< होशे 2 >

1 इसलिए तुम लोग अपने भाइयों से अम्मी और अपनी बहनों से रुहामा कहो।
“Di a tus hermanos: “¡Pueblo mío!” y a tus hermanas: “¡Mi amada!”
2 “अपनी माता से विवाद करो, विवाद क्योंकि वह मेरी स्त्री नहीं, और न मैं उसका पति हूँ। वह अपने मुँह पर से अपने छिनालपन को और अपनी छातियों के बीच से व्यभिचारों को अलग करे;
¡Discute con tu madre! Contad, porque no es mi mujer, tampoco soy su marido; y deja que aleje su prostitución de su rostro, y sus adulterios de entre sus pechos;
3 नहीं तो मैं उसके वस्त्र उतारकर उसको जन्म के दिन के समान नंगी कर दूँगा, और उसको मरुस्थल के समान और मरूभूमि सरीखी बनाऊँगा, और उसे प्यास से मार डालूँगा।
para que no la desnude, y hacerla desnuda como en el día en que nació, y hacerla como un desierto, y la puso como tierra firme, y matarla de sed.
4 उसके बच्चों पर भी मैं कुछ दया न करूँगा, क्योंकि वे कुकर्म के बच्चे हैं।
En efecto, con sus hijos no tendré piedad, porque son hijos de la infidelidad.
5 उनकी माता ने छिनाला किया है; जिसके गर्भ में वे पड़े, उसने लज्जा के योग्य काम किया है। उसने कहा, ‘मेरे यार जो मुझे रोटी-पानी, ऊन, सन, तेल और मद्य देते हैं, मैं उन्हीं के पीछे चलूँगी।’
Porque su madre ha hecho de prostituta. La que los concibió lo ha hecho vergonzosamente; pues dijo: “Iré tras mis amantes”, que me dan mi pan y mi agua, mi lana y mi lino, mi aceite y mi bebida”.
6 इसलिए देखो, मैं उसके मार्ग को काँटों से घेरूँगा, और ऐसा बाड़ा खड़ा करूँगा कि वह राह न पा सकेगी।
Por lo tanto, he aquí que voy a cercar tu camino con espinas, y construiré un muro contra ella, que no puede encontrar su camino.
7 वह अपने यारों के पीछे चलने से भी उन्हें न पाएगी; और उन्हें ढूँढ़ने से भी न पाएगी। तब वह कहेगी, ‘मैं अपने पहले पति के पास फिर लौट जाऊँगी, क्योंकि मेरी पहली दशा इस समय की दशा से अच्छी थी।’
Ella seguirá a sus amantes, pero no los alcanzará; y los buscará, pero no los encontrará. Entonces dirá: ‘Me iré y volveré con mi primer marido’, porque entonces era mejor conmigo que ahora’.
8 वह यह नहीं जानती थी, कि अन्न, नया दाखमधु और तेल मैं ही उसे देता था, और उसके लिये वह चाँदी सोना जिसको वे बाल देवता के काम में ले आते हैं, मैं ही बढ़ाता था।
Porque no sabía que le había dado el grano, el vino nuevo y el aceite, y le multiplicaron la plata y el oro, que usaron para Baal.
9 इस कारण मैं अन्न की ऋतु में अपने अन्न को, और नये दाखमधु के होने के समय में अपने नये दाखमधु को हर लूँगा; और अपना ऊन और सन भी जिनसे वह अपना तन ढाँपती है, मैं छीन लूँगा।
Por lo tanto, recuperaré mi grano en su momento, y mi vino nuevo en su temporada, y arrancará mi lana y mi lino que debían cubrir su desnudez.
10 १० अब मैं उसके यारों के सामने उसके तन को उघाड़ूँगा, और मेरे हाथ से कोई उसे छुड़ा न सकेगा।
Ahora descubriré su lascivia a la vista de sus amantes, y nadie la librará de mi mano.
11 ११ और मैं उसके पर्व, नये चाँद और विश्रामदिन आदि सब नियत समयों के उत्सवों का अन्त कर दूँगा।
También haré que cesen todas sus celebraciones: sus fiestas, sus lunas nuevas, sus sábados y todas sus asambleas solemnes.
12 १२ मैं उसकी दाखलताओं और अंजीर के वृक्षों को, जिनके विषय वह कहती है कि यह मेरे छिनाले की प्राप्ति है जिसे मेरे यारों ने मुझे दी है, उन्हें ऐसा उजाड़ूँगा कि वे जंगल से हो जाएँगे, और वन-पशु उन्हें चर डालेंगे।
Asolaré sus viñas y sus higueras, sobre la que ha dicho: “Estos son mis salarios que mis amantes me han dado”. y yo les haré un bosque, y los animales del campo los comerán.
13 १३ वे दिन जिनमें वह बाल देवताओं के लिये धूप जलाती, और नत्थ और हार पहने अपने यारों के पीछे जाती और मुझ को भूले रहती थी, उन दिनों का दण्ड मैं उसे दूँगा, यहोवा की यही वाणी है।
Visitaré en ella los días de los baales, al que quemó incienso cuando se engalanó con sus pendientes y sus joyas, y fue tras sus amantes y se olvidaron de mí”, dice Yahvé.
14 १४ “इसलिए देखो, मैं उसे मोहित करके जंगल में ले जाऊँगा, और वहाँ उससे शान्ति की बातें कहूँगा।
“Por lo tanto, he aquí que la atraeré, y llevarla al desierto, y hablarle con ternura.
15 १५ वहीं मैं उसको दाख की बारियाँ दूँगा, और आकोर की तराई को आशा का द्वार कर दूँगा और वहाँ वह मुझसे ऐसी बातें कहेगी जैसी अपनी जवानी के दिनों में अर्थात् मिस्र देश से चले आने के समय कहती थी।
Le daré viñedos desde allí, y el valle de Acor por una puerta de esperanza; y ella responderá allí como en los días de su juventud, y como en el día en que subió de la tierra de Egipto.
16 १६ और यहोवा की यह वाणी है कि उस समय तू मुझे पति कहेगी और फिर बाली न कहेगी।
Será en ese día”, dice Yahvé, “que me llamarás ‘mi marido’, y ya no me llame ‘mi amo’.
17 १७ क्योंकि भविष्य में मैं उसे बाल देवताओं के नाम न लेने दूँगा; और न उनके नाम फिर स्मरण में रहेंगे।
Porque quitaré de su boca los nombres de los baales, y ya no serán mencionados por su nombre.
18 १८ और उस समय मैं उनके लिये वन-पशुओं और आकाश के पक्षियों और भूमि पर के रेंगनेवाले जन्तुओं के साथ वाचा बाँधूँगा, और धनुष और तलवार तोड़कर युद्ध को उनके देश से दूर कर दूँगा; और ऐसा करूँगा कि वे लोग निडर सोया करेंगे।
Ese día haré un pacto para ellos con los animales del campo, y con las aves del cielo, y con los reptiles de la tierra. Romperé el arco, la espada y la batalla fuera de la tierra, y hará que se acuesten con seguridad.
19 १९ मैं सदा के लिये तुझे अपनी स्त्री करने की प्रतिज्ञा करूँगा, और यह प्रतिज्ञा धार्मिकता, और न्याय, और करुणा, और दया के साथ करूँगा।
Te desposaré conmigo para siempre. Sí, te desposaré conmigo con rectitud, con justicia, con bondad amorosa y con compasión.
20 २० यह सच्चाई के साथ की जाएगी, और तू यहोवा को जान लेगी।
Incluso te desposaré conmigo con fidelidad; y conocerás a Yahvé.
21 २१ “यहोवा की यह वाणी है कि उस समय मैं आकाश की सुनकर उसको उत्तर दूँगा, और वह पृथ्वी की सुनकर उसे उत्तर देगा;
En ese día responderé”, dice Yahvé. “Responderé a los cielos, y responderán a la tierra;
22 २२ और पृथ्वी अन्न, नये दाखमधु, और ताजे तेल की सुनकर उनको उत्तर देगी, और वे यिज्रेल को उत्तर देंगे।
y la tierra responderá al grano, al vino nuevo y al aceite; y responderán a Jezreel.
23 २३ मैं अपने लिये उसे देश में बोऊँगा, और लोरुहामा पर दया करूँगा, और लोअम्मी से कहूँगा, तू मेरी प्रजा है, और वह कहेगा, ‘हे मेरे परमेश्वर।’”
La sembraré en la tierra; y me apiadaré de la que no había obtenido misericordia; y diré a los que no eran mi pueblo: “Vosotros sois mi pueblo”. y dirán: “Tú eres mi Dios””.

< होशे 2 >