< यशायाह 19 >
1 १ मिस्र के विषय में भारी भविष्यद्वाणी। देखो, यहोवा शीघ्र उड़नेवाले बादल पर सवार होकर मिस्र में आ रहा है; और मिस्र की मूरतें उसके आने से थरथरा उठेंगी, और मिस्रियों का हृदय पानी-पानी हो जाएगा।
Oracle sur l'Égypte. Voici que le Seigneur s'est assis sur une nuée légère, et il arrivera en Égypte, et les idoles de l'Égypte seront ébranlées devant sa face, et elle faiblira au fond de son cœur.
2 २ और मैं मिस्रियों को एक दूसरे के विरुद्ध उभारूँगा, और वे आपस में लड़ेंगे, प्रत्येक अपने भाई से और हर एक अपने पड़ोसी से लड़ेगा, नगर-नगर में और राज्य-राज्य में युद्ध छिड़ेंगा;
Et les Égyptiens s'élèveront contre les Égyptiens, et le frère combattra le frère, ami contre ami, ville contre ville, nom contre nom.
3 ३ और मिस्रियों की बुद्धि मारी जाएगी और मैं उनकी युक्तियों को व्यर्थ कर दूँगा; और वे अपनी मूरतों के पास और ओझों और फुसफुसानेवाले टोन्हों के पास जा जाकर उनसे पूछेंगे;
Et l'esprit des Égyptiens sera troublé en eux-mêmes, et je dissiperai leurs conseils; et ils interrogeront leurs dieux, et leurs statues, et ceux qui font sortir leurs voix de la terre, et les magiciens.
4 ४ परन्तु मैं मिस्रियों को एक कठोर स्वामी के हाथ में कर दूँगा; और एक क्रूर राजा उन पर प्रभुता करेगा, प्रभु सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
Et je livrerai l'Égypte aux mains de maîtres cruels, et des rois cruels y règneront: voilà ce que dit le Seigneur Dieu des armées.
5 ५ और समुद्र का जल सूख जाएगा, और महानदी सूख कर खाली हो जाएगी;
Et les Égyptiens boiront de l'eau près de la mer; car leur fleuve tarira, et il sera desséché.
6 ६ और नाले से दुर्गन्ध आने लगेंगे, और मिस्र की नहरें भी सूख जाएँगी, और नरकट और हूगले कुम्हला जाएँगे।
Et les fleuves tariront et les canaux du fleuve; et tout amas d'eau sera desséché, et tous les marais où croissent le roseau et le papyrus;
7 ७ नील नदी का तट उजड़ जाएगा, और उसके कछार की घास, और जो कुछ नील नदी के पास बोया जाएगा वह सूख कर नष्ट हो जाएगा, और उसका पता तक न लगेगा।
Et le gazon verdoyant au bord du fleuve; et tout ce qui est semé le long du fleuve sera flétri et desséché par le vent.
8 ८ सब मछुए जितने नील नदी में बंसी डालते हैं विलाप करेंगे और लम्बी-लम्बी साँसें लेंगे, और जो जल के ऊपर जाल फेंकते हैं वे निर्बल हो जाएँगे।
Et les pêcheurs gémiront; et ils gémiront tous ceux qui jettent l'hameçon dans le fleuve; et ceux qui jettent des seines et des filets pleureront.
9 ९ फिर जो लोग धुने हुए सन से काम करते हैं और जो सूत से बुनते हैं उनकी आशा टूट जाएगी।
Et ceux qui travaillent le lin et le byssus, ou qui font des robes, seront confondus.
10 १० मिस्र के रईस तो निराश और उसके सब मजदूर उदास हो जाएँगे।
Et tous les artisans seront dans la douleur, et ceux Qui font la bière seront attristés, et ils souffriront en leur âme
11 ११ निश्चय सोअन के सब हाकिम मूर्ख हैं; और फ़िरौन के बुद्धिमान मंत्रियों की युक्ति पशु की सी ठहरी। फिर तुम फ़िरौन से कैसे कह सकते हो कि मैं बुद्धिमानों का पुत्र और प्राचीन राजाओं की सन्तान हूँ?
Et les princes de Tanis, sages conseillers du roi, deviendront fous; leur conseil sera folie. Comment pourrez-vous dire au roi: Nous sommes les fils des sages, les fils des anciens rois?
12 १२ अब तेरे बुद्धिमान कहाँ है? सेनाओं के यहोवा ने मिस्र के विषय जो युक्ति की है, उसको यदि वे जानते हों तो तुझे बताएँ।
Où sont maintenant tes sages? Qu'ils prophétisent, et qu'ils disent: Qu'a résolu contre l'Égypte le Seigneur Dieu des armées?
13 १३ सोअन के हाकिम मूर्ख बन गए हैं, नोप के हाकिमों ने धोखा खाया है; और जिन पर मिस्र के प्रधान लोगों का भरोसा था उन्होंने मिस्र को भरमा दिया है।
Les princes de Tanis ont défailli; ceux de Memphis se sont enorgueillis, et ils ont égaré l'Égypte en toutes ses tribus.
14 १४ यहोवा ने उसमें भ्रमता उत्पन्न की है; उन्होंने मिस्र को उसके सारे कामों में उस मतवाले के समान कर दिया है जो वमन करते हुए डगमगाता है।
Car le Seigneur a répandu sur eux un esprit d'erreur, et ils ont égaré l'Égypte en toutes ses œuvres, et ils l'ont fait marcher comme un homme ivre qui vomit.
15 १५ और मिस्र के लिये कोई ऐसा काम न रहेगा जो सिर या पूँछ से अथवा खजूर की डालियों या सरकण्डे से हो सके।
Et les Égyptiens ne feront plus rien qui ait une tête et une queue, un commencement et une fin.
16 १६ उस समय मिस्री, स्त्रियों के समान हो जाएँगे, और सेनाओं का यहोवा जो अपना हाथ उन पर बढ़ाएगा उसके डर के मारे वे थरथराएँगे और काँप उठेंगे।
Et, en ce jour, les Égyptiens seront comme des femmes effrayées et tremblantes sous la main du Seigneur des armées, qu'il fera tomber sur eux.
17 १७ ओर यहूदा का देश मिस्र के लिये यहाँ तक भय का कारण होगा कि जो कोई उसकी चर्चा सुनेगा वह थरथरा उठेगा; सेनाओं के यहोवा की उस युक्ति का यही फल होगा जो वह मिस्र के विरुद्ध करता है।
Et la terre de la Judée sera pour les Égyptiens un objet de terreur; et quiconque prononcera son nom devant eux les frappera de crainte, à cause des desseins que le Seigneur des armées a formés sur eux-mêmes.
18 १८ उस समय मिस्र देश में पाँच नगर होंगे जिनके लोग कनान की भाषा बोलेंगे और यहोवा की शपथ खाएँगे। उनमें से एक का नाम नाशनगर रखा जाएगा।
Ce jour-là, il y aura cinq villes d'Égypte qui parleront la langue de Chanaan, et jureront par le Seigneur Dieu des armées. L'une de ces villes s'appellera Asédec.
19 १९ उस समय मिस्र देश के बीच में यहोवा के लिये एक वेदी होगी, और उसकी सीमा के पास यहोवा के लिये एक खम्भा खड़ा होगा।
Ce jour-là, il y aura sur le territoire d'Égypte un autel du Seigneur, et à sa frontière une colonne élevée au Seigneur.
20 २० वह मिस्र देश में सेनाओं के यहोवा के लिये चिन्ह और साक्षी ठहरेगा; और जब वे अंधेर करनेवाले के कारण यहोवा की दुहाई देंगे, तब वह उनके पास एक उद्धारकर्ता और रक्षक भेजेगा, और उन्हें मुक्त करेगा।
Et ce sera un signe éternel au Seigneur en la terre d'Égypte. Dès lors ils crieront au Seigneur dans leurs tribulations, et il leur enverra un homme pour les sauver; et il les sauvera en les jugeant.
21 २१ तब यहोवा अपने आपको मिस्रियों पर प्रगट करेगा; और मिस्री उस समय यहोवा को पहचानेंगे और मेलबलि और अन्नबलि चढ़ाकर उसकी उपासना करेंगे, और यहोवा के लिये मन्नत मानकर पूरी भी करेंगे।
Et le Seigneur sera connu des Égyptiens. Et les Égyptiens en ce jour connaîtront le Seigneur, et ils lui sacrifieront des victimes, et ils lui feront des vœux, et ils les accompliront.
22 २२ और यहोवा मिस्रियों को मारेगा, वह मारेगा और चंगा भी करेगा, और वे यहोवा की ओर फिरेंगे और वह उनकी विनती सुनकर उनको चंगा करेगा।
Et le Seigneur frappera d'une plaie les Égyptiens, puis il la guérira; et ils se convertiront au Seigneur, et il les exaucera, et il leur enverra une entière guérison.
23 २३ उस समय मिस्र से अश्शूर जाने का एक राजमार्ग होगा, और अश्शूरी मिस्र में आएँगे और मिस्री लोग अश्शूर को जाएँगे, और मिस्री अश्शूरियों के संग मिलकर आराधना करेंगे।
En ce jour, il y aura une voie de l'Égypte à l'Assyrie; et les Assyriens entreront en Égypte; et les Égyptiens iront en Assyrie, et ils seront asservis aux Assyriens.
24 २४ उस समय इस्राएल, मिस्र और अश्शूर तीनों मिलकर पृथ्वी के लिये आशीष का कारण होंगे।
En ce jour, Israël sera la troisième avec les Égyptiens et les Assyriens, et il sera béni sur la terre
25 २५ क्योंकि सेनाओं का यहोवा उन तीनों को यह कहकर आशीष देगा, धन्य हो मेरी प्रजा मिस्र, और मेरा रचा हुआ अश्शूर, और मेरा निज भाग इस्राएल।
Que le Seigneur des armées a bénie, disant: Béni soit mon peuple qui est en Égypte et qui est en Assyrie; et béni soit Israël mon héritage!