< होशे 4 >
1 १ हे इस्राएलियों, यहोवा का वचन सुनो; इस देश के निवासियों के साथ यहोवा का मुकद्दमा है। इस देश में न तो कुछ सच्चाई है, न कुछ करुणा और न कुछ परमेश्वर का ज्ञान ही है।
¡Oíd la palabra de Yahvé, oh hijos de Israel! Pues Yahvé entra en juicio con los habitantes del país, porque no hay verdad ni misericordia, y no hay conocimiento de Dios en la tierra.
2 २ यहाँ श्राप देने, झूठ बोलने, वध करने, चुराने, और व्यभिचार करने को छोड़ कुछ नहीं होता; वे व्यवस्था की सीमा को लाँघकर कुकर्म करते हैं और खून ही खून होता रहता है।
Perjuran, y mienten, matan, roban y adulteran, hacen violencia, y un homicidio sigue a otro.
3 ३ इस कारण यह देश विलाप करेगा, और मैदान के जीव-जन्तुओं, और आकाश के पक्षियों समेत उसके सब निवासी कुम्हला जाएँगे; और समुद्र की मछलियाँ भी नाश हो जाएँगी।
Por esto el país está de luto, y desfallecen cuantos en él habitan, juntamente con las bestias del campo y las aves del cielo. Hasta los peces de la mar desaparecen.
4 ४ देखो, कोई वाद-विवाद न करे, न कोई उलाहना दे, क्योंकि तेरे लोग तो याजकों से वाद-विवाद करनेवालों के समान हैं।
Pero nadie se ponga a contender y nadie reprenda; porque tu pueblo es como aquellos que se querellan contra el sacerdote.
5 ५ तू दिन दुपहरी ठोकर खाएगा, और रात को भविष्यद्वक्ता भी तेरे साथ ठोकर खाएगा; और मैं तेरी माता का नाश करूँगा।
Tropezarás en pleno día, y también el profeta tropezará contigo de noche; y Yo haré perecer a tu madre.
6 ६ मेरे ज्ञान के न होने से मेरी प्रजा नाश हो गई; तूने मेरे ज्ञान को तुच्छ जाना है, इसलिए मैं तुझे अपना याजक रहने के अयोग्य ठहराऊँगा। इसलिए कि तूने अपने परमेश्वर की व्यवस्था को त्याग दिया है, मैं भी तेरे बाल-बच्चों को छोड़ दूँगा।
Mi pueblo perece por falta de conocimiento. Por haber rechazado tú el conocimiento, Yo te rechazaré a ti para que no seas mi sacerdote. Por haber olvidado tú la ley de tu Dios, me olvidaré Yo de tus hijos.
7 ७ जैसे याजक बढ़ते गए, वैसे ही वे मेरे विरुद्ध पाप करते गए; मैं उनके वैभव के बदले उनका अनादर करूँगा।
Cuanto más se multiplicaron, tanto más pecaron contra Mí; por lo cual trocaré su gloria en ignominia.
8 ८ वे मेरी प्रजा के पापबलियों को खाते हैं, और प्रजा के पापी होने की लालसा करते हैं।
Comen los pecados de mi pueblo, y las iniquidades de este le gustan.
9 ९ इसलिए जो प्रजा की दशा होगी, वही याजक की भी होगी; मैं उनके चाल चलन का दण्ड दूँगा, और उनके कामों के अनुकूल उन्हें बदला दूँगा।
Por eso el pueblo y los sacerdotes tendrán la misma suerte. Los castigaré por su conducta y haré recaer sobre ellos sus obras.
10 १० वे खाएँगे तो सही, परन्तु तृप्त न होंगे, और वेश्यागमन तो करेंगे, परन्तु न बढ़ेंगे; क्योंकि उन्होंने यहोवा की ओर मन लगाना छोड़ दिया है।
Comerán, y no se saciarán; fornicarán y no se multiplicarán, por cuanto han dejado de servir a Yahvé.
11 ११ वेश्यागमन और दाखमधु और ताजा दाखमधु, ये तीनों बुद्धि को भ्रष्ट करते हैं।
Fornicación, vino y mosto quitan el buen sentido.
12 १२ मेरी प्रजा के लोग काठ के पुतले से प्रश्न करते हैं, और उनकी छड़ी उनको भविष्य बताती है। क्योंकि छिनाला करानेवाली आत्मा ने उन्हें बहकाया है, और वे अपने परमेश्वर की अधीनता छोड़कर छिनाला करते हैं।
Mi pueblo consulta a sus leños, y su palo le da revelaciones; porque el espíritu de fornicación los ha extraviado, se prostituyen apartándose de su Dios.
13 १३ बांज, चिनार और छोटे बांजवृक्षों की छाया अच्छी होती है, इसलिए वे उनके नीचे और पहाड़ों की चोटियों पर यज्ञ करते, और टीलों पर धूप जलाते हैं। इस कारण तुम्हारी बेटियाँ छिनाल और तुम्हारी बहुएँ व्यभिचारिणी हो गई हैं।
Ofrecen sacrificios sobre las cimas de los montes, y queman incienso sobre los collados, bajo las encinas, los álamos y los terebintos; porque es grata su sombra. Por eso fornican vuestras hijas y adulteran vuestras nueras.
14 १४ जब तुम्हारी बेटियाँ छिनाला और तुम्हारी बहुएँ व्यभिचार करें, तब मैं उनको दण्ड न दूँगा; क्योंकि मनुष्य आप ही वेश्याओं के साथ एकान्त में जाते, और देवदासियों के साथी होकर यज्ञ करते हैं; और जो लोग समझ नहीं रखते, वे नाश हो जाएँगे।
Sin embargo no castigaré a vuestras hijas fornicarias, ni a vuestras nueras adúlteras, por cuanto ellos mismos van aparte con las prostitutas, y ofrecen sacrificios con las hieródulas; así el pueblo que no entiende corre hacia su perdición.
15 १५ हे इस्राएल, यद्यपि तू छिनाला करता है, तो भी यहूदा दोषी न बने। गिलगाल को न आओ; और न बेतावेन को चढ़ जाओ; और यहोवा के जीवन की सौगन्ध कहकर शपथ न खाओ।
Si tú, oh Israel, fornicas, al menos no se haga culpable Judá. No vayáis a Gálgala, ni subáis a Betaven; ni juréis (diciendo): «¡Vive Yahvé!»
16 १६ क्योंकि इस्राएल ने हठीली बछिया के समान हठ किया है, क्या अब यहोवा उन्हें भेड़ के बच्चे के समान लम्बे चौड़े मैदान में चराएगा?
Porque Israel se extravió como una vaca indómita; mas ahora los apacentará Yahvé cual corderos en lugar espacioso.
17 १७ एप्रैम मूरतों का संगी हो गया है; इसलिए उसको रहने दे।
Efraím no se separa de los ídolos. ¡Déjale!
18 १८ वे जब दाखमधु पी चुकते हैं तब वेश्यागमन करने में लग जाते हैं; उनके प्रधान लोग निरादर होने से अधिक प्रीति रखते हैं।
Terminada su embriaguez se entregan a la fornicación; sus príncipes aman sobre todo la ignominia.
19 १९ आँधी उनको अपने पंखों में बाँधकर उड़ा ले जाएगी, और उनके बलिदानों के कारण वे लज्जित होंगे।
El viento los tiene envueltos en sus alas; y quedarán avergonzados a causa de sus sacrificios.