< होशे 9 >
1 १ हे इस्राएल, तू देश-देश के लोगों के समान आनन्द में मगन मत हो! क्योंकि तू अपने परमेश्वर को छोड़कर वेश्या बनी। तूने अन्न के हर एक खलिहान पर छिनाले की कमाई आनन्द से ली है।
Freue dich nicht, Israel, bis zum Frohlocken, wie die Völker; denn du hast von deinem Gott weg gehurt, hast Buhlerlohn geliebt auf allen Korntennen.
2 २ वे न तो खलिहान के अन्न से तृप्त होंगे, और न कुण्ड के दाखमधु से; और नये दाखमधु के घटने से वे धोखा खाएँगे।
Tenne und Kelter werden sie nicht ernähren, und der Most wird sie täuschen.
3 ३ वे यहोवा के देश में रहने न पाएँगे; परन्तु एप्रैम मिस्र में लौट जाएगा, और वे अश्शूर में अशुद्ध वस्तुएँ खाएँगे।
Sie werden nicht im Lande Jehovas bleiben, sondern Ephraim wird nach Ägypten zurückkehren, und sie werden Unreines essen in Assyrien.
4 ४ वे यहोवा के लिये दाखमधु का अर्घ न देंगे, और न उनके बलिदान उसको भाएँगे। उनकी रोटी शोक करनेवालों का सा भोजन ठहरेगी; जितने उसे खाएँगे सब अशुद्ध हो जाएँगे; क्योंकि उनकी भोजनवस्तु उनकी भूख बुझाने ही के लिये होगी; वह यहोवा के भवन में न आ सकेगी।
Sie werden Jehova keinen Wein spenden, und ihre Schlachtopfer werden ihm nicht angenehm sein: wie Trauerspeise [d. h. wie die bei Leichenmahlzeiten genossene Speise] wird es ihnen sein; alle, die davon essen, werden sich verunreinigen; denn für ihren Hunger [And. üb.: für sie selbst. W. für ihre Seele] wird ihre Speise sein, in das Haus Jehovas wird sie nicht kommen.
5 ५ नियत समय के पर्व और यहोवा के उत्सव के दिन तुम क्या करोगे?
Was werdet ihr tun am Tage der Feier und am Tage des Festes Jehovas?
6 ६ देखो, वे सत्यानाश होने के डर के मारे चले गए; परन्तु वहाँ मर जाएँगे और मिस्री उनके शव इकट्ठा करेंगे; और मोप के निवासी उनको मिट्टी देंगे। उनकी मनभावनी चाँदी की वस्तुएँ बिच्छू पेड़ों के बीच में पड़ेंगी, और उनके तम्बुओं में काँटे उगेंगे।
Denn siehe, sie sind weggezogen wegen der Zerstörung; Ägypten wird sie sammeln, Moph [Memphis] sie begraben; ihre Kostbarkeiten an Silber werden die Nesseln in Besitz nehmen, Dornen werden in ihren Zelten sein.
7 ७ दण्ड के दिन आए हैं; बदला लेने के दिन आए हैं; और इस्राएल यह जान लेगा। उनके बहुत से अधर्म और बड़े द्वेष के कारण भविष्यद्वक्ता तो मूर्ख, और जिस पुरुष पर आत्मा उतरता है, वह बावला ठहरेगा।
Gekommen sind die Tage der Heimsuchung, gekommen die Tage der Vergeltung; Israel wird es erfahren [O. erkennen.] Der Prophet wird närrisch, der Mann des Geistes [d. h. der mit dem Geiste Gottes erfüllt ist] wahnsinnig, wegen der Größe deiner Ungerechtigkeit und der großen Feindseligkeit.
8 ८ एप्रैम का पहरुआ मेरे परमेश्वर के साथ था; पर भविष्यद्वक्ता सब मार्गों में बहेलिये का फंदा है, और वह अपने परमेश्वर के घर में बैरी हुआ है।
Ephraim schaut nach Offenbarungen aus neben meinem Gott; der Prophet-eines Vogelstellers Schlinge ist auf allen seinen Wegen, Feindseligkeit ist im Hause seines Gottes.
9 ९ वे गिबा के दिनों की भाँति अत्यन्त बिगड़े हैं; इसलिए परमेश्वर उनके अधर्म की सुधि लेकर उनके पाप का दण्ड देगा।
Tief haben sie sich verderbt [O. Sie sind tief [od. weit] gegangen im Verderbthandeln] wie in den Tagen von Gibea [Vergl. Richt. 19 usw.] Er wird ihrer Ungerechtigkeit gedenken, er wird ihre Sünden heimsuchen.
10 १० मैंने इस्राएल को ऐसा पाया जैसे कोई जंगल में दाख पाए; और तुम्हारे पुरखाओं पर ऐसे दृष्टि की जैसे अंजीर के पहले फलों पर दृष्टि की जाती है। परन्तु उन्होंने बालपोर के पास जाकर अपने को लज्जा का कारण होने के लिये अर्पण कर दिया, और जिस पर मोहित हो गए थे, वे उसी के समान घिनौने हो गए।
Ich fand Israel wie Trauben in der Wüste; wie eine Frühfrucht am Feigenbaum, in seinem ersten Triebe [Eig. in seiner ersten Zeit, ] ersah ich eure Väter. Sie aber gingen nach Baal-Peor und weihten sich der Schande, [Vergl. Jer. 3,24] und sie wurden Greuel wie ihr Buhle.
11 ११ एप्रैम का वैभव पक्षी के समान उड़ जाएगा; न तो किसी का जन्म होगा, न किसी को गर्भ रहेगा, और न कोई स्त्री गर्भवती होगी!
Ephraim-dem Vogel gleich wird ihre Herrlichkeit wegfliegen. Kein Gebären und keine Schwangerschaft und keine Empfängnis:
12 १२ चाहे वे अपने बच्चों का पालन-पोषण कर बड़े भी करें, तो भी मैं उन्हें यहाँ तक निर्वंश करूँगा कि कोई भी न बचेगा। जब मैं उनसे दूर हो जाऊँगा, तब उन पर हाय!
ja, wenn sie auch ihre Söhne groß ziehen, so werde ich sie doch derselben berauben, so daß kein Mann mehr bleibt; denn wehe ihnen [Eig. ja ihnen, od eben ihnen, ] wenn ich von ihnen weichen werde!
13 १३ जैसा मैंने सोर को देखा, वैसा एप्रैम को भी मनभाऊ स्थान में बसा हुआ देखा; तो भी उसे अपने बच्चों को घातक के सामने ले जाना पड़ेगा।
Ephraim, wie ich hinschaute, war ein Tyrus [And.: eine Palme; der hebräische Text ist schwer verständlich, ] auf der Aue gepflanzt; aber Ephraim muß [And. üb.: Ephraim-gleichwie ich es zu einem Tyrus ersehen hatte, so soll Ephraim] seine Söhne zum Würger hinausbringen.
14 १४ हे यहोवा, उनको दण्ड दे! तू क्या देगा? यह, कि उनकी स्त्रियों के गर्भ गिर जाएँ, और स्तन सूखे रहें।
Gib ihnen, Jehova; was wirst du ihnen geben? Gib ihnen einen unfruchtbaren Mutterleib und trockene Brüste!
15 १५ उनकी सारी बुराई गिलगाल में है; वहीं मैंने उनसे घृणा की। उनके बुरे कामों के कारण मैं उनको अपने घर से निकाल दूँगा। और उनसे फिर प्रीति न रखूँगा, क्योंकि उनके सब हाकिम बलवा करनेवाले हैं।
Alle ihre Bosheit ist zu Gilgal, denn daselbst habe ich sie gehaßt. Wegen der Bosheit ihrer Handlungen werde ich sie aus meinem Hause vertreiben; ich werde sie nicht mehr lieben; alle ihre Fürsten sind Abtrünnige.
16 १६ एप्रैम मारा हुआ है, उनकी जड़ सूख गई, उनमें फल न लगेगा। चाहे उनकी स्त्रियाँ बच्चे भी जनें तो भी मैं उनके जन्मे हुए दुलारों को मार डालूँगा।
Ephraim ist geschlagen: ihre Wurzel ist verdorrt, sie werden keine Frucht bringen; selbst wenn sie gebären, werde ich die Lieblinge ihres Leibes töten.
17 १७ मेरा परमेश्वर उनको निकम्मा ठहराएगा, क्योंकि उन्होंने उसकी नहीं सुनी। वे अन्यजातियों के बीच मारे-मारे फिरेंगे।
Mein Gott verwirft sie, weil sie nicht auf ihn gehört haben; und sie sollen Flüchtlinge sein unter den Nationen.