< यिर्मयाह 43 >

1 जब यिर्मयाह उनके परमेश्वर यहोवा के सब वचन कह चुका, जिनको कहने के लिये परमेश्वर ने यिर्मयाह को उन सब लोगों के पास भेजा था,
Da Jeremia alle Worte des HERRN, ihres Gottes, hatte ausgeredet zu allem Volk, wie ihm denn der HERR, ihr Gott, alle diese Worte an sie befohlen hatte,
2 तब होशायाह के पुत्र अजर्याह और कारेह के पुत्र योहानान और सब अभिमानी पुरुषों ने यिर्मयाह से कहा, “तू झूठ बोलता है। हमारे परमेश्वर यहोवा ने तुझे यह कहने के लिये नहीं भेजा कि ‘मिस्र में रहने के लिये मत जाओ;’
sprach Asarja, der Sohn Hosajas, und Johanan, der Sohn Kareahs, und alle frechen Männer zu Jeremia: Du lügest! Der HERR, unser Gott, hat dich nicht zu uns gesandt noch gesagt: Ihr sollt nicht nach Ägypten ziehen, daselbst zu wohnen,
3 परन्तु नेरिय्याह का पुत्र बारूक तुझको हमारे विरुद्ध उकसाता है कि हम कसदियों के हाथ में पड़ें और वे हमको मार डालें या बन्दी बनाकर बाबेल को ले जाएँ।”
sondern Baruch, der Sohn Nerias, beredet dich des uns zuwider, auf daß wir den Chaldäern übergeben werden, daß sie uns töten und gen Babel wegführen.
4 इसलिए कारेह का पुत्र योहानान और दलों के सब प्रधानों और सब लोगों ने यहोवा की यह आज्ञा न मानी कि वे यहूदा के देश में ही रहें।
Also gehorchte Johanan, der Sohn Kareahs, und alle Hauptleute des Heers samt dem ganzen Volk der Stimme des HERRN nicht, daß sie im Lande Juda wären geblieben,
5 पर कारेह का पुत्र योहानान और दलों के और सब प्रधान उन सब यहूदियों को जो अन्यजातियों के बीच तितर-बितर हो गए थे, और उनमें से लौटकर यहूदा देश में रहने लगे थे, वे उनको ले गए
sondern Johanan, der Sohn Kareahs, und alle Hauptleute des Heers nahmen zu sich alle Übrigen aus Juda, so von allen Völkern, dahin sie geflohen, wiederkommen waren, daß sie im Lande Juda wohneten,
6 पुरुष, स्त्री, बाल-बच्चे, राजकुमारियाँ, और जितने प्राणियों को अंगरक्षकों के प्रधान नबूजरदान ने गदल्याह को जो अहीकाम का पुत्र और शापान का पोता था, सौंप दिया था, उनको और यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता और नेरिय्याह के पुत्र बारूक को वे ले गए;
nämlich Mann, Weiber und Kinder, dazu des Königs Töchter und alle Seelen, die Nebusar-Adan, der Hauptmann, bei Gedalja, dem Sohn Ahikams, des Sohns Saphans, hatte gelassen, auch den Propheten Jeremia und Baruch, den Sohn Nerias,
7 और यहोवा की आज्ञा न मानकर वे मिस्र देश में तहपन्हेस नगर तक आ गए।
und zogen nach Ägyptenland, denn sie wollten der Stimme des HERRN nicht gehorchen, und kamen gen Thachpanhes.
8 तब यहोवा का यह वचन तहपन्हेस में यिर्मयाह के पास पहुँचा
Und des HERRN Wort geschah zu Jeremia zu Thachpanhes und sprach:
9 “अपने हाथ से बड़े पत्थर ले, और यहूदी पुरुषों के सामने उस ईंट के चबूतरे में जो तहपन्हेस में फ़िरौन के भवन के द्वार के पास है, चूना फेर के छिपा दे,
Nimm große Steine und verscharre sie im Ziegelofen, der vor der Tür am Hause Pharaos ist zu Thachpanhes, daß die Männer aus Juda zusehen
10 १० और उन पुरुषों से कह, ‘इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा, यह कहता है: देखो, मैं बाबेल के राजा अपने सेवक नबूकदनेस्सर को बुलवा भेजूँगा, और वह अपना सिंहासन इन पत्थरों के ऊपर जो मैंने छिपा रखे हैं, रखेगा; और अपना छत्र इनके ऊपर तनवाएगा।
und sprich zu ihnen: So spricht der HERR Zebaoth, der Gott Israels: Siehe, ich will hinsenden und meinen Knecht Nebukadnezar, den König zu Babel, holen lassen und will seinen Stuhl oben auf diese Steine setzen, die ich verscharret habe; und er soll sein Gezelt darüber schlagen.
11 ११ वह आकर मिस्र देश को मारेगा, तब जो मरनेवाले हों वे मृत्यु के वश में, जो बन्दी होनेवाले हों वे बँधुआई में, और जो तलवार के लिये है वे तलवार के वश में कर दिए जाएँगे।
Und er soll kommen und Ägyptenland schlagen und töten, wen es trifft, gefangen führen, wen es trifft, mit dem Schwert schlagen, wen es trifft.
12 १२ मैं मिस्र के देवालयों में आग लगाऊँगा; और वह उन्हें फुँकवा देगा और बँधुआई में ले जाएगा; और जैसा कोई चरवाहा अपना वस्त्र ओढ़ता है, वैसा ही वह मिस्र देश को समेट लेगा; और तब बेखटके चला जाएगा।
Und ich will die Häuser der Götter in Ägypten mit Feuer anstecken, daß er sie verbrenne und wegführe. Und er soll ihm Ägyptenland anziehen, wie ein Hirte sein Kleid anzeucht, und mit Frieden von dannen ziehen.
13 १३ वह मिस्र देश के सूर्यगृह के खम्भों को तोड़ डालेगा; और मिस्र के देवालयों को आग लगाकर फुँकवा देगा।’”
Er soll die Bildsäulen zu Beth-Semes in Ägyptenland zerbrechen und die Götzenkirchen in Ägypten mit Feuer verbrennen.

< यिर्मयाह 43 >