< होशे 13 >

1 जब एप्रैम बोलता था, तब लोग काँपते थे; और वह इस्राएल में बड़ा था; परन्तु जब वह बाल के कारण दोषी हो गया, तब वह मर गया।
loquente Ephraim horror invasit Israhel et deliquit in Baal et mortuus est
2 और अब वे लोग पाप पर पाप बढ़ाते जाते हैं, और अपनी बुद्धि से चाँदी ढालकर ऐसी मूरतें बनाते हैं जो कारीगरों ही से बनीं। उन्हीं के विषय लोग कहते हैं, जो नरमेध करें, वे बछड़ों को चूमें!
et nunc addiderunt ad peccandum feceruntque sibi conflatile de argento suo quasi similitudinem idolorum factura artificum totum est his ipsi dicunt immolate homines vitulos adorantes
3 इस कारण वे भोर के मेघ, तड़के सूख जानेवाली ओस, खलिहान पर से आँधी के मारे उड़नेवाली भूसी, या चिमनी से निकलते हुए धुएँ के समान होंगे।
idcirco erunt quasi nubes matutina et sicut ros matutinus praeteriens sicut pulvis turbine raptus ex area et sicut fumus de fumario
4 मिस्र देश ही से मैं यहोवा, तेरा परमेश्वर हूँ; तू मुझे छोड़ किसी को परमेश्वर करके न जानना; क्योंकि मेरे सिवा कोई तेरा उद्धारकर्ता नहीं हैं।
ego autem Dominus Deus tuus ex terra Aegypti et Deum absque me nescies et salvator non est praeter me
5 मैंने उस समय तुझ पर मन लगाया जब तू जंगल में वरन् अत्यन्त सूखे देश में था।
ego cognovi te in deserto in terra solitudinis
6 परन्तु जब इस्राएली चराए जाते थे और वे तृप्त हो गए, तब तृप्त होने पर उनका मन घमण्ड से भर गया; इस कारण वे मुझ को भूल गए।
iuxta pascua sua et adimpleti sunt et saturati elevaverunt cor suum et obliti sunt mei
7 इसलिए मैं उनके लिये सिंह सा बना हूँ; मैं चीते के समान उनके मार्ग में घात लगाए रहूँगा।
et ero eis quasi leaena sicut pardus in via Assyriorum
8 मैं बच्चे छीनी हुई रीछनी के समान बनकर उनको मिलूँगा, और उनके हृदय की झिल्ली को फाड़ूँगा, और सिंह के समान उनको वहीं खा डालूँगा, जैसे वन-पशु उनको फाड़ डाले।
occurram eis quasi ursa raptis catulis et disrumpam interiora iecoris eorum et consumam eos ibi quasi leo bestia agri scindet eos
9 हे इस्राएल, तेरे विनाश का कारण यह है, कि तू मेरा अर्थात् अपने सहायक का विरोधी है।
perditio tua Israhel tantummodo in me auxilium tuum
10 १० अब तेरा राजा कहाँ रहा कि तेरे सब नगरों में वह तुझे बचाए? और तेरे न्यायी कहाँ रहे, जिनके विषय में तूने कहा था, “मेरे लिये राजा और हाकिम ठहरा दे?”
ubi est rex tuus maxime nunc salvet te in omnibus urbibus tuis et iudices tui de quibus dixisti da mihi regem et principes
11 ११ मैंने क्रोध में आकर तेरे लिये राजा बनाये, और फिर जलजलाहट में आकर उनको हटा भी दिया।
dabo tibi regem in furore meo et auferam in indignatione mea
12 १२ एप्रैम का अधर्म गठा हुआ है, उनका पाप संचय किया हुआ है।
conligata est iniquitas Ephraim absconditum peccatum eius
13 १३ उसको जच्चा की सी पीड़ाएँ उठेंगी, परन्तु वह निर्बुद्धि लड़का है जो जन्म लेने में देर करता है।
dolores parturientis venient ei ipse filius non sapiens nunc enim non stabit in contritione filiorum
14 १४ मैं उसको अधोलोक के वश से छुड़ा लूँगा और मृत्यु से उसको छुटकारा दूँगा। हे मृत्यु, तेरी मारने की शक्ति कहाँ रही? हे अधोलोक, तेरी नाश करने की शक्ति कहाँ रही? मैं फिर कभी नहीं पछताऊँगा। (Sheol h7585)
de manu mortis liberabo eos de morte redimam eos ero mors tua o mors ero morsus tuus inferne consolatio abscondita est ab oculis meis (Sheol h7585)
15 १५ चाहे वह अपने भाइयों से अधिक फूले-फले, तो भी पुरवाई उस पर चलेगी, और यहोवा की ओर से मरुस्थल से आएगी, और उसका कुण्ड सूखेगा; और उसका सोता निर्जल हो जाएगा। उसकी रखी हुई सब मनभावनी वस्तुएँ वह लूट ले जाएगा।
quia ipse inter fratres dividet adducet urentem ventum Dominus de deserto ascendentem et siccabit venas eius et desolabit fontem eius et ipse diripiet thesaurum omnis vasis desiderabilis
16 १६ सामरिया दोषी ठहरेगा, क्योंकि उसने अपने परमेश्वर से बलवा किया है; वे तलवार से मारे जाएँगे, उनके बच्चे पटके जाएँगे, और उनकी गर्भवती स्त्रियाँ चीर डाली जाएँगी।
pereat Samaria quoniam ad amaritudinem concitavit Dominum suum in gladio pereat parvuli eorum elidantur et fetae eius discindantur

< होशे 13 >