< यिर्मयाह 45 >
1 १ योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के चौथे वर्ष में, जब नेरिय्याह का पुत्र बारूक यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता से भविष्यद्वाणी के ये वचन सुनकर पुस्तक में लिख चुका था,
A palavra que fallou Jeremias, o propheta, a Baruch, filho de Nerias, escrevendo elle aquellas palavras n'um livro da bocca de Jeremias, no anno quarto de Joaquim, filho de Josias, rei de Judah, dizendo:
2 २ तब उसने उससे यह वचन कहा: “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा, तुझ से यह कहता है,
Assim diz o Senhor, Deus d'Israel, ácerca de ti, ó Baruch:
3 ३ हे बारूक, तूने कहा, ‘हाय मुझ पर! क्योंकि यहोवा ने मुझे दुःख पर दुःख दिया है; मैं कराहते-कराहते थक गया और मुझे कुछ चैन नहीं मिलता।’
Disseste: Ai de mim agora! porque me accrescentou o Senhor tristeza sobre minha dôr: já estou cançado do meu gemido, e não acho descanço.
4 ४ तू इस प्रकार कह, यहोवा यह कहता है: देख, इस सारे देश को जिसे मैंने बनाया था, उसे मैं आप ढा दूँगा, और जिनको मैंने रोपा था, उन्हें स्वयं उखाड़ फेंकूँगा।
Pelo que assim lhe dirás: Assim diz o Senhor: Eis que o que edifiquei eu derribo, e o que plantei eu arranco, e isso em toda esta terra.
5 ५ इसलिए सुन, क्या तू अपने लिये बड़ाई खोज रहा है? उसे मत खोज; क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि मैं सारे मनुष्यों पर विपत्ति डालूँगा; परन्तु जहाँ कहीं तू जाएगा वहाँ मैं तेरा प्राण बचाकर तुझे जीवित रखूँगा।”
E tu te buscarias grandezas? não as busques; porque eis que trago mal sobre toda a carne, diz o Senhor; porém te darei a ti a tua alma por despojo, em todos os logares para onde fores.