< यिर्मयाह 8 >
1 १ “यहोवा की यह वाणी है, उस समय यहूदा के राजाओं, हाकिमों, याजकों, भविष्यद्वक्ताओं और यरूशलेम के रहनेवालों की हड्डियाँ कब्रों में से निकालकर,
In die tijd, spreekt Jahweh, zal men het gebeente van Juda’s koningen en vorsten uit de graven halen, met het gebeente der priesters en profeten, met het gebeente van Jerusalems burgers.
2 २ सूर्य, चन्द्रमा और आकाश के सारे गणों के सामने फैलाई जाएँगी; क्योंकि वे उन्हीं से प्रेम रखते, उन्हीं की सेवा करते, उन्हीं के पीछे चलते, और उन्हीं के पास जाया करते और उन्हीं को दण्डवत् करते थे; और न वे इकट्ठी की जाएँगी न कब्र में रखी जाएँगी; वे भूमि के ऊपर खाद के समान पड़ी रहेंगी।
Men zal ze uitstallen voor zon en maan en heel het heir van de hemel, waarvan ze zoveel hebben gehouden, die ze hebben gediend en gevolgd, die ze hebben gezocht en aanbeden. Ze zullen niet worden verzameld, niet worden begraven, maar ze blijven liggen als mest op het land.
3 ३ तब इस बुरे कुल के बचे हुए लोग उन सब स्थानों में जिसमें से मैंने उन्हें निकाल दिया है, जीवन से मृत्यु ही को अधिक चाहेंगे, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
En de dood zal welkom zijn boven het leven voor de hele rest, die overblijft van dit boze geslacht, overal waar Ik ze heendrijf, is de godsspraak van Jahweh!
4 ४ “तू उनसे यह भी कह, यहोवा यह कहता है कि जब मनुष्य गिरते हैं तो क्या फिर नहीं उठते?
Ge moet hun zeggen: Zo spreekt Jahweh! Staat iemand, die valt, nooit meer op; Keert iemand, die heengaat, niet terug?
5 ५ जब कोई भटक जाता है तो क्या वह लौट नहीं आता? फिर क्या कारण है कि ये यरूशलेमी सदा दूर ही दूर भटकते जाते हैं? ये छल नहीं छोड़ते, और फिर लौटने से इन्कार करते हैं।
Waarom valt dan dit volk, Valt dan Jerusalem altijd af? Waarom houden ze dan aan leugens vast, En weigeren ze, zich te bekeren?
6 ६ मैंने ध्यान देकर सुना, परन्तु ये ठीक नहीं बोलते; इनमें से किसी ने अपनी बुराई से पछताकर नहीं कहा, ‘हाय! मैंने यह क्या किया है?’ जैसा घोड़ा लड़ाई में वेग से दौड़ता है, वैसे ही इनमें से हर एक जन अपनी ही दौड़ में दौड़ता है।
Ik luisterde en hoorde toe: Nooit spreken ze waarheid; Niemand heeft berouw van zijn boosheid, En zegt: Wat heb ik gedaan? Allen draven ze weg, Als een ros, dat stormt naar de strijd.
7 ७ आकाश में सारस भी अपने नियत समयों को जानता है, और पंडुकी, सूपाबेनी, और बगुला भी अपने आने का समय रखते हैं; परन्तु मेरी प्रजा यहोवा का नियम नहीं जानती।
Zelfs de ooievaar in de lucht Kent zijn vaste tijden; Trekduif, zwaluw en gans Houden vast aan de tijd van hun komst. Maar mijn volk weet niet eens, Wat het Jahweh verplicht is!
8 ८ “तुम कैसे कह सकते हो कि हम बुद्धिमान हैं, और यहोवा की दी हुई व्यवस्था हमारे साथ है? परन्तु उनके शास्त्रियों ने उसका झूठा विवरण लिखकर उसको झूठ बना दिया है।
Hoe durft ge zeggen: We zijn wijs, Wij hebben de wet van Jahweh toch? Zeker, maar ze is in leugen veranderd Door de leugenstift der schriftgeleerden.
9 ९ बुद्धिमान लज्जित हो गए, वे विस्मित हुए और पकड़े गए; देखो, उन्होंने यहोवा के वचन को निकम्मा जाना है, उनमें बुद्धि कहाँ रही?
De wijzen worden te schande, verslagen, verstrikt; Ze hebben Jahweh’s woord veracht: wat wijsheid hebben ze dan?
10 १० इस कारण मैं उनकी स्त्रियों को दूसरे पुरुषों के और उनके खेत दूसरे अधिकारियों के वश में कर दूँगा, क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक वे सब के सब लालची हैं; क्या भविष्यद्वक्ता क्या याजक, वे सब छल से काम करते हैं।
Daarom geef Ik hun vrouwen aan vreemden, Hun akkers aan nieuwe bezitters; Want van klein tot groot Azen allen op winst, Profeet en priester, Plegen allen bedrog;
11 ११ उन्होंने, ‘शान्ति है, शान्ति’ ऐसा कह कहकर मेरी प्रजा के घाव को ऊपर ही ऊपर चंगा किया, परन्तु शान्ति कुछ भी नहीं है।
Ze menen, de wonde van mijn volk te genezen, Door lichtzinnig te roepen: Vrede, vrede! En er is geen vrede!
12 १२ क्या वे घृणित काम करके लज्जित हुए? नहीं, वे कुछ भी लज्जित नहीं हुए, वे लज्जित होना जानते ही नहीं। इस कारण जब और लोग नीचे गिरें, तब वे भी गिरेंगे; जब उनके दण्ड का समय आएगा, तब वे भी ठोकर खाकर गिरेंगे, यहोवा का यही वचन है।
Ze worden te schande, omdat ze zich schandelijk gedragen, Omdat ze niet blozen, en geen schaamte meer kennen. Daarom zullen ze vallen, als alles ineen valt; Struikelen, als Ik op hen afkom, spreekt Jahweh!
13 १३ यहोवा की यह भी वाणी है, मैं उन सभी का अन्त कर दूँगा। न तो उनकी दाखलताओं में दाख पाई जाएँगी, और न अंजीर के वृक्ष में अंजीर वरन् उनके पत्ते भी सूख जाएँगे, और जो कुछ मैंने उन्हें दिया है वह उनके पास से जाता रहेगा।”
Nu haal Ik de oogst bij hen in: Is de godsspraak van Jahweh! Aan de wijnstok geen druiven, Aan de vijgeboom geen vijgen, De blaren verdord: Ik geef ze aan de voorbijgangers weg!
14 १४ हम क्यों चुप-चाप बैठे हैं? आओ, हम चलकर गढ़वाले नगरों में इकट्ठे नाश हो जाएँ; क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा हमको नाश करना चाहता है, और हमें विष पीने को दिया है; क्योंकि हमने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।
Waarom blijven we zitten? Verzamelt u; wij vluchten de vestingen in, En komen daar om; Want Jahweh, onze God, laat ons sterven. Hij geeft ons een gifdrank te drinken, Omdat wij tegen Jahweh hebben gezondigd.
15 १५ हम शान्ति की बाट जोहते थे, परन्तु कुछ कल्याण नहीं मिला, और चंगाई की आशा करते थे, परन्तु घबराना ही पड़ा है।
Op heil nog hopen? Geen goed te verwachten! Op een tijd van genezing? Neen, van verschrikking!
16 १६ “उनके घोड़ों का फुर्राना दान से सुनाई देता है, और बलवन्त घोड़ों के हिनहिनाने के शब्द से सारा देश काँप उठा है। उन्होंने आकर हमारे देश को और जो कुछ उसमें है, और हमारे नगर को निवासियों समेत नाश किया है।
Uit Dan hoort men reeds Het gesnuif van zijn paarden; Van het gebries zijner hengsten Davert heel het land. Ze komen het land, met wat er op staat, verslinden, De stad met die er in wonen.
17 १७ क्योंकि देखो, मैं तुम्हारे बीच में ऐसे साँप और नाग भेजूँगा जिन पर मंत्र न चलेगा, और वे तुम को डसेंगे,” यहोवा की यही वाणी है।
Want zie, Ik laat giftige slangen op u los, Waartegen geen bezwering zal baten; Die zullen u bijten: Is de godsspraak van Jahweh!
18 १८ हाय! हाय! इस शोक की दशा में मुझे शान्ति कहाँ से मिलेगी? मेरा हृदय भीतर ही भीतर तड़पता है!
Ongeneeslijk mijn smart, Mijn hart is zo ziek,
19 १९ मुझे अपने लोगों की चिल्लाहट दूर के देश से सुनाई देती है: “क्या यहोवा सिय्योन में नहीं हैं? क्या उसका राजा उसमें नहीं?” “उन्होंने क्यों मुझ को अपनी खोदी हुई मूरतों और परदेश की व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा क्रोध दिलाया है?”
Hoort het jammeren van de dochter van mijn volk Uit verre gewesten: Is Jahweh dan niet meer in Sion, Is zijn Koning daar niet? Waarom hebben ze Hem toch getart met hun beelden, Met die nietigheden uit de vreemde?
20 २० “कटनी का समय बीत गया, फल तोड़ने की ॠतु भी समाप्त हो गई, और हमारा उद्धार नहीं हुआ।”
De oogst is voorbij, de zomer ten einde, En we zijn nòg niet gered.
21 २१ अपने लोगों के दुःख से मैं भी दुःखित हुआ, मैं शोक का पहरावा पहने अति अचम्भे में डूबा हूँ।
Ik ben gewond door de wonde van de dochter van mijn volk, In rouw, en met ontzetting geslagen.
22 २२ क्या गिलाद देश में कुछ बलसान की औषधि नहीं? क्या उसमें कोई वैद्य नहीं? यदि है, तो मेरे लोगों के घाव क्यों चंगे नहीं हुए?
Is er geen balsem, geen geneesheer in Gilad; Waarom is de wonde van de dochter van mijn volk niet genezen?