< यिर्मयाह 32 >

1 यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के दसवें वर्ष में जो नबूकदनेस्सर के राज्य का अठारहवाँ वर्ष था, यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा।
নেবুখাদনেজারের রাজত্বের আঠারোতম বছরে, যিহূদার রাজা সিদিকিয়ের রাজত্বের দশম বছরে, যিরমিয়ের কাছে সদাপ্রভুর এই বাক্য উপস্থিত হল।
2 उस समय बाबेल के राजा की सेना ने यरूशलेम को घेर लिया था और यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता यहूदा के राजा के पहरे के भवन के आँगन में कैदी था।
ব্যাবিলনের রাজার সৈন্যেরা তখন জেরুশালেম অবরোধ করেছিল। আর ভাববাদী যিরমিয় যিহূদার রাজপ্রাসাদে রক্ষীদের প্রাঙ্গণে বন্দি ছিলেন।
3 क्योंकि यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने यह कहकर उसे कैद किया था, “तू ऐसी भविष्यद्वाणी क्यों करता है, ‘यहोवा यह कहता है: देखो, मैं यह नगर बाबेल के राजा के वश में कर दूँगा, वह इसको ले लेगा;
যিহূদার রাজা সিদিকিয় সেই সময় যিরমিয়কে এই কথা বলে বন্দি করেছিলেন, “আপনি যেসব কথা বলে ভাববাণী করেন, সেইরকম কেন করেছেন? আপনি বলেন, ‘সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমি এই নগর ব্যাবিলনের রাজার হাতে সমর্পণ করতে চলেছি, আর সে এই নগর দখল করবে।
4 और यहूदा का राजा सिदकिय्याह कसदियों के हाथ से न बचेगा परन्तु वह बाबेल के राजा के वश में अवश्य ही पड़ेगा, और वह और बाबेल का राजा आपस में आमने-सामने बातें करेंगे; और अपनी-अपनी आँखों से एक दूसरे को देखेंगे।
যিহূদার রাজা সিদিকিয় ব্যাবিলনীয়দের হাত এড়াতে পারবে না, কিন্তু সে নিশ্চিতরূপে ব্যাবিলনের রাজার হাতে সমর্পিত হবে। সে ব্যাবিলনের রাজার মুখোমুখি হয়ে তাকে স্বচক্ষে দেখবে ও তার সঙ্গে কথা বলবে।
5 और वह सिदकिय्याह को बाबेल में ले जाएगा, और जब तक मैं उसकी सुधि न लूँ, तब तक वह वहीं रहेगा, यहोवा की यह वाणी है। चाहे तुम लोग कसदियों से लड़ो भी, तो भी तुम्हारे लड़ने से कुछ बन न पड़ेगा।’”
সে সিদিকিয়কে ব্যাবিলনে নিয়ে যাবে। আমি তার তত্ত্বাবধান না করা পর্যন্ত সে সেখানেই থাকবে, একথা সদাপ্রভু বলেন। তুমি যদি ব্যাবিলনীয়দের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করো, তাহলে তুমি সফল হবে না।’”
6 यिर्मयाह ने कहा, “यहोवा का वचन मेरे पास पहुँचा,
যিরমিয় বললেন, “সদাপ্রভুর বাক্য আমার কাছে উপস্থিত হয়েছে:
7 देख, शल्लूम का पुत्र हनमेल जो तेरा चचेरा भाई है, वह तेरे पास यह कहने को आने पर है, ‘मेरा खेत जो अनातोत में है उसे मोल ले, क्योंकि उसे मोल लेकर छुड़ाने का अधिकार तेरा ही है।’
তোমার কাকা শল্লুমের পুত্র হনমেল তোমার কাছে এসে বলবে, ‘অনাথোতে আমার যে ক্ষেতটি আছে, তা তুমি ক্রয় করো, কারণ নিকটতম আত্মীয়রূপে তা ক্রয় করা তোমার ন্যায়সংগত অধিকার ও কর্তব্য।’
8 अतः यहोवा के वचन के अनुसार मेरा चचेरा भाई हनमेल पहरे के आँगन में मेरे पास आकर कहने लगा, ‘मेरा जो खेत बिन्यामीन क्षेत्र के अनातोत में है उसे मोल ले, क्योंकि उसके स्वामी होने और उसके छुड़ा लेने का अधिकार तेरा ही है; इसलिए तू उसे मोल ले।’ तब मैंने जान लिया कि वह यहोवा का वचन था।
“তারপর, সদাপ্রভু যেমন বলেছিলেন, আমার কাকাতো ভাই হনমেল রক্ষীদের প্রাঙ্গণে আমার কাছে এসে বলল, ‘বিন্যামীনের এলাকায় স্থিত অনাথোতে আমার যে ক্ষেতটি আছে, তা তুমি ক্রয় করো। কারণ তা মুক্ত ও দখল করার জন্য তোমার ন্যায়সংগত অধিকার আছে, তাই তুমি নিজের জন্য তা ক্রয় করো।’ “আমি জানতাম যে, এ ছিল সদাপ্রভুর বাক্য;
9 “इसलिए मैंने उस अनातोत के खेत को अपने चचेरे भाई हनमेल से मोल ले लिया, और उसका दाम चाँदी के सत्रह शेकेल तौलकर दे दिए।
তাই আমার কাকাতো ভাই হনমেলের কাছ থেকে আমি অনাথোতে ওই ক্ষেত্রটি ক্রয় করলাম এবং তাকে সতেরো শেকল রুপো ওজন করে দিলাম।
10 १० और मैंने दस्तावेज में दस्तखत और मुहर हो जाने पर, गवाहों के सामने वह चाँदी काँटे में तौलकर उसे दे दी।
আমি সেই দলিল স্বাক্ষর করে সিলমোহর দিলাম, সাক্ষী রাখলাম এবং দাঁড়িপাল্লায় সেই রুপো ওজন করলাম।
11 ११ तब मैंने मोल लेने की दोनों दस्तावेजें जिनमें सब शर्तें लिखी हुई थीं, और जिनमें से एक पर मुहर थी और दूसरी खुली थी,
আমি সেই ক্রয়ের দলিলটি নিলাম, সিলমোহরাঙ্কিত প্রতিলিপি, যার মধ্যে নিয়ম ও শর্ত লেখা ছিল এবং সিলমোহরাঙ্কিত না করা একটি প্রতিলিপিও নিলাম,
12 १२ उन्हें लेकर अपने चचेरे भाई हनमेल के और उन गवाहों के सामने जिन्होंने दस्तावेज में दस्तखत किए थे, और उन सब यहूदियों के सामने भी जो पहरे के आँगन में बैठे हुए थे, नेरिय्याह के पुत्र बारूक को जो महसेयाह का पोता था, सौंप दिया।
আর আমি সেই দলিলটি আমার কাকাতো ভাই হনমেল ও যে সাক্ষীরা দলিলে স্বাক্ষর করেছিলেন, তাদের এবং যে সমস্ত ইহুদি রক্ষীদের প্রাঙ্গণে বসেছিল তাদের সাক্ষাতে মাসেয়ের পৌত্র নেরিয়ের পুত্র বারূককে দিলাম।
13 १३ तब मैंने उनके सामने बारूक को यह आज्ञा दी
“তাদের উপস্থিতিতে আমি বারূককে এই সমস্ত আদেশ দিলাম:
14 १४ ‘इस्राएल के परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है, इन मोल लेने की दस्तावेजों को जिन पर मुहर की हुई है और जो खुली हुई है, इन्हें लेकर मिट्टी के बर्तन में रख, ताकि ये बहुत दिन तक रहें।
‘বাহিনীগণের সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর এই কথা বলেন, তুমি সিলমোহরাঙ্কিত ও সিলমোহর না করা, ক্রয় করা উভয় দলিলই নাও। সেগুলি তুমি একটি মাটির পাত্রে রাখো, যেন দীর্ঘদিন তা অবিকৃত থাকে।
15 १५ क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है, इस देश में घर और खेत और दाख की बारियाँ फिर बेची और मोल ली जाएँगी।’
কারণ বাহিনীগণের সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর, এই কথা বলেন, ঘরবাড়ি, ক্ষেত্র ও দ্রাক্ষাকুঞ্জ, এই দেশে আবার কেনাবেচা করা হবে।’
16 १६ “जब मैंने मोल लेने की वह दस्तावेज नेरिय्याह के पुत्र बारूक के हाथ में दी, तब मैंने यहोवा से यह प्रार्थना की,
“নেরিয়ের পুত্র বারূককে জমি ক্রয়ের দলিলটি দেওয়ার পর, আমি সদাপ্রভুর কাছে প্রার্থনা করলাম:
17 १७ ‘हे प्रभु यहोवा, तूने बड़े सामर्थ्य और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है।
“অহো, সার্বভৌম সদাপ্রভু, তুমি তোমার মহাপরাক্রমে ও প্রসারিত বাহু দিয়ে আকাশমণ্ডল ও পৃথিবী সৃষ্টি করেছ। তোমার পক্ষে কোনো কিছুই করা কঠিন নয়।
18 १८ तू हजारों पर करुणा करता रहता परन्तु पूर्वजों के अधर्म का बदला उनके बाद उनके वंश के लोगों को भी देता है, हे महान और पराक्रमी परमेश्वर, जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है,
তুমি সহস্র-অযুত জনকে তোমার ভালোবাসা প্রদর্শন করে থাকো, কিন্তু বাবাদের পাপের প্রতিফল, তাদের পরে তাদের সন্তানদের কোলে দিয়ে থাকো। মহান ও পরাক্রমী ঈশ্বর, তোমার নাম বাহিনীগণের সদাপ্রভু,
19 १९ तू बड़ी युक्ति करनेवाला और सामर्थ्य के काम करनेवाला है; तेरी दृष्टि मनुष्यों के सारे चाल चलन पर लगी रहती है, और तू हर एक को उसके चाल चलन और कर्म का फल भुगताता है।
তোমার অভিপ্রায় সকল মহান এবং তোমার কাজগুলি শক্তিশালী। তোমার দৃষ্টি মানুষের সমস্ত জীবনাচরণের প্রতি থাকে; তুমি প্রত্যেকের আচরণ ও তার যেমন কর্ম, সেই অনুযায়ী তাকে প্রতিফল দিয়ে থাকো।
20 २० तूने मिस्र देश में चिन्ह और चमत्कार किए, और आज तक इस्राएलियों वरन् सब मनुष्यों के बीच वैसा करता आया है, और इस प्रकार तूने अपना ऐसा नाम किया है जो आज के दिन तक बना है।
তুমি মিশরে যেসব চিহ্নকাজ ও বিস্ময়কর সব কাজ করেছিলে, তা ইস্রায়েল ও সমস্ত মানবসমাজে আজও করে যাচ্ছ। তার দ্বারা তুমি তোমার সুনাম আজও অক্ষুণ্ণ রেখেছ।
21 २१ तू अपनी प्रजा इस्राएल को मिस्र देश में से चिन्हों और चमत्कारों और सामर्थी हाथ और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा, और बड़े भयानक कामों के साथ निकाल लाया।
তুমি তোমার প্রজা ইস্রায়েলকে বিভিন্ন চিহ্ন ও বিস্ময়কর সব কাজ, এক পরাক্রমী বাহু ও প্রসারিত বাহুর দ্বারা মহা আতঙ্কের সঙ্গে মিশর থেকে বের করে এনেছিলে।
22 २२ फिर तूने यह देश उन्हें दिया जिसके देने की शपथ तूने उनके पूर्वजों से खाई थी; जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, और वे आकर इसके अधिकारी हुए।
তুমি তাদের এই দেশ দান করেছিলে, যে দুধ ও মধু প্রবাহিত দেশ দেওয়ার প্রতিশ্রুতি তুমি তাদের পূর্বপুরুষদের দিয়েছিলে।
23 २३ तो भी उन्होंने तेरी नहीं मानी, और न तेरी व्यवस्था पर चले; वरन् जो कुछ तूने उनको करने की आज्ञा दी थी, उसमें से उन्होंने कुछ भी नहीं किया। इस कारण तूने उन पर यह सब विपत्ति डाली है।
তারা এখানে এসে এই দেশের অধিকার নিয়েছে, তবুও তারা তোমার কথা শোনেনি বা তোমার বিধান পালন করেনি। তুমি তাদের যা করার আদেশ দিয়েছিলে, তা তারা পালন করেনি। তাই তুমি সব ধরনের বিপর্যয় তাদের উপরে নিয়ে এসেছ।
24 २४ अब इन दमदमों को देख, वे लोग इस नगर को ले लेने के लिये आ गए हैं, और यह नगर तलवार, अकाल और मरी के कारण इन चढ़े हुए कसदियों के वश में किया गया है। जो तूने कहा था वह अब पूरा हुआ है, और तू इसे देखता भी है।
“দেখো, নগরের অধিকার নেওয়ার জন্য কী রকম ঢালু জঙ্গল তৈরি করা হয়েছে। তরোয়াল, দুর্ভিক্ষ ও মহামারির কারণে, যারা এই নগর আক্রমণ করেছে, সেই ব্যাবিলনীয়দের হাতে এই নগর তুলে দেওয়া হবে। তুমি যা বলেছিলে, তুমি দেখতে পাচ্ছ, এখন তাই ঘটছে।
25 २५ तो भी, हे प्रभु यहोवा, तूने मुझसे कहा है कि गवाह बुलाकर उस खेत को मोल ले, यद्यपि कि यह नगर कसदियों के वश में कर दिया गया है।’”
আর যদিও এই নগর ব্যাবিলনীয়দের হাতে তুলে দেওয়া হবে, তুমি, হে সার্বভৌম সদাপ্রভু, আমাকে বলেছ, ‘ওই ক্ষেত্রটি রুপোর টাকার বিনিময়ে কিনে নাও এবং আদানপ্রদানের সাক্ষী রেখো।’”
26 २६ तब यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा,
তারপর সদাপ্রভুর বাক্য যিরমিয়ের কাছে উপস্থিত হল:
27 २७ “मैं तो सब प्राणियों का परमेश्वर यहोवा हूँ; क्या मेरे लिये कोई भी काम कठिन है?
“আমি সদাপ্রভু, সর্বমানবের ঈশ্বর। আমার পক্ষে কোনো কিছু করা কি খুব কঠিন?
28 २८ इसलिए यहोवा यह कहता है, देख, मैं यह नगर कसदियों और बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के वश में कर देने पर हूँ, और वह इसको ले लेगा।
সেই কারণে, সদাপ্রভু এই কথা বলেন: আমি ব্যাবিলনীয়দের কাছে ও ব্যাবিলনের রাজা নেবুখাদনেজারের কাছে এই নগর সমর্পণ করতে চলেছি, তারা তা অধিকার করবে।
29 २९ जो कसदी इस नगर से युद्ध कर रहे हैं, वे आकर इसमें आग लगाकर फूँक देंगे, और जिन घरों की छतों पर उन्होंने बाल के लिये धूप जलाकर और दूसरे देवताओं को अर्घ चढ़ाकर मुझे रिस दिलाई है, वे घर जला दिए जाएँगे।
যে ব্যাবিলনীয়েরা এই নগর আক্রমণ করেছে, তারা ভিতরে প্রবেশ করে এই নগরে আগুন লাগিয়ে দেবে; তারা সেইসব গৃহের সঙ্গে তা অগ্নিদগ্ধ করবে, যেগুলির ছাদের উপরে লোকেরা বায়াল-দেবতার উদ্দেশে ধূপদাহ ও অন্যান্য দেবদেবীর উদ্দেশে পেয়-নৈবেদ্য উৎসর্গ করে আমার ক্রোধের সঞ্চার করেছে।
30 ३० क्योंकि इस्राएल और यहूदा, जो काम मुझे बुरा लगता है, वही लड़कपन से करते आए हैं; इस्राएली अपनी बनाई हुई वस्तुओं से मुझ को रिस ही रिस दिलाते आए हैं, यहोवा की यह वाणी है।
“ইস্রায়েল ও যিহূদার লোকেরা তাদের যৌবনকাল থেকে অন্য কিছু নয়, কিন্তু আমার দৃষ্টিতে কেবলই মন্দ কাজ করেছে; প্রকৃতপক্ষে, ইস্রায়েলের লোকেরা অন্য কিছু করেনি, কিন্তু তাদের হাত দিয়ে তৈরি জিনিসগুলি দিয়ে আমার ক্রোধ জাগিয়ে তুলেছে, একথা সদাপ্রভু বলেন।
31 ३१ यह नगर जब से बसा है तब से आज के दिन तक मेरे क्रोध और जलजलाहट के भड़कने का कारण हुआ है, इसलिए अब मैं इसको अपने सामने से इस कारण दूर करूँगा
যেদিন থেকে এই নগরের গোড়াপত্তন হয়েছে, সেই থেকে আজ পর্যন্ত এই নগর আমার রোষ ও ক্রোধ এত জাগিয়ে তুলেছে যে, আমি অবশ্যই এই নগরকে আমার দৃষ্টিপথ থেকে অপসারিত করব।
32 ३२ क्योंकि इस्राएल और यहूदा अपने राजाओं हाकिमों, याजकों और भविष्यद्वक्ताओं समेत, क्या यहूदा देश के, क्या यरूशलेम के निवासी, सब के सब बुराई पर बुराई करके मुझ को रिस दिलाते आए हैं।
ইস্রায়েল ও যিহূদার লোকেরা, তারা নিজেরা, তাদের রাজা ও রাজকর্মচারীরা, তাদের যাজক ও ভাববাদীরা, যিহূদার ও জেরুশালেমের লোকেরা যে সমস্ত অন্যায় করেছে, তার দ্বারা আমার ক্রোধ জাগিয়ে তুলেছে।
33 ३३ उन्होंने मेरी ओर मुँह नहीं वरन् पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तो भी उन्होंने मेरी शिक्षा को नहीं माना।
তারা তাদের পিঠ আমার প্রতি ফিরিয়েছে, তাদের মুখ নয়। যদিও আমি বারবার তাদের উপদেশ দিয়েছি, তারা কিন্তু শোনেনি ও আমার শাসনে সাড়া দেয়নি।
34 ३४ वरन् जो भवन मेरा कहलाता है, उसमें भी उन्होंने अपनी घृणित वस्तुएँ स्थापित करके उसे अशुद्ध किया है।
তারা তাদের ঘৃণ্য প্রতিমাগুলি আমার নামে আখ্যাত গৃহে স্থাপন করেছে এবং তা কলুষিত করেছে।
35 ३५ उन्होंने हिन्नोमियों की तराई में बाल के ऊँचे-ऊँचे स्थान बनाकर अपने बेटे-बेटियों को मोलेक के लिये होम किया, जिसकी आज्ञा मैंने कभी नहीं दी, और न यह बात कभी मेरे मन में आई कि ऐसा घृणित काम किया जाए और जिससे यहूदी लोग पाप में फँसे।
তারা বিন-হিন্নোমের উপত্যকায় বায়াল-দেবতার জন্য উঁচু সব স্থান নির্মাণ করেছে, যেন তাদের পুত্রকন্যাদের মোলক দেবতার উদ্দেশ্যে বলি দেয়। সেকথা আমি তাদের আদেশ দিইনি বা তা আমার মনেও আসেনি, যেন তারা এরকম ঘৃণ্য কাজ করে যিহূদাকে পাপ করায়।
36 ३६ “परन्तु अब इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस नगर के विषय में, जिसके लिये तुम लोग कहते हो, ‘वह तलवार, अकाल और मरी के द्वारा बाबेल के राजा के वश में पड़ा हुआ है’ यह कहता है:
“তোমরা এই নগর সম্বন্ধে বলছ, ‘তরোয়াল, দুর্ভিক্ষ ও মহামারির দ্বারা এই নগর ব্যাবিলনের রাজার হাতে তুলে দেওয়া হবে’; কিন্তু ইস্রায়েলের ঈশ্বর, সদাপ্রভু এই কথা বলেন,
37 ३७ देखो, मैं उनको उन सब देशों से जिनमें मैंने क्रोध और जलजलाहट में आकर उन्हें जबरन निकाल दिया था, लौटा ले आकर इसी नगर में इकट्ठे करूँगा, और निडर करके बसा दूँगा।
আমার ভয়ংকর ক্রোধে ও প্রচণ্ড রোষে, আমি যে সমস্ত দেশে তাদের নির্বাসিত করেছিলাম, সেই সমস্ত দেশ থেকে তাদের নিশ্চয়ই সংগ্রহ করব; আমি তাদের পুনরায় এই দেশে ফিরিয়ে আনব এবং তারা নিরাপদে এখানে বসবাস করবে।
38 ३८ और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा
তারা আমার প্রজা হবে ও আমি তাদের ঈশ্বর হব।
39 ३९ मैं उनको एक ही मन और एक ही चाल कर दूँगा कि वे सदा मेरा भय मानते रहें, जिससे उनका और उनके बाद उनके वंश का भी भला हो।
আমি তাদের মঙ্গলের জন্য ও তাদের পরে তাদের সন্তানদের মঙ্গলের জন্য তাদের একনিষ্ঠ হৃদয় ও এক উদ্দেশ্য দেব, যেন তারা সবসময়ই আমাকে ভয় করে।
40 ४० मैं उनसे यह वाचा बाँधूँगा, कि मैं कभी उनका संग छोड़कर उनका भला करना न छोड़ूँगा; और अपना भय मैं उनके मन में ऐसा उपजाऊँगा कि वे कभी मुझसे अलग होना न चाहेंगे।
আমি তাদের সঙ্গে এক চিরস্থায়ী নিয়ম করব; তাদের মঙ্গল করায় আমি কখনও নিবৃত্ত হব না, আমাকে ভয় করার জন্য আমি তাদের প্রেরণা দেব, যেন তারা কখনও আমার কাছ থেকে ফিরে না যায়।
41 ४१ मैं बड़ी प्रसन्नता के साथ उनका भला करता रहूँगा, और सचमुच उन्हें इस देश में अपने सारे मन और प्राण से बसा दूँगा।
তাদের মঙ্গলসাধন করে আমি আনন্দিত হব এবং আমার সম্পূর্ণ মনেপ্রাণে নিশ্চিতরূপে তাদের এই দেশে রোপণ করব।
42 ४२ “देख, यहोवा यह कहता है कि जैसे मैंने अपनी इस प्रजा पर यह सब बड़ी विपत्ति डाल दी, वैसे ही निश्चय इनसे वह सब भलाई भी करूँगा जिसके करने का वचन मैंने दिया है। इसलिए यह देश जिसके विषय तुम लोग कहते हो
“সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমি যে রকম সব মহা বিপর্যয় এসব লোকের উপরে এনেছি, সেইরকমই আমার প্রতিশ্রুত সব সমৃদ্ধি তাদের দেব।
43 ४३ कि यह उजाड़ हो गया है, इसमें न तो मनुष्य रह गए हैं और न पशु, यह तो कसदियों के वश में पड़ चुका है, इसी में फिर से खेत मोल लिए जाएँगे,
আর একবার এই দেশে জমি কেনাবেচা হবে, যে দেশ সম্বন্ধে তোমরা বলো, ‘এই দেশ নির্জন পরিত্যক্ত স্থান, যেখানে কোনো মানুষ বা পশু থাকে না, কারণ এই দেশ ব্যাবিলনীয়দের হাতে তুলে দেওয়া হয়েছে।’
44 ४४ और बिन्यामीन के क्षेत्र में, यरूशलेम के आस-पास, और यहूदा देश के अर्थात् पहाड़ी देश, नीचे के देश और दक्षिण देश के नगरों में लोग गवाह बुलाकर खेत मोल लेंगे, और दस्तावेज में दस्तखत और मुहर करेंगे; क्योंकि मैं उनके दिनों को लौटा ले आऊँगा; यहोवा की यही वाणी है।”
জমি রুপো দিয়ে ক্রয় করা হবে, দলিল সব স্বাক্ষরিত হবে, সিলমোহরাঙ্কিত করা হবে ও সাক্ষী রাখা হবে, বিন্যামীন গোষ্ঠীর এলাকায়, জেরুশালেমের চারপাশের গ্রামগুলিতে, যিহূদার সমস্ত নগরে এবং পার্বত্য অঞ্চলের নগরগুলিতে, পশ্চিমের পাহাড়তলিতে এবং নেগেভের দেশগুলিতে, কারণ আমি তাদের বন্দিদশা থেকে ফিরিয়ে আনব, একথা সদাপ্রভু বলেন।”

< यिर्मयाह 32 >