< अय्यूब 17 >
1 १ “मेरा प्राण निकलने पर है, मेरे दिन पूरे हो चुके हैं; मेरे लिये कब्र तैयार है।
Min Aand er brudt, mine Dage ere udslukkede, Gravene vente mig.
2 २ निश्चय जो मेरे संग हैं वह ठट्ठा करनेवाले हैं, और उनका झगड़ा-रगड़ा मुझे लगातार दिखाई देता है।
Er der ikke Spot omkring mig, og maa mit Øje ikke dvæle ved deres Genstridighed?
3 ३ “जमानत दे, अपने और मेरे बीच में तू ही जामिन हो; कौन है जो मेरे हाथ पर हाथ मारे?
Kære, stil mig Borgen hos dig, lov for mig; hvo er der ellers, der giver mig Haandslag?
4 ४ तूने उनका मन समझने से रोका है, इस कारण तू उनको प्रबल न करेगा।
Thi du har lukket deres Hjerte for Indsigt, derfor skal du ikke ophøje dem.
5 ५ जो अपने मित्रों को चुगली खाकर लूटा देता, उसके बच्चों की आँखें अंधी हो जाएँगी।
Man byder Venner ud til Bytte, og deres Børns Øjne hentæres.
6 ६ “उसने ऐसा किया कि सब लोग मेरी उपमा देते हैं; और लोग मेरे मुँह पर थूकते हैं।
Men han har stillet mig til at være et Ordsprog iblandt Folkene, og jeg er bleven som den, man spytter i Ansigtet.
7 ७ खेद के मारे मेरी आँखों में धुंधलापन छा गया है, और मेरे सब अंग छाया के समान हो गए हैं।
Derfor er mit Øje mørkt af Harm, og alle mine Lemmer ere som en Skygge.
8 ८ इसे देखकर सीधे लोग चकित होते हैं, और जो निर्दोष हैं, वह भक्तिहीन के विरुद्ध भड़क उठते हैं।
For sligt maa de oprigtige forskrækkes, og den uskyldige harmes over den vanhellige.
9 ९ तो भी धर्मी लोग अपना मार्ग पकड़े रहेंगे, और शुद्ध काम करनेवाले सामर्थ्य पर सामर्थ्य पाते जाएँगे।
Dog holder den retfærdige fast ved sin Vej, og den, som har rene Hænder, faar mere Styrke.
10 १० तुम सब के सब मेरे पास आओ तो आओ, परन्तु मुझे तुम लोगों में एक भी बुद्धिमान न मिलेगा।
Men I, kommer kun alle frem igen, og jeg vil dog ikke finde en viis iblandt eder.
11 ११ मेरे दिन तो बीत चुके, और मेरी मनसाएँ मिट गई, और जो मेरे मन में था, वह नाश हुआ है।
Mine Dage ere gangne forbi; oprykkede ere mine Tanker, hvilke mit Hjerte besad.
12 १२ वे रात को दिन ठहराते; वे कहते हैं, अंधियारे के निकट उजियाला है।
De gøre Nat til Dag; og Lyset skal være nær, naar Mørket kommer.
13 १३ यदि मेरी आशा यह हो कि अधोलोक मेरा धाम होगा, यदि मैंने अंधियारे में अपना बिछौना बिछा लिया है, (Sheol )
Dersom jeg end forventer noget, da er det Graven som min Bolig; jeg har redet mit Leje i Mørket. (Sheol )
14 १४ यदि मैंने सड़ाहट से कहा, ‘तू मेरा पिता है,’ और कीड़े से, ‘तू मेरी माँ,’ और ‘मेरी बहन है,’
Jeg har raabt til Graven: Du er min Fader! til Ormen: Min Moder og min Søster!
15 १५ तो मेरी आशा कहाँ रही? और मेरी आशा किसके देखने में आएगी?
Hvor skulde da min Forventelse være? ja min Forventelse — hvo skuer den?
16 १६ वह तो अधोलोक में उतर जाएगी, और उस समेत मुझे भी मिट्टी में विश्राम मिलेगा।” (Sheol )
Den skal nedfare til Gravens Porte, naar der tilmed bliver Ro i Støvet. (Sheol )