< अय्यूब 42 >
1 १ तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया;
Und Hiob antwortete Jehova und sprach:
2 २ “मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती।
Ich weiß, daß du alles vermagst, und kein Vorhaben dir verwehrt werden kann.
3 ३ तूने मुझसे पूछा, ‘तू कौन है जो ज्ञानरहित होकर युक्ति पर परदा डालता है?’ परन्तु मैंने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात् जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिनको मैं जानता भी नहीं था।
Wer ist es, der den Rat verhüllt ohne Erkenntnis? [Vergl. Kap. 38,2] So habe ich denn beurteilt, was ich nicht verstand, [Eig. ohne zu verstehen] Dinge, zu wunderbar für mich, die ich nicht kannte. [Eig. ohne zu erkennen]
4 ४ तूने मुझसे कहा, ‘मैं निवेदन करता हूँ सुन, मैं कुछ कहूँगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता।’
Höre doch, und ich will reden; ich will dich fragen, und du belehre mich!
5 ५ मैंने कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आँखें तुझे देखती हैं;
Mit dem Gehör des Ohres hatte ich von dir gehört, aber nun hat mein Auge dich gesehen.
6 ६ इसलिए मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चाताप करता हूँ।”
Darum verabscheue ich mich und bereue in Staub und Asche.
7 ७ और ऐसा हुआ कि जब यहोवा ये बातें अय्यूब से कह चुका, तब उसने तेमानी एलीपज से कहा, “मेरा क्रोध तेरे और तेरे दोनों मित्रों पर भड़का है, क्योंकि जैसी ठीक बात मेरे दास अय्यूब ने मेरे विषय कही है, वैसी तुम लोगों ने नहीं कही।
Und es geschah, nachdem Jehova diese Worte zu Hiob geredet hatte, da sprach Jehova zu Eliphas, dem Temaniter: Mein Zorn ist entbrannt wider dich und wider deine beiden Freunde; denn nicht geziemend habt ihr von mir geredet, wie mein Knecht Hiob.
8 ८ इसलिए अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छाँटकर मेरे दास अय्यूब के पास जाकर अपने निमित्त होमबलि चढ़ाओ, तब मेरा दास अय्यूब तुम्हारे लिये प्रार्थना करेगा, क्योंकि उसी की प्रार्थना मैं ग्रहण करूँगा; और नहीं, तो मैं तुम से तुम्हारी मूर्खता के योग्य बर्ताव करूँगा, क्योंकि तुम लोगों ने मेरे विषय मेरे दास अय्यूब की सी ठीक बात नहीं कही।”
Und nun nehmet euch sieben Farren und sieben Widder, und gehet zu meinem Knechte Hiob und opfert ein Brandopfer für euch. Und Hiob, mein Knecht, möge für euch bitten; denn [O. nur] ihn will ich annehmen, damit ich nicht an euch tue nach eurer Torheit; denn nicht geziemend habt ihr von mir geredet, wie mein Knecht Hiob.
9 ९ यह सुन तेमानी एलीपज, शूही बिल्दद और नामाती सोपर ने जाकर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया, और यहोवा ने अय्यूब की प्रार्थना ग्रहण की।
Da gingen Eliphas, der Temaniter, und Bildad, der Schuchiter, und Zophar, der Naamathiter, und taten, wie Jehova zu ihnen geredet hatte; und Jehova nahm Hiob an.
10 १० जब अय्यूब ने अपने मित्रों के लिये प्रार्थना की, तब यहोवा ने उसका सारा दुःख दूर किया, और जितना अय्यूब का पहले था, उसका दुगना यहोवा ने उसे दे दिया।
Und Jehova wendete die Gefangenschaft Hiobs, als er für seine Freunde betete; und Jehova mehrte alles, was Hiob gehabt hatte, um das Doppelte.
11 ११ तब उसके सब भाई, और सब बहनें, और जितने पहले उसको जानते-पहचानते थे, उन सभी ने आकर उसके यहाँ उसके संग भोजन किया; और जितनी विपत्ति यहोवा ने उस पर डाली थी, उन सब के विषय उन्होंने विलाप किया, और उसे शान्ति दी; और उसे एक-एक चाँदी का सिक्का और सोने की एक-एक बाली दी।
Und es kamen zu ihm alle seine Brüder und alle seine Schwestern und alle seine früheren Bekannten; und sie aßen mit ihm in seinem Hause, und sie bezeugten ihm ihr Beileid und trösteten ihn über all das Unglück, welches Jehova über ihn gebracht hatte; und sie gaben ihm ein jeder eine Kesita, [ein gewisses Gewicht an Gold oder Silber, welches dem Empfänger als Geld dargewogen wurde] und ein jeder einen goldenen Ring.
12 १२ और यहोवा ने अय्यूब के बाद के दिनों में उसको पहले के दिनों से अधिक आशीष दी; और उसके चौदह हजार भेड़-बकरियाँ, छः हजार ऊँट, हजार जोड़ी बैल, और हजार गदहियाँ हो गईं।
Und Jehova segnete das Ende Hiobs mehr als seinen Anfang; und er bekam vierzehntausend Stück Kleinvieh und sechstausend Kamele und tausend Joch Rinder und tausend Eselinnen.
13 १३ और उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ भी उत्पन्न हुईं।
Und es wurden ihm sieben Söhne und drei Töchter geboren.
14 १४ इनमें से उसने जेठी बेटी का नाम तो यमीमा, दूसरी का कसीआ और तीसरी का केरेन्हप्पूक रखा।
Und er gab der ersten den Namen Jemima, [Taube] und der zweiten den Namen Kezia, [Kassia] und der dritten den Namen Keren-Happuk. [Schminkhorn]
15 १५ और उस सारे देश में ऐसी स्त्रियाँ कहीं न थीं, जो अय्यूब की बेटियों के समान सुन्दर हों, और उनके पिता ने उनको उनके भाइयों के संग ही सम्पत्ति दी।
Und so schöne Frauen wie die Töchter Hiobs wurden im ganzen Lande nicht gefunden. Und ihr Vater gab ihnen ein Erbteil inmitten ihrer Brüder.
16 १६ इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने पाया।
Und Hiob lebte nach diesem 140 Jahre; und er sah seine Kinder und seine Kindeskinder, vier Geschlechter.
17 १७ अन्त में अय्यूब वृद्धावस्था में दीर्घायु होकर मर गया।
Und Hiob starb, alt und der Tage satt.