< यशायाह 23 >

1 सोर के विषय में भारी वचन। हे तर्शीश के जहाजों हाय, हाय, करो; क्योंकि वह उजड़ गया; वहाँ न तो कोई घर और न कोई शरण का स्थान है! यह बात उनको कित्तियों के देश में से प्रगट की गई है।
Carga sobre Tiro: ¡Lamenten, naves de Tarsis, porque Tiro es destruida hasta no quedar casa ni lugar para entrar! Se les informó desde la tierra de Quitim.
2 हे समुद्र के निकट रहनेवालों, जिनको समुद्र के पार जानेवाले सीदोनी व्यापारियों ने धन से भर दिया है, चुप रहो!
¡Callen, oh habitantes de la costa y mercaderes de Sidón quienes cruzaban el mar!
3 शीहोर का अन्न, और नील नदी के पास की उपज महासागर के मार्ग से उसको मिलती थी, क्योंकि वह और जातियों के लिये व्यापार का स्थान था।
El grano de Sihor y la cosecha del río [Nilo] eran su ganancia. Ella era el mercado de las naciones.
4 हे सीदोन, लज्जित हो, क्योंकि समुद्र ने अर्थात् समुद्र के दृढ़ स्थान ने यह कहा है, “मैंने न तो कभी प्रसव की पीड़ा जानी और न बालक को जन्म दिया, और न बेटों को पाला और न बेटियों को पोसा है।”
Avergüénzate, oh Sidón, fortaleza del mar, porque dijo el mar: Nunca estuve con dolores de parto, ni di a luz, ni crié jóvenes, ni desarrollé vírgenes.
5 जब सोर का समाचार मिस्र में पहुँचे, तब वे सुनकर संकट में पड़ेंगे।
Cuando la noticia llegue a Egipto, se estremecerán por los informes con respecto a Tiro.
6 हे समुद्र के निकट रहनेवालों हाय, हाय, करो! पार होकर तर्शीश को जाओ।
¡Oh habitantes de la costa, pasen a Tarsis y lamenten!
7 क्या यह तुम्हारी प्रसन्नता से भरी हुई नगरी है जो प्राचीनकाल से बसी थी, जिसके पाँव उसे बसने को दूर ले जाते थे?
¿Es ésta su ciudad divertida de mucha antigüedad, cuyos pies la llevaban a lugares lejanos?
8 सोर जो राजाओं को गद्दी पर बैठाती थी, जिसके व्यापारी हाकिम थे, और जिसके महाजन पृथ्वी भर में प्रतिष्ठित थे, उसके विरुद्ध किसने ऐसी युक्ति की है?
¿Quién decretó esto contra Tiro, la cual regalaba coronas, cuyos comerciantes eran príncipes y sus mercaderes los honorables de la tierra?
9 सेनाओं के यहोवा ही ने ऐसी युक्ति की है कि समस्त गौरव के घमण्ड को तुच्छ कर दे और पृथ्वी के प्रतिष्ठितों का अपमान करवाए।
Yavé de las huestes lo decretó para abatir la soberbia de todo esplendor y humillar a todos los honorables de la tierra.
10 १० हे तर्शीश के निवासियों, नील नदी के समान अपने देश में फैल जाओ, अब कुछ अवरोध नहीं रहा।
Inunda tu tierra como el Nilo, oh hija de Tarsis, porque ya no existe la restricción [de tu puerto].
11 ११ उसने अपना हाथ समुद्र पर बढ़ाकर राज्यों को हिला दिया है; यहोवा ने कनान के दृढ़ किलों को नाश करने की आज्ञा दी है।
Él extendió su mano contra el mar y sacudió los reinos. Yavé ordenó destruir las fortalezas de Canaán:
12 १२ और उसने कहा है, “हे सीदोन, हे भ्रष्ट की हुई कुमारी, तू फिर प्रसन्न होने की नहीं; उठ, पार होकर कित्तियों के पास जा, परन्तु वहाँ भी तुझे चैन न मिलेगा।”
No volverás a regocijarte, oh doncella oprimida, hija de Sidón. Levántate para pasar a Quitim, y aun allí no tendrás reposo.
13 १३ कसदियों के देश को देखो, वह जाति अब न रही; अश्शूर ने उस देश को जंगली जन्तुओं का स्थान बनाया। उन्होंने मोर्चे बन्दी के अपने गुम्मट बनाए और राजभवनों को ढा दिया, और उसको खण्डहर कर दिया।
Ahí está la tierra de los caldeos. Ese pueblo no existía. Asiria lo destinó para las bestias del desierto. La sitiaron y destruyeron sus palacios. Se convirtió en escombros.
14 १४ हे तर्शीश के जहाजों, हाय, हाय, करो, क्योंकि तुम्हारा दृढ़ स्थान उजड़ गया है।
Lamenten, oh naves de Tarsis, pues su baluarte fue destruido.
15 १५ उस समय एक राजा के दिनों के अनुसार सत्तर वर्ष तक सोर बिसरा हुआ रहेगा। सत्तर वर्ष के बीतने पर सोर वेश्या के समान गीत गाने लगेगा।
Aquel día Tiro quedará en el olvido 70 años, como los años de un rey. Al terminar los 70 años, sucederá a Tiro lo del canto de la prostituta.
16 १६ हे बिसरी हुई वेश्या, वीणा लेकर नगर में घूम, भली भाँति बजा, बहुत गीत गा, जिससे लोग फिर तुझे याद करें।
Toma el arpa y rodea la ciudad, oh prostituta olvidada. Haz buena melodía. Repite la canción para que seas recordada.
17 १७ सत्तर वर्ष के बीतने पर यहोवा सोर की सुधि लेगा, और वह फिर छिनाले की कमाई पर मन लगाकर धरती भर के सब राज्यों के संग छिनाला करेंगी।
Al fin de los 70 años Yavé visitará a Tiro. Ella volverá a su salario de prostituta y volverá a fornicar con todos los reinos del mundo sobre la superficie de la tierra.
18 १८ उसके व्यापार की प्राप्ति, और उसके छिनाले की कमाई, यहोवा के लिये पवित्र की जाएगी; वह न भण्डार में रखी जाएगी न संचय की जाएगी, क्योंकि उसके व्यापार की प्राप्ति उन्हीं के काम में आएगी जो यहोवा के सामने रहा करेंगे, कि उनको भरपूर भोजन और चमकीला वस्त्र मिले।
Pero su paga estará consagrada a Yavé. No se atesorará ni se acumulará, porque su ganancia será para los que estén delante de Yavé, para que coman hasta saciarse y se cubran con esplendidez.

< यशायाह 23 >