< यिर्मयाह 19 >
1 १ यहोवा ने यह कहा, “तू जाकर कुम्हार से मिट्टी की बनाई हुई एक सुराही मोल ले, और प्रजा के कुछ पुरनियों में से और याजकों में से भी कुछ प्राचीनों को साथ लेकर,
Hæc dicit Dominus: Vade, et accipe lagunculam figuli testeam a senioribus populi, et a senioribus sacerdotum:
2 २ हिन्नोमियों की तराई की ओर उस फाटक के निकट चला जा जहाँ ठीकरे फेंक दिए जाते हैं; और जो वचन मैं कहूँ, उसे वहाँ प्रचार कर।
Et egredere ad vallem filii Ennom, quæ est iuxta introitum portæ fictilis: et prædicabis ibi verba, quæ ego loquar ad te.
3 ३ तू यह कहना, ‘हे यहूदा के राजाओं और यरूशलेम के सब निवासियों, यहोवा का वचन सुनों। इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है, इस स्थान पर मैं ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ कि जो कोई उसका समाचार सुने, उस पर सन्नाटा छा जाएगा।
Et dices: Audite verbum Domini reges Iuda, et habitatores Ierusalem: hæc dicit Dominus exercituum Deus Israel: Ecce ego inducam afflictionem super locum istum, ita ut omnis, qui audierit illam, tinniant aures eius:
4 ४ क्योंकि यहाँ के लोगों ने मुझे त्याग दिया, और इस स्थान में दूसरे देवताओं के लिये जिनको न तो वे जानते हैं, और न उनके पुरखा या यहूदा के पुराने राजा जानते थे धूप जलाया है और इसको पराया कर दिया है; और उन्होंने इस स्थान को निर्दोषों के लहू से भर दिया,
Eo quod dereliquerint me, et alienum fecerint locum istum: et libaverunt in eo diis alienis, quos nescierunt ipsi, et patres eorum, et reges Iuda: et repleverunt locum istum sanguine innocentum.
5 ५ और बाल की पूजा के ऊँचे स्थानों को बनाकर अपने बाल-बच्चों को बाल के लिये होम कर दिया, यद्यपि मैंने कभी भी जिसकी आज्ञा नहीं दी, न उसकी चर्चा की और न वह कभी मेरे मन में आया।
Et ædificaverunt excelsa Baalim ad comburendos filios suos igni in holocaustum Baalim: quæ non præcepi, nec locutus sum, nec ascenderunt in cor meum.
6 ६ इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आते हैं कि यह स्थान फिर तोपेत या हिन्नोमियों की तराई न कहलाएगा, वरन् घात ही की तराई कहलाएगा।
Propterea ecce dies veniunt, dicit Dominus: et non vocabitur amplius locus iste, Topheth, et Vallis filii Ennom, sed Vallis occisionis.
7 ७ और मैं इस स्थान में यहूदा और यरूशलेम की युक्तियों को निष्फल कर दूँगा; और उन्हें उनके प्राणों के शत्रुओं के हाथ की तलवार चलवाकर गिरा दूँगा। उनकी लोथों को मैं आकाश के पक्षियों और भूमि के जीवजन्तुओं का आहार कर दूँगा।
Et dissipabo consilium Iuda et Ierusalem in loco isto: et subvertam eos gladio in conspectu inimicorum suorum, et in manu quærentium animas eorum: et dabo cadavera eorum escam volatilibus cæli, et bestiis terræ.
8 ८ मैं इस नगर को ऐसा उजाड़ दूँगा कि लोग इसे देखकर डरेंगे; जो कोई इसके पास से होकर जाए वह इसकी सब विपत्तियों के कारण चकित होगा और घबराएगा।
Et ponam civitatem hanc in stuporem, et in sibilum: omnis, qui præterierit per eam, obstupescet, et sibilabit super universa plaga eius.
9 ९ और घिर जाने और उस सकेती के समय जिसमें उनके प्राण के शत्रु उन्हें डाल देंगे, मैं उनके बेटे-बेटियों का माँस उन्हें खिलाऊँगा और एक दूसरे का भी माँस खिलाऊँगा।’
Et cibabo eos carnibus filiorum suorum, et carnibus filiarum suarum: et unusquisque carnem amici sui comedet in obsidione, et in angustia, in qua concludent eos inimici eorum, et qui quærunt animas eorum.
10 १० “तब तू उस सुराही को उन मनुष्यों के सामने तोड़ देना जो तेरे संग जाएँगे,
Et conteres lagunculam in oculis virorum, qui ibunt tecum.
11 ११ और उनसे कहना, ‘सेनाओं का यहोवा यह कहता है कि जिस प्रकार यह मिट्टी का बर्तन जो टूट गया कि फिर बनाया न जा सके, इसी प्रकार मैं इस देश के लोगों को और इस नगर को तोड़ डालूँगा। और तोपेत नामक तराई में इतनी कब्रें होंगी कि कब्र के लिये और स्थान न रहेगा।
Et dices ad eos: Hæc dicit Dominus exercituum: Sic conteram populum istum et civitatem istam, sicut conteritur vas figuli, quod non potest ultra instaurari: et in Topheth sepelientur, eo quod non sit alius locus ad sepeliendum.
12 १२ यहोवा की यह वाणी है कि मैं इस स्थान और इसके रहनेवालों के साथ ऐसा ही काम करूँगा, मैं इस नगर को तोपेत के समान बना दूँगा।
Sic faciam loco huic, ait Dominus, et habitatoribus eius: et ponam civitatem istam sicut Topheth.
13 १३ और यरूशलेम के घर और यहूदा के राजाओं के भवन, जिनकी छतों पर आकाश की सारी सेना के लिये धूप जलाया गया, और अन्य देवताओं के लिये तपावन दिया गया है, वे सब तोपेत के समान अशुद्ध हो जाएँगे।’”
Et erunt domus Ierusalem, et domus regum Iuda sicut locus Topheth, immundæ: omnes domus, in quarum domatibus sacrificaverunt omni militiæ cæli, et libaverunt libamina diis alienis.
14 १४ तब यिर्मयाह तोपेत से लौटकर, जहाँ यहोवा ने उसे भविष्यद्वाणी करने को भेजा था, यहोवा के भवन के आँगन में खड़ा हुआ, और सब लोगों से कहने लगा;
Venit autem Ieremias de Topheth, quo miserat eum Dominus ad prophetandum, et stetit in atrio domus Domini, et dixit ad omnem populum:
15 १५ “इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है, देखो, सब गाँवों समेत इस नगर पर वह सारी विपत्ति डालना चाहता हूँ जो मैंने इस पर लाने को कहा है, क्योंकि उन्होंने हठ करके मेरे वचन को नहीं माना है।”
Hæc dicit Dominus exercituum Deus Israel: Ecce ego inducam super civitatem hanc, et super omnes urbes eius universa mala, quæ locutus sum adversum eam: quoniam induraverunt cervicem suam ut non audirent sermones meos.