< यिर्मयाह 11 >
1 १ यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा
Palabra que fue de Jehová a Jeremías, diciendo:
2 २ “इस वाचा के वचन सुनो, और यहूदा के पुरुषों और यरूशलेम के रहनेवालों से कहो।
Oíd las palabras de este concierto, y hablád a todo varón de Judá, y a todo morador de Jerusalem;
3 ३ उनसे कहो, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, श्रापित है वह मनुष्य, जो इस वाचा के वचन न माने
Y decirles has: Así dijo Jehová Dios de Israel: Maldito el varón que no obedeciere a las palabras de este concierto;
4 ४ जिसे मैंने तुम्हारे पुरखाओं के साथ लोहे की भट्ठी अर्थात् मिस्र देश में से निकालने के समय, यह कहकर बाँधी थी, मेरी सुनो, और जितनी आज्ञाएँ मैं तुम्हें देता हूँ उन सभी का पालन करो। इससे तुम मेरी प्रजा ठहरोगे, और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूँगा;
El cual mandé a vuestros padres el día que los saqué de la tierra de Egipto, del horno de hierro, diciéndoles: Oíd mi voz, y hacédla, conforme a todo lo que os mandaré; y serme heis por pueblo, y yo seré a vosotros por Dios:
5 ५ और जो शपथ मैंने तुम्हारे पितरों से खाई थी कि जिस देश में दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, उसे मैं तुम को दूँगा, उसे पूरी करूँगा; और देखो, वह पूरी हुई है।” यह सुनकर मैंने कहा, “हे यहोवा, आमीन।”
Para que confirme el juramento que juré a vuestros padres, que les daría la tierra que corre leche y miel, como este día. Y respondí, y dije: Amén, o! Jehová.
6 ६ तब यहोवा ने मुझसे कहा, “ये सब वचन यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों में प्रचार करके कह, इस वाचा के वचन सुनो और उसके अनुसार चलो।
Y Jehová me dijo: Pregona todas estas palabras en las ciudades de Judá, y en las calles de Jerusalem, diciendo: Oíd las palabras de este concierto, y hacédlas.
7 ७ क्योंकि जिस समय से मैं तुम्हारे पुरखाओं को मिस्र देश से छुड़ा ले आया तब से आज के दिन तक उनको दृढ़ता से चिताता आया हूँ, मेरी बात सुनों।
Porque protestando protesté a vuestros padres el día que los hice subir de la tierra de Egipto, hasta el día de hoy, madrugando y protestando, diciendo: Oíd mi voz:
8 ८ परन्तु उन्होंने न सुनी और न मेरी बातों पर कान लगाया, किन्तु अपने-अपने बुरे मन के हठ पर चलते रहे। इसलिए मैंने उनके विषय इस वाचा की सब बातों को पूर्ण किया है जिसके मानने की मैंने उन्हें आज्ञा दी थी और उन्होंने न मानी।”
Y no oyeron, ni abajaron su oído, antes se fueron cada uno tras la imaginación de su corazón malvado: por tanto traeré sobre ellos todas las palabras de este concierto, el cual mandé que hiciesen, y no lo hicieron.
9 ९ फिर यहोवा ने मुझसे कहा, “यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों में विद्रोह पाया गया है।
Y díjome Jehová: Conjuración se ha hallado en los varones de Judá, y en los moradores de Jerusalem.
10 १० जैसे इनके पुरखा मेरे वचन सुनने से इन्कार करते थे, वैसे ही ये भी उनके अधर्मों का अनुसरण करके दूसरे देवताओं के पीछे चलते और उनकी उपासना करते हैं; इस्राएल और यहूदा के घरानों ने उस वाचा को जो मैंने उनके पूर्वजों से बाँधी थी, तोड़ दिया है।
Vuéltose han a las maldades de sus primeros padres, los cuales no quisieron oír a mis palabras, antes se fueron tras dioses ajenos para servirles; invalidaron mi concierto la casa de Israel y la casa de Judá, el cual yo había concertado con sus padres.
11 ११ इसलिए यहोवा यह कहता है, देख, मैं इन पर ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ जिससे ये बच न सकेंगे; और चाहे ये मेरी दुहाई दें तो भी मैं इनकी न सुनूँगा।
Por lo cual Jehová dijo así: He aquí que yo traigo sobre ellos mal, del cual no podrán salir; y clamarán a mí, y no los oiré.
12 १२ उस समय यरूशलेम और यहूदा के नगरों के निवासी उन देवताओं की दुहाई देंगे जिनके लिये वे धूप जलाते हैं, परन्तु वे उनकी विपत्ति के समय उनको कभी न बचा सकेंगे।
Irán pues las ciudades de Judá y los moradores de Jerusalem, y clamarán a los dioses a quienes ellos queman enciensos, los cuales no los podrán salvar en el tiempo de su mal.
13 १३ हे यहूदा, जितने तेरे नगर हैं उतने ही तेरे देवता भी हैं; और यरूशलेम के निवासियों ने हर एक सड़क में उस लज्जापूर्ण बाल की वेदियाँ बना-बनाकर उसके लिये धूप जलाया है।
Porque al número de tus ciudades fueron tus dioses, o! Judá; y al número de tus calles, o! Jerusalem, pusistes los altares de confusión, altares para ofrecer sahumerios a Baal.
14 १४ “इसलिए तू मेरी इस प्रजा के लिये प्रार्थना न करना, न कोई इन लोगों के लिये ऊँचे स्वर से विनती करे, क्योंकि जिस समय ये अपनी विपत्ति के मारे मेरी दुहाई देंगे, तब मैं उनकी न सुनूँगा।
Tú, pues, no ores por este pueblo, ni levantes por ellos clamor ni oración; porque yo no oiré el día que clamaren a mí por su aflicción.
15 १५ मेरी प्रिया को मेरे घर में क्या काम है? उसने तो बहुतों के साथ कुकर्म किया, और तेरी पवित्रता पूरी रीति से जाती रही है। जब तू बुराई करती है, तब प्रसन्न होती है।
¿Qué tiene mi amado en mi casa, habiendo hecho abominaciones muchas? Y las carnes santas pasarán de sobre ti, porque te gloriaste en tu maldad.
16 १६ यहोवा ने तुझको हरा, मनोहर, सुन्दर फलवाला जैतून तो कहा था, परन्तु उसने बड़े हुल्लड़ के शब्द होते ही उसमें आग लगाई, और उसकी डालियाँ तोड़ डाली गईं।
Oliva verde, hermosa en fruto y en parecer, llamó Jehová tu nombre: a voz de gran palabra hizo encender fuego sobre ella, y quebraron sus ramas.
17 १७ सेनाओं का यहोवा, जिसने तुझे लगाया, उसने तुझ पर विपत्ति डालने के लिये कहा है; इसका कारण इस्राएल और यहूदा के घरानों की यह बुराई है कि उन्होंने मुझे रिस दिलाने के लिये बाल के निमित्त धूप जलाया।”
Y Jehová de los ejércitos, el que te planta, pronunció mal contra ti, a causa de la maldad de la casa de Israel y de la casa de Judá que hicieron a sí mismos, provocándome a ira, incensando a Baal.
18 १८ यहोवा ने मुझे बताया और यह बात मुझे मालूम हो गई; क्योंकि यहोवा ही ने उनकी युक्तियाँ मुझ पर प्रगट की।
Y Jehová me hizo saber, y conocí: entonces me hiciste ver sus obras.
19 १९ मैं तो वध होनेवाले भेड़ के बच्चे के समान अनजान था। मैं न जानता था कि वे लोग मेरी हानि की युक्तियाँ यह कहकर करते हैं, “आओ, हम फल समेत इस वृक्ष को उखाड़ दें, और जीवितों के बीच में से काट डालें, तब इसका नाम तक फिर स्मरण न रहे।”
Y yo como cordero, o buey que llevan a degollar, que no entendía que pensaban contra mí pensamientos, diciendo: Destruyamos el árbol con su fruto; y cortémoslo de la tierra de los vivos, y no haya más memoria de su nombre.
20 २० परन्तु, अब हे सेनाओं के यहोवा, हे धर्मी न्यायी, हे अन्तःकरण की बातों के ज्ञाता, तू उनका पलटा ले और मुझे दिखा, क्योंकि मैंने अपना मुकद्दमा तेरे हाथ में छोड़ दिया है।
Mas, o! Jehová de los ejércitos, que juzgas justicia, que sondas los riñones y el corazón, vea yo tu venganza de ellos; porque a ti he descubierto mi causa.
21 २१ इसलिए यहोवा ने मुझसे कहा, “अनातोत के लोग जो तेरे प्राण के खोजी हैं और यह कहते हैं कि तू यहोवा का नाम लेकर भविष्यद्वाणी न कर, नहीं तो हमारे हाथों से मरेगा।
Por tanto Jehová dijo así de los varones de Anatot, que buscan tu alma, diciendo: No profetices en nombre de Jehová, y no morirás a nuestras manos.
22 २२ इसलिए सेनाओं का यहोवा उनके विषय यह कहता है, मैं उनको दण्ड दूँगा; उनके जवान तलवार से, और उनके लड़के-लड़कियाँ भूखे मरेंगे;
Por tanto así dijo Jehová de los ejércitos: He aquí que yo los visito: los mancebos morirán a cuchillo: sus hijos y sus hijas morirán de hambre;
23 २३ और उनमें से कोई भी न बचेगा। मैं अनातोत के लोगों पर यह विपत्ति डालूँगा; उनके दण्ड का दिन आनेवाला है।”
Y no quedará resta de ellos, porque yo traeré mal sobre los varones de Anatot, año de su visitación.