< यिर्मयाह 7 >

1 जो वचन यहोवा की ओर से यिर्मयाह के पास पहुँचा वह यह है:
সদাপ্রভুর এই বাক্য যিরমিয়ের কাছে উপস্থিত হল,
2 “यहोवा के भवन के फाटक में खड़ा हो, और यह वचन प्रचार कर, और कह, हे सब यहूदियों, तुम जो यहोवा को दण्डवत् करने के लिये इन फाटकों से प्रवेश करते हो, यहोवा का वचन सुनो।
“সদাপ্রভুর গৃহের ফটকে দাঁড়িয়ে এই বাক্য ঘোষণা কর! বল, ‘যিহূদার সমস্ত লোকেরা, যারা সদাপ্রভুর উপাসনা করবার জন্য এই ফটকগুলি দিয়ে ঢোকে, তারা সদাপ্রভুর বাক্য শোনো’।”
3 सेनाओं का यहोवा जो इस्राएल का परमेश्वर है, यह कहता है, अपनी-अपनी चाल और काम सुधारो, तब मैं तुम को इस स्थान में बसे रहने दूँगा।
ইস্রায়েলের ঈশ্বর, বাহিনীগনের সদাপ্রভু এই কথা বলেন, তোমাদের আচার আচরণ ও কাজকর্ম সঠিক কর তাহলে আমি তোমাদের এই জায়গায় বাস করতে দেব।
4 तुम लोग यह कहकर झूठी बातों पर भरोसा मत रखो, ‘यही यहोवा का मन्दिर है; यही यहोवा का मन्दिर, यहोवा का मन्दिर।’
তোমরা এই মিথ্যা কথায় বিশ্বাস কোরো না, যা বলে, এটি সদাপ্রভুর মন্দির! সদাপ্রভুর মন্দির! সদাপ্রভুর মন্দির!
5 “यदि तुम सचमुच अपनी-अपनी चाल और काम सुधारो, और सचमुच मनुष्य-मनुष्य के बीच न्याय करो,
যদি তোমরা সম্পূর্ণভাবে তোমাদের আচার আচরণ ও কাজকর্ম সঠিক কর; যদি তোমরা একজন ব্যক্তির সঙ্গে তার প্রতিবেশীর ন্যায়ভাবে বিচার কর,
6 परदेशी और अनाथ और विधवा पर अंधेर न करो; इस स्थान में निर्दोष की हत्या न करो, और दूसरे देवताओं के पीछे न चलो जिससे तुम्हारी हानि होती है,
যদি তুমি কোনো বিদেশী, অনাথ কিংবা বিধবাদের অত্যাচার না কর, এই জায়গায় নির্দোষের রক্তপাত না কর এবং অন্য দেবতাদের পিছনে গিয়ে নিজেদের ক্ষতি না কর,
7 तो मैं तुम को इस नगर में, और इस देश में जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को दिया था, युग-युग के लिये रहने दूँगा।
তবে আমি এই জায়গায়, এই দেশে তোমাদের থাকতে দেব যেখানে আমি তোমাদের পূর্বপুরুষদের যুগ যুগ ধরে এবং চিরকাল বাস করবার জন্য দিয়েছি।
8 “देखो, तुम झूठी बातों पर भरोसा रखते हो जिनसे कुछ लाभ नहीं हो सकता।
দেখ! তোমরা মিথ্যা কথায় বিশ্বাস করছ, যা তোমাদের কোনো সাহায্য করে না।
9 तुम जो चोरी, हत्या और व्यभिचार करते, झूठी शपथ खाते, बाल देवता के लिये धूप जलाते, और दूसरे देवताओं के पीछे जिन्हें तुम पहले नहीं जानते थे चलते हो,
তোমরা কি চুরি, খুন ও ব্যভিচার কর? তোমার কি মিথ্যা শপথ কর, বাল দেবতাদের উদ্দেশ্যে ধূপ দান কর এবং অন্য দেবতাদের পিছনে যাও যাদের তোমরা জানো না?
10 १० तो क्या यह उचित है कि तुम इस भवन में आओ जो मेरा कहलाता है, और मेरे सामने खड़े होकर यह कहो ‘हम इसलिए छूट गए हैं’ कि ये सब घृणित काम करें?
১০তারপর তোমরা আমার গৃহে এসে আমার সামনে দাঁড়িয়ে বল যে, আমরা নিরাপদ। যাতে তোমরা ঐ সব জঘন্য কাজ করতে পারো?
11 ११ क्या यह भवन जो मेरा कहलाता है, तुम्हारी दृष्टि में डाकुओं की गुफा हो गया है? मैंने स्वयं यह देखा है, यहोवा की यह वाणी है।
১১এটা কি সেই গৃহ নয়, যা আমার নাম বহন করে, যা তোমাদের চোখে ডাকাতদের আড্ডাখানা হয়েছে? দেখ, আমি এই সব দেখছি, সদাপ্রভু বলেন।
12 १२ “मेरा जो स्थान शीलो में था, जहाँ मैंने पहले अपने नाम का निवास ठहराया था, वहाँ जाकर देखो कि मैंने अपनी प्रजा इस्राएल की बुराई के कारण उसकी क्या दशा कर दी है?
১২তাই শীলোতে আমার যে জায়গা ছিল, যেখানে আমি প্রথমে আমার নাম রেখেছিলাম, তোমরা সেখানে যাও এবং আমার প্রজা ইস্রায়েলের দুষ্টতার জন্য আমি তার অবস্থা কি করেছি, তা দেখ।
13 १३ अब यहोवा की यह वाणी है, कि तुम जो ये सब काम करते आए हो, और यद्यपि मैं तुम से बड़े यत्न से बातें करता रहा हूँ, तो भी तुम ने नहीं सुना, और तुम्हें बुलाता आया परन्तु तुम नहीं बोले,
১৩এখন, তোমরা এই সব কাজ করেছ, এটা সদাপ্রভু বলেন, আমি তোমাদের বার বার বলেছি, কিন্তু তোমরা শোননি। আমি তোমাদের ডেকেছি, কিন্তু তোমরা উত্তর দাওনি।
14 १४ इसलिए यह भवन जो मेरा कहलाता है, जिस पर तुम भरोसा रखते हो, और यह स्थान जो मैंने तुम को और तुम्हारे पूर्वजों को दिया था, इसकी दशा मैं शीलो की सी कर दूँगा।
১৪সেই জন্য, এই যে গৃহকে আমার নামে ডাকা হয়েছে, যে গৃহকে তোমরা বিশ্বাস করেছ, এই যে জায়গা আমি তোমাদের ও তোমাদের পূর্বপুরুষদের দিয়েছি, এর উপরও আমি সেই রকম করব, যা শীলোর প্রতি করেছিলাম।
15 १५ और जैसा मैंने तुम्हारे सब भाइयों को अर्थात् सारे एप्रैमियों को अपने सामने से दूर कर दिया है, वैसा ही तुम को भी दूर कर दूँगा।
১৫কারণ আমি তোমাদের আমার সামনে থেকে দূর করব, যেমন আমি তোমাদের ভাইদের প্রতি, ইফ্রয়িমের সমস্ত বংশের প্রতি করেছিলাম।
16 १६ “इस प्रजा के लिये तू प्रार्थना मत कर, न इन लोगों के लिये ऊँचे स्वर से पुकार न मुझसे विनती कर, क्योंकि मैं तेरी नहीं सुनूँगा।
১৬আর তুমি, যিরমিয়, এই লোকদের জন্য প্রার্থনা কোরো না এবং তাদের জন্য বিলাপ কোরো না বা তাদের জন্য প্রার্থনা কোরো না এবং আমাকে অনুরোধ কোরো না, কারণ আমি তোমার কথা শুনব না।
17 १७ क्या तू नहीं देखता कि ये लोग यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों में क्या कर रहे हैं?
১৭তুমি কি দেখতে পাচ্ছ না তারা যিহূদার শহরগুলিতে ও যিরূশালেমের রাস্তায় রাস্তায় কি করছে?
18 १८ देख, बाल-बच्चे तो ईंधन बटोरते, बाप आग सुलगाते और स्त्रियाँ आटा गुँधत‍ी हैं, कि स्वर्ग की रानी के लिये रोटियाँ चढ़ाएँ; और मुझे क्रोधित करने के लिये दूसरे देवताओं के लिये तपावन दें।
১৮ছেলেমেয়েরা কাঠ কুড়ায় এবং বাবারা আগুন জ্বালায়! স্ত্রীলোকেরা আকাশমণ্ডলের রাণীর উদ্দেশ্যে কেক তৈরীর জন্য ময়দা মাখে এবং আমাকে দুঃখ দেবার জন্য তারা দেবতাদের উদ্দেশ্যে পেয় নৈবেদ্য ঢালে।
19 १९ यहोवा की यह वाणी है, क्या वे मुझी को क्रोध दिलाते हैं? क्या वे अपने ही को नहीं जिससे उनके मुँह पर उदासी छाए?
১৯তারা কি আমাকে সত্যি দুঃখ দেয়? এটি সদাপ্রভু ঘোষণা করেন, তারা কি নিজেদের দুঃখ দিচ্ছে না? তাই তাদের উপর লজ্জা ডেকে আনছে।
20 २० अतः प्रभु यहोवा ने यह कहा है, क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या मैदान के वृक्ष, क्या भूमि की उपज, उन सब पर जो इस स्थान में हैं, मेरे कोप की आग भड़कने पर है; वह नित्य जलती रहेगी और कभी न बुझेगी।”
২০সেইজন্য প্রভু সদাপ্রভু বলেন, দেখ, আমার রাগ ও রোষ এই জায়গার উপরে, মানুষ ও পশুর উপরে, মাঠের গাছপালা ও ভূমির ফলের উপরে ঢালা হবে। তা জ্বলবে আর নিভবে না।
21 २१ सेनाओं का यहोवा जो इस्राएल का परमेश्वर है, यह कहता है, “अपने मेलबलियों के साथ अपने होमबलि भी चढ़ाओ और माँस खाओ।
২১ইস্রায়েলের ঈশ্বর বাহিনীগনের সদাপ্রভু বলেন, তোমরা নিজেদের অন্যান্য বলির সঙ্গে হোমবলি ও তাদের মাংস যোগ কর।
22 २२ क्योंकि जिस समय मैंने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश में से निकाला, उस समय मैंने उन्हें होमबलि और मेलबलि के विषय कुछ आज्ञा न दी थी।
২২কারণ যখন আমি তোমাদের পূর্বপুরুষদের মিশর থেকে বের করে এনেছিলাম, আমি তাদের থেকে কিছু চাইনি; আমি হোমবলি ও বলিদানের সম্মন্ধে কোন আদেশ দিইনি।
23 २३ परन्तु मैंने तो उनको यह आज्ञा दी कि मेरे वचन को मानो, तब मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊँगा, और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे; और जिस मार्ग की मैं तुम्हें आज्ञा दूँ उसी में चलो, तब तुम्हारा भला होगा।
২৩আমি শুধুমাত্র তাদের এই আদেশ দিয়েছিলাম, তোমরা আমার কথা শোনো এবং আমি তোমাদের ঈশ্বর হবো আর তোমরা আমার প্রজা হবে। তাই আমি যে সব পথে চলবার আদেশ দিচ্ছি, তোমাদের মঙ্গলের জন্য সেই সব পথে চল।
24 २४ पर उन्होंने मेरी न सुनी और न मेरी बातों पर कान लगाया; वे अपनी ही युक्तियों और अपने बुरे मन के हठ पर चलते रहे और पीछे हट गए पर आगे न बढ़े।
২৪কিন্তু তারা শোনেনি বা কান দেয়নি। তারা তাদের নিজেদের মন্দ অন্তরের একগুঁয়েমি পরিকল্পনায় চলেছে। তারা এগিয়ে না গিয়ে পিছনে ফিরে গিয়েছে।
25 २५ जिस दिन तुम्हारे पुरखा मिस्र देश से निकले, उस दिन से आज तक मैं तो अपने सारे दासों, भविष्यद्वक्ताओं को, तुम्हारे पास बड़े यत्न से लगातार भेजता रहा;
২৫তোমাদের পূর্বপুরুষেরা যখন মিশর দেশ থেকে বের হয়ে এসেছিল, সেই দিন থেকে আজ পর্যন্ত, আমি প্রতিদিন তোমাদের কাছে আমার সমস্ত দাসদের, ভাববাদীদের পাঠিয়ে আসছি।
26 २६ परन्तु उन्होंने मेरी नहीं सुनी, न अपना कान लगाया; उन्होंने हठ किया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयाँ की हैं।
২৬কিন্তু তারা আমার কথা শোনেনি, তারা মনোযোগও দেয়নি, তার পরিবর্তে তারা নিজেদের ঘাড় শক্ত করত। তারা তাদের পূর্বপুরুষদের থেকেও বেশী পাপেপূর্ণ হয়েছে।
27 २७ “तू सब बातें उनसे कहेगा पर वे तेरी न सुनेंगे; तू उनको बुलाएगा, पर वे न बोलेंगे।
২৭তাই তুমি যখন এই সব কথা তাদেরকে বলবে, কিন্তু তারা তোমার কথা শুনবে না। তাদের কাছে এইসব জিনিস প্রচার করবে, কিন্তু তারা উত্তর দেবে না।
28 २८ तब तू उनसे कह देना, ‘यह वही जाति है जो अपने परमेश्वर यहोवा की नहीं सुनती, और ताड़ना से भी नहीं मानती; सच्चाई नाश हो गई, और उनके मुँह से दूर हो गई है।
২৮তাদের বল, এটাই সেই জাতি, যে তার ঈশ্বর সদাপ্রভুর কথা শোনে না এবং শাসন মানে না। সত্য ধ্বংস হয়েছে এবং তাদের মুখ থেকে উচ্ছেদ হয়েছে।
29 २९ “‘अपने बाल मुँड़ाकर फेंक दे; मुँण्ड़े टीलों पर चढ़कर विलाप का गीत गा, क्योंकि यहोवा ने इस समय के निवासियों पर क्रोध किया और उन्हें निकम्मा जानकर त्याग दिया है।’
২৯তোমার চুল কাটো, নিজেকে কামাও এবং তোমার চুল ফেলে দাও। খোলা জায়গায় বিলাপ গান কর। কারণ সদাপ্রভু তাঁর রাগে এই প্রজন্মকে তিনি অগ্রাহ্য ও ত্যাগ করেছেন।
30 ३० “यहोवा की यह वाणी है, इसका कारण यह है कि यहूदियों ने वह काम किया है, जो मेरी दृष्टि में बुरा है; उन्होंने उस भवन में जो मेरा कहलाता है, अपनी घृणित वस्तुएँ रखकर उसे अशुद्ध कर दिया है।
৩০কারণ এই কথা সদাপ্রভু ঘোষণা করেন, আমার চোখে যিহূদার লোকেরা মন্দ কাজ করেছে। যেখানে আমার নাম উচ্চারণ করা হয় সেই গৃহে তারা তাদের জঘন্য বিষয়গুলি স্থাপন করে অশুচি করেছে।
31 ३१ और उन्होंने हिन्नोमवंशियों की तराई में तोपेत नामक ऊँचे स्थान बनाकर, अपने बेटे-बेटियों को आग में जलाया है; जिसकी आज्ञा मैंने कभी नहीं दी और न मेरे मन में वह कभी आया।
৩১তারপরে তারা বিন-হিন্নোম উপত্যকায় তোফৎ নামক উঁচু জায়গা তৈরী করেছে। তারা তাদের ছেলে মেয়েদের আগুনে পোড়াবার জন্য এটা করেছিল। যার আদেশ আমি দিইনি। আমার মনে যা কখনও উদয় হয়নি।
32 ३२ यहोवा की यह वाणी है, इसलिए ऐसे दिन आते हैं कि वह तराई फिर न तो तोपेत की और न हिन्नोमवंशियों की कहलाएगी, वरन् घात की तराई कहलाएगी; और तोपेत में इतनी कब्रें होंगी कि और स्थान न रहेगा।
৩২সুতরাং দেখ, এমন দিন আসছে, সদাপ্রভু বলেন, যখন ঐ জায়গাকে আর তোফৎ কিংবা বিন-হিন্নোমের উপত্যকা নামে ডাকা হবে না। এটা হত্যার উপত্যকা বলে পরিচিত হবে, কারণ তারা সেখানে জায়গা নেই বলে তোফতে কবর দেবে।
33 ३३ इसलिए इन लोगों की लोथें आकाश के पक्षियों और पृथ्वी के पशुओं का आहार होंगी, और उनको भगानेवाला कोई न रहेगा।
৩৩আর ওই লোকেদের মৃতদেহ আকাশের পাখী ও পৃথিবীর পশুদের খাবার হবে এবং সেগুলিকে তাড়িয়ে দেবার জন্য কেউ থাকবে না।
34 ३४ उस समय मैं ऐसा करूँगा कि यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों में न तो हर्ष और आनन्द का शब्द सुन पड़ेगा, और न दुल्हे और न दुल्हन का; क्योंकि देश उजाड़ ही उजाड़ हो जाएगा।
৩৪আমি যিহূদার শহরগুলিতে ও যিরূশালেমের পথে উল্লাস ও জয়ধ্বনির শব্দ, বর ও কনের শব্দ শেষ করে দেব, কারণ দেশটি ধ্বংসস্থান হয়ে যাবে।

< यिर्मयाह 7 >