे भेजा।
โย ชโน มยิ น ปฺรียเต ส มม กถา อปิ น คฺฤหฺลาติ ปุนศฺจ ยามิมำ กถำ ยูยํ ศฺฤณุถ สา กถา เกวลสฺย มม น กินฺตุ มม เปฺรรโก ย: ปิตา ตสฺยาปิ กถาฯ
25 २५ “ये बातें मैंने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कही।
อิทานีํ ยุษฺมากํ นิกเฏ วิทฺยมาโนหมฺ เอตา: สกลา: กถา: กถยามิฯ
26 २६ परन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैंने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।”
กินฺตฺวิต: ปรํ ปิตฺรา ย: สหาโย'รฺถาตฺ ปวิตฺร อาตฺมา มม นามฺนิ เปฺรรยิษฺยติ ส สรฺวฺวํ ศิกฺษยิตฺวา มโยกฺตา: สมสฺตา: กถา ยุษฺมานฺ สฺมารยิษฺยติฯ
27 २७ मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
อหํ ยุษฺมากํ นิกเฏ ศานฺตึ สฺถาปยิตฺวา ยามิ, นิชำ ศานฺตึ ยุษฺมภฺยํ ททามิ, ชคโต โลกา ยถา ททาติ ตถาหํ น ททามิ; ยุษฺมากมฺ อนฺต: กรณานิ ทุ: ขิตานิ ภีตานิ จ น ภวนฺตุฯ
28 २८ तुम ने सुना, कि मैंने तुम से कहा, ‘मैं जाता हूँ, और तुम्हारे पास फिर आता हूँ’ यदि तुम मुझसे प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्दित होते, कि मैं पिता के पास जाता हूँ क्योंकि पिता मुझसे बड़ा है।
อหํ คตฺวา ปุนรปิ ยุษฺมากํ สมีปมฺ อาคมิษฺยามิ มโยกฺตํ วากฺยมิทํ ยูยมฺ อเศฺราษฺฏ; ยทิ มยฺยเปฺรษฺยธฺวํ ตรฺหฺยหํ ปิตุ: สมีปํ คจฺฉามิ มมาสฺยำ กถายำ ยูยมฺ อหฺลาทิษฺยธฺวํ ยโต มม ปิตา มตฺโตปิ มหานฺฯ
29 २९ और मैंने अब इसके होने से पहले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम विश्वास करो।
ตสฺยา ฆฏนายา: สมเย ยถา ยุษฺมากํ ศฺรทฺธา ชายเต ตทรฺถมฺ อหํ ตสฺยา ฆฏนายา: ปูรฺวฺวมฺ อิทานีํ ยุษฺมานฺ เอตำ วารฺตฺตำ วทามิฯ
30 ३० मैं अब से तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूँगा, क्योंकि इस संसार का सरदार आता है, और मुझ पर उसका कुछ अधिकार नहीं।
อิต: ปรํ ยุษฺมาภิ: สห มม พหว อาลาปา น ภวิษฺยนฺติ ยต: การณาทฺ เอตสฺย ชคต: ปติราคจฺฉติ กินฺตุ มยา สห ตสฺย โกปิ สมฺพนฺโธ นาสฺติฯ
31 ३१ परन्तु यह इसलिए होता है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूँ, और जिस तरह पिता ने मुझे आज्ञा दी, मैं वैसे ही करता हूँ। उठो, यहाँ से चलें।
อหํ ปิตริ เปฺรม กโรมิ ตถา ปิตุ รฺวิธิวตฺ กรฺมฺมาณิ กโรมีติ เยน ชคโต โลกา ชานนฺติ ตทรฺถมฺ อุตฺติษฺฐต วยํ สฺถานาทสฺมาทฺ คจฺฉามฯ

< यूहन्ना 14 >