< होशे 3 >

1 फिर यहोवा ने मुझसे कहा, “अब जाकर एक ऐसी स्त्री से प्रीति कर, जो व्यभिचारिणी होने पर भी अपने प्रिय की प्यारी हो; क्योंकि उसी भाँति यद्यपि इस्राएली पराए देवताओं की ओर फिरे, और किशमिश की टिकियों से प्रीति रखते हैं, तो भी यहोवा उनसे प्रीति रखता है।”
Then said the LORD unto me, Go yet, love a woman beloved of [her] friend, yet an adulteress, according to the love of the LORD toward the children of Israel, who look to other gods, and love flagons of wine.
2 तब मैंने एक स्त्री को चाँदी के पन्द्रह टुकड़े और डेढ़ होमेर जौ देकर मोल लिया।
So I bought her to me for fifteen [pieces] of silver, and [for] an homer of barley, and an half homer of barley:
3 मैंने उससे कहा, “तू बहुत दिन तक मेरे लिये बैठी रहना; और न तो छिनाला करना, और न किसी पुरुष की स्त्री हो जाना; और मैं भी तेरे लिये ऐसा ही रहूँगा।”
And I said unto her, Thou shalt abide for me many days; thou shalt not play the harlot, and thou shalt not be for [another] man: so [will] I also [be] for thee.
4 क्योंकि इस्राएली बहुत दिन तक बिना राजा, बिना हाकिम, बिना यज्ञ, बिना स्तम्भ, और बिना एपोद या गृहदेवताओं के बैठे रहेंगे।
For the children of Israel shall abide many days without a king, and without a prince, and without a sacrifice, and without an image, and without an ephod, and [without] teraphim:
5 उसके बाद वे अपने परमेश्वर यहोवा और अपने राजा दाऊद को फिर ढूँढ़ने लगेंगे, और अन्त के दिनों में यहोवा के पास, और उसकी उत्तम वस्तुओं के लिये थरथराते हुए आएँगे।
Afterward shall the children of Israel return, and seek the LORD their God, and David their king; and shall fear the LORD and his goodness in the latter days.

< होशे 3 >