< यिर्मयाह 50 >
1 १ बाबेल और कसदियों के देश के विषय में यहोवा ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा यह वचन कहा:
Palavra que o SENHOR falou sobre a Babilônia, sobre a terra dos caldeus, por meio do profeta Jeremias.
2 २ “जातियों में बताओ, सुनाओ और झण्डा खड़ा करो; सुनाओ, मत छिपाओ कि बाबेल ले लिया गया, बेल का मुँह काला हो गया, मरोदक विस्मित हो गया। बाबेल की प्रतिमाएँ लज्जित हुई और उसकी बेडौल मूरतें विस्मित हो गई।
Anunciai entre as nações, declarai, e levantai bandeira; declarai, e não encubrais: dizei: Tomada é Babilônia, Bel é envergonhado, Merodaque é despedaçado; envergonhados são seus ídolos, despedaçados estão suas imagens de idolatria.
3 ३ क्योंकि उत्तर दिशा से एक जाति उस पर चढ़ाई करके उसके देश को यहाँ तक उजाड़ कर देगी, कि क्या मनुष्य, क्या पशु, उसमें कोई भी न रहेगा; सब भाग जाएँगे।
Pois subiu contra ela uma nação do norte, a qual tornará sua terra em desolação, e não haverá morador nela; desde os homens até os animais fugiram e se afastaram.
4 ४ “यहोवा की यह वाणी है, कि उन दिनों में इस्राएली और यहूदा एक संग आएँगे, वे रोते हुए अपने परमेश्वर यहोवा को ढूँढ़ने के लिये चले आएँगे।
Naqueles dias e naquele tempo, diz o SENHOR, os filhos de Israel virão, eles e juntamente os filhos de Judá; virão andando e chorando, e buscarão ao SENHOR seu Deus.
5 ५ वे सिय्योन की ओर मुँह किए हुए उसका मार्ग पूछते और आपस में यह कहते आएँगे, ‘आओ हम यहोवा से मेल कर लें, उसके साथ ऐसी वाचा बाँधे जो कभी भूली न जाए, परन्तु सदा स्थिर रहे।’
Perguntarão por Sião, pelo caminho para onde voltarão seus rostos, [dizendo]: Vinde, e juntai-vos ao SENHOR [com] um pacto eterno, que jamais será esquecido.
6 ६ “मेरी प्रजा खोई हुई भेड़ें हैं; उनके चरवाहों ने उनको भटका दिया और पहाड़ों पर भटकाया है; वे पहाड़-पहाड़ और पहाड़ी-पहाड़ी घूमते-घूमते अपने बैठने के स्थान को भूल गई हैं।
Meu povo tem sido ovelhas perdidas; seus pastores as fizeram errar, pelos montes as desviaram; andaram de monte em morro, esqueceram-se de seu lugar de descanso.
7 ७ जितनों ने उन्हें पाया वे उनको खा गए; और उनके सतानेवालों ने कहा, ‘इसमें हमारा कुछ दोष नहीं, क्योंकि उन्होंने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है जो धर्म का आधार है, और उनके पूर्वजों का आश्रय था।’
Todos quantos as achavam, as comiam; e adversários diziam: Nenhuma culpa teremos, pois pecaram contra o SENHOR, a morada da justiça [contra] o SENHOR, a esperança de seus pais.
8 ८ “बाबेल के बीच में से भागो, कसदियों के देश से निकल आओ। जैसे बकरे अपने झुण्ड के अगुए होते हैं, वैसे ही बनो।
Fugi do meio da Babilônia, e saí da terra dos caldeus; e sede como os bodes adiante do rebanho.
9 ९ क्योंकि देखो, मैं उत्तर के देश से बड़ी जातियों को उभारकर उनकी मण्डली बाबेल पर चढ़ा ले आऊँगा, और वे उसके विरुद्ध पाँति बाँधेंगे; और उसी दिशा से वह ले लिया जाएगा। उनके तीर चतुर वीर के से होंगे; उनमें से कोई अकारथ न जाएगा।
Porque eis que eu levantarei e farei subir contra a Babilônia um ajuntamento de grandes povos da terra do norte; e se prepararão contra ela, e dali será tomada; suas flechas serão como de um habilidoso guerreiro, que não voltarão em vão.
10 १० कसदियों का देश ऐसा लुटेगा कि सब लूटनेवालों का पेट भर जाएगा, यहोवा की यह वाणी है।
E a Caldeia será objeto de saque; todos os que a saquearem serão fartos, diz o SENHOR.
11 ११ “हे मेरे भाग के लूटनेवालों, तुम जो मेरी प्रजा पर आनन्द करते और फुले नहीं समाते हो, और घास चरनेवाली बछिया के समान उछलते और बलवन्त घोड़ों के समान हिनहिनाते हो,
Visto que vós vos alegrastes, que vos enchestes de prazer, vós saqueadores de minha propriedade; visto que vos inchastes como bezerra gorda, e relinchastes como cavalos;
12 १२ तुम्हारी माता अत्यन्त लज्जित होगी और तुम्हारी जननी का मुँह काला होगा। क्योंकि वह सब जातियों में नीच होगी, वह जंगल और मरु और निर्जल देश हो जाएगी।
[Por isso] vossa mãe será muito envergonhada, será humilhada a que vos gerou; eis que ela será a última das nações: deserto, secura, e desolação.
13 १३ यहोवा के क्रोध के कारण, वह देश निर्जन रहेगा, वह उजाड़ ही उजाड़ होगा; जो कोई बाबेल के पास से चलेगा वह चकित होगा, और उसके सब दुःख देखकर ताली बजाएगा।
Por causa da ira do SENHOR não será habitada; ela, porém será totalmente desolada; qualquer um passar pela Babilônia se espantará e assoviará por causa de todas as suas pragas.
14 १४ हे सब धनुर्धारियो, बाबेल के चारों ओर उसके विरुद्ध पाँति बाँधो; उस पर तीर चलाओ, उन्हें मत रख छोड़ो, क्योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।
Preparai-vos em linha de batalha contra Babilônia ao redor, todos vós que armais arcos; atirai contra ela, não poupeis as flechas; pois ela pecou contra o SENHOR.
15 १५ चारों ओर से उस पर ललकारो, उसने हार मानी; उसके कोट गिराए गए, उसकी शहरपनाह ढाई गई। क्योंकि यहोवा उससे अपना बदला लेने पर है; इसलिए तुम भी उससे अपना-अपना बदला लो, जैसा उसने किया है, वैसा ही तुम भी उससे करो।
Gritai contra ela ao redor, [pois] já se rendeu; caíram seus fundamentos, derrubados são seus muros, pois esta é vingança do SENHOR. Vingai-vos dela; fazei com ela assim como ela fez.
16 १६ बाबेल में से बोनेवाले और काटनेवाले दोनों को नाश करो, वे दुःखदाई तलवार के डर के मारे अपने-अपने लोगों की ओर फिरें, और अपने-अपने देश को भाग जाएँ।
Exterminai da Babilônia o semeador, e o que usa a foice no tempo da ceifa; por causa da espada opressora, cada um se voltará ao seu povo, cada um fugirá para sua terra.
17 १७ “इस्राएल भगाई हुई भेड़ है, सिंहों ने उसको भगा दिया है। पहले तो अश्शूर के राजा ने उसको खा डाला, और तब बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने उसकी हड्डियों को तोड़ दिया है।
Israel é um cordeiro desgarrado, que leões afugentaram; o rei da Assíria foi o primeiro que o devorou; e este, Nabucodonosor rei da Babilônia, o último, que lhe quebrou os ossos.
18 १८ इस कारण इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यह कहता है, देखो, जैसे मैंने अश्शूर के राजा को दण्ड दिया था, वैसे ही अब देश समेत बाबेल के राजा को दण्ड दूँगा।
Portanto assim diz o SENHOR dos exércitos, Deus de Israel: Eis que punirei ao rei de Babilônia e a sua terra assim como puni ao rei da Assíria.
19 १९ मैं इस्राएल को उसकी चराई में लौटा लाऊँगा, और वह कर्मेल और बाशान में फिर चरेगा, और एप्रैम के पहाड़ों पर और गिलाद में फिर भर पेट खाने पाएगा।
E voltarei a trazer Israel à sua morada, no Carmelo e em Basã se alimentará; nos montes de Efraim e de Gileade sua alma farta será.
20 २० यहोवा की यह वाणी है, कि उन दिनों में इस्राएल का अधर्म ढूँढ़ने पर भी नहीं मिलेगा, और यहूदा के पाप खोजने पर भी नहीं मिलेंगे; क्योंकि जिन्हें मैं बचाऊँ, उनके पाप भी क्षमा कर दूँगा।
Naqueles dias e naquele tempo, diz o SENHOR, a maldade de Israel será buscada, mas não [será encontrada]; e [buscados] os pecados de Judá, mas não se acharão; porque perdoarei aos restantes que eu deixar.
21 २१ “तू मरातैम देश और पकोद नगर के निवासियों पर चढ़ाई कर। मनुष्यों को तो मार डाल, और धन का सत्यानाश कर; यहोवा की यह वाणी है, और जो-जो आज्ञा मैं तुझे देता हूँ, उन सभी के अनुसार कर।
Sobe contra ela, a terra de Merataim, e contra os moradores de Pecode; assola e destrói por completo atrás deles, diz o SENHOR, e faze conforme a tudo o que te mandei.
22 २२ सुनो, उस देश में युद्ध और सत्यानाश का सा शब्द हो रहा है।
Há barulho de guerra na terra, e de grande destruição.
23 २३ जो हथौड़ा सारी पृथ्वी के लोगों को चूर-चूर करता था, वह कैसा काट डाला गया है! बाबेल सब जातियों के बीच में कैसा उजाड़ हो गया है!
Como foi cortado e quebrado o martelo de toda a terra! Como Babilônia se tornou em espanto entre as nações!
24 २४ हे बाबेल, मैंने तेरे लिये फंदा लगाया, और तू अनजाने उसमें फँस भी गया; तू ढूँढ़कर पकड़ा गया है, क्योंकि तू यहोवा का विरोध करता था।
Pus armadilha para ti, e também foste capturada, ó Babilônia, antes de tu perceberes; foste achada, e também presa, porque lutaste contra o SENHOR.
25 २५ प्रभु, सेनाओं के यहोवा ने अपने शस्त्रों का घर खोलकर, अपने क्रोध प्रगट करने का सामान निकाला है; क्योंकि सेनाओं के प्रभु यहोवा को कसदियों के देश में एक काम करना है।
O SENHOR abriu o teu arsenal, e tirou os instrumentos de sua ira; porque esta é a obra do Senhor DEUS dos exércitos, na terra dos caldeus.
26 २६ पृथ्वी की छोर से आओ, और उसकी बखरियों को खोलो; उसको ढेर ही ढेर बना दो; ऐसा सत्यानाश करो कि उसमें कुछ भी न बचा रहें।
Vinde contra ela desde o lugar mais distante; abri seus celeiros; tornai-a em amontoados, e destruí-a por completo; que nada reste dela.
27 २७ उसके सब बैलों को नाश करो, वे घात होने के स्थान में उतर जाएँ। उन पर हाय! क्योंकि उनके दण्ड पाने का दिन आ पहुँचा है।
Matai à espada todos os seus novilhos; que ela desça ao matadouro. Ai deles! Porque veio o seu dia, o tempo de sua punição.
28 २८ “सुनो, बाबेल के देश में से भागनेवालों का सा बोल सुनाई पड़ता है जो सिय्योन में यह समाचार देने को दौड़े आते हैं, कि हमारा परमेश्वर यहोवा अपने मन्दिर का बदला ले रहा है।
Eis a voz dos que fugiram e escaparam da terra de Babilônia, para anunciar em Sião a vingança do SENHOR nosso Deus, a vingança de seu templo.
29 २९ “सब धनुर्धारियों को बाबेल के विरुद्ध इकट्ठे करो, उसके चारों ओर छावनी डालो, कोई जन भागकर निकलने न पाए। उसके काम का बदला उसे दो, जैसा उसने किया है, ठीक वैसा ही उसके साथ करो; क्योंकि उसने यहोवा इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध अभिमान किया है।
Convocai contra a Babilônia os flecheiros, todos os que armam arcos; assentai o acampamento ao redor dela; ninguém escape dela, pagai-lhe conforme sua obra; conforme tudo o que ela fez, fazei-lhe; porque agiu arrogantemente contra o SENHOR, contra o Santo de Israel.
30 ३० इस कारण उसके जवान चौकों में गिराए जाएँगे, और सब योद्धाओं का बोल बन्द हो जाएगा, यहोवा की यही वाणी है।
Portanto seus rapazes cairão em suas ruas; e todos os seus homens de guerra serão exterminados naquele dia, diz o SENHOR.
31 ३१ “प्रभु सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, हे अभिमानी, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; तेरे दण्ड पाने का दिन आ गया है।
Eis que eu contra ti, ó soberbo, diz o Senhor DEUS dos exércitos; porque veio o teu dia, o tempo em que te castigarei.
32 ३२ अभिमानी ठोकर खाकर गिरेगा और कोई उसे फिर न उठाएगा; और मैं उसके नगरों में आग लगाऊँगा जिससे उसके चारों ओर सब कुछ भस्म हो जाएगा।
E o soberbo tropeçará e cairá, e ninguém haverá que o levante; e acenderei fogo em suas cidades, que consumirá todos os seus arredores.
33 ३३ “सेनाओं का यहोवा यह कहता है, इस्राएल और यहूदा दोनों बराबर पिसे हुए हैं; और जितनों ने उनको बँधुआ किया वे उन्हें पकड़े रहते हैं, और जाने नहीं देते।
Assim diz o SENHOR dos exércitos: Os filhos de Israel e os filhos de Judá juntamente foram oprimidos; e todos os que os tomaram cativos os detiveram; recusaram-se soltá-los.
34 ३४ उनका छुड़ानेवाला सामर्थी है; सेनाओं का यहोवा, यही उसका नाम है। वह उनका मुकद्दमा भली भाँति लड़ेगा कि पृथ्वी को चैन दे परन्तु बाबेल के निवासियों को व्याकुल करे।
Porém o Redentor deles é forte; EU-SOU dos exércitos é o seu nome; certamente defenderá a causa deles, para dar descanso à terra, e incomodar os moradores da Babilônia.
35 ३५ “यहोवा की यह वाणी है, कसदियों और बाबेल के हाकिम, पंडित आदि सब निवासियों पर तलवार चलेगी!
Espada [virá] sobre os caldeus, diz o SENHOR, e sobre os moradores da Babilônia, sobre seus príncipes, e sobre seus sábios.
36 ३६ बड़ा बोल बोलनेवालों पर तलवार चलेगी, और वे मूर्ख बनेंगे! उसके शूरवीरों पर भी तलवार चलेगी, और वे विस्मित हो जाएँगे!
Espada [virá] sobre os adivinhos, e se tornarão tolos; espada [virá] sobre seus guerreiros, e perderão as forças.
37 ३७ उसके सवारों और रथियों पर और सब मिले जुले लोगों पर भी तलवार चलेगी, और वे स्त्रियाँ बन जाएँगे! उसके भण्डारों पर तलवार चलेगी, और वे लुट जाएँगे!
Espada [virá] sobre seus cavalos, sobre seus carros, e sobre todo os estrangeiros que estão no meio dela, e serão como mulheres; espada [virá] sobre seus tesouros, e serão saqueados.
38 ३८ उसके जलाशयों पर सूखा पड़ेगा, और वे सूख जाएँगे! क्योंकि वह खुदी हुई मूरतों से भरा हुआ देश है, और वे अपनी भयानक प्रतिमाओं पर बावले हैं।
Sequidão [virá] sobre suas águas, e se secarão; pois é terra de idolatrias, e se enlouquecem por [seus] ídolos.
39 ३९ “इसलिए निर्जल देश के जन्तु सियारों के संग मिलकर वहाँ बसेंगे, और शुतुर्मुर्ग उसमें वास करेंगे, और वह फिर सदा तक बसाया न जाएगा, न युग-युग उसमें कोई वास कर सकेगा।
Por isso [nela] habitarão animais selvagens do deserto com hienas; habitarão também nela filhotes de avestruz; e nunca mais será habitada, nem servirá de morada geração após geração.
40 ४० यहोवा की यह वाणी है, कि सदोम और गमोरा और उनके आस-पास के नगरों की जैसी दशा उस समय हुई थी जब परमेश्वर ने उनको उलट दिया था, वैसी ही दशा बाबेल की भी होगी, यहाँ तक कि कोई मनुष्य उसमें न रह सकेगा, और न कोई आदमी उसमें टिकेगा।
Assim como Deus destruiu Sodoma, Gomorra e suas cidades vizinhas, diz o SENHOR, assim também não habitará ali homem, nem filho de homem a morará.
41 ४१ “सुनो, उत्तर दिशा से एक देश के लोग आते हैं, और पृथ्वी की छोर से एक बड़ी जाति और बहुत से राजा उठकर चढ़ाई करेंगे।
Eis que um povo vem do norte; e uma grande nação, e muitos reis se levantarão dos lugares distantes da terra.
42 ४२ वे धनुष और बर्छी पकड़े हुए हैं; वे क्रूर और निर्दयी हैं; वे समुद्र के समान गरजेंगे; और घोड़ों पर चढ़े हुए तुझ बाबेल की बेटी के विरुद्ध पाँति बाँधे हुए युद्ध करनेवालों के समान आएँगे।
Eles manejam arco e lança; são cruéis, e não terão compaixão; sua voz soará como o mar, e montarão sobre cavalos; ficarão em posição como de homem para a batalha, contra ti, ó filha da Babilônia.
43 ४३ उनका समाचार सुनते ही बाबेल के राजा के हाथ पाँव ढीले पड़ गए, और उसको जच्चा की सी पीड़ाएँ उठी।
O rei da Babilônia ouviu a notícia deles, e suas mãos perderam as forças; tomado foi por angústia e dor, como mulher de parto.
44 ४४ “सुनो, वह सिंह के समान आएगा जो यरदन के आस-पास के घने जंगल से निकलकर दृढ़ भेड़शालाएँ पर चढ़े, परन्तु मैं उनको उसके सामने से झट भगा दूँगा; तब जिसको मैं चुन लूँ, उसी को उन पर अधिकारी ठहराऊँगा। देखो, मेरे तुल्य कौन है? कौन मुझ पर मुकद्दमा चलाएगा? वह चरवाहा कहाँ है जो मेरा सामना कर सकेगा?”
Eis que como leão subirá da mata do Jordão contra a morada do forte; pois repentinamente o farei correr dali. E ordenarei contra ela a quem eu escolher; pois quem é semelhante a mim? E quem manda em mim? Ou quem é o pastor que pode subsistir diante de mim?
45 ४५ इसलिए सुनो कि यहोवा ने बाबेल के विरुद्ध क्या युक्ति की है और कसदियों के देश के विरुद्ध कौन सी कल्पना की है: निश्चय वह भेड़-बकरियों के बच्चों को घसीट ले जाएगा, निश्चय वह उनकी चराइयों को भेड़-बकरियों से खाली कर देगा।
Portanto ouvi o conselho do SENHOR, que decretou contra a Babilônia; e seus pensamentos, que ele determinou sobre a terra dos caldeus: Certamente os menores do rebanho serão arrastados, certamente destruirá sua habitação com deles.
46 ४६ बाबेल के लूट लिए जाने के शब्द से पृथ्वी काँप उठी है, और उसकी चिल्लाहट जातियों में सुनाई पड़ती है।
Do ruído da tomada da Babilônia a terra tremeu, e o grito se ouviu entre as nações.