< यूहन्ना 12 >

1 फिर यीशु फसह से छः दिन पहले बैतनिय्याह में आया, जहाँ लाज़र था; जिसे यीशु ने मरे हुओं में से जिलाया था।
ܝܫܘܥ ܕܝܢ ܩܕܡ ܫܬܐ ܝܘܡܝܢ ܕܦܨܚܐ ܐܬܐ ܠܒܝܬ ܥܢܝܐ ܐܝܟܐ ܕܐܝܬܘܗܝ ܗܘܐ ܠܥܙܪ ܗܘ ܕܐܩܝܡ ܡܢ ܒܝܬ ܡܝܬܐ ܗܘ ܝܫܘܥ
2 वहाँ उन्होंने उसके लिये भोजन तैयार किया, और मार्था सेवा कर रही थी, और लाज़र उनमें से एक था, जो उसके साथ भोजन करने के लिये बैठे थे।
ܘܥܒܕܘ ܠܗ ܬܡܢ ܚܫܡܝܬܐ ܘܡܪܬܐ ܡܫܡܫܐ ܗܘܬ ܘܠܥܙܪ ܚܕ ܡܢ ܤܡܝܟܐ ܗܘܐ ܕܥܡܗ
3 तब मरियम ने जटामासी का आधा सेर बहुमूल्य इत्र लेकर यीशु के पाँवों पर डाला, और अपने बालों से उसके पाँव पोंछे, और इत्र की सुगन्ध से घर सुगन्धित हो गया।
ܡܪܝܡ ܕܝܢ ܫܩܠܬ ܫܛܝܦܬܐ ܕܒܤܡܐ ܕܢܪܕܝܢ ܪܫܝܐ ܤܓܝ ܕܡܝܐ ܘܡܫܚܬ ܪܓܠܘܗܝ ܕܝܫܘܥ ܘܫܘܝܬ ܒܤܥܪܗ ܪܓܠܘܗܝ ܘܐܬܡܠܝ ܒܝܬܐ ܡܢ ܪܝܚܗ ܕܒܤܡܐ
4 परन्तु उसके चेलों में से यहूदा इस्करियोती नामक एक चेला जो उसे पकड़वाने पर था, कहने लगा,
ܘܐܡܪ ܝܗܘܕܐ ܤܟܪܝܘܛܐ ܚܕ ܡܢ ܬܠܡܝܕܘܗܝ ܗܘ ܕܥܬܝܕ ܗܘܐ ܕܢܫܠܡܝܘܗܝ
5 “यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर गरीबों को क्यों न दिया गया?”
ܠܡܢܐ ܠܐ ܐܙܕܒܢ ܡܫܚܐ ܗܢܐ ܒܬܠܬ ܡܐܐ ܕܝܢܪܝܢ ܘܐܬܝܗܒ ܠܡܤܟܢܐ
6 उसने यह बात इसलिए न कही, कि उसे गरीबों की चिन्ता थी, परन्तु इसलिए कि वह चोर था और उसके पास उनकी थैली रहती थी, और उसमें जो कुछ डाला जाता था, वह निकाल लेता था।
ܗܕܐ ܕܝܢ ܐܡܪ ܠܐ ܗܘܐ ܡܛܠ ܕܥܠ ܡܤܟܢܐ ܒܛܝܠ ܗܘܐ ܠܗ ܐܠܐ ܡܛܠ ܕܓܢܒܐ ܗܘܐ ܘܓܠܘܤܩܡܐ ܠܘܬܗ ܗܘܐ ܘܡܕܡ ܕܢܦܠ ܗܘܐ ܒܗ ܗܘ ܛܥܝܢ ܗܘܐ
7 यीशु ने कहा, “उसे मेरे गाड़े जाने के दिन के लिये रहने दे।
ܐܡܪ ܕܝܢ ܝܫܘܥ ܫܒܘܩܝܗ ܠܝܘܡܐ ܕܩܒܘܪܝ ܢܛܪܬܗ
8 क्योंकि गरीब तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूँगा।”
ܒܟܠܙܒܢ ܓܝܪ ܡܤܟܢܐ ܐܝܬ ܠܟܘܢ ܥܡܟܘܢ ܠܝ ܕܝܢ ܠܐ ܒܟܠܙܒܢ ܐܝܬ ܠܟܘܢ
9 यहूदियों में से साधारण लोग जान गए, कि वह वहाँ है, और वे न केवल यीशु के कारण आए परन्तु इसलिए भी कि लाज़र को देखें, जिसे उसने मरे हुओं में से जिलाया था।
ܘܫܡܥܘ ܟܢܫܐ ܤܓܝܐܐ ܡܢ ܝܗܘܕܝܐ ܕܬܡܢ ܗܘ ܝܫܘܥ ܘܐܬܘ ܠܐ ܡܛܠ ܝܫܘܥ ܒܠܚܘܕ ܐܠܐ ܐܦ ܕܢܚܙܘܢ ܠܠܥܙܪ ܗܘ ܕܐܩܝܡ ܡܢ ܒܝܬ ܡܝܬܐ
10 १० तब प्रधान याजकों ने लाज़र को भी मार डालने की सम्मति की।
ܘܐܬܪܥܝܘ ܗܘܘ ܪܒܝ ܟܗܢܐ ܕܐܦ ܠܠܥܙܪ ܢܩܛܠܘܢܝܗܝ
11 ११ क्योंकि उसके कारण बहुत से यहूदी चले गए, और यीशु पर विश्वास किया।
ܡܛܠ ܕܤܓܝܐܐ ܡܢ ܝܗܘܕܝܐ ܡܛܠܬܗ ܐܙܠܝܢ ܗܘܘ ܘܡܗܝܡܢܝܢ ܒܝܫܘܥ
12 १२ दूसरे दिन बहुत से लोगों ने जो पर्व में आए थे, यह सुनकर, कि यीशु यरूशलेम में आ रहा है।
ܘܠܝܘܡܐ ܐܚܪܢܐ ܟܢܫܐ ܤܓܝܐܐ ܐܝܢܐ ܕܐܬܐ ܗܘܐ ܠܥܕܥܕܐ ܟܕ ܫܡܥܘ ܕܝܫܘܥ ܐܬܐ ܠܐܘܪܫܠܡ
13 १३ उन्होंने खजूर की डालियाँ लीं, और उससे भेंट करने को निकले, और पुकारने लगे, “होशाना! धन्य इस्राएल का राजा, जो प्रभु के नाम से आता है।”
ܫܩܠܘ ܤܘܟܐ ܕܕܩܠܐ ܘܢܦܩܘ ܠܐܘܪܥܗ ܘܩܥܝܢ ܗܘܘ ܘܐܡܪܝܢ ܐܘܫܥܢܐ ܒܪܝܟ ܗܘ ܕܐܬܐ ܒܫܡܗ ܕܡܪܝܐ ܡܠܟܐ ܕܐܝܤܪܝܠ
14 १४ जब यीशु को एक गदहे का बच्चा मिला, तो वह उस पर बैठा, जैसा लिखा है,
ܐܫܟܚ ܕܝܢ ܝܫܘܥ ܚܡܪܐ ܘܝܬܒ ܥܠܘܗܝ ܐܝܟܢܐ ܕܟܬܝܒ
15 १५ “हे सिय्योन की बेटी, मत डर; देख, तेरा राजा गदहे के बच्चे पर चढ़ा हुआ चला आता है।”
ܠܐ ܬܕܚܠܝܢ ܒܪܬ ܨܗܝܘܢ ܗܐ ܡܠܟܟܝ ܐܬܐ ܠܟܝ ܘܪܟܝܒ ܥܠ ܥܝܠܐ ܒܪ ܐܬܢܐ
16 १६ उसके चेले, ये बातें पहले न समझे थे; परन्तु जब यीशु की महिमा प्रगट हुई, तो उनको स्मरण आया, कि ये बातें उसके विषय में लिखी हुई थीं; और लोगों ने उससे इस प्रकार का व्यवहार किया था।
ܗܠܝܢ ܕܝܢ ܠܐ ܝܕܥܘ ܬܠܡܝܕܘܗܝ ܒܗܘ ܙܒܢܐ ܐܠܐ ܟܕ ܐܫܬܒܚ ܝܫܘܥ ܐܬܕܟܪܘ ܬܠܡܝܕܘܗܝ ܕܗܠܝܢ ܟܬܝܒܢ ܗܘܝ ܥܠܘܗܝ ܘܗܠܝܢ ܥܒܕܘ ܠܗ
17 १७ तब भीड़ के लोगों ने जो उस समय उसके साथ थे यह गवाही दी कि उसने लाज़र को कब्र में से बुलाकर, मरे हुओं में से जिलाया था।
ܘܤܗܕ ܗܘܐ ܟܢܫܐ ܗܘ ܕܥܡܗ ܗܘܐ ܕܩܪܐ ܠܠܥܙܪ ܡܢ ܩܒܪܐ ܘܐܩܝܡܗ ܡܢ ܒܝܬ ܡܝܬܐ
18 १८ इसी कारण लोग उससे भेंट करने को आए थे क्योंकि उन्होंने सुना था, कि उसने यह आश्चर्यकर्म दिखाया है।
ܘܡܛܠ ܗܕܐ ܢܦܩܘ ܠܩܘܒܠܗ ܟܢܫܐ ܤܓܝܐܐ ܕܫܡܥܘ ܕܐܬܐ ܗܕܐ ܥܒܕ
19 १९ तब फरीसियों ने आपस में कहा, “सोचो, तुम लोग कुछ नहीं कर पा रहे हो; देखो, संसार उसके पीछे हो चला है।”
ܦܪܝܫܐ ܕܝܢ ܐܡܪܝܢ ܗܘܘ ܚܕ ܠܚܕ ܚܙܝܢ ܐܢܬܘܢ ܕܠܐ ܡܘܬܪܝܢ ܐܢܬܘܢ ܡܕܡ ܕܗܐ ܥܠܡܐ ܟܠܗ ܐܙܠ ܠܗ ܒܬܪܗ
20 २० जो लोग उस पर्व में आराधना करने आए थे उनमें से कई यूनानी थे।
ܐܝܬ ܗܘܘ ܕܝܢ ܐܦ ܡܢ ܥܡܡܐ ܐܢܫܐ ܒܗܘܢ ܕܤܠܩܘ ܠܡܤܓܕ ܒܥܕܥܕܐ
21 २१ उन्होंने गलील के बैतसैदा के रहनेवाले फिलिप्पुस के पास आकर उससे विनती की, “श्रीमान हम यीशु से भेंट करना चाहते हैं।”
ܗܠܝܢ ܐܬܘ ܩܪܒܘ ܠܘܬ ܦܝܠܝܦܘܤ ܗܘ ܕܡܢ ܒܝܬ ܨܝܕܐ ܕܓܠܝܠܐ ܘܫܐܠܘܗܝ ܘܐܡܪܝܢ ܠܗ ܡܪܝ ܨܒܝܢ ܚܢܢ ܢܚܙܐ ܠܝܫܘܥ
22 २२ फिलिप्पुस ने आकर अन्द्रियास से कहा; तब अन्द्रियास और फिलिप्पुस ने यीशु से कहा।
ܘܐܬܐ ܗܘ ܦܝܠܝܦܘܤ ܘܐܡܪ ܠܐܢܕܪܐܘܤ ܘܐܢܕܪܐܘܤ ܘܦܝܠܝܦܘܤ ܐܡܪܘ ܠܝܫܘܥ
23 २३ इस पर यीशु ने उनसे कहा, “वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो।
ܝܫܘܥ ܕܝܢ ܥܢܐ ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܐܬܬ ܫܥܬܐ ܕܢܫܬܒܚ ܒܪܗ ܕܐܢܫܐ
24 २४ मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जब तक गेहूँ का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।
ܐܡܝܢ ܐܡܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܕܦܪܕܬܐ ܕܚܛܬܐ ܐܠܐ ܢܦܠܐ ܘܡܝܬܐ ܒܐܪܥܐ ܒܠܚܘܕܝܗ ܦܝܫܐ ܐܢ ܕܝܢ ܡܝܬܐ ܦܐܪܐ ܤܓܝܐܐ ܡܝܬܝܐ
25 २५ जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उसकी रक्षा करेगा। (aiōnios g166)
ܡܢ ܕܪܚܡ ܢܦܫܗ ܢܘܒܕܝܗ ܘܡܢ ܕܤܢܐ ܢܦܫܗ ܒܥܠܡܐ ܗܢܐ ܢܛܪܝܗ ܠܚܝܐ ܕܠܥܠܡ (aiōnios g166)
26 २६ यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा।
ܐܢ ܠܝ ܐܢܫ ܡܫܡܫ ܢܐܬܐ ܒܬܪܝ ܘܐܝܟܐ ܕܐܢܐ ܐܝܬܝ ܬܡܢ ܢܗܘܐ ܐܦ ܡܫܡܫܢܝ ܡܢ ܕܠܝ ܡܫܡܫ ܢܝܩܪܝܘܗܝ ܐܒܐ
27 २७ “अब मेरा जी व्याकुल हो रहा है। इसलिए अब मैं क्या कहूँ? ‘हे पिता, मुझे इस घड़ी से बचा?’ परन्तु मैं इसी कारण इस घड़ी को पहुँचा हूँ।
ܗܫܐ ܢܦܫܝ ܗܐ ܫܓܝܫܐ ܘܡܢܐ ܐܡܪ ܐܒܝ ܦܨܢܝ ܡܢ ܗܕܐ ܫܥܬܐ ܐܠܐ ܡܛܠ ܗܢܐ ܐܬܝܬ ܠܗܕܐ ܫܥܬܐ
28 २८ हे पिता अपने नाम की महिमा कर।” तब यह आकाशवाणी हुई, “मैंने उसकी महिमा की है, और फिर भी करूँगा।”
ܐܒܐ ܫܒܚ ܫܡܟ ܘܩܠܐ ܐܫܬܡܥ ܡܢ ܫܡܝܐ ܫܒܚܬ ܘܬܘܒ ܡܫܒܚ ܐܢܐ
29 २९ तब जो लोग खड़े हुए सुन रहे थे, उन्होंने कहा; कि बादल गरजा, औरों ने कहा, “कोई स्वर्गदूत उससे बोला।”
ܘܟܢܫܐ ܕܩܐܡ ܗܘܐ ܫܡܥܘ ܘܐܡܪܝܢ ܪܥܡܐ ܗܘܐ ܐܚܪܢܐ ܕܝܢ ܐܡܪܝܢ ܡܠܐܟܐ ܡܠܠ ܥܡܗ
30 ३० इस पर यीशु ने कहा, “यह शब्द मेरे लिये नहीं परन्तु तुम्हारे लिये आया है।
ܥܢܐ ܝܫܘܥ ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܠܐ ܗܘܐ ܡܛܠܬܝ ܗܘܐ ܩܠܐ ܗܢܐ ܐܠܐ ܡܛܠܬܟܘܢ
31 ३१ अब इस जगत का न्याय होता है, अब इस जगत का सरदारनिकाल दिया जाएगा।
ܗܫܐ ܕܝܢܗ ܗܘ ܕܥܠܡܐ ܗܢܐ ܗܫܐ ܐܪܟܘܢܐ ܕܥܠܡܐ ܗܢܐ ܡܫܬܕܐ ܠܒܪ
32 ३२ और मैं यदि पृथ्वी पर से ऊँचे पर चढ़ाया जाऊँगा, तो सब को अपने पास खीचूँगा।”
ܘܐܢܐ ܡܐ ܕܐܬܬܪܝܡܬ ܡܢ ܐܪܥܐ ܐܓܕ ܟܠܢܫ ܠܘܬܝ
33 ३३ ऐसा कहकर उसने यह प्रगट कर दिया, कि वह कैसी मृत्यु से मरेगा।
ܗܕܐ ܕܝܢ ܐܡܪ ܕܢܚܘܐ ܒܐܝܢܐ ܡܘܬܐ ܡܐܬ
34 ३४ इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था की यह बात सुनी है, कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मनुष्य के पुत्र को ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” (aiōn g165)
ܐܡܪܝܢ ܠܗ ܟܢܫܐ ܚܢܢ ܫܡܥܢ ܡܢ ܢܡܘܤܐ ܕܡܫܝܚܐ ܠܥܠܡ ܡܩܘܐ ܐܝܟܢܐ ܐܡܪ ܐܢܬ ܕܥܬܝܕ ܗܘ ܕܢܬܬܪܝܡ ܒܪܗ ܕܐܢܫܐ ܡܢܘ ܗܢܐ ܒܪܗ ܕܐܢܫܐ (aiōn g165)
35 ३५ यीशु ने उनसे कहा, “ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हारे बीच में है, जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है तब तक चले चलो; ऐसा न हो कि अंधकार तुम्हें आ घेरे; जो अंधकार में चलता है वह नहीं जानता कि किधर जाता है।
ܐܡܪ ܠܗܘܢ ܝܫܘܥ ܩܠܝܠ ܐܚܪܝܢ ܙܒܢܐ ܢܘܗܪܐ ܥܡܟܘܢ ܗܘ ܗܠܟܘ ܥܕ ܐܝܬ ܠܟܘܢ ܢܘܗܪܐ ܕܠܐ ܚܫܘܟܐ ܢܕܪܟܟܘܢ ܘܡܢ ܕܡܗܠܟ ܒܚܫܘܟܐ ܠܐ ܝܕܥ ܠܐܝܟܐ ܐܙܠ
36 ३६ जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान बनो।” ये बातें कहकर यीशु चला गया और उनसे छिपा रहा।
ܥܕ ܐܝܬ ܠܟܘܢ ܢܘܗܪܐ ܗܝܡܢܘ ܒܢܘܗܪܐ ܕܒܢܘܗܝ ܕܢܘܗܪܐ ܬܗܘܘܢ ܗܠܝܢ ܡܠܠ ܝܫܘܥ ܘܐܙܠ ܐܬܛܫܝ ܡܢܗܘܢ
37 ३७ और उसने उनके सामने इतने चिन्ह दिखाए, तो भी उन्होंने उस पर विश्वास न किया;
ܘܟܕ ܗܠܝܢ ܟܠܗܝܢ ܐܬܘܬܐ ܥܒܕ ܩܕܡܝܗܘܢ ܠܐ ܗܝܡܢܘ ܒܗ
38 ३८ ताकि यशायाह भविष्यद्वक्ता का वचन पूरा हो जो उसने कहा: “हे प्रभु, हमारे समाचार पर किसने विश्वास किया है? और प्रभु का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?”
ܕܬܬܡܠܐ ܡܠܬܐ ܕܐܫܥܝܐ ܢܒܝܐ ܕܐܡܪ ܡܪܝ ܡܢܘ ܗܝܡܢ ܠܫܡܥܢ ܘܕܪܥܗ ܕܡܪܝܐ ܠܡܢ ܐܬܓܠܝ
39 ३९ इस कारण वे विश्वास न कर सके, क्योंकि यशायाह ने यह भी कहा है:
ܡܛܠ ܗܢܐ ܠܐ ܡܫܟܚܝܢ ܗܘܘ ܕܢܗܝܡܢܘܢ ܡܛܠ ܕܬܘܒ ܐܡܪ ܐܫܥܝܐ
40 ४० “उसने उनकी आँखें अंधी, और उनका मन कठोर किया है; कहीं ऐसा न हो, कि आँखों से देखें, और मन से समझें, और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूँ।”
ܕܥܘܪܘ ܥܝܢܝܗܘܢ ܘܐܚܫܟܘ ܠܒܗܘܢ ܕܠܐ ܢܚܙܘܢ ܒܥܝܢܝܗܘܢ ܘܢܤܬܟܠܘܢ ܒܠܒܗܘܢ ܘܢܬܦܢܘܢ ܘܐܤܐ ܐܢܘܢ
41 ४१ यशायाह ने ये बातें इसलिए कहीं, कि उसने उसकी महिमा देखी; और उसने उसके विषय में बातें की।
ܗܠܝܢ ܐܡܪ ܐܫܥܝܐ ܟܕ ܚܙܐ ܫܘܒܚܗ ܘܡܠܠ ܥܠܘܗܝ
42 ४२ तो भी सरदारों में से भी बहुतों ने उस पर विश्वास किया, परन्तु फरीसियों के कारण प्रगट में नहीं मानते थे, ऐसा न हो कि आराधनालय में से निकाले जाएँ।
ܐܦ ܡܢ ܪܫܐ ܕܝܢ ܤܓܝܐܐ ܗܝܡܢܘ ܒܗ ܐܠܐ ܡܛܠ ܦܪܝܫܐ ܠܐ ܡܘܕܝܢ ܗܘܘ ܕܠܐ ܢܗܘܘܢ ܠܒܪ ܡܢ ܟܢܘܫܬܐ
43 ४३ क्योंकि मनुष्यों की प्रशंसा उनको परमेश्वर की प्रशंसा से अधिक प्रिय लगती थी।
ܪܚܡܘ ܓܝܪ ܫܘܒܚܐ ܕܒܢܝܢܫܐ ܝܬܝܪ ܡܢ ܫܘܒܚܗ ܕܐܠܗܐ
44 ४४ यीशु ने पुकारकर कहा, “जो मुझ पर विश्वास करता है, वह मुझ पर नहीं, वरन् मेरे भेजनेवाले पर विश्वास करता है।
ܝܫܘܥ ܕܝܢ ܩܥܐ ܘܐܡܪ ܡܢ ܕܡܗܝܡܢ ܒܝ ܠܐ ܗܘܐ ܒܝ ܡܗܝܡܢ ܐܠܐ ܒܡܢ ܕܫܕܪܢܝ
45 ४५ और जो मुझे देखता है, वह मेरे भेजनेवाले को देखता है।
ܘܡܢ ܕܠܝ ܚܙܐ ܚܙܐ ܠܡܢ ܕܫܕܪܢܝ
46 ४६ मैं जगत में ज्योति होकर आया हूँ ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अंधकार में न रहे।
ܐܢܐ ܢܘܗܪܐ ܐܬܝܬ ܠܥܠܡܐ ܕܟܠ ܡܢ ܕܡܗܝܡܢ ܒܝ ܠܐ ܢܩܘܐ ܒܚܫܘܟܐ
47 ४७ यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता, क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ।
ܘܡܢ ܕܫܡܥ ܡܠܝ ܘܠܐ ܢܛܪ ܠܗܝܢ ܐܢܐ ܠܐ ܕܐܢ ܐܢܐ ܠܗ ܠܐ ܓܝܪ ܐܬܝܬ ܕܐܕܘܢ ܠܥܠܡܐ ܐܠܐ ܕܐܚܐ ܠܥܠܡܐ
48 ४८ जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैंने कहा है, वह अन्तिम दिन में उसे दोषी ठहराएगा।
ܡܢ ܕܛܠܡ ܠܝ ܘܠܐ ܡܩܒܠ ܡܠܝ ܐܝܬ ܡܢ ܕܕܐܢ ܠܗ ܡܠܬܐ ܕܡܠܠܬ ܗܝ ܕܝܢܐ ܠܗ ܒܝܘܡܐ ܐܚܪܝܐ
49 ४९ क्योंकि मैंने अपनी ओर से बातें नहीं की, परन्तु पिता जिसने मुझे भेजा है उसी ने मुझे आज्ञा दी है, कि क्या-क्या कहूँ और क्या-क्या बोलूँ?
ܕܐܢܐ ܡܢ ܢܦܫܝ ܠܐ ܡܠܠܬ ܐܠܐ ܐܒܐ ܕܫܕܪܢܝ ܗܘ ܝܗܒ ܠܝ ܦܘܩܕܢܐ ܡܢܐ ܐܡܪ ܘܡܢܐ ܐܡܠܠ
50 ५० और मैं जानता हूँ, कि उसकी आज्ञा अनन्त जीवन है इसलिए मैं जो बोलता हूँ, वह जैसा पिता ने मुझसे कहा है वैसा ही बोलता हूँ।” (aiōnios g166)
ܘܝܕܥ ܐܢܐ ܕܦܘܩܕܢܗ ܚܝܐ ܐܢܘܢ ܕܠܥܠܡ ܐܝܠܝܢ ܗܟܝܠ ܕܡܡܠܠ ܐܢܐ ܐܝܟܢܐ ܕܐܡܪ ܠܝ ܐܒܝ ܗܟܢܐ ܡܡܠܠ ܐܢܐ (aiōnios g166)

< यूहन्ना 12 >