< यिर्मयाह 28 >
1 १ फिर उसी वर्ष, अर्थात् यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के चौथे वर्ष के पाँचवें महीने में, अज्जूर का पुत्र हनन्याह जो गिबोन का एक भविष्यद्वक्ता था, उसने मुझसे यहोवा के भवन में, याजकों और सब लोगों के सामने कहा,
And it cometh to pass, in that year, in the beginning of the reign of Zedekiah king of Judah, in the fourth year, in the fifth month, spoken unto me hath Hananiah son of Azur the prophet, who [is] of Gibeon, in the house of Jehovah, before the eyes of the priests, and all the people, saying,
2 २ “इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है मैंने बाबेल के राजा के जूए को तोड़ डाला है।
'Thus spake Jehovah of Hosts, God of Israel, saying, I have broken the yoke of the king of Babylon;
3 ३ यहोवा के भवन के जितने पात्र बाबेल का राजा नबूकदनेस्सर इस स्थान से उठाकर बाबेल ले गया, उन्हें मैं दो वर्ष के भीतर फिर इसी स्थान में ले आऊँगा।
Within two years of days I am bringing back unto this place all the vessels of the house of Jehovah that Nebuchadnezzar king of Babylon hath taken from this place, and doth carry to Babylon,
4 ४ मैं यहूदा के राजा यहोयाकीम का पुत्र यकोन्याह और सब यहूदी बन्दियों को भी जो बाबेल को गए हैं, उनको भी इस स्थान में लौटा ले आऊँगा; क्योंकि मैंने बाबेल के राजा के जूए को तोड़ दिया है, यहोवा की यही वाणी है।”
And Jeconiah son of Jehoiakim, king of Judah, and all the removed of Judah, who are entering Babylon, I am bringing back unto this place — an affirmation of Jehovah; for I do break the yoke of the king of Babylon.'
5 ५ तब यिर्मयाह नबी ने हनन्याह नबी से, याजकों और उन सब लोगों के सामने जो यहोवा के भवन में खड़े हुए थे कहा,
And Jeremiah the prophet saith unto Hananiah the prophet, before the eyes of the priests, and before the eyes of all the people who are standing in the house of Jehovah,
6 ६ “आमीन! यहोवा ऐसा ही करे; जो बातें तूने भविष्यद्वाणी करके कही हैं कि यहोवा के भवन के पात्र और सब बन्दी बाबेल से इस स्थान में फिर आएँगे, उन्हें यहोवा पूरा करे।
Yea, Jeremiah the prophet saith, 'Amen! so may Jehovah do; Jehovah establish thy words that thou hast prophesied, to bring back the vessels of the house of Jehovah and all the removal from Babylon, unto this place.
7 ७ तो भी मेरा यह वचन सुन, जो मैं तुझे और सब लोगों को कह सुनाता हूँ।
'Only, hear, I pray thee, this word that I am speaking in thine ears, and in the ears of all the people.
8 ८ जो भविष्यद्वक्ता प्राचीनकाल से मेरे और तेरे पहले होते आए थे, उन्होंने तो बहुत से देशों और बड़े-बड़े राज्यों के विरुद्ध युद्ध और विपत्ति और मरी के विषय भविष्यद्वाणी की थी।
The prophets who have been before me, and before thee, from of old, even they prophesy concerning many lands, and concerning great kingdoms, of battle, and of evil, and of pestilence.
9 ९ परन्तु जो भविष्यद्वक्ता कुशल के विषय भविष्यद्वाणी करे, तो जब उसका वचन पूरा हो, तब ही उस भविष्यद्वक्ता के विषय यह निश्चय हो जाएगा कि यह सचमुच यहोवा का भेजा हुआ है।”
The prophet who doth prophesy of peace — by the coming in of the word of the prophet, known is the prophet that Jehovah hath truly sent him.'
10 १० तब हनन्याह भविष्यद्वक्ता ने उस जूए को जो यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता की गर्दन पर था, उतारकर तोड़ दिया।
And Hananiah the prophet taketh the yoke from off the neck of Jeremiah the prophet, and breaketh it,
11 ११ और हनन्याह ने सब लोगों के सामने कहा, “यहोवा यह कहता है कि इसी प्रकार से मैं पूरे दो वर्ष के भीतर बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के जूए को सब जातियों की गर्दन पर से उतारकर तोड़ दूँगा।” तब यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता चला गया।
And Hananiah speaketh before the eyes of all the people, saying, 'Thus said Jehovah, Thus I break the yoke of Nebuchadnezzar king of Babylon, within two years of days, from off the neck of all the nations;' and Jeremiah the prophet goeth on his way.
12 १२ जब हनन्याह भविष्यद्वक्ता ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता की गर्दन पर से जूआ उतारकर तोड़ दिया, उसके बाद यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा;
And there is a word of Jehovah unto Jeremiah after the breaking, by Hananiah the prophet, of the yoke from off the neck of Jeremiah the prophet, saying,
13 १३ “जाकर हनन्याह से यह कह, ‘यहोवा यह कहता है कि तूने काठ का जूआ तो तोड़ दिया, परन्तु ऐसा करके तूने उसके बदले लोहे का जूआ बना लिया है।
'Go, and thou hast spoken unto Hananiah, saying, Thus said Jehovah, Yokes of wood thou hast broken, and I have made instead of them yokes of iron;
14 १४ क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यह कहता है कि मैं इन सब जातियों की गर्दन पर लोहे का जूआ रखता हूँ और वे बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के अधीन रहेंगे, और इनको उसके अधीन होना पड़ेगा, क्योंकि मैदान के जीवजन्तु भी मैं उसके वश में कर देता हूँ।’”
For thus said Jehovah of Hosts, God of Israel, A yoke of iron I have put on the neck of all these nations to serve Nebuchadnezzar king of Babylon, and they have served him, and also the beast of the field I have given to him.'
15 १५ यिर्मयाह नबी ने हनन्याह नबी से यह भी कहा, “हे हनन्याह, देख यहोवा ने तुझे नहीं भेजा, तूने इन लोगों को झूठी आशा दिलाई है।
And Jeremiah the prophet saith unto Hananiah the prophet, 'Hear, I pray thee, O Hananiah; Jehovah hath not sent thee, and thou hast caused this people to trust on falsehood.
16 १६ इसलिए यहोवा तुझ से यह कहता है, ‘देख, मैं तुझको पृथ्वी के ऊपर से उठा दूँगा, इसी वर्ष में तू मरेगा; क्योंकि तूने यहोवा की ओर से फिरने की बातें कही हैं।’”
Therefore thus said Jehovah, Lo, I am casting thee from off the face of the ground; this year thou diest, for apostasy thou hast spoken concerning Jehovah.'
17 १७ इस वचन के अनुसार हनन्याह उसी वर्ष के सातवें महीने में मर गया।
And Hananiah the prophet dieth in that year, in the seventh month.