< होशे 6 >
1 १ “चलो, हम यहोवा की ओर फिरें; क्योंकि उसी ने फाड़ा, और वही हमें चंगा भी करेगा; उसी ने मारा, और वही हमारे घावों पर पट्टी बाँधेगा।
in tribulatione sua mane consurgunt ad me venite et revertamur ad Dominum
2 २ दो दिन के बाद वह हमको जिलाएगा; और तीसरे दिन वह हमको उठाकर खड़ा करेगा; तब हम उसके सम्मुख जीवित रहेंगे।
quia ipse cepit et sanabit nos percutiet et curabit nos
3 ३ आओ, हम ज्ञान ढूँढ़े, वरन् यहोवा का ज्ञान प्राप्त करने के लिये यत्न भी करें; क्योंकि यहोवा का प्रगट होना भोर का सा निश्चित है; वह वर्षा के समान हमारे ऊपर आएगा, वरन् बरसात के अन्त की वर्षा के समान जिससे भूमि सींचती है।”
vivificabit nos post duos dies in die tertia suscitabit nos et vivemus in conspectu eius sciemus sequemurque ut cognoscamus Dominum quasi diluculum praeparatus est egressus eius et veniet quasi imber nobis temporaneus et serotinus terrae
4 ४ हे एप्रैम, मैं तुझ से क्या करूँ? हे यहूदा, मैं तुझ से क्या करूँ? तुम्हारा स्नेह तो भोर के मेघ के समान, और सवेरे उड़ जानेवाली ओस के समान है।
quid faciam tibi Ephraim quid faciam tibi Iuda misericordia vestra quasi nubes matutina et quasi ros mane pertransiens
5 ५ इस कारण मैंने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा मानो उन पर कुल्हाड़ी चलाकर उन्हें काट डाला, और अपने वचनों से उनको घात किया, और मेरा न्याय प्रकाश के समान चमकता है।
propter hoc dolavi in prophetis occidi eos in verbis oris mei et iudicia tua quasi lux egredientur
6 ६ क्योंकि मैं बलिदान से नहीं, स्थिर प्रेम ही से प्रसन्न होता हूँ, और होमबलियों से अधिक यह चाहता हूँ कि लोग परमेश्वर का ज्ञान रखें।
quia misericordiam volui et non sacrificium et scientiam Dei plus quam holocausta
7 ७ परन्तु उन लोगों ने आदम के समान वाचा को तोड़ दिया; उन्होंने वहाँ मुझसे विश्वासघात किया है।
ipsi autem sicut Adam transgressi sunt pactum ibi praevaricati sunt in me
8 ८ गिलाद नामक गढ़ी तो अनर्थकारियों से भरी है, वह खून से भरी हुई है।
Galaad civitas operantium idolum subplantata sanguine
9 ९ जैसे डाकुओं के दल किसी की घात में बैठते हैं, वैसे ही याजकों का दल शेकेम के मार्ग में वध करता है, वरन् उन्होंने महापाप भी किया है।
et quasi fauces virorum latronum particeps sacerdotum in via interficientium pergentes de Sychem quia scelus operati sunt
10 १० इस्राएल के घराने में मैंने रोएँ खड़े होने का कारण देखा है; उसमें एप्रैम का छिनाला और इस्राएल की अशुद्धता पाई जाती है।
in domo Israhel vidi horrendum ibi fornicationes Ephraim contaminatus est Israhel
11 ११ हे यहूदा, जब मैं अपनी प्रजा को बँधुआई से लौटा ले आऊँगा, उस समय के लिये तेरे निमित्त भी बदला ठहराया हुआ है।
sed et Iuda pone messem tibi cum convertero captivitatem populi mei