< यशायाह 6 >

1 जिस वर्ष उज्जियाह राजा मरा, मैंने प्रभु को बहुत ही ऊँचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया।
בשנת מות המלך עזיהו ואראה את אדני ישב על כסא רם ונשא ושוליו מלאים את ההיכל
2 उससे ऊँचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छः छः पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुँह को ढाँपे थे और दो से अपने पाँवों को, और दो से उड़ रहे थे।
שרפים עמדים ממעל לו שש כנפים שש כנפים לאחד בשתים יכסה פניו ובשתים יכסה רגליו--ובשתים יעופף
3 और वे एक दूसरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे: “सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है।”
וקרא זה אל זה ואמר קדוש קדוש קדוש יהוה צבאות מלא כל הארץ כבודו
4 और पुकारनेवाले के शब्द से डेवढ़ियों की नींवें डोल उठी, और भवन धुएँ से भर गया।
וינעו אמות הספים מקול הקורא והבית ימלא עשן
5 तब मैंने कहा, “हाय! हाय! मैं नाश हुआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठवाला मनुष्य हूँ, और अशुद्ध होंठवाले मनुष्यों के बीच में रहता हूँ; क्योंकि मैंने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आँखों से देखा है!”
ואמר אוי לי כי נדמיתי כי איש טמא שפתים אנכי ובתוך עם טמא שפתים אנכי יושב כי את המלך יהוה צבאות--ראו עיני
6 तब एक साराप हाथ में अंगारा लिए हुए, जिसे उसने चिमटे से वेदी पर से उठा लिया था, मेरे पास उड़कर आया।
ויעף אלי אחד מן השרפים ובידו רצפה במלקחים--לקח מעל המזבח
7 उसने उससे मेरे मुँह को छूकर कहा, “देख, इसने तेरे होठों को छू लिया है, इसलिए तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए।”
ויגע על פי--ויאמר הנה נגע זה על שפתיך וסר עונך וחטאתך תכפר
8 तब मैंने प्रभु का यह वचन सुना, “मैं किसको भेजूँ, और हमारी ओर से कौन जाएगा?” तब मैंने कहा, “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज।”
ואשמע את קול אדני אמר את מי אשלח ומי ילך לנו ואמר הנני שלחני
9 उसने कहा, “जा, और इन लोगों से कह, ‘सुनते ही रहो, परन्तु न समझो; देखते ही रहो, परन्तु न बूझो।’
ויאמר לך ואמרת לעם הזה שמעו שמוע ואל תבינו וראו ראו ואל תדעו
10 १० तू इन लोगों के मन को मोटे और उनके कानों को भारी कर, और उनकी आँखों को बन्द कर; ऐसा न हो कि वे आँखों से देखें, और कानों से सुनें, और मन से बूझें, और मन फिराएँ और चंगे हो जाएँ।”
השמן לב העם הזה ואזניו הכבד ועיניו השע פן יראה בעיניו ובאזניו ישמע ולבבו יבין ושב--ורפא לו
11 ११ तब मैंने कहा, “हे प्रभु कब तक?” उसने कहा, “जब तक नगर न उजड़े और उनमें कोई रह न जाए, और घरों में कोई मनुष्य न रह जाए, और देश उजाड़ और सुनसान हो जाए,
ואמר עד מתי אדני ויאמר עד אשר אם שאו ערים מאין יושב ובתים מאין אדם והאדמה תשאה שממה
12 १२ और यहोवा मनुष्यों को उसमें से दूर कर दे, और देश के बहुत से स्थान निर्जन हो जाएँ।
ורחק יהוה את האדם ורבה העזובה בקרב הארץ
13 १३ चाहे उसके निवासियों का दसवाँ अंश भी रह जाए, तो भी वह नाश किया जाएगा, परन्तु जैसे छोटे या बड़े बांज वृक्ष को काट डालने पर भी उसका ठूँठ बना रहता है, वैसे ही पवित्र वंश उसका ठूँठ ठहरेगा।”
ועוד בה עשריה ושבה והיתה לבער כאלה וכאלון אשר בשלכת מצבת בם--זרע קדש מצבתה

< यशायाह 6 >