< इब्रानियों 1 >

1 पूर्व युग में परमेश्वर ने पूर्वजों से थोड़ा-थोड़ा करके और भाँति-भाँति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें की,
In many parts, and many ways, God of old having spoken to the fathers in the prophets,
2 पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है। (aiōn g165)
in these last days did speak to us in a Son, whom He appointed heir of all things, through whom also He did make the ages; (aiōn g165)
3 वह उसकी महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से सम्भालता है: वह पापों को धोकर ऊँचे स्थानों पर महामहिमन् के दाहिने जा बैठा।
who being the brightness of the glory, and the impress of His subsistence, bearing up also the all things by the saying of his might — through himself having made a cleansing of our sins, sat down at the right hand of the greatness in the highest,
4 और स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उसने उनसे बड़े पद का वारिस होकर उत्तम नाम पाया।
having become so much better than the messengers, as he did inherit a more excellent name than they.
5 क्योंकि स्वर्गदूतों में से उसने कब किसी से कहा, “तू मेरा पुत्र है; आज मैं ही ने तुझे जन्माया है?” और फिर यह, “मैं उसका पिता होऊँगा, और वह मेरा पुत्र होगा?”
For to which of the messengers said He ever, 'My Son thou art — I to-day have begotten thee?' and again, 'I will be to him for a father, and he shall be to Me for a son?'
6 और जब पहलौठे को जगत में फिर लाता है, तो कहता है, “परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसे दण्डवत् करें।”
and when again He may bring in the first-born to the world, He saith, 'And let them bow before him — all messengers of God;'
7 और स्वर्गदूतों के विषय में यह कहता है, “वह अपने दूतों को पवन, और अपने सेवकों को धधकती आग बनाता है।”
and unto the messengers, indeed, He saith, 'Who is making His messengers spirits, and His ministers a flame of fire;'
8 परन्तु पुत्र के विषय में कहता है, “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा, तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है। (aiōn g165)
and unto the Son: 'Thy throne, O God, [is] to the age of the age; a sceptre of righteousness [is] the sceptre of thy reign; (aiōn g165)
9 तूने धार्मिकता से प्रेम और अधर्म से बैर रखा; इस कारण परमेश्वर, तेरे परमेश्वर, ने तेरे साथियों से बढ़कर हर्षरूपी तेल से तेरा अभिषेक किया।”
thou didst love righteousness, and didst hate lawlessness; because of this did He anoint thee — God, thy God — with oil of gladness above thy partners;'
10 १० और यह कि, “हे प्रभु, आदि में तूने पृथ्वी की नींव डाली, और स्वर्ग तेरे हाथों की कारीगरी है।
and, 'Thou, at the beginning, Lord, the earth didst found, and a work of thy hands are the heavens;
11 ११ वे तो नाश हो जाएँगे; परन्तु तू बना रहेगा और वे सब वस्त्र के समान पुराने हो जाएँगे।
these shall perish, and Thou dost remain, and all, as a garment, shall become old,
12 १२ और तू उन्हें चादर के समान लपेटेगा, और वे वस्त्र के समान बदल जाएँगे: पर तू वही है और तेरे वर्षों का अन्त न होगा।”
and as a mantle Thou shall roll them together, and they shall be changed, and Thou art the same, and Thy years shall not fail.'
13 १३ और स्वर्गदूतों में से उसने किस से कब कहा, “तू मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों के नीचे की चौकी न कर दूँ?”
And unto which of the messengers said He ever, 'Sit at My right hand, till I may make thine enemies thy footstool?'
14 १४ क्या वे सब परमेश्वर की सेवा टहल करनेवाली आत्माएँ नहीं; जो उद्धार पानेवालों के लिये सेवा करने को भेजी जाती हैं?
are they not all spirits of service — for ministration being sent forth because of those about to inherit salvation?

< इब्रानियों 1 >