< होशे 10 >
1 १ इस्राएल एक लहलहाती हुई दाखलता सी है, जिसमें बहुत से फल भी लगे, परन्तु ज्यों-ज्यों उसके फल बढ़े, त्यों-त्यों उसने अधिक वेदियाँ बनाईं जैसे-जैसे उसकी भूमि सुधरी, वैसे ही वे सुन्दर खम्भे बनाते गये।
vitis frondosa Israhel fructus adaequatus est ei secundum multitudinem fructus sui multiplicavit altaria iuxta ubertatem terrae suae exuberavit simulacris
2 २ उनका मन बटा हुआ है; अब वे दोषी ठहरेंगे। वह उनकी वेदियों को तोड़ डालेगा, और उनकी लाटों को टुकड़े-टुकड़े करेगा।
divisum est cor eorum nunc interibunt ipse confringet simulacra eorum depopulabitur aras eorum
3 ३ अब वे कहेंगे, “हमारे कोई राजा नहीं है, क्योंकि हमने यहोवा का भय नहीं माना; इसलिए राजा हमारा क्या कर सकता है?”
quia nunc dicent non est rex nobis non enim timemus Dominum et rex quid faciet nobis
4 ४ वे बातें बनाते और झूठी शपथ खाकर वाचा बाँधते हैं; इस कारण खेत की रेघारियों में धतूरे के समान दण्ड फूले फलेगा।
loquimini verba visionis inutilis et ferietis foedus et germinabit quasi amaritudo iudicium super sulcos agri
5 ५ सामरिया के निवासी बेतावेन के बछड़े के लिये डरते रहेंगे, और उसके लोग उसके लिये विलाप करेंगे; और उसके पुजारी जो उसके कारण मगन होते थे उसके प्रताप के लिये इस कारण विलाप करेंगे क्योंकि वह उनमें से उठ गया है।
vaccas Bethaven coluerunt habitatores Samariae quia luxit super eum populus eius et aeditui eius super eum exultaverunt in gloria eius quia migravit ab eo
6 ६ वह यारेब राजा की भेंट ठहरने के लिये अश्शूर देश में पहुँचाया जाएगा। एप्रैम लज्जित होगा, और इस्राएल भी अपनी युक्ति से लजाएगा।
siquidem et ipse in Assur delatus est munus regi ultori confusio Ephraim capiet et confundetur Israhel in voluntate sua
7 ७ सामरिया अपने राजा समेत जल के बुलबुले के समान मिट जाएगा।
transire fecit Samaria regem suum quasi spumam super faciem aquae
8 ८ आवेन के ऊँचे स्थान जो इस्राएल के पाप हैं, वे नाश होंगे। उनकी वेदियों पर झड़बेरी, पेड़ और ऊँटकटारे उगेंगे; और उस समय लोग पहाड़ों से कहने लगेंगे, हमको छिपा लो, और टीलों से कि हम पर गिर पड़ो।
et disperdentur excelsa idoli peccatum Israhel lappa et tribulus ascendet super aras eorum et dicent montibus operite nos et collibus cadite super nos
9 ९ हे इस्राएल, तू गिबा के दिनों से पाप करता आया है; वे उसी में बने रहें; क्या वे गिबा में कुटिल मनुष्यों के संग लड़ाई में न फँसें?
ex diebus Gabaa peccavit Israhel ibi steterunt non conprehendet eos in Gabaa proelium super filios iniquitatis
10 १० जब मेरी इच्छा होगी तब मैं उन्हें ताड़ना दूँगा, और देश-देश के लोग उनके विरुद्ध इकट्ठे हो जाएँगे; क्योंकि वे अपने दोनों अधर्मों में फँसें हुए हैं।
iuxta desiderium meum corripiam eos congregabuntur super eos populi cum corripientur propter duas iniquitates suas
11 ११ एप्रैम सीखी हुई बछिया है, जो अन्न दाँवने से प्रसन्न होती है, परन्तु मैंने उसकी सुन्दर गर्दन पर जूआ रखा है; मैं एप्रैम पर सवार चढ़ाऊँगा; यहूदा हल, और याकूब हेंगा खींचेगा।
Ephraim vitula docta diligere trituram et ego transivi super pulchritudinem colli eius ascendam super Ephraim arabit Iudas confringet sibi sulcos Iacob
12 १२ अपने लिये धार्मिकता का बीज बोओ, तब करुणा के अनुसार खेत काटने पाओगे; अपनी पड़ती भूमि को जोतो; देखो, अभी यहोवा के पीछे हो लेने का समय है, कि वह आए और तुम्हारे ऊपर उद्धार बरसाएँ।
seminate vobis in iustitia metite in ore misericordiae innovate vobis novale tempus autem requirendi Dominum cum venerit qui docebit vos iustitiam
13 १३ तुम ने दुष्टता के लिये हल जोता और अन्याय का खेत काटा है; और तुम ने धोखे का फल खाया है। और यह इसलिए हुआ क्योंकि तुम ने अपने कुव्यवहार पर, और अपने बहुत से वीरों पर भरोसा रखा था।
arastis impietatem iniquitatem messuistis comedistis frugem mendacii quia confisus es in viis tuis in multitudine fortium tuorum
14 १४ इस कारण तुम्हारे लोगों में हुल्लड़ उठेगा, और तुम्हारे सब गढ़ ऐसे नाश किए जाएँगे जैसा बेतर्बेल नगर युद्ध के समय शल्मन के द्वारा नाश किया गया; उस समय माताएँ अपने बच्चों समेत पटक दी गईं थी।
consurget tumultus in populo tuo et omnes munitiones tuae vastabuntur sicut vastatus est Salman a domo eius qui iudicavit Baal in die proelii matre super filios adlisa
15 १५ तुम्हारी अत्यन्त बुराई के कारण बेतेल से भी इसी प्रकार का व्यवहार किया जाएगा। भोर होते ही इस्राएल का राजा पूरी रीति से मिट जाएगा।
sic fecit vobis Bethel a facie malitiae nequitiarum vestrarum