< यशायाह 53 >

1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?
Quem deu crédito à nossa pregação? e a quem se manifestou o braço do Senhor?
2 क्योंकि वह उसके सामने अंकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।
Porque foi subindo como renovo perante ele, e como raiz de uma terra seca; não tinha parecer nem formosura; e, olhando nós para ele, não havia aparência nele, para que o desejassemos.
3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दुःखी पुरुष था, रोग से उसकी जान-पहचान थी; और लोग उससे मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हमने उसका मूल्य न जाना।
Era desprezado, e o mais indigno entre os homens, homem de dores, e experimentado nos trabalhos; e como um de quem os homens escondiam o rosto era desprezado, e não fizemos dele caso algum.
4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दुःखों को उठा लिया; तो भी हमने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
Verdadeiramente ele tomou sobre si as nossas enfermidades, e as nossas dores levou sobre si; e nós o reputavamos por aflito, ferido de Deus, e oprimido.
5 परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम लोग चंगे हो जाएँ।
Porém ele foi ferido pelas nossas transgressões, e moído pelas nossas iniquidades: o castigo que nos traz a paz estava sobre ele, e pelas suas pisaduras fomos sarados.
6 हम तो सब के सब भेड़ों के समान भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना-अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभी के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
Todos nós andavamos desgarrados como ovelhas; cada um se desviava pelo seu caminho: porém o Senhor fez cair sobre ele a iniquidade de nós todos.
7 वह सताया गया, तो भी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय और भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला।
Exigindo-se-lhe, ele foi oprimido, porém não abriu a sua boca: como um cordeiro foi levado ao matadouro, e como a ovelha muda perante os seus tosquiadores, assim não abriu a sua boca.
8 अत्याचार करके और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किसने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवितों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी।
Da ancia e do juízo foi tirado; e quem contará o tempo da sua vida? porque foi cortado da terra dos viventes: pela transgressão do meu povo a praga estava sobre ele.
9 उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उसने किसी प्रकार का उपद्रव न किया था और उसके मुँह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।
E puseram a sua sepultura com os ímpios, e com o rico estava na sua morte; porquanto nunca fez injustiça, nem houve engano na sua boca.
10 १० तो भी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब वह अपना प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।
Porém ao Senhor agradou moe-lo, fazendo-o enfermar; quando a sua alma se puser por expiação do pecado, verá a sua semente e prolongará os dias; e o bom prazer do Senhor prosperará na sua mão.
11 ११ वह अपने प्राणों का दुःख उठाकर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा।
O trabalho da sua alma ele verá, e se fartará; com o seu conhecimento o meu servo, o justo, justificará a muitos: porque as suas iniquidades levará sobre si.
12 १२ इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूँगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बाँट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया, तो भी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठा लिया, और, अपराधी के लिये विनती करता है।
Pelo que lhe darei a parte de muitos, e com os poderosos repartirá ele o despojo; porque derramou a sua alma na morte, e foi contado com os transgressores; e levou sobre si o pecado de muitos, e intercede pelos transgressores.

< यशायाह 53 >