< यशायाह 61 >
1 १ प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिए भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूँ; कि बन्दियों के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूँ;
The Spirit of Yahweh [our] Lord is on me; he has appointed [MTY] me to bring good news to those who are oppressed, to comfort those who are discouraged, to free [all] those who are [as though they are chained/tied] [DOU] [by the wrong things that they continually do].
2 २ कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूँ; कि सब विलाप करनेवालों को शान्ति दूँ।
He has sent me to tell those who mourn [about the members of their families who died] (OR, [who are still in Babylonia)] that now is the time when Yahweh will act kindly [toward his people]; now is the time when our God will (get revenge on/punish) [their enemies].
3 ३ और सिय्योन के विलाप करनेवालों के सिर पर की राख दूर करके सुन्दर पगड़ी बाँध दूँ, कि उनका विलाप दूर करके हर्ष का तेल लगाऊँ और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊँ; जिससे वे धार्मिकता के बांज वृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएँ और जिससे उसकी महिमा प्रगट हो।
To [all] those in Jerusalem who mourn, he will give flower necklaces [to wear]; instead of ashes [that they put on their heads to show that they are sad]; he will cause them to rejoice [MTY] instead of being sad; he will enable them to be [MET] happy instead of being discouraged. They will be called “people who continually do what is right, people who are [like tall/strong] oak [trees] that Yahweh has planted” to show others that he is very great.
4 ४ तब वे बहुत काल के उजड़े हुए स्थानों को फिर बसाएँगे, पूर्वकाल से पड़े हुए खण्डहरों में वे फिर घर बनाएँगे; उजड़े हुए नगरों को जो पीढ़ी-पीढ़ी से उजड़े हुए हों वे फिर नये सिरे से बसाएँगे।
[Those who return from Babylon] will rebuild the cities that [the soldiers from Babylon] tore down. [Even though] those cities have been destroyed and abandoned for many years, they will be restored/rebuilt.
5 ५ परदेशी आ खड़े होंगे और तुम्हारी भेड़-बकरियों को चराएँगे और विदेशी लोग तुम्हारे हल चलानेवाले और दाख की बारी के माली होंगे;
Foreigners will be the ones who will take care of your flocks [of sheep and goats], and plow your fields and take care of your grapevines.
6 ६ पर तुम यहोवा के याजक कहलाओगे, वे तुम को हमारे परमेश्वर के सेवक कहेंगे; और तुम जाति-जाति की धन-सम्पत्ति को खाओगे, उनके वैभव की वस्तुएँ पाकर तुम बड़ाई करोगे।
But you [are the ones who] will be like the priests to serve Yahweh, to work for God. You will enjoy valuable goods [that are brought] from other nations, and you will be happy that those things have become yours.
7 ७ तुम्हारी नामधराई के बदले दूना भाग मिलेगा, अनादर के बदले तुम अपने भाग के कारण जयजयकार करोगे; तुम अपने देश में दूने भाग के अधिकारी होंगे; और सदा आनन्दित बने रहोगे।
Previously you were shamed and disgraced, but now you will have great blessings; previously [your enemies] humbled you, but now you will have many good things; you will be happy because of being in your land again, and you will rejoice forever.
8 ८ क्योंकि, मैं यहोवा न्याय से प्रीति रखता हूँ, मैं अन्याय और डकैती से घृणा करता हूँ; इसलिए मैं उनको उनका प्रतिफल सच्चाई से दूँगा, और उनके साथ सदा की वाचा बाँधूँगा।
“I, Yahweh, am very pleased with those/judges who decide matters fairly; I hate [those who illegally] take things from other people. I will surely repay my people (for/because of) all that they have suffered [in the past]. And I will make an everlasting agreement with them.
9 ९ उनका वंश जाति-जाति में और उनकी सन्तान देश-देश के लोगों के बीच प्रसिद्ध होगी; जितने उनको देखेंगे, पहचान लेंगे कि यह वह वंश है जिसको परमेश्वर ने आशीष दी है।
Their descendants will be honored by people of other nations [DOU]. Everyone who sees them will know that they are a nation that [I], Yahweh, have blessed.”
10 १० मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊँगा, मेरा प्राण परमेश्वर के कारण मगन रहेगा; क्योंकि उसने मुझे उद्धार के वस्त्र पहनाए, और धार्मिकता की चद्दर ऐसे ओढ़ा दी है जैसे दूल्हा फूलों की माला से अपने आपको सजाता और दुल्हन अपने गहनों से अपना सिंगार करती है।
I greatly rejoice because of what Yahweh [has done]! I am happy, because he has saved me and declared that I am righteous; [those blessings are like] [MET] a robe that he has put on me. I am [as happy as] [SIM] a bridegroom in his wedding suit, or a bride wearing jewels.
11 ११ क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के सामने धार्मिकता और धन्यवाद को बढ़ाएगा।
Just as [seeds sown in] a garden sprout from the soil and grow [DOU], Yahweh [our] God will cause [people of] all nations to act righteously, with the result that they will praise him for doing that.