< यशायाह 16 >
1 १ जंगल की ओर से सेला नगर से सिय्योन की बेटी के पर्वत पर देश के हाकिम के लिये भेड़ों के बच्चों को भेजो।
Send the lambs for the ruler of the land from Sela to the wilderness, to the mountain of the daughter of Zion.
2 २ मोआब की बेटियाँ अर्नोन के घाट पर उजाड़े हुए घोंसले के पक्षी और उनके भटके हुए बच्चों के समान हैं।
For it will be that as wandering birds, as a scattered nest, so will the daughters of Moab be at the fords of the Arnon.
3 ३ सम्मति करो, न्याय चुकाओ; दोपहर ही में अपनी छाया को रात के समान करो; घर से निकाले हुओं को छिपा रखो, जो मारे-मारे फिरते हैं उनको मत पकड़वाओ।
Give counsel. Execute justice. Make your shade like the night in the midst of the noonday. Hide the outcasts. Do not betray the fugitive.
4 ४ मेरे लोग जो निकाले हुए हैं वे तेरे बीच में रहें; नाश करनेवाले से मोआब को बचाओ। पीसनेवाला नहीं रहा, लूट पाट फिर न होगी; क्योंकि देश में से अंधेर करनेवाले नाश हो गए हैं।
Let my outcasts dwell with you. As for Moab, be a hiding place for him from the face of the destroyer. For the extortioner is brought to nothing. Destruction ceases. The oppressors are consumed out of the land.
5 ५ तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्चाई के साथ एक विराजमान होगा जो सोच विचार कर सच्चा न्याय करेगा और धार्मिकता के काम पर तत्पर रहेगा।
A throne will be established in loving kindness. One will sit on it in truth, in the tent of David, judging, seeking justice, and swift to do righteousness.
6 ६ हमने मोआब के गर्व के विषय सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी था; उसके अभिमान और गर्व और रोष के सम्बंध में भी सुना है—परन्तु उसका बड़ा बोल व्यर्थ है।
We have heard of the pride of Moab, that he is very proud; even of his arrogance, his pride, and his wrath. His boastings are nothing.
7 ७ क्योंकि मोआब हाय! हाय! करेगा; सब के सब मोआब के लिये हाहाकार करेंगे। कीरहरासत की दाख की टिकियों के लिये वे अति निराश होकर लम्बी-लम्बी साँस लिया करेंगे।
Ah, let not Moab wail; let everyone wail for Moab. You will mourn for the raisin cakes of Kir Hareseth, utterly stricken.
8 ८ क्योंकि हेशबोन के खेत और सिबमा की दाखलताएँ मुर्झा गईं; जाति-जाति के अधिकारियों ने उनकी उत्तम-उत्तम लताओं को काट-काटकर गिरा दिया है, वे याजेर तक पहुँची और जंगल में भी फैलती गईं; और बढ़ते-बढ़ते ताल के पार दूर तक बढ़ गई थीं।
For the fields of Heshbon languish with the vine of Sibmah. The lords of the nations have broken down its choice branches, which reached even to Jazer, which wandered into the wilderness. Its shoots were spread abroad. They passed over the sea.
9 ९ मैं याजेर के साथ सिबमा की दाखलताओं के लिये भी रोऊँगा; हे हेशबोन और एलाले, मैं तुम्हें अपने आँसुओं से सींचूँगा; क्योंकि तुम्हारे धूपकाल के फलों के और अनाज की कटनी के समय की ललकार सुनाई पड़ी है।
Therefore I will weep with the weeping of Jazer for the vine of Sibmah. I will saturate you with my tears, Heshbon, and Elealeh: for on your summer fruits and on your harvest the battle shout has fallen.
10 १० फलदाई बारियों में से आनन्द और मगनता जाती रही; दाख की बारियों में गीत न गाया जाएगा, न हर्ष का शब्द सुनाई देगा; और दाखरस के कुण्डों में कोई दाख न रौंदेगा, क्योंकि मैं उनके हर्ष के शब्द को बन्द करूँगा।
Gladness is taken away, and joy out of the fruitful field; and in the vineyards there will be no singing and there will be no jubilant shouting. Nobody will tread out wine in the presses. I have made the shouting stop.
11 ११ इसलिए मेरा मन मोआब के कारण और मेरा हृदय कीरहेरेस के कारण वीणा का सा क्रन्दन करता है।
Therefore my heart sounds like a harp for Moab, and my inward parts for Kir Heres.
12 १२ और जब मोआब ऊँचे स्थान पर मुँह दिखाते-दिखाते थक जाए, और प्रार्थना करने को अपने पवित्रस्थान में आए, तो उसे कुछ लाभ न होगा।
It will happen that when Moab presents himself, when he wearies himself on the high place, and comes to his sanctuary to pray, that he will not prevail.
13 १३ यही वह बात है जो यहोवा ने इससे पहले मोआब के विषय में कही थी।
This is the word that the LORD spoke concerning Moab in time past.
14 १४ परन्तु अब यहोवा ने यह कहा है, “मजदूरों के वर्षों के समान तीन वर्ष के भीतर मोआब का वैभव और उसकी भीड़-भाड़ सब तुच्छ ठहरेगी; और थोड़े जो बचेंगे उनका कोई बल न होगा।”
But now the LORD has spoken, saying, "Within three years, as a worker bound by contract would count them, the glory of Moab shall be brought into contempt, with all his great multitude; and the remnant will be very small and feeble."