< यिर्मयाह 9 >
1 १ भला होता, कि मेरा सिर जल ही जल, और मेरी आँखें आँसुओं का सोता होतीं, कि मैं रात दिन अपने मारे गए लोगों के लिये रोता रहता।
О, да би глава моја била вода, а очи моје извори сузни! Да плачем дању и ноћу за побијенима кћери народа свог.
2 २ भला होता कि मुझे जंगल में बटोहियों का कोई टिकाव मिलता कि मैं अपने लोगों को छोड़कर वहीं चला जाता! क्योंकि वे सब व्यभिचारी हैं, वे विश्वासघातियों का समाज हैं।
О, да ми је у пустињи станак путнички! Да оставим народ свој и да отидем од њих, јер су сви прељубочинци, збор невернички;
3 ३ अपनी-अपनी जीभ को वे धनुष के समान झूठ बोलने के लिये तैयार करते हैं, और देश में बलवन्त तो हो गए, परन्तु सच्चाई के लिये नहीं; वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते हैं, और वे मुझ को जानते ही नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
И запињу језик свој као лук да лажу, и осилише на земљи, али не за истину, него иду из зла у зло, нити знају за ме, говори Господ.
4 ४ अपने-अपने संगी से चौकस रहो, अपने भाई पर भी भरोसा न रखो; क्योंकि सब भाई निश्चय अड़ंगा मारेंगे, और हर एक पड़ोसी लुतराई करते फिरेंगे।
Чувајте се сваки пријатеља свог и ни једном брату не верујте; јер сваки брат ради да поткине другог, и сваки пријатељ иде те опада.
5 ५ वे एक दूसरे को ठगेंगे और सच नहीं बोलेंगे; उन्होंने झूठ ही बोलना सीखा है; और कुटिलता ही में परिश्रम करते हैं।
И сваки вара пријатеља свог и не говори истине, уче језик свој да говори лаж, муче се да чине зло.
6 ६ तेरा निवास छल के बीच है; छल ही के कारण वे मेरा ज्ञान नहीं चाहते, यहोवा की यही वाणी है।
Стан ти је усред преваре; ради преваре неће да знају за ме, говори Господ.
7 ७ इसलिए सेनाओं का यहोवा यह कहता है, “देख, मैं उनको तपाकर परखूँगा, क्योंकि अपनी प्रजा के कारण मैं उनसे और क्या कर सकता हूँ?
Зато овако говори Господ над војскама: Гле, претопићу их, и окушаћу их; јер шта бих чинио ради кћери народа свог?
8 ८ उनकी जीभ काल के तीर के समान बेधनेवाली है, उससे छल की बातें निकलती हैं; वे मुँह से तो एक दूसरे से मेल की बात बोलते हैं पर मन ही मन एक दूसरे की घात में लगे रहते हैं।
Језик им је стрела смртна, говори превару; устима говоре о миру с пријатељем својим, а у срцу намештају заседу.
9 ९ क्या मैं ऐसी बातों का दण्ड न दूँ? यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं ऐसी जाति से अपना पलटा न लूँ?
Зато ли их нећу походити? Говори Господ; душа моја неће ли се осветити таквом народу?
10 १० “मैं पहाड़ों के लिये रो उठूँगा और शोक का गीत गाऊँगा, और जंगल की चराइयों के लिये विलाप का गीत गाऊँगा, क्योंकि वे ऐसे जल गए हैं कि कोई उनमें से होकर नहीं चलता, और उनमें पशुओं का शब्द भी नहीं सुनाई पड़ता; पशु-पक्षी सब भाग गए हैं।
За овим горама ударићу у плач и у ридање, и за торовима у пустињи у нарицање; јер изгореше да нико не пролази нити се чује глас од стада, и птице небеске и стока побегоше и отидоше.
11 ११ मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर गीदड़ों का स्थान बनाऊँगा; और यहूदा के नगरों को ऐसा उजाड़ दूँगा कि उनमें कोई न बसेगा।”
И обратићу Јерусалим у гомилу, у стан змајевски; и градове Јудине обратићу у пустош, да неће нико онуда живети.
12 १२ जो बुद्धिमान पुरुष हो वह इसका भेद समझ ले, और जिसने यहोवा के मुख से इसका कारण सुना हो वह बता दे। देश का नाश क्यों हुआ? क्यों वह जंगल के समान ऐसा जल गया कि उसमें से होकर कोई नहीं चलता?
Ко је мудар да би разумео? И коме говорише уста Господња, да би објавио зашто земља пропаде и изгоре као пустиња да нико не пролази?
13 १३ और यहोवा ने कहा, “क्योंकि उन्होंने मेरी व्यवस्था को जो मैंने उनके आगे रखी थी छोड़ दिया; और न मेरी बात मानी और न उसके अनुसार चले हैं,
Јер Господ рече: Што оставише закон мој, који метнух пред њих, и не слушаше глас мој и не ходише за њим,
14 १४ वरन् वे अपने हठ पर बाल नामक देवताओं के पीछे चले, जैसा उनके पुरखाओं ने उनको सिखाया।
Него ходише за мислима срца свог и за Валима, чему их научише оци њихови,
15 १५ इस कारण, सेनाओं का यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर यह कहता है, सुन, मैं अपनी इस प्रजा को कड़वी वस्तु खिलाऊँगा और विष पिलाऊँगा।
За то овако вели Господ над војскама, Бог Израиљев: Ево ја ћу нахранити тај народ пеленом и напојићу их жучи.
16 १६ मैं उन लोगों को ऐसी जातियों में तितर-बितर करूँगा जिन्हें न तो वे न उनके पुरखा जानते थे; और जब तक उनका अन्त न हो जाए तब तक मेरी ओर से तलवार उनके पीछे पड़ी रहेगी।”
И расејаћу их међу народе, којих не познаваше ни они ни оци њихови; и пуштаћу за њима мач докле их не истребим.
17 १७ सेनाओं का यहोवा यह कहता है, “सोचो, और विलाप करनेवालियों को बुलाओ; बुद्धिमान स्त्रियों को बुलवा भेजो;
Овако вели Господ над војскама: Гледајте и зовите нарикаче нека дођу, и пошљите по веште нека дођу,
18 १८ वे फुर्ती करके हम लोगों के लिये शोक का गीत गाएँ कि हमारी आँखों से आँसू बह चलें और हमारी पलकें जल बहाए।
И нека брже наричу за нама, да се роне сузе од очију наших, и од веђа наших да тече вода.
19 १९ सिय्योन से शोक का यह गीत सुन पड़ता है, ‘हम कैसे नाश हो गए! हम क्यों लज्जा में पड़ गए हैं, क्योंकि हमको अपना देश छोड़ना पड़ा और हमारे घर गिरा दिए गए हैं।’”
Јер се гласно ридање чу од Сиона: Како пропадосмо! Посрамисмо се врло, јер се растављамо са земљом, јер обарају станове наше.
20 २० इसलिए, हे स्त्रियों, यहोवा का यह वचन सुनो, और उसकी यह आज्ञा मानो; तुम अपनी-अपनी बेटियों को शोक का गीत, और अपनी-अपनी पड़ोसिनों को विलाप का गीत सिखाओ।
Зато, жене, чујте реч Господњу и нека прими ухо ваше реч уста Његових, и учите кћери своје ридати и једна другу нарицати.
21 २१ क्योंकि मृत्यु हमारी खिड़कियों से होकर हमारे महलों में घुस आई है, कि हमारी सड़कों में बच्चों को और चौकों में जवानों को मिटा दे।
Јер се попе смрт на прозоре наше и уђе у дворове наше да истреби децу с улица и младиће с путева.
22 २२ तू कह, “यहोवा यह कहता है, ‘मनुष्यों की लोथें ऐसी पड़ी रहेंगी जैसा खाद खेत के ऊपर, और पूलियाँ काटनेवाले के पीछे पड़ी रहती हैं, और उनका कोई उठानेवाला न होगा।’”
Реци: Овако говори Господ: и мртва ће телеса људска лежати као гној по њиви и као руковети за жетеоцем, којих нико не купи.
23 २३ यहोवा यह कहता है, “बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे;
Овако вели Господ: Мудри да се не хвали мудрошћу својом, ни јаки да се не хвали снагом својом, ни богати да се не хвали богатством својим.
24 २४ परन्तु जो घमण्ड करे वह इसी बात पर घमण्ड करे, कि वह मुझे जानता और समझता है, कि मैं ही वह यहोवा हूँ, जो पृथ्वी पर करुणा, न्याय और धार्मिकता के काम करता है; क्योंकि मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न रहता हूँ।
Него ко се хвали, нека се хвали тим што разуме и познаје мене да сам ја Господ који чиним милост и суд и правду на земљи, јер ми је то мило, говори Господ.
25 २५ “देखो, यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आनेवाले हैं कि जिनका खतना हुआ हो, उनको खतनारहितों के समान दण्ड दूँगा,
Ето, иду дани, вели Господ, кад ћу походити све, обрезане и необрезане,
26 २६ अर्थात् मिस्रियों, यहूदियों, एदोमियों, अम्मोनियों, मोआबियों को, और उन रेगिस्तान के निवासियों के समान जो अपने गाल के बालों को मुँण्डा डालते हैं; क्योंकि ये सब जातियाँ तो खतनारहित हैं, और इस्राएल का सारा घराना भी मन में खतनारहित है।”
Мисирце и Јудејце и Едомце и синове Амонове и Моавце и све који се с краја стрижу, који живе у пустињи; јер су сви ти народи необрезани, и сав је дом Израиљев необрезаног срца.