< होशे 4 >

1 हे इस्राएलियों, यहोवा का वचन सुनो; इस देश के निवासियों के साथ यहोवा का मुकद्दमा है। इस देश में न तो कुछ सच्चाई है, न कुछ करुणा और न कुछ परमेश्वर का ज्ञान ही है।
Oíd palabra de Jehová, hijos de Israel; porque Jehová pleitea con los moradores de la tierra; porque no hay verdad, ni misericordia, ni conocimiento de Dios en la tierra.
2 यहाँ श्राप देने, झूठ बोलने, वध करने, चुराने, और व्यभिचार करने को छोड़ कुछ नहीं होता; वे व्यवस्था की सीमा को लाँघकर कुकर्म करते हैं और खून ही खून होता रहता है।
Perjurar, y mentir, y matar, y hurtar, y adulterar prevalecieron, y sangres se tocaron contra sangres.
3 इस कारण यह देश विलाप करेगा, और मैदान के जीव-जन्‍तुओं, और आकाश के पक्षियों समेत उसके सब निवासी कुम्हला जाएँगे; और समुद्र की मछलियाँ भी नाश हो जाएँगी।
Por lo cual la tierra se enlutará, y será talado todo morador de ella, con las bestias del campo, y las aves del cielo; y aun los peces de la mar serán cogidos.
4 देखो, कोई वाद-विवाद न करे, न कोई उलाहना दे, क्योंकि तेरे लोग तो याजकों से वाद-विवाद करनेवालों के समान हैं।
Ciertamente hombre no contienda ni reprenda a hombre; porque tu pueblo es como los que resisten al sacerdote.
5 तू दिन दुपहरी ठोकर खाएगा, और रात को भविष्यद्वक्ता भी तेरे साथ ठोकर खाएगा; और मैं तेरी माता का नाश करूँगा।
Caerás pues en este día, y caerá también contigo el profeta de noche; y a tu madre talaré.
6 मेरे ज्ञान के न होने से मेरी प्रजा नाश हो गई; तूने मेरे ज्ञान को तुच्छ जाना है, इसलिए मैं तुझे अपना याजक रहने के अयोग्‍य ठहराऊँगा। इसलिए कि तूने अपने परमेश्वर की व्यवस्था को त्याग दिया है, मैं भी तेरे बाल-बच्चों को छोड़ दूँगा।
Mi pueblo fue talado, porque le faltó sabiduría. Porque tú desechaste la sabiduría, yo te echaré del sacerdocio; y pues que olvidaste la ley de tu Dios, también yo me olvidaré de tus hijos.
7 जैसे याजक बढ़ते गए, वैसे ही वे मेरे विरुद्ध पाप करते गए; मैं उनके वैभव के बदले उनका अनादर करूँगा।
Conforme a su grandeza así pecaron contra mí: yo pues también trocaré su honra en vergüenza.
8 वे मेरी प्रजा के पापबलियों को खाते हैं, और प्रजा के पापी होने की लालसा करते हैं।
Comen del pecado de mi pueblo, y en su maldad levantan su alma.
9 इसलिए जो प्रजा की दशा होगी, वही याजक की भी होगी; मैं उनके चाल चलन का दण्ड दूँगा, और उनके कामों के अनुकूल उन्हें बदला दूँगा।
Y tal será el pueblo como el sacerdote; y visitaré sobre él sus caminos, y pagarle he conforme a sus obras.
10 १० वे खाएँगे तो सही, परन्तु तृप्त न होंगे, और वेश्‍यागमन तो करेंगे, परन्तु न बढ़ेंगे; क्योंकि उन्होंने यहोवा की ओर मन लगाना छोड़ दिया है।
Y comerán, mas no se hartarán: fornicarán, mas no se aumentarán, porque dejaron de guardar a Jehová.
11 ११ वेश्‍यागमन और दाखमधु और ताजा दाखमधु, ये तीनों बुद्धि को भ्रष्ट करते हैं।
Fornicación, y vino, y mosto quitan el corazón.
12 १२ मेरी प्रजा के लोग काठ के पुतले से प्रश्न करते हैं, और उनकी छड़ी उनको भविष्य बताती है। क्योंकि छिनाला करानेवाली आत्मा ने उन्हें बहकाया है, और वे अपने परमेश्वर की अधीनता छोड़कर छिनाला करते हैं।
Mi pueblo en su madera pregunta, y su palo le responde; porque espíritu de fornicaciones le engañó, y fornicaron debajo de sus dioses.
13 १३ बांज, चिनार और छोटे बांजवृक्षों की छाया अच्छी होती है, इसलिए वे उनके नीचे और पहाड़ों की चोटियों पर यज्ञ करते, और टीलों पर धूप जलाते हैं। इस कारण तुम्हारी बेटियाँ छिनाल और तुम्हारी बहुएँ व्यभिचारिणी हो गई हैं।
Sobre los cabezos de los montes sacrificaron, y sobre los collados incensaron: debajo de encinas, y álamos, y olmos que tuviesen buena sombra: por tanto vuestras hijas fornicarán, y vuestras nueras adulterarán.
14 १४ जब तुम्हारी बेटियाँ छिनाला और तुम्हारी बहुएँ व्यभिचार करें, तब मैं उनको दण्ड न दूँगा; क्योंकि मनुष्य आप ही वेश्याओं के साथ एकान्त में जाते, और देवदासियों के साथी होकर यज्ञ करते हैं; और जो लोग समझ नहीं रखते, वे नाश हो जाएँगे।
No visitaré sobre vuestras hijas cuando fornicaren, ni sobre vuestras nueras cuando adulteraren; porque ellos ofrecen con las rameras, y con las malas mujeres sacrifican: por tanto el pueblo sin entendimiento caerá.
15 १५ हे इस्राएल, यद्यपि तू छिनाला करता है, तो भी यहूदा दोषी न बने। गिलगाल को न आओ; और न बेतावेन को चढ़ जाओ; और यहोवा के जीवन की सौगन्ध कहकर शपथ न खाओ।
Si fornicares tú, Israel, a lo menos no peque Judá; y no entréis en Gálgala, ni subáis a Bet-aven, ni juréis: Vive Jehová.
16 १६ क्योंकि इस्राएल ने हठीली बछिया के समान हठ किया है, क्या अब यहोवा उन्हें भेड़ के बच्चे के समान लम्बे चौड़े मैदान में चराएगा?
Porque como becerra cerrera revacó Israel: apaciéntalos ahora Jehová, como a carneros en anchura.
17 १७ एप्रैम मूरतों का संगी हो गया है; इसलिए उसको रहने दे।
Efraím es dado a ídolos, déjale.
18 १८ वे जब दाखमधु पी चुकते हैं तब वेश्‍यागमन करने में लग जाते हैं; उनके प्रधान लोग निरादर होने से अधिक प्रीति रखते हैं।
Su bebida se corrompió, fornicando fornicaron, amaron los dones: lo cual es afrenta de sus príncipes.
19 १९ आँधी उनको अपने पंखों में बाँधकर उड़ा ले जाएगी, और उनके बलिदानों के कारण वे लज्जित होंगे।
Atóla el viento en sus alas, y de sus sacrificios serán avergonzados.

< होशे 4 >