< यिर्मयाह 48 >
1 १ मोआब के विषय इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यह कहता है: “नबो पर हाय, क्योंकि वह नाश हो गया! किर्यातैम की आशा टूट गई, वह ले लिया गया है; ऊँचा गढ़ निराश और विस्मित हो गया है।
Über Moab. So spricht Jehovah der Heerscharen, der Gott Israels. Wehe über Nebo! Denn es ist verheert worden, beschämt und erobert ist Kirjathaim; Misgab ist beschämt und entsetzt.
2 २ मोआब की प्रशंसा जाती रही। हेशबोन में उसकी हानि की कल्पना की गई है: ‘आओ, हम उसको ऐसा नाश करें कि वह राज्य न रह जाए।’ हे मदमेन, तू भी सुनसान हो जाएगा; तलवार तेरे पीछे पड़ेगी।
Nichts mehr ist es mit dem Lobe Moabs. In Cheschbon gedenkt man Böses wider dasselbe. Kommt, lasset uns es ausrotten, daß es keine Völkerschaft mehr ist. Auch Madmen geht unter. Hinter dir geht das Schwert.
3 ३ “होरोनैम से चिल्लाहट का शब्द सुनो! नाश और बड़े दुःख का शब्द सुनाई देता है!
Die Stimme des Geschreis von Choronajim: Verheerung und großes Zerbrechen.
4 ४ मोआब का सत्यानाश हो रहा है; उसके नन्हें बच्चों की चिल्लाहट सुन पड़ी।
Zerbrochen ist Moab. Ein Geschrei lassen seine Jüngeren hören.
5 ५ क्योंकि लूहीत की चढ़ाई में लोग लगातार रोते हुए चढ़ेंगे; और होरोनैम की उतार में नाश की चिल्लाहट का संकट हुआ है।
Denn Weinen steigt die Steige von Luchith herauf mit Weinen; denn beim Herabsteigen von Choronaim hören die Dränger das Geschrei des Zerbrechens.
6 ६ भागो! अपना-अपना प्राण बचाओ! उस अधमूए पेड़ के समान हो जाओ जो जंगल में होता है!
Fliehet, laßt entrinnen eure Seele, und sie seien wie ein bloßer Strauch der Wüste.
7 ७ क्योंकि तू जो अपने कामों और सम्पत्ति पर भरोसा रखता है, इस कारण तू भी पकड़ा जाएगा; और कमोश देवता भी अपने याजकों और हाकिमों समेत बँधुआई में जाएगा।
Darum, daß du vertraust auf deine Werke und auf deine Schätze, wirst auch du erobert werden: und Chemosch wird in Verbannung ausziehen, seine Priester und seine Obersten allzumal.
8 ८ यहोवा के वचन के अनुसार नाश करनेवाले तुम्हारे हर एक नगर पर चढ़ाई करेंगे, और कोई नगर न बचेगा; घाटीवाले और पहाड़ पर की चौरस भूमिवाले दोनों नाश किए जाएँगे।
Und der Verheerer kommt über jegliche Stadt, und keine Stadt entrinnt, und verloren ist der Talgrund, und die Ebene vernichtet, so spricht Jehovah.
9 ९ “मोआब के पंख लगा दो ताकि वह उड़कर दूर हो जाए; क्योंकि उसके नगर ऐसे उजाड़ हो जाएँगे कि उनमें कोई भी न बसने पाएगा।
Gebet Moab Flügel, denn im Ausflug wird es ausfliegen, und seine Städte werden zur Verwüstung, daß niemand darin wohnt.
10 १० “श्रापित है वह जो यहोवा का काम आलस्य से करता है; और वह भी जो अपनी तलवार लहू बहाने से रोक रखता है।
Verflucht sei, wer das Werk Jehovahs trüglich tut, und verflucht, wer abhält sein Schwert vom Blut.
11 ११ “मोआब बचपन ही से सुखी है, उसके नीचे तलछट है, वह एक बर्तन से दूसरे बर्तन में उण्डेला नहीं गया और न बँधुआई में गया; इसलिए उसका स्वाद उसमें स्थिर है, और उसकी गन्ध ज्यों की त्यों बनी रहती है।
Sorglos war Moab von Jugend auf und rastete auf seinen Hefen, es ward nicht ausgeleert von Gefäß zu Gefäß; und es ging nicht zur Wegführung. Darum ist sein Geschmack ihm stehengeblieben, und sein Geruch ward nicht umgewandelt.
12 १२ इस कारण यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आएँगे, कि मैं लोगों को उसके उण्डेलने के लिये भेजूँगा, और वे उसको उण्डेलेंगे, और जिन घड़ों में वह रखा हुआ है, उनको खाली करके फोड़ डालेंगे।
Darum siehe, Tage kommen, spricht Jehovah, daß Ich Umleerer sende, die es umleeren, und seine Gefäße umleeren und zerschmeißen seine Schläuche.
13 १३ तब जैसे इस्राएल के घराने को बेतेल से लज्जित होना पड़ा, जिस पर वे भरोसा रखते थे, वैसे ही मोआबी लोग कमोश से लज्जित होंगे।
Und Moab soll beschämt werden ob dem Chemosch, wie das Haus Israel beschämt ward ob Bethel, auf das es vertraute.
14 १४ “तुम कैसे कह सकते हो कि हम वीर और पराक्रमी योद्धा हैं?
Wie sprechet ihr: Wir sind Helden und tapfere Männer zum Streit.
15 १५ मोआब तो नाश हुआ, उसके नगर भस्म हो गए और उसके चुने हुए जवान घात होने को उतर गए, राजाधिराज, जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है, उसकी यही वाणी है।
Verheert ist Moab, und seine Städte gehen auf. Und die Auswahl seiner Jünglinge geht hinab zur Schlachtbank, spricht der König, Jehovah der Heerscharen ist Sein Name.
16 १६ मोआब की विपत्ति निकट आ गई, और उसके संकट में पड़ने का दिन बहुत ही वेग से आता है।
Nah, daß es komme, ist Moabs Not. Und sein Übel eilt sehr.
17 १७ उसके आस-पास के सब रहनेवालों, और उसकी कीर्ति के सब जाननेवालों, उसके लिये विलाप करो; कहो, ‘हाय! यह मजबूत सोंटा और सुन्दर छड़ी कैसे टूट गई है?’
Zeiget ihm Beileid, alle ringsum und alle, die ihr seinen Namen kennt, sprechet: Wie ist doch der Stab der Stärke zerbrochen, der Stock des Schmuckes!
18 १८ “हे दीबोन की रहनेवाली तू अपना वैभव छोड़कर प्यासी बैठी रह! क्योंकि मोआब के नाश करनेवाले ने तुझ पर चढ़ाई करके तेरे दृढ़ गढ़ों को नाश किया है।
Steige herab von der Herrlichkeit, sitze im Durste, Einwohnerin, Tochter von Dibon; denn der Verheerer Moabs steigt wider dich herauf, verdirbt deine Festungen.
19 १९ हे अरोएर की रहनेवाली तू मार्ग में खड़ी होकर ताकती रह! जो भागता है उससे, और जो बच निकलती है उससे पूछ कि क्या हुआ है?
Stehe an den Weg und spähe aus, Einwohnerin von Aroer, frage den Flüchtigen und was entronnen ist, sprich: Was ist geschehen?
20 २० मोआब की आशा टूटेगी, वह विस्मित हो गया; तुम हाय-हाय करो और चिल्लाओ; अर्नोन में भी यह बताओ कि मोआब नाश हुआ है।
Beschämt ist Moab, ja entsetzt. Heulet und schreit! Sagt es am Arnon an, daß Moab verheert ist.
21 २१ “चौरस भूमि के देश में होलोन, यहस, मेपात,
Und ein Gericht ist über das Land der Ebene gekommen, über Cholon und über Jahzah und über Mephaath,
22 २२ दीबोन, नबो, बेतदिबलातैम,
Und über Dibon und über Nebo und über Beth-Diblathajim,
23 २३ और किर्यातैम, बेतगामूल, बेतमोन,
Und über Kirjathajim und über BethGamul und über Beth-Meon,
24 २४ और करिय्योत, बोस्रा, और क्या दूर क्या निकट, मोआब देश के सारे नगरों में दण्ड की आज्ञा पूरी हुई है।
Und über Kerijoth und über Bozrah und über alle Städte des Landes Moab, die fernen und die nahen.
25 २५ यहोवा की यह वाणी है, मोआब का सींग कट गया, और भुजा टूट गई है।
Das Horn Moabs ist zerhauen und sein Arm gebrochen, spricht Jehovah.
26 २६ “उसको मतवाला करो, क्योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध बड़ाई मारी है; इसलिए मोआब अपनी छाँट में लोटेगा, और उपहास में उड़ाया जाएगा।
Berauschet es; denn über Jehovah machte es sich groß, und es patsche Moab in sein Gespei, und werde selbst auch zum Gelächter!
27 २७ क्या तूने भी इस्राएल को उपहास में नहीं उड़ाया? क्या वह चोरों के बीच पकड़ा गया था कि जब तू उसकी चर्चा करता तब तू सिर हिलाता था?
Und war dir Israel nicht zum Gelächter oder war es unter den Dieben gefunden, daß du, sooft du von ihm redetest, dich geschüttelt hast?
28 २८ “हे मोआब के रहनेवालों अपने-अपने नगर को छोड़कर चट्टान की दरार में बसो! उस पंडुकी के समान हो जो गुफा के मुँह की एक ओर घोंसला बनाती हो।
Verlasset die Städte und wohnet auf der Felsenklippe, die ihr in Moab wohnet, und seiet wie die Taube, die an den Seiten der Mündung der Höhle nistet.
29 २९ हमने मोआब के गर्व के विषय में सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी है; उसका गर्व, अभिमान और अहंकार, और उसका मन फूलना प्रसिद्ध है।
Wir haben von dem Stolze Moabs gehört, es ist sehr hochmütig von seiner Hoffart und seinem Stolz und seinem Übermut, und der Überhebung seines Herzens.
30 ३० यहोवा की यह वाणी है, मैं उसके रोष को भी जानता हूँ कि वह व्यर्थ ही है, उसके बड़े बोल से कुछ बन न पड़ा।
Ich kenne, spricht Jehovah, sein Wüten, daß es nicht recht ist, seine Unwahrheiten, daß sie, was nicht recht ist, getan.
31 ३१ इस कारण मैं मोआबियों के लिये हाय-हाय करूँगा; हाँ मैं सारे मोआबियों के लिये चिल्लाऊँगा; कीरहेरेस के लोगों के लिये विलाप किया जाएगा।
Darum heule Ich über Moab und schreie über ganz Moab, über die Männer von Kir-Cheres muß man stöhnen.
32 ३२ हे सिबमा की दाखलता, मैं तुम्हारे लिये याजेर से भी अधिक विलाप करूँगा! तेरी डालियाँ तो ताल के पार बढ़ गई, वरन् याजेर के ताल तक भी पहुँची थीं; पर नाश करनेवाला तेरे धूपकाल के फलों पर, और तोड़ी हुई दाखों पर भी टूट पड़ा है।
Mehr als man weinte über Jaeser, weine Ich über dich, du Weinstock Sibmahs. Deine Ranken gingen über das Meer, bis zum Meer Jaesers reichten sie. In deine Obsternte und deine Weinlese fällt der Verheerer ein.
33 ३३ फलवाली बारियों से और मोआब के देश से आनन्द और मगन होना उठ गया है; मैंने ऐसा किया कि दाखरस के कुण्डों में कुछ दाखमधु न रहा; लोग फिर ललकारते हुए दाख न रौंदेंगे; जो ललकार होनेवाली है, वह अब नहीं होगी।
Fröhlichkeit und Frohlocken ist weggenommen von dem Fruchtgefilde und von dem Lande Moabs, und den Wein laß von den Kufen Ich zu Ende kommen. Man keltert nimmer bei dem Kelterlied. Das Hedad ist kein Hedad.
34 ३४ “हेशबोन की चिल्लाहट सुनकर लोग एलाले और यहस तक, और सोअर से होरोनैम और एग्लत-शलीशिया तक भी चिल्लाते हुए भागे चले गए हैं। क्योंकि निम्रीम का जल भी सूख गया है।
Vom Geschrei Cheschbons an bis Elealeh, bis Jahaz erheben sie ihre Stimme; von Zoar bis Choronajim, eine dreijährige Färse; denn auch die Wasser Nimrims werden verwüstet werden.
35 ३५ और यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ऊँचे स्थान पर चढ़ावा चढ़ाना, और देवताओं के लिये धूप जलाना, दोनों को मोआब में बन्द कर दूँगा।
Und Ich lasse zu Ende kommen für Moab, spricht Jehovah, das Opfern auf den Opferhöhen und das Räuchern für seine Götter.
36 ३६ इस कारण मेरा मन मोआब और कीरहेरेस के लोगों के लिये बाँसुरी सा रो रोकर अलापता है, क्योंकि जो कुछ उन्होंने कमाकर बचाया है, वह नाश हो गया है।
Darum dröhnt mein Herz um Moab wie Flöten, um die Männer von Kir-Cheres dröhnt mein Herz wie Flöten, weil das übrige, das es gemacht, verloren ist.
37 ३७ क्योंकि सब के सिर मुँण्ड़े गए और सब की दाढ़ियाँ नोची गई; सब के हाथ चीरे हुए, और सब की कमर में टाट बन्धा हुआ है।
Denn auf jedem Haupt ist Kahlheit und jeder Bart ist abgeschoren, auf allen Händen Ritze und auf den Lenden Säcke,
38 ३८ मोआब के सब घरों की छतों पर और सब चौकों में रोना पीटना हो रहा है; क्योंकि मैंने मोआब को तुच्छ बर्तन के समान तोड़ डाला है यहोवा की यह वाणी है।
Auf allen Dächern Moabs und in seinen Straßen ist alles Klagen; denn zerbrochen habe Ich Moab, wie ein Gefäß, an dem man keine Lust hat, spricht Jehovah.
39 ३९ मोआब कैसे विस्मित हो गया! हाय, हाय, करो! क्योंकि उसने कैसे लज्जित होकर पीठ फेरी है! इस प्रकार मोआब के चारों ओर के सब रहनेवाले उसका ठट्ठा करेंगे और विस्मित हो जाएँगे।”
Wie ist es entsetzt! Heulet! Wie hat Moab den Nacken gewendet! Schäme dich! Und Moab ist zum Gelächter und zum Entsetzen allen ringsumher geworden.
40 ४० क्योंकि यहोवा यह कहता है, “देखो, वह उकाब सा उड़ेगा और मोआब के ऊपर अपने पंख फैलाएगा।
Denn so spricht Jehovah: Siehe, wie der Adler schwebt er daher und breitet seine Flügel über Moab aus.
41 ४१ करिय्योत ले लिया गया, और गढ़वाले नगर दूसरों के वश में पड़ गए। उस दिन मोआबी वीरों के मन जच्चा स्त्री के से हो जाएँगे;
Kerioth wird erobert und die Festen, sie wird eingenommen. Und an selbigem Tage wird das Herz der Helden Moabs wie das Herz des Weibes, das am Kreißen ist.
42 ४२ और मोआब ऐसा तितर-बितर हो जाएगा कि उसका दल टूट जाएगा, क्योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध बड़ाई मारी है।
Und Moab wird vernichtet, daß es kein Volk ist; denn wider Jehovah hat es sich groß gemacht.
43 ४३ यहोवा की यह वाणी है कि हे मोआब के रहनेवाले, तेरे लिये भय और गड्ढा और फंदे ठहराए गए हैं।
Schauer und Fallgrube und Schlinge über dich, der du in Moab wohnst, spricht Jehovah.
44 ४४ जो कोई भय से भागे वह गड्ढे में गिरेगा, और जो कोई गड्ढे में से निकले, वह फंदे में फँसेगा। क्योंकि मैं मोआब के दण्ड का दिन उस पर ले आऊँगा, यहोवा की यही वाणी है।
Wer vor dem Schauer flieht, fällt in die Fallgrube, und wer heraufkommt aus der Fallgrube, wird in der Schlinge gefangen; denn Ich lasse über dasselbe, über Moab, das Jahr ihrer Heimsuchung kommen, spricht Jehovah.
45 ४५ “जो भागे हुए हैं वह हेशबोन में शरण लेकर खड़े हो गए हैं; परन्तु हेशबोन से आग और सीहोन के बीच से लौ निकली, जिससे मोआब देश के कोने और बलवैयों के चोण्डे भस्म हो गए हैं।
Im Schatten Cheschbons stehen die, so aus Kräften flohen; jedoch ein Feuer geht von Cheschbon aus und eine Flamme zwischen Sichon hervor und frißt die Ecke Moabs und den Scheitel der Söhne des Tosens.
46 ४६ हे मोआब तुझ पर हाय! कमोश की प्रजा नाश हो गई; क्योंकि तेरे स्त्री-पुरुष दोनों बँधुआई में गए हैं।
Wehe dir, Moab, verloren ist das Volk des Chemosch, denn man hat deine Söhne in Gefangenschaft genommen und deine Töchter in Gefangenschaft.
47 ४७ तो भी यहोवा की यह वाणी है कि अन्त के दिनों में मैं मोआब को बँधुआई से लौटा ले आऊँगा।” मोआब के दण्ड का वचन यहीं तक हुआ।
Doch will Ich die Gefangenschaft Moabs in den letzten der Tage zurückwenden, spricht Jehovah. Bis hierher das Gericht Moabs.