< होशे 1 >
1 १ यहूदा के राजा उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह के दिनों में और इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम के दिनों में, यहोवा का वचन बेरी के पुत्र होशे के पास पहुँचा।
Verbum Domini, quod factum est ad Osee, filium Beeri, in diebus Oziæ, Joathan, Achaz, Ezechiæ, regum Juda; et in diebus Jeroboam, filii Joas, regis Israël.
2 २ जब यहोवा ने होशे के द्वारा पहले-पहल बातें की, तब उसने होशे से यह कहा, “जाकर एक वेश्या को अपनी पत्नी बना ले, और उसके कुकर्म के बच्चों को अपने बच्चे कर ले, क्योंकि यह देश यहोवा के पीछे चलना छोड़कर वेश्या का सा बहुत काम करता है।”
Principium loquendi Domino in Osee. Et dixit Dominus ad Osee: Vade, sume tibi uxorem fornicationum, et fac tibi filios fornicationum, quia fornicans fornicabitur terra a Domino.
3 ३ अतः उसने जाकर दिबलैम की बेटी गोमेर को अपनी पत्नी कर लिया, और वह उससे गर्भवती हुई और उसके पुत्र उत्पन्न हुआ।
Et abiit, et accepit Gomer, filiam Debelaim: et concepit, et peperit ei filium.
4 ४ तब यहोवा ने उससे कहा, “उसका नाम यिज्रेल रख; क्योंकि थोड़े ही काल में मैं येहू के घराने को यिज्रेल की हत्या का दण्ड दूँगा, और मैं इस्राएल के घराने के राज्य का अन्त कर दूँगा।
Et dixit Dominus ad eum: Voca nomen ejus Jezrahel, quoniam adhuc modicum, et visitabo sanguinem Jezrahel super domum Jehu, et quiescere faciam regnum domus Israël.
5 ५ उस समय मैं यिज्रेल की तराई में इस्राएल के धनुष को तोड़ डालूँगा।”
Et in illa die conteram arcum Israël in valle Jezrahel.
6 ६ वह स्त्री फिर गर्भवती हुई और उसके एक बेटी उत्पन्न हुई। तब यहोवा ने होशे से कहा, “उसका नाम लोरुहामा रख; क्योंकि मैं इस्राएल के घराने पर फिर कभी दया करके उनका अपराध किसी प्रकार से क्षमा न करूँगा।
Et concepit adhuc, et peperit filiam. Et dixit ei: Voca nomen ejus, Absque misericordia, quia non addam ultra misereri domui Israël, sed oblivione obliviscar eorum.
7 ७ परन्तु यहूदा के घराने पर मैं दया करूँगा, और उनका उद्धार करूँगा; उनका उद्धार मैं धनुष या तलवार या युद्ध या घोड़ों या सवारों के द्वारा नहीं, परन्तु उनके परमेश्वर यहोवा के द्वारा करूँगा।”
Et domui Juda miserebor, et salvabo eos in Domino Deo suo; et non salvabo eos in arcu et gladio, et in bello, et in equis, et in equitibus.
8 ८ जब उस स्त्री ने लोरुहामा का दूध छुड़ाया, तब वह गर्भवती हुई और उससे एक पुत्र उत्पन्न हुआ।
Et ablactavit eam quæ erat Absque misericordia. Et concepit, et peperit filium.
9 ९ तब यहोवा ने कहा, “इसका नाम लोअम्मी रख; क्योंकि तुम लोग मेरी प्रजा नहीं हो, और न मैं तुम्हारा परमेश्वर रहूँगा।”
Et dixit: Voca nomen ejus, Non populus meus, quia vos non populus meus, et ego non ero vester.
10 १० तो भी इस्राएलियों की गिनती समुद्र की रेत की सी हो जाएगी, जिनका मापना-गिनना अनहोना है; और जिस स्थान में उनसे यह कहा जाता था, “तुम मेरी प्रजा नहीं हो,” उसी स्थान में वे जीवित परमेश्वर के पुत्र कहलाएँगे।
Et erit numerus filiorum Israël quasi arena maris, quæ sine mensura est, et non numerabitur. Et erit in loco ubi dicetur eis: Non populus meus vos: dicetur eis: Filii Dei viventis.
11 ११ तब यहूदी और इस्राएली दोनों इकट्ठे हो अपना एक प्रधान ठहराकर देश से चले आएँगे; क्योंकि यिज्रेल का दिन प्रसिद्ध होगा।
Et congregabuntur filii Juda et filii Israël pariter; et ponent sibimet caput unum, et ascendent de terra, quia magnus dies Jezrahel.