< इब्रानियों 8 >

1 अब जो बातें हम कह रहे हैं, उनमें से सबसे बड़ी बात यह है, कि हमारा ऐसा महायाजक है, जो स्वर्ग पर महामहिमन् के सिंहासन के दाहिने जा बैठा।
কথ্যমানানাং ৱাক্যানাং সাৰোঽযম্ অস্মাকম্ এতাদৃশ একো মহাযাজকোঽস্তি যঃ স্ৱৰ্গে মহামহিম্নঃ সিংহাসনস্য দক্ষিণপাৰ্শ্ৱো সমুপৱিষ্টৱান্
2 और पवित्रस्थान और उस सच्चे तम्बू का सेवक हुआ, जिसे किसी मनुष्य ने नहीं, वरन् प्रभु ने खड़ा किया था।
যচ্চ দূষ্যং ন মনুজৈঃ কিন্ত্ৱীশ্ৱৰেণ স্থাপিতং তস্য সত্যদূষ্যস্য পৱিত্ৰৱস্তূনাঞ্চ সেৱকঃ স ভৱতি|
3 क्योंकि हर एक महायाजक भेंट, और बलिदान चढ़ाने के लिये ठहराया जाता है, इस कारण अवश्य है, कि इसके पास भी कुछ चढ़ाने के लिये हो।
যত একৈকো মহাযাজকো নৈৱেদ্যানাং বলীনাঞ্চ দানে নিযুজ্যতে, অতো হেতোৰেতস্যাপি কিঞ্চিদ্ উৎসৰ্জনীযং ৱিদ্যত ইত্যাৱশ্যকং|
4 और यदि मसीह पृथ्वी पर होता तो कभी याजक न होता, इसलिए कि पृथ्वी पर व्यवस्था के अनुसार भेंट चढ़ानेवाले तो हैं।
কিঞ্চ স যদি পৃথিৱ্যাম্ অস্থাস্যৎ তৰ্হি যাজকো নাভৱিষ্যৎ, যতো যে ৱ্যৱস্থানুসাৰাৎ নৈৱেদ্যানি দদত্যেতাদৃশা যাজকা ৱিদ্যন্তে|
5 जो स्वर्ग में की वस्तुओं के प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब की सेवा करते हैं, जैसे जब मूसा तम्बू बनाने पर था, तो उसे यह चेतावनी मिली, “देख जो नमूना तुझे पहाड़ पर दिखाया गया था, उसके अनुसार सब कुछ बनाना।”
তে তু স্ৱৰ্গীযৱস্তূনাং দৃষ্টান্তেন ছাযযা চ সেৱামনুতিষ্ঠন্তি যতো মূসসি দূষ্যং সাধযিতুম্ উদ্যতে সতীশ্ৱৰস্তদেৱ তমাদিষ্টৱান্ ফলতঃ স তমুক্তৱান্, যথা, "অৱধেহি গিৰৌ ৎৱাং যদ্যন্নিদৰ্শনং দৰ্শিতং তদ্ৱৎ সৰ্ৱ্ৱাণি ৎৱযা ক্ৰিযন্তাং| "
6 पर उन याजकों से बढ़कर सेवा यीशु को मिली, क्योंकि वह और भी उत्तम वाचा का मध्यस्थ ठहरा, जो और उत्तम प्रतिज्ञाओं के सहारे बाँधी गई है।
কিন্ত্ৱিদানীম্ অসৌ তস্মাৎ শ্ৰেষ্ঠং সেৱকপদং প্ৰাপ্তৱান্ যতঃ স শ্ৰেষ্ঠপ্ৰতিজ্ঞাভিঃ স্থাপিতস্য শ্ৰেষ্ঠনিযমস্য মধ্যস্থোঽভৱৎ|
7 क्योंकि यदि वह पहली वाचा निर्दोष होती, तो दूसरी के लिये अवसर न ढूँढ़ा जाता।
স প্ৰথমো নিযমো যদি নিৰ্দ্দোষোঽভৱিষ্যত তৰ্হি দ্ৱিতীযস্য নিযমস্য কিমপি প্ৰযোজনং নাভৱিষ্যৎ|
8 पर परमेश्वर लोगों पर दोष लगाकर कहता है, “प्रभु कहता है, देखो वे दिन आते हैं, कि मैं इस्राएल के घराने के साथ, और यहूदा के घराने के साथ, नई वाचा बाँधूँगा
কিন্তু স দোষমাৰোপযন্ তেভ্যঃ কথযতি, যথা, "পৰমেশ্ৱৰ ইদং ভাষতে পশ্য যস্মিন্ সমযেঽহম্ ইস্ৰাযেলৱংশেন যিহূদাৱংশেন চ সাৰ্দ্ধম্ একং নৱীনং নিযমং স্থিৰীকৰিষ্যাম্যেতাদৃশঃ সময আযাতি|
9 यह उस वाचा के समान न होगी, जो मैंने उनके पूर्वजों के साथ उस समय बाँधी थी, जब मैं उनका हाथ पकड़कर उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया, क्योंकि वे मेरी वाचा पर स्थिर न रहे, और मैंने उनकी सुधि न ली; प्रभु यही कहता है।
পৰমেশ্ৱৰোঽপৰমপি কথযতি তেষাং পূৰ্ৱ্ৱপুৰুষাণাং মিসৰদেশাদ্ আনযনাৰ্থং যস্মিন্ দিনেঽহং তেষাং কৰং ধৃৎৱা তৈঃ সহ নিযমং স্থিৰীকৃতৱান্ তদ্দিনস্য নিযমানুসাৰেণ নহি যতস্তৈ ৰ্মম নিযমে লঙ্ঘিতেঽহং তান্ প্ৰতি চিন্তাং নাকৰৱং|
10 १० फिर प्रभु कहता है, कि जो वाचा मैं उन दिनों के बाद इस्राएल के घराने के साथ बाँधूँगा, वह यह है, कि मैं अपनी व्यवस्था को उनके मनों में डालूँगा, और उसे उनके हृदय पर लिखूँगा, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा, और वे मेरे लोग ठहरेंगे।
১০কিন্তু পৰমেশ্ৱৰঃ কথযতি তদ্দিনাৎ পৰমহং ইস্ৰাযেলৱংশীযৈঃ সাৰ্দ্ধম্ ইমং নিযমং স্থিৰীকৰিষ্যামি, তেষাং চিত্তে মম ৱিধীন্ স্থাপযিষ্যামি তেষাং হৃৎপত্ৰে চ তান্ লেখিষ্যামি, অপৰমহং তেষাম্ ঈশ্ৱৰো ভৱিষ্যামি তে চ মম লোকা ভৱিষ্যন্তি|
11 ११ और हर एक अपने देशवाले को और अपने भाई को यह शिक्षा न देगा, कि तू प्रभु को पहचान क्योंकि छोटे से बड़े तक सब मुझे जान लेंगे।
১১অপৰং ৎৱং পৰমেশ্ৱৰং জানীহীতিৱাক্যেন তেষামেকৈকো জনঃ স্ৱং স্ৱং সমীপৱাসিনং ভ্ৰাতৰঞ্চ পুন ৰ্ন শিক্ষযিষ্যতি যত আক্ষুদ্ৰাৎ মহান্তং যাৱৎ সৰ্ৱ্ৱে মাং জ্ঞাস্যন্তি|
12 १२ क्योंकि मैं उनके अधर्म के विषय में दयावन्त होऊँगा, और उनके पापों को फिर स्मरण न करूँगा।”
১২যতো হেতোৰহং তেষাম্ অধৰ্ম্মান্ ক্ষমিষ্যে তেষাং পাপান্যপৰাধাংশ্চ পুনঃ কদাপি ন স্মৰিষ্যামি| "
13 १३ नई वाचा की स्थापना से उसने प्रथम वाचा को पुराना ठहराया, और जो वस्तु पुरानी और जीर्ण हो जाती है उसका मिट जाना अनिवार्य है।
১৩অনেন তং নিযমং নূতনং গদিৎৱা স প্ৰথমং নিযমং পুৰাতনীকৃতৱান্; যচ্চ পুৰাতনং জীৰ্ণাঞ্চ জাতং তস্য লোপো নিকটো ঽভৱৎ|

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