< यिर्मयाह 46 >
1 १ जाति-जाति के विषय यहोवा का जो वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के पास पहुँचा, वह यह है।
১জাতিদের বিষয়ে ভাববাদী যিরমিয়ের কাছে সদাপ্রভুর এই বাক্য এল।
2 २ मिस्र के विषय। मिस्र के राजा फ़िरौन नको की सेना जो फरात महानद के तट पर कर्कमीश में थी, और जिसे बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के चौथे वर्ष में जीत लिया था, उस सेना के विषय
২মিশরের বিষয়ে: যোশিয়ের ছেলে যিহূদার রাজা যিহোয়াকীমের চতুর্থ বছরে বাবিলের রাজা নবূখদনিৎসর মিশরের রাজা ফরৌণ-নখোর যে সৈন্যদলকে পরাজিত করলেন, ইউফ্রেটিস নদীর তীরের কাছে কর্কমীশে উপস্থিত সেই সৈন্যদলের কথা:
3 ३ “ढालें और फरियाँ तैयार करके लड़ने को निकट चले आओ।
৩“তোমাদের ছোট ও বড় ঢাল প্রস্তুত কর এবং যুদ্ধ করবার জন্য যাও।
4 ४ घोड़ों को जुतवाओ; और हे सवारों, घोड़ों पर चढ़कर टोप पहने हुए खड़े हो जाओ; भालों को पैना करो, झिलमों को पहन लो!
৪ঘোড়াগুলিকে সাজাও, ঘোড়াচালকরা তার উপর চড়। মাথা রক্ষার বর্ম পরে তোমার জায়গায় গিয়ে দাঁড়াও। বর্শাগুলি মসৃণ কর এবং যুদ্ধসজ্জা পর।
5 ५ मैं क्यों उनको व्याकुल देखता हूँ? वे विस्मित होकर पीछे हट गए! उनके शूरवीर गिराए गए और उतावली करके भाग गए; वे पीछे देखते भी नहीं; क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि चारों ओर भय ही भय है!
৫আমি এখানে কি দেখাচ্ছি? তারা আতঙ্কে পূর্ণ হয়েছে এবং পালিয়ে যাচ্ছে, কারণ তাদের সৈন্যরা পরাজিত হয়েছে। তারা নিরাপত্তার জন্য দৌড়াচ্ছে, পিছনে ফিরে তাকাচ্ছে না। চারদিকে আতঙ্ক ঘিরে আছে” এটা সদাপ্রভুর ঘোষণা।
6 ६ न वेग चलनेवाला भागने पाएगा और न वीर बचने पाएगा; क्योंकि उत्तर दिशा में फरात महानद के तट पर वे सब ठोकर खाकर गिर पड़े।
৬দ্রুতগামী লোকেরা পালাতে পারছে না; সৈন্যরাও রেহাই পাচ্ছে না। উত্তর দিকে ইউফ্রেটিস নদীর কাছে তারা হোঁচট খেয়ে পড়েছে।
7 ७ “यह कौन है, जो नील नदी के समान, जिसका जल महानदों का सा उछलता है, बढ़ा चला आता है?
৭ও কে যে, নীল নদীর মত উঠে আসছে, নদীর মত জল তোলপাড় করছে?
8 ८ मिस्र नील नदी के समान बढ़ता है, उसका जल महानदों का सा उछलता है। वह कहता है, मैं चढ़कर पृथ्वी को भर दूँगा, मैं नगरों को उनके निवासियों समेत नाश कर दूँगा।
৮মিশর নীল নদীর মত হয়ে উঠে আসছে, নদীর মত জল তোলপাড় করছে। সে বলে, আমি উপরে উঠব; আমি পৃথিবী ঢেকে ফেলব; আমি শহরগুলি ও তাদের বাসিন্দাদের ধ্বংস করব।
9 ९ हे मिस्री सवारों आगे बढ़ो, हे रथियों, बहुत ही वेग से चलाओ! हे ढाल पकड़नेवाले कूशी और पूती वीरों, हे धनुर्धारी लूदियों चले आओ।
৯হে সমস্ত ঘোড়া, উঠে যাও; তোমরা আক্রমণ কর। হে রথেরা, পাগলের মত হও। হে বীরেরা, ঢাল বহনকারী কূশ ও পূটের দক্ষ লোকেরা, ধনুকধারী লূদীয়েরা, তোমরা এগিয়ে যাও।
10 १० क्योंकि वह दिन सेनाओं के यहोवा प्रभु के बदला लेने का दिन होगा जिसमें वह अपने द्रोहियों से बदला लेगा। तलवार खाकर तृप्त होगी, और उनका लहू पीकर छक जाएगी। क्योंकि, उत्तर के देश में फरात महानद के तीर पर, सेनाओं के यहोवा प्रभु का यज्ञ है।
১০সেই দিন টি বাহিনীগণের প্রভু সদাপ্রভুর প্রতিশোধের দিন। তিনি তাঁর শত্রুদের উপর প্রতিশোধ নেবেন। তরোয়াল গ্রাস করবে এবং তৃপ্ত হবে। তাদের রক্ত পান করে পরিতৃপ্ত হবে, কারণ উত্তর দিকের দেশে, ইউফ্রেটিস নদীর কাছে বাহিনীগণের প্রভু সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে বলিদান হবে।
11 ११ हे मिस्र की कुमारी कन्या, गिलाद को जाकर बलसान औषधि ले; तू व्यर्थ ही बहुत इलाज करती है, तू चंगी नहीं होगी!
১১“হে মিশরের কুমারী কন্যা, তুমি গিলিয়দে উঠে যাও, ওষুধ সংগ্রহ কর। বৃথাই তুমি বেশি ওষুধ নিচ্ছ; তুমি সুস্থ হবে না।
12 १२ क्योंकि सब जाति के लोगों ने सुना है कि तू नीच हो गई और पृथ्वी तेरी चिल्लाहट से भर गई है; वीर से वीर ठोकर खाकर गिर पड़े; वे दोनों एक संग गिर गए हैं।”
১২জাতিরা তোমার অপমানের কথা শুনেছে; তোমার বিলাপে পৃথিবী পূর্ণ হবে। এক সৈন্য আর এক সৈন্যের উপর হোঁচট খেয়েছে, দুজনেই একসঙ্গে পতিত হল।”
13 १३ यहोवा ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता से यह वचन भी कहा कि बाबेल का राजा नबूकदनेस्सर क्यों आकर मिस्र देश को मार लेगा:
১৩বাবিলের রাজা নবূখদনিৎসর কখন মিশর দেশে এসে আক্রমণ করবেন সেই কথা সদাপ্রভু ভাববাদী যিরমিয়কে বললেন।
14 १४ “मिस्र में वर्णन करो, और मिग्दोल में सुनाओ; हाँ, और नोप और तहपन्हेस में सुनाकर यह कहो कि खड़े होकर तैयार हो जाओ; क्योंकि तुम्हारे चारों ओर सब कुछ तलवार खा गई है।
১৪তোমরা মিশরে প্রচার কর, মিগ্দোল ও নোফে এটি শোনা যাক। তফনহেষে ঘোষণা করে বল, তোমরা জায়গা নিয়ে দাঁড়াও ও প্রস্তুত হও, কারণ তরোয়াল তোমাদের চারপাশে গ্রাস করছে।
15 १५ तेरे बलवन्त जन क्यों नाश हो गए हैं? वे इस कारण खड़े न रह सके क्योंकि यहोवा ने उन्हें ढकेल दिया।
১৫তোমাদের দেবতা আপনি কেন পালিয়ে গেল? কেন তোমাদের দেবতা দাঁড়াতে পারছে না? সদাপ্রভু তাদের নীচে ছুঁড়ে ফেলেছেন।
16 १६ उसने बहुतों को ठोकर खिलाई, वे एक दूसरे पर गिर पड़े; और वे कहने लगे, ‘उठो, चलो, हम अंधेर करनेवाले की तलवार के डर के मारे अपने-अपने लोगों और अपनी-अपनी जन्म-भूमि में फिर लौट जाएँ।’
১৬তিনি হোঁচট খাওয়া লোকের সংখ্যা বৃদ্ধি করেন, প্রত্যেক সৈন্য একে অন্যের বিরুদ্ধে পতিত হয়। তারা বলছে, ওঠো, চল আমরা বাড়ি যাই। চল আমরা নিজেদের লোকদের কাছে ও নিজেদের দেশে ফিরে যাই। চল আমরা সেই তরোয়ালকে ত্যাগ করি যা আমাদের আঘাত করে।
17 १७ वहाँ वे पुकारके कहते हैं, ‘मिस्र का राजा फ़िरौन सत्यानाश हुआ; क्योंकि उसने अपना बहुमूल्य अवसर खो दिया।’
১৭তারা সেখানে ঘোষণা করল, মিশরের রাজা ফরৌণ শুধুমাত্র একটি শব্দ; যে তার সুযোগ হারিয়েছে।
18 १८ “वह राजाधिराज जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है, उसकी यह वाणी है कि मेरे जीवन की सौगन्ध, जैसा ताबोर अन्य पहाड़ों में, और जैसा कर्मेल समुद्र के किनारे है, वैसा ही वह आएगा।
১৮সেই রাজা, যাঁর নাম বাহিনীগণের সদাপ্রভু, তাঁর ঘোষণা “আমার জীবনের দিব্যি, পর্বতের মধ্যে তাবোরের মত এবং সমুদ্রের কাছের কর্মিলের মত একজন আসবেন।
19 १९ हे मिस्र की रहनेवाली पुत्री! बँधुआई में जाने का सामान तैयार कर, क्योंकि नोप नगर उजाड़ और ऐसा भस्म हो जाएगा कि उसमें कोई भी न रहेगा।
১৯হে মিশরের মেয়েরা, নির্বাসনের জন্য তোমাদের জিনিসপত্র গুছিয়ে নাও। কারণ নোফ ভয়ঙ্কর, ধ্বংসস্থান হয়ে যাবে; সেখানে কেউ বাস করবে না।
20 २० “मिस्र बहुत ही सुन्दर बछिया तो है, परन्तु उत्तर दिशा से नाश चला आता है, वह आ ही गया है।
২০মিশর খুব সুন্দর একটি যুবতী গরু, কিন্তু উত্তর দিক থেকে তার বিরুদ্ধে একটি দংশক পোকা আসছে। সেটা আসছে।
21 २१ उसके जो सिपाही किराये पर आए हैं वह पाले-पोसे हुए बछड़ों के समान हैं; उन्होंने मुँह मोड़ा, और एक संग भाग गए, वे खड़े नहीं रहे; क्योंकि उनकी विपत्ति का दिन और दण्ड पाने का समय आ गया।
২১মিশরের মধ্যবর্তী তার সৈন্যেরা পুষ্ট বাছুরের মত। কিন্তু তারা ফিরে যাবে ও পালিয়ে যাবে। তারা একসঙ্গে দাঁড়াবে না, কারণ তাদের বিপদের দিন, তাদের শাস্তি পাবার দিন আসছে।
22 २२ उसकी आहट सर्प के भागने की सी होगी; क्योंकि वे वृक्षों के काटनेवालों की सेना और कुल्हाड़ियाँ लिए हुए उसके विरुद्ध चढ़ आएँगे।
২২মিশর সাপের মত শিশ ধ্বনি করবে ও বুকে হাঁটবে, কারণ তার শত্রুরা তার বিরুদ্ধে এগিয়ে আসছে। তারা কাঠুরিয়াদের মত কুড়ুল নিয়ে তার বিরুদ্ধে আসবে।
23 २३ यहोवा की यह वाणी है, कि चाहे उसका वन बहुत ही घना हो, परन्तु वे उसको काट डालेंगे, क्योंकि वे टिड्डियों से भी अधिक अनगिनत हैं।
২৩তারা অরণ্য কেটে ফেলবে” এটা সদাপ্রভুর ঘোষণা, “যদিও তা অনেক গভীর। কারণ পঙ্গপালের থেকে শত্রুদের সংখ্যা বেশি হবে।
24 २४ मिस्री कन्या लज्जित होगी, वह उत्तर दिशा के लोगों के वश में कर दी जाएगी।”
২৪মিশরের মেয়ে লজ্জিত হবে। সে উত্তর দিকের লোকেদের হাতে সমর্পিত হবে।”
25 २५ इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा कहता है: “देखो, मैं नो नगरवासी आमोन और फ़िरौन राजा और मिस्र को उसके सब देवताओं और राजाओं समेत और फ़िरौन को उन समेत जो उस पर भरोसा रखते हैं दण्ड देने पर हूँ।
২৫বাহিনীগণের সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর বলেন, “দেখ, আমি নো শহরের দেবতা আমোনকে, ফরৌণ ও মিশরকে, তার দেবতাদের ও রাজাদের, ফরৌণের উপর নির্ভরশীল সবাইকে শাস্তি দেব।
26 २६ मैं उनको बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर और उसके कर्मचारियों के वश में कर दूँगा जो उनके प्राण के खोजी हैं। उसके बाद वह प्राचीनकाल के समान फिर बसाया जाएगा, यहोवा की यह वाणी है।
২৬যারা তাদের হত্যা করার চেষ্টা করে, তাদের হাতে বাবিলের রাজা নবূখদনিৎসর ও তার দাসেদের হাতে আমি তাদের সমর্পণ করব। কিন্তু পরে মিশরে আগের দিনের র মত লোকজন বাস করবে।” এটা সদাপ্রভুর ঘোষণা।
27 २७ “परन्तु हे मेरे दास याकूब, तू मत डर, और हे इस्राएल, विस्मित न हो; क्योंकि मैं तुझे और तेरे वंश को बँधुआई के दूर देश से छुड़ा ले आऊँगा। याकूब लौटकर चैन और सुख से रहेगा, और कोई उसे डराने न पाएगा।
২৭“কিন্তু তুমি, আমার দাস যাকোব, ভয় কোরো না; আতঙ্কিত হোয়ো না, ইস্রায়েল, কারণ আমি তোমাকে দূর দেশ থেকে ও বন্দী থাকা দেশ থেকে ফিরিয়ে আনব। তখন যাকোব ফিরে আসবে, শান্তিতে খুঁজে পাবে ও নিরাপদে থাকবে এবং কেউ তাকে ভয় দেখাবে না।
28 २८ हे मेरे दास याकूब, यहोवा की यह वाणी है, कि तू मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। और यद्यपि मैं उन सब जातियों का अन्त कर डालूँगा जिनमें मैंने तुझे जबरन निकाल दिया है, तो भी तेरा अन्त न करूँगा। मैं तेरी ताड़ना विचार करके करूँगा, परन्तु तुझे किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराऊँगा।”
২৮তুমি, আমার দাস যাকোব, ভয় কোরো না” এটা সদাপ্রভুর ঘোষণা। “কারণ আমি তোমার সঙ্গে আছি। তাই যে সব জাতির মধ্যে আমি তোমাকে ছড়িয়ে দিয়েছিলাম, আমি তাদের সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করব। কিন্তু আমি তোমাকে সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করব না। যদিও আমি তোমাকে যথাযথভাবে শাসন করব, একেবারে শাস্তি না দিয়েও ছাড়ব না।”