< यिर्मयाह 44 >
1 १ जितने यहूदी लोग मिस्र देश में मिग्दोल, तहपन्हेस और नोप नगरों और पत्रोस देश में रहते थे, उनके विषय यिर्मयाह के पास यह वचन पहुँचा
Слово, которое было к Иеремии о всех Иудеях, живущих в земле Египетской, поселившихся в Магдоле и Тафнисе, и в Нофе, и в земле Пафрос:
2 २ “इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यह कहता है: जो विपत्ति मैं यरूशलेम और यहूदा के सब नगरों पर डाल चुका हूँ, वह सब तुम लोगों ने देखी है। देखो, वे आज के दिन कैसे उजड़े हुए और निर्जन हैं,
так говорит Господь Саваоф, Бог Израилев: вы видели все бедствие, какое Я навел на Иерусалим и на все города Иудейские; вот, они теперь пусты, и никто не живет в них,
3 ३ क्योंकि उनके निवासियों ने वह बुराई की जिससे उन्होंने मुझे रिस दिलाई थी वे जाकर दूसरे देवताओं के लिये धूप जलाते थे और उनकी उपासना करते थे, जिन्हें न तो तुम और न तुम्हारे पुरखा जानते थे।
за нечестие их, которое они делали, прогневляя Меня, ходя кадить и служить иным богам, которых не знали ни они, ни вы, ни отцы ваши.
4 ४ तो भी मैं अपने सब दास भविष्यद्वक्ताओं को बड़े यत्न से यह कहने के लिये तुम्हारे पास भेजता रहा कि यह घृणित काम मत करो, जिससे मैं घृणा रखता हूँ।
Я посылал к вам всех рабов Моих, пророков, посылал с раннего утра, чтобы сказать: “не делайте этого мерзкого дела, которое Я ненавижу”.
5 ५ पर उन्होंने मेरी न सुनी और न मेरी ओर कान लगाया कि अपनी बुराई से फिरें और दूसरे देवताओं के लिये धूप न जलाएँ।
Но они не слушали и не приклонили уха своего, чтобы обратиться от своего нечестия, не кадить иным богам.
6 ६ इस कारण मेरी जलजलाहट और कोप की आग यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों पर भड़क गई; और वे आज के दिन तक उजाड़ और सुनसान पड़े हैं।
И излилась ярость Моя и гнев Мой и разгорелась в городах Иудеи и на улицах Иерусалима; и они сделались развалинами и пустынею, как видите ныне.
7 ७ अब यहोवा, सेनाओं का परमेश्वर, जो इस्राएल का परमेश्वर है, यह कहता है: तुम लोग क्यों अपनी यह बड़ी हानि करते हो, कि क्या पुरुष, क्या स्त्री, क्या बालक, क्या दूध पीता बच्चा, तुम सब यहूदा के बीच से नाश किए जाओ, और कोई न रहे?
И ныне так говорит Господь Бог Саваоф, Бог Израилев: зачем вы делаете это великое зло душам вашим, истребляя у себя мужей и жен, взрослых детей и младенцев из среды Иудеи, чтобы не оставить у себя остатка,
8 ८ क्योंकि इस मिस्र देश में जहाँ तुम परदेशी होकर रहने के लिये आए हो, तुम अपने कामों के द्वारा, अर्थात् दूसरे देवताओं के लिये धूप जलाकर मुझे रिस दिलाते हो जिससे तुम नाश हो जाओगे और पृथ्वी भर की सब जातियों के लोग तुम्हारी जाति की नामधराई करेंगे और तुम्हारी उपमा देकर श्राप दिया करेंगे।
прогневляя Меня изделием рук своих, каждением иным богам в земле Египетской, куда вы пришли жить, чтобы погубить себя и сделаться проклятием и поношением у всех народов земли?
9 ९ जो-जो बुराइयाँ तुम्हारे पुरखा, यहूदा के राजा और उनकी स्त्रियाँ, और तुम्हारी स्त्रियाँ, वरन् तुम आप यहूदा देश और यरूशलेम की सड़कों में करते थे, क्या उसे तुम भूल गए हो?
Разве вы забыли нечестие отцов ваших и нечестие царей Иудейских, ваше собственное нечестие и нечестие жен ваших, какое они делали в земле Иудейской и на улицах Иерусалима?
10 १० आज के दिन तक उनका मन चूर नहीं हुआ और न वे डरते हैं; और न मेरी उस व्यवस्था और उन विधियों पर चलते हैं जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को और तुम को भी सुनवाई हैं।
Не смирились они и до сего дня, и не боятся и не поступают по закону Моему и по уставам Моим, которые Я дал вам и отцам вашим.
11 ११ “इस कारण इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा, यह कहता है: देखो, मैं तुम्हारे विरुद्ध होकर तुम्हारी हानि करूँगा, ताकि सब यहूदियों का अन्त कर दूँ।
Посему так говорит Господь Саваоф, Бог Израилев: вот, Я обращу против вас лице Мое на погибель и на истребление всей Иудеи
12 १२ बचे हुए यहूदी जो हठ करके मिस्र देश में आकर रहने लगे हैं, वे सब मिट जाएँगे; इस मिस्र देश में छोटे से लेकर बड़े तक वे तलवार और अकाल के द्वारा मर के मिट जाएँगे; और लोग उन्हें कोसेंगे और चकित होंगे; और उनकी उपमा देकर श्राप दिया करेंगे और निन्दा भी करेंगे।
и возьму оставшихся Иудеев, которые обратили лице свое, чтобы идти в землю Египетскую и жить там, и все они будут истреблены, падут в земле Египетской; мечом и голодом будут истреблены; от малого и до большого умрут от меча и голода, и будут проклятием и ужасом, поруганием и поношением.
13 १३ जैसा मैंने यरूशलेम को तलवार, अकाल और मरी के द्वारा दण्ड दिया है, वैसा ही मिस्र देश में रहनेवालों को भी दण्ड दूँगा,
Посещу живущих в земле Египетской, как Я посетил Иерусалим, мечом, голодом и моровою язвою,
14 १४ कि जो बचे हुए यहूदी मिस्र देश में परदेशी होकर रहने के लिये आए हैं, यद्यपि वे यहूदा देश में रहने के लिये लौटने की बड़ी अभिलाषा रखते हैं, तो भी उनमें से एक भी बचकर वहाँ न लौटने पाएगा; केवल कुछ ही भागे हुओं को छोड़ कोई भी वहाँ न लौटने पाएगा।”
и никто не избежит и не уцелеет из остатка Иудеев, пришедших в землю Египетскую, чтобы пожить там и потом возвратиться в землю Иудейскую, куда они всею душею желают возвратиться, чтобы жить там; никто не возвратится, кроме тех, которые убегут оттуда.
15 १५ तब मिस्र देश के पत्रोस में रहनेवाले जितने पुरुष जानते थे कि उनकी स्त्रियाँ दूसरे देवताओं के लिये धूप जलाती हैं, और जितनी स्त्रियाँ बड़ी मण्डली में पास खड़ी थी, उन सभी ने यिर्मयाह को यह उत्तर दिया:
И отвечали Иеремии все мужья, знавшие, что жены их кадят иным богам, и все жены, стоявшие там в большом множестве, и весь народ, живший в земле Египетской, в Пафросе, и сказали:
16 १६ “जो वचन तूने हमको यहोवा के नाम से सुनाया है, उसको हम नहीं सुनेंगे।
слова, которое ты говорил нам именем Господа, мы не слушаем от тебя;
17 १७ जो-जो मन्नतें हम मान चुके हैं उन्हें हम निश्चय पूरी करेंगी, हम स्वर्ग की रानी के लिये धूप जलाएँगे और तपावन देंगे, जैसे कि हमारे पुरखा लोग और हम भी अपने राजाओं और अन्य हाकिमों समेत यहूदा के नगरों में और यरूशलेम की सड़कों में करते थे; क्योंकि उस समय हम पेट भरकर खाते और भले चंगे रहते और किसी विपत्ति में नहीं पड़ते थे।
но непременно будем делать все то, что вышло из уст наших, чтобы кадить богине неба и возливать ей возлияния, как мы делали, мы и отцы наши, цари наши и князья наши, в городах Иудеи и на улицах Иерусалима, потому что тогда мы были сыты и счастливы и беды не видели.
18 १८ परन्तु जब से हमने स्वर्ग की रानी के लिये धूप जलाना और तपावन देना छोड़ दिया, तब से हमको सब वस्तुओं की घटी है; और हम तलवार और अकाल के द्वारा मिट चले हैं।”
А с того времени, как перестали мы кадить богине неба и возливать ей возлияния, терпим во всем недостаток и гибнем от меча и голода.
19 १९ और स्त्रियों ने कहा, “जब हम स्वर्ग की रानी के लिये धूप जलाती और चन्द्राकार रोटियाँ बनाकर तपावन देती थीं, तब अपने-अपने पति के बिन जाने ऐसा नहीं करती थीं।”
И когда мы кадили богине неба и возливали ей возлияния, то разве без ведома мужей наших делали мы ей пирожки с изображением ее и возливали ей возлияния?
20 २० तब यिर्मयाह ने, क्या स्त्री, क्या पुरुष, जितने लोगों ने यह उत्तर दिया, उन सबसे कहा,
Тогда сказал Иеремия всему народу, мужьям и женам, и всему народу, который так отвечал ему:
21 २१ “तुम्हारे पुरखा और तुम जो अपने राजाओं और हाकिमों और लोगों समेत यहूदा देश के नगरों और यरूशलेम की सड़कों में धूप जलाते थे, क्या वह यहोवा के ध्यान में नहीं आया?
не это ли каждение, которое совершали вы в городах Иудейских и на улицах Иерусалима, вы и отцы ваши, цари ваши и князья ваши, и народ страны, воспомянул Господь? И не оно ли взошло Ему на сердце?
22 २२ क्या उसने उसको स्मरण न किया? इसलिए जब यहोवा तुम्हारे बुरे और सब घृणित कामों को और अधिक न सह सका, तब तुम्हारा देश उजड़कर निर्जन और सुनसान हो गया, यहाँ तक कि लोग उसकी उपमा देकर श्राप दिया करते हैं, जैसे कि आज होता है।
Господь не мог более терпеть злых дел ваших и мерзостей, какие вы делали; поэтому и сделалась земля ваша пустынею и ужасом, и проклятием, без жителей, как видите ныне.
23 २३ क्योंकि तुम धूप जलाकर यहोवा के विरुद्ध पाप करते और उसकी नहीं सुनते थे, और उसकी व्यवस्था और विधियों और चितौनियों के अनुसार नहीं चले, इस कारण यह विपत्ति तुम पर आ पड़ी है, जैसे कि आज है।”
Так как вы, совершая то курение, грешили пред Господом и не слушали гласа Господа, и не поступали по закону Его и по установлениям Его, и по повелениям Его, то и постигло вас это бедствие, как видите ныне.
24 २४ फिर यिर्मयाह ने उन सब लोगों से और उन सब स्त्रियों से कहा, “हे सारे मिस्र देश में रहनेवाले यहूदियों, यहोवा का वचन सुनो
И сказал Иеремия всему народу и всем женам: слушайте слово Господне, все Иудеи, которые в земле Египетской:
25 २५ इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा, यह कहता है, कि तुम ने और तुम्हारी स्त्रियों ने मन्नतें मानी और यह कहकर उन्हें पूरी करते हो कि हमने स्वर्ग की रानी के लिये धूप जलाने और तपावन देने की जो-जो मन्नतें मानी हैं उन्हें हम अवश्य ही पूरी करेंगे; और तुम ने अपने हाथों से ऐसा ही किया। इसलिए अब तुम अपनी-अपनी मन्नतों को मानकर पूरी करो!
так говорит Господь Саваоф, Бог Израилев: вы и жены ваши, что устами своими говорили, то и руками своими делали; вы говорите: “станем выполнять обеты наши, какие мы обещали, чтобы кадить богине неба и возливать ей возлияние”, - твердо держитесь обетов ваших и в точности исполняйте обеты ваши.
26 २६ परन्तु हे मिस्र देश में रहनेवाले सारे यहूदियों यहोवा का वचन सुनो: सुनो, मैंने अपने बड़े नाम की शपथ खाई है कि अब पूरे मिस्र देश में कोई यहूदी मनुष्य मेरा नाम लेकर फिर कभी यह न कहने पाएगा, ‘प्रभु यहोवा के जीवन की सौगन्ध।’
За то выслушайте слово Господне, все Иудеи, живущие в земле Египетской: вот, Я поклялся великим именем Моим, говорит Господь, что не будет уже на всей земле Египетской произносимо имя Мое устами какого-либо Иудея, говорящего: “жив Господь Бог!”
27 २७ सुनो, अब मैं उनकी भलाई नहीं, हानि ही की चिन्ता करूँगा; मिस्र देश में रहनेवाले सब यहूदी, तलवार और अकाल के द्वारा मिटकर नाश हो जाएँगे जब तक कि उनका सर्वनाश न हो जाए।
Вот, Я буду наблюдать над вами к погибели, а не к добру; и все Иудеи, которые в земле Египетской, будут погибать от меча и голода, доколе совсем не истребятся.
28 २८ जो तलवार से बचकर और मिस्र देश से लौटकर यहूदा देश में पहुँचेंगे, वे थोड़े ही होंगे; और मिस्र देश में रहने के लिये आए हुए सब यहूदियों में से जो बच पाएँगे, वे जान लेंगे कि किसका वचन पूरा हुआ, मेरा या उनका।
Только малое число избежавших от меча возвратится из земли Египетской в землю Иудейскую, и узнают все оставшиеся Иудеи, которые пришли в землю Египетскую, чтобы пожить там, чье слово сбудется: Мое или их.
29 २९ इस बात का मैं यह चिन्ह देता हूँ, यहोवा की यह वाणी है, कि मैं तुम्हें इसी स्थान में दण्ड दूँगा, जिससे तुम जान लोगे कि तुम्हारी हानि करने में मेरे वचन निश्चय पूरे होंगे।
И вот вам знамение, говорит Господь, что Я посещу вас на сем месте, чтобы вы знали, что сбудутся слова Мои о вас на погибель вам.
30 ३० यहोवा यह कहता है: देखो, जैसा मैंने यहूदा के राजा सिदकिय्याह को उसके शत्रु अर्थात् उसके प्राण के खोजी बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ में कर दिया, वैसे ही मैं मिस्र के राजा फ़िरौन होप्रा को भी उसके शत्रुओं के, अर्थात् उसके प्राण के खोजियों के हाथ में कर दूँगा।”
Так говорит Господь: вот, Я отдам фараона Вафрия, царя Египетского, в руки врагов его и в руки ищущих души его, как отдал Седекию, царя Иудейского, в руки Навуходоносора, царя Вавилонского, врага его и искавшего души его.