< यशायाह 54 >

1 “हे बाँझ, तू जो पुत्रहीन है जयजयकार कर; तू जिसे प्रसव-पीड़ा नहीं हुई, गला खोलकर जयजयकार कर और पुकार! क्योंकि त्यागी हुई के लड़के सुहागिन के लड़कों से अधिक होंगे, यहोवा का यही वचन है।
¡Canta de alegría, mujer sin hijos, tú que has tenido un bebé! ¡Grita en voz alta y canta de alegría, Jerusalén, tú que nunca has dado a luz! Porque la mujer abandonada tiene ahora más hijos que la casada, dice el Señor.
2 अपने तम्बू का स्थान चौड़ा कर, और तेरे डेरे के पट लम्बे किए जाएँ; हाथ मत रोक, रस्सियों को लम्बी और खूँटों को दृढ़ कर।
Haz más grande la tienda donde vives; estira la tela para agrandar tu casa. No trates de ahorrar espacio: alarga las cuerdas de tu tienda y haz más fuertes las estacas.
3 क्योंकि तू दाएँ-बाएँ फैलेगी, और तेरा वंश जाति-जाति का अधिकारी होगा और उजड़े हुए नगरों को फिर से बसाएगा।
Te vas a extender a diestro y siniestro; tus descendientes se apoderarán de la tierra de otras naciones y vivirán en ciudades que antes estaban abandonadas.
4 “मत डर, क्योंकि तेरी आशा फिर नहीं टूटेगी; मत घबरा, क्योंकि तू फिर लज्जित न होगी और तुझ पर उदासी न छाएगी; क्योंकि तू अपनी जवानी की लज्जा भूल जाएगी, और अपने विधवापन की नामधराई को फिर स्मरण न करेगी।
No tengas miedo, porque no serás humillado; no te alteres, porque no serás deshonrado. Te olvidarás de la vergüenza de tu juventud, y ya no recordarás la vergüenza de tu viudez.
5 क्योंकि तेरा कर्ता तेरा पति है, उसका नाम सेनाओं का यहोवा है; और इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ानेवाला है, वह सारी पृथ्वी का भी परमेश्वर कहलाएगा।
Porque tu Hacedor es tu esposo, el Señor Todopoderoso es su nombre el Santo de Israel es tu Redentor, se llama el Dios de toda la tierra.
6 क्योंकि यहोवा ने तुझे ऐसा बुलाया है, मानो तू छोड़ी हुई और मन की दुःखिया और जवानी की त्यागी हुई स्त्री हो, तेरे परमेश्वर का यही वचन है।
El Señor te ha llamado para que vuelvas, como una esposa abandonada y profundamente herida, una esposa que se casó cuando era joven, sólo para ser rechazada, dice tu Dios.
7 क्षण भर ही के लिये मैंने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया करके मैं फिर तुझे रख लूँगा।
Te abandoné por poco tiempo, pero te haré volver, mostrándote una gran bondad.
8 क्रोध के आवेग में आकर मैंने पल भर के लिये तुझ से मुँह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करुणा से मैं तुझ पर दया करूँगा, तेरे छुड़ानेवाले यहोवा का यही वचन है।
En un momento de cólera, aparté mi rostro de ti, pero ahora, con un amor digno de confianza, seré siempre bondadoso contigo, dice el Señor, tu Redentor.
9 यह मेरी दृष्टि में नूह के समय के जल-प्रलय के समान है; क्योंकि जैसे मैंने शपथ खाई थी कि नूह के समय के जल-प्रलय से पृथ्वी फिर न डूबेगी, वैसे ही मैंने यह भी शपथ खाई है कि फिर कभी तुझ पर क्रोध न करूँगा और न तुझको धमकी दूँगा।
Para mí, esto es igual que el tiempo de Noé, cuando prometí bajo juramento que un diluvio no volvería a cubrir la tierra. Del mismo modo, prometo bajo juramento que no me enfadaré contigo ni te regañaré.
10 १० चाहे पहाड़ हट जाएँ और पहाड़ियाँ टल जाएँ, तो भी मेरी करुणा तुझ पर से कभी न हटेगी, और मेरी शान्तिदायक वाचा न टलेगी, यहोवा, जो तुझ पर दया करता है, उसका यही वचन है।
Aunque los montes dejen de existir y las colinas desaparezcan, no por ello dejará de existir mi amor confiable por ti ni desaparecerá mi acuerdo de paz, dice el Señor, que te muestra su bondad.
11 ११ “हे दुःखियारी, तू जो आँधी की सताई है और जिसको शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करके बैठाऊँगा, और तेरी नींव नीलमणि से डालूँगा।
¡Mi pobre ciudad dañada por la tormenta que no puede ser consolada! Mira, voy a reponer tus piedras con cemento de antimonio, Utilizaré zafiros para poner tus cimientos.
12 १२ तेरे कलश मैं माणिकों से, तेरे फाटक लालड़ियों से और तेरे सब सीमाओं को मनोहर रत्नों से बनाऊँगा।
Haré tus fortificaciones de rubíes; haré tus puertas de berilo resplandeciente. Todos tus muros serán de piedras preciosas,
13 १३ तेरे सब लड़के यहोवा के सिखाए हुए होंगे, और उनको बड़ी शान्ति मिलेगी।
y todos tus hijos serán alumnos del Señor, y vivirán en completa paz.
14 १४ तू धार्मिकता के द्वारा स्थिर होगी; तू अंधेर से बचेगी, क्योंकि तुझे डरना न पड़ेगा; और तू भयभीत होने से बचेगी, क्योंकि भय का कारण तेरे पास न आएगा।
Tu sociedad funcionará a partir de principios de bondad y de derecho; no habrá nadie que te oprima. No tendrás miedo; no tendrás que enfrentar ningún tipo de terror.
15 १५ सुन, लोग भीड़ लगाएँगे, परन्तु मेरी ओर से नहीं; जितने तेरे विरुद्ध भीड़ लगाएँगे वे तेरे कारण गिरेंगे।
Si algún invasor viene a atacarte, yo no lo envié; tú derrotarás a cualquiera que te ataque.
16 १६ सुन, एक लोहार कोएले की आग धोंककर इसके लिये हथियार बनाता है, वह मेरा ही सृजा हुआ है। उजाड़ने के लिये भी मेरी ओर से एक नाश करनेवाला सृजा गया है।
Mira: he creado al herrero que sopla las brasas en una llama caliente y forja un arma adecuada; y he creado al destructor que trae la destrucción.
17 १७ जितने हथियार तेरी हानि के लिये बनाए जाएँ, उनमें से कोई सफल न होगा, और जितने लोग मुद्दई होकर तुझ पर नालिश करें उन सभी से तू जीत जाएगा। यहोवा के दासों का यही भाग होगा, और वे मेरे ही कारण धर्मी ठहरेंगे, यहोवा की यही वाणी है।”
Ninguna de las armas forjadas contra ti tendrá éxito, y condenarás a cualquiera que te acuse. Así son bendecidos los siervos del Señor, y yo soy el que los reivindica, declara el Señor.

< यशायाह 54 >

A Dove is Sent Forth from the Ark
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