< अय्यूब 18 >
1 १ तब शूही बिल्दद ने कहा,
Alors Baldad de Suhé prit la parole et dit:
2 २ “तुम कब तक फंदे लगा लगाकर वचन पकड़ते रहोगे? चित्त लगाओ, तब हम बोलेंगे।
Quand donc mettrez-vous un terme à ces discours? Ayez de l’intelligence, puis nous parlerons.
3 ३ हम लोग तुम्हारी दृष्टि में क्यों पशु के तुल्य समझे जाते, और मूर्ख ठहरे हैं।
Pourquoi nous regardez-vous comme des brutes, et sommes-nous stupides à vos yeux?
4 ४ हे अपने को क्रोध में फाड़नेवाले क्या तेरे निमित्त पृथ्वी उजड़ जाएगी, और चट्टान अपने स्थान से हट जाएगी?
Toi qui te déchires dans ta fureur, veux-tu qu’à cause de toi la terre devienne déserte, que le rocher soit transporté hors de sa place?
5 ५ “तो भी दुष्टों का दीपक बुझ जाएगा, और उसकी आग की लौ न चमकेगी।
Oui, la lumière du méchant s’éteindra, et la flamme de son foyer cessera de briller.
6 ६ उसके डेरे में का उजियाला अंधेरा हो जाएगा, और उसके ऊपर का दिया बुझ जाएगा।
Le jour s’obscurcira sous sa tente, sa lampe s’éteindra au-dessus de lui.
7 ७ उसके बड़े-बड़े फाल छोटे हो जाएँगे और वह अपनी ही युक्ति के द्वारा गिरेगा।
Ses pas si fermes seront à l’étroit, son propre conseil précipite sa chute.
8 ८ वह अपना ही पाँव जाल में फँसाएगा, वह फंदों पर चलता है।
Ses pieds le jettent dans les rets, il marche sur le piège.
9 ९ उसकी एड़ी फंदे में फँस जाएगी, और वह जाल में पकड़ा जाएगा।
Le filet saisit ses talons; il est serré dans ses nœuds.
10 १० फंदे की रस्सियाँ उसके लिये भूमि में, और जाल रास्ते में छिपा दिया गया है।
Pour lui les lacs sont cachés sous terre, et la trappe est sur son sentier.
11 ११ चारों ओर से डरावनी वस्तुएँ उसे डराएँगी और उसके पीछे पड़कर उसको भगाएँगी।
De tous côtés des terreurs l’assiègent, et le poursuivent pas à pas.
12 १२ उसका बल दुःख से घट जाएगा, और विपत्ति उसके पास ही तैयार रहेगी।
La disette est son châtiment, et la ruine est prête pour sa chute.
13 १३ वह उसके अंग को खा जाएगी, वरन् मृत्यु का पहलौठा उसके अंगों को खा लेगा।
La peau de ses membres est dévorée; ses membres sont dévorés par le premier-né de la mort.
14 १४ अपने जिस डेरे का भरोसा वह करता है, उससे वह छीन लिया जाएगा; और वह भयंकरता के राजा के पास पहुँचाया जाएगा।
Il est arraché de sa tente, où il se croyait en sûreté; on le traîne vers le Roi des frayeurs.
15 १५ जो उसके यहाँ का नहीं है वह उसके डेरे में वास करेगा, और उसके घर पर गन्धक छितराई जाएगी।
Nul des siens n’habite dans sa tente, le soufre est semé sur sa demeure.
16 १६ उसकी जड़ तो सूख जाएगी, और डालियाँ कट जाएँगी।
En bas, ses racines se dessèchent, en haut, ses rameaux sont coupés.
17 १७ पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा, और बाजार में उसका नाम कभी न सुन पड़ेगा।
Sa mémoire a disparu de la terre, il n’a plus de nom dans la contrée.
18 १८ वह उजियाले से अंधियारे में ढकेल दिया जाएगा, और जगत में से भी भगाया जाएगा।
On le chasse de la lumière dans les ténèbres, on le bannit de l’univers.
19 १९ उसके कुटुम्बियों में उसके कोई पुत्र-पौत्र न रहेगा, और जहाँ वह रहता था, वहाँ कोई बचा न रहेगा।
Il ne laisse ni descendance ni postérité dans sa tribu; aucun survivant dans son séjour.
20 २० उसका दिन देखकर पश्चिम के लोग भयाकुल होंगे, और पूर्व के निवासियों के रोएँ खड़े हो जाएँगे।
Les peuples de l’Occident sont stupéfaits de sa ruine, et ceux de l’Orient en sont saisis d’horreur.
21 २१ निःसन्देह कुटिल लोगों के निवास ऐसे हो जाते हैं, और जिसको परमेश्वर का ज्ञान नहीं रहता, उसका स्थान ऐसा ही हो जाता है।”
Telle est la demeure de l’impie, telle est la place de l’homme qui ne connaît pas Dieu.