< इब्रानियों 12 >

1 इस कारण जबकि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हमको घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकनेवाली वस्तु, और उलझानेवाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिसमें हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।
ܡܛܠ ܗܢܐ ܐܦ ܚܢܢ ܕܐܝܬ ܠܢ ܗܠܝܢ ܟܠܗܘܢ ܤܗܕܐ ܕܐܝܟ ܥܢܢܐ ܚܕܝܪܝܢ ܠܢ ܢܫܕܐ ܡܢܢ ܟܠ ܝܘܩܪܝܢ ܐܦ ܚܛܝܬܐ ܕܒܟܠܙܒܢ ܡܛܝܒܐ ܗܝ ܠܢ ܘܒܡܤܝܒܪܢܘܬܐ ܢܪܗܛܝܘܗܝ ܠܐܓܘܢܐ ܗܢܐ ܕܤܝܡ ܠܢ
2 और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके, क्रूस का दुःख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
ܘܢܚܘܪ ܒܝܫܘܥ ܕܗܘ ܗܘܐ ܪܝܫܐ ܘܓܡܘܪܐ ܠܗܝܡܢܘܬܢ ܕܚܠܦ ܚܕܘܬܐ ܕܐܝܬ ܗܘܐ ܠܗ ܤܝܒܪ ܨܠܝܒܐ ܘܥܠ ܒܗܬܬܐ ܐܡܤܪ ܘܥܠ ܝܡܝܢܐ ܕܟܘܪܤܝܗ ܕܐܠܗܐ ܝܬܒ
3 इसलिए उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम निराश होकर साहस न छोड़ दो।
ܚܙܘ ܗܟܝܠ ܟܡܐ ܤܝܒܪ ܡܢ ܚܛܝܐ ܗܢܘܢ ܕܗܢܘܢ ܗܘܘ ܤܩܘܒܠܐ ܠܢܦܫܗܘܢ ܕܠܐ ܬܡܐܢ ܠܟܘܢ ܘܠܐ ܬܬܪܦܐ ܢܦܫܟܘܢ
4 तुम ने पाप से लड़ते हुए उससे ऐसी मुठभेड़ नहीं की, कि तुम्हारा लहू बहा हो।
ܠܐ ܥܕܟܝܠ ܡܛܝܬܘܢ ܥܕܡܐ ܠܕܡܐ ܒܐܓܘܢܐ ܕܠܘܩܒܠ ܚܛܝܬܐ
5 और तुम उस उपदेश को जो तुम को पुत्रों के समान दिया जाता है, भूल गए हो: “हे मेरे पुत्र, प्रभु की ताड़ना को हलकी बात न जान, और जब वह तुझे घुड़के तो साहस न छोड़।
ܘܛܥܝܬܘܢܝܗܝ ܠܝܘܠܦܢܐ ܐܝܢܐ ܕܐܝܟ ܕܠܒܢܝܐ ܐܡܪ ܠܟܘܢ ܒܪܝ ܠܐ ܬܗܡܐ ܡܢ ܡܪܕܘܬܗ ܕܡܪܝܐ ܘܠܐ ܬܪܦܐ ܢܦܫܟ ܐܡܬܝ ܕܡܢܗ ܡܬܟܘܢ ܐܢܬ
6 क्योंकि प्रभु, जिससे प्रेम करता है, उसको अनुशासित भी करता है; और जिसे पुत्र बना लेता है, उसको ताड़ना भी देता है।”
ܠܡܢ ܕܪܚܡ ܓܝܪ ܡܪܝܐ ܪܕܐ ܠܗ ܘܡܢܓܕ ܠܒܢܝܐ ܐܝܠܝܢ ܕܗܘ ܨܒܐ ܒܗܘܢ
7 तुम दुःख को अनुशासन समझकर सह लो; परमेश्वर तुम्हें पुत्र जानकर तुम्हारे साथ बर्ताव करता है, वह कौन सा पुत्र है, जिसकी ताड़ना पिता नहीं करता?
ܤܝܒܪܘ ܗܟܝܠ ܡܪܕܘܬܐ ܡܛܠ ܕܐܝܟ ܕܠܘܬ ܒܢܝܐ ܤܥܪ ܨܐܕܝܟܘܢ ܐܠܗܐ ܐܝܢܘ ܓܝܪ ܒܪܐ ܕܠܐ ܪܕܐ ܠܗ ܐܒܘܗܝ
8 यदि वह ताड़ना जिसके भागी सब होते हैं, तुम्हारी नहीं हुई, तो तुम पुत्र नहीं, पर व्यभिचार की सन्तान ठहरे!
ܘܐܢ ܕܠܐ ܡܪܕܘܬܐ ܐܢܬܘܢ ܗܝ ܕܒܗ ܡܬܪܕܐ ܟܠܢܫ ܗܘܝܬܘܢ ܠܟܘܢ ܢܘܟܪܝܐ ܘܠܐ ܒܢܝܐ
9 फिर जबकि हमारे शारीरिक पिता भी हमारी ताड़ना किया करते थे और हमने उनका आदर किया, तो क्या आत्माओं के पिता के और भी अधीन न रहें जिससे हम जीवित रहें।
ܘܐܢ ܐܒܗܝܢ ܕܒܤܪܐ ܪܕܝܢ ܗܘܘ ܠܢ ܘܒܗܬܝܢ ܗܘܝܢ ܡܢܗܘܢ ܟܡܐ ܗܟܝܠ ܚܝܒܝܢܢ ܕܢܫܬܥܒܕ ܠܐܒܘܗܝܢ ܕܪܘܚܬܐ ܘܢܚܐ
10 १० वे तो अपनी-अपनी समझ के अनुसार थोड़े दिनों के लिये ताड़ना करते थे, पर यह तो हमारे लाभ के लिये करता है, कि हम भी उसकी पवित्रता के भागी हो जाएँ।
ܗܢܘܢ ܓܝܪ ܠܙܒܢ ܗܘ ܙܥܘܪ ܐܝܟ ܕܨܒܝܢ ܗܘܘ ܪܕܝܢ ܗܘܘ ܠܢ ܐܠܗܐ ܕܝܢ ܠܥܘܕܪܢܢ ܕܢܫܬܘܬܦ ܠܩܕܝܫܘܬܗ
11 ११ और वर्तमान में हर प्रकार की ताड़ना आनन्द की नहीं, पर शोक ही की बात दिखाई पड़ती है, तो भी जो उसको सहते-सहते पक्के हो गए हैं, बाद में उन्हें चैन के साथ धार्मिकता का प्रतिफल मिलता है।
ܟܠ ܡܪܕܘܬܐ ܕܝܢ ܒܙܒܢܗ ܠܐ ܡܤܬܒܪܐ ܕܕܚܕܘܬܐ ܗܝ ܐܠܐ ܕܟܪܝܘܬܐ ܠܚܪܬܐ ܕܝܢ ܦܐܪܐ ܕܫܠܡܐ ܘܕܙܕܝܩܘܬܐ ܝܗܒܐ ܠܐܝܠܝܢ ܕܒܗ ܐܬܕܪܫܘ
12 १२ इसलिए ढीले हाथों और निर्बल घुटनों को सीधे करो।
ܡܛܠ ܗܢܐ ܐܝܕܝܟܘܢ ܡܫܪܝܬܐ ܘܒܘܪܟܝܟܘܢ ܪܥܠܬܐ ܫܪܪܘ
13 १३ और अपने पाँवों के लिये सीधे मार्ग बनाओ, कि लँगड़ा भटक न जाए, पर भला चंगा हो जाए।
ܘܫܒܝܠܐ ܬܪܝܨܐ ܥܒܕܘ ܠܪܓܠܝܟܘܢ ܕܗܕܡܐ ܕܚܓܝܪ ܠܐ ܢܛܥܫ ܐܠܐ ܢܬܐܤܐ
14 १४ सबसे मेल मिलाप रखो, और उस पवित्रता के खोजी हो जिसके बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।
ܗܪܛܘ ܒܬܪ ܫܠܡܐ ܥܡ ܟܠ ܐܢܫ ܘܒܬܪ ܩܕܝܫܘܬܐ ܕܒܠܥܕܝܗ ܐܢܫ ܠܡܪܢ ܠܐ ܚܙܐ
15 १५ और ध्यान से देखते रहो, ऐसा न हो, कि कोई परमेश्वर के अनुग्रह से वंचित रह जाए, या कोई कड़वी जड़ फूटकर कष्ट दे, और उसके द्वारा बहुत से लोग अशुद्ध हो जाएँ।
ܘܗܘܝܬܘܢ ܙܗܝܪܝܢ ܕܠܡܐ ܐܢܫ ܢܫܬܟܚ ܒܟܘܢ ܕܚܤܝܪ ܡܢ ܛܝܒܘܬܐ ܕܐܠܗܐ ܐܘ ܕܠܡܐ ܥܩܪܐ ܕܡܪܪܐ ܢܦܩ ܥܘܦܝܐ ܘܢܗܪܟܘܢ ܘܒܗ ܤܓܝܐܐ ܢܤܬܝܒܘܢ
16 १६ ऐसा न हो, कि कोई जन व्यभिचारी, या एसाव के समान अधर्मी हो, जिसने एक बार के भोजन के बदले अपने पहलौठे होने का पद बेच डाला।
ܐܘ ܠܡܐ ܐܢܫ ܢܫܬܟܚ ܒܟܘܢ ܕܙܢܝ ܘܪܦܐ ܐܝܟ ܥܤܘ ܕܒܚܕܐ ܡܐܟܘܠܬܐ ܙܒܢ ܒܘܟܪܘܬܗ
17 १७ तुम जानते तो हो, कि बाद में जब उसने आशीष पानी चाही, तो अयोग्‍य गिना गया, और आँसू बहा बहाकर खोजने पर भी मन फिराव का अवसर उसे न मिला।
ܝܕܥܝܢ ܐܢܬܘܢ ܓܝܪ ܕܐܦ ܡܢ ܒܬܪܟܢ ܨܒܐ ܗܘܐ ܕܢܐܪܬ ܒܘܪܟܬܐ ܘܐܤܬܠܝ ܐܬܪܐ ܓܝܪ ܠܬܝܒܘܬܐ ܠܐ ܐܫܟܚ ܟܕ ܒܕܡܥܐ ܒܥܗ
18 १८ तुम तो उस पहाड़ के पास जो छुआ जा सकता था और आग से प्रज्वलित था, और काली घटा, और अंधेरा, और आँधी के पास।
ܠܐ ܓܝܪ ܐܬܩܪܒܬܘܢ ܠܢܘܪܐ ܕܝܩܕܐ ܘܡܬܓܫܐ ܐܦܠܐ ܠܚܫܘܟܐ ܘܠܥܪܦܠܐ ܘܠܥܪܘܪܐ
19 १९ और तुरही की ध्वनि, और बोलनेवाले के ऐसे शब्द के पास नहीं आए, जिसके सुननेवालों ने विनती की, कि अब हम से और बातें न की जाएँ।
ܘܠܐ ܠܩܠܐ ܕܩܪܢܐ ܘܠܩܠܐ ܕܡܠܐ ܗܘ ܕܗܢܘܢ ܕܫܡܥܘܗܝ ܐܫܬܐܠܘ ܕܠܐ ܢܬܬܘܤܦ ܢܬܡܠܠ ܥܡܗܘܢ
20 २० क्योंकि वे उस आज्ञा को न सह सके “यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो पथराव किया जाए।”
ܠܐ ܓܝܪ ܡܫܟܚܝܢ ܗܘܘ ܠܡܤܝܒܪܘ ܡܕܡ ܕܐܬܦܩܕܘ ܕܐܦܢ ܚܝܘܬܐ ܬܬܩܪܒ ܠܘܬ ܛܘܪܐ ܬܬܪܓܡ
21 २१ और वह दर्शन ऐसा डरावना था, कि मूसा ने कहा, “मैं बहुत डरता और काँपता हूँ।”
ܘܗܟܢܐ ܕܚܝܠ ܗܘܐ ܚܙܘܐ ܕܡܘܫܐ ܐܡܪ ܕܕܚܝܠ ܐܢܐ ܘܪܬܝܬ ܐܢܐ
22 २२ पर तुम सिय्योन के पहाड़ के पास, और जीविते परमेश्वर के नगर स्वर्गीय यरूशलेम के पास और लाखों स्वर्गदूतों,
ܐܢܬܘܢ ܕܝܢ ܐܬܩܪܒܬܘܢ ܠܛܘܪܐ ܕܨܗܝܘܢ ܘܠܡܕܝܢܬܐ ܕܐܠܗܐ ܚܝܐ ܠܐܘܪܫܠܡ ܕܒܫܡܝܐ ܘܠܟܢܫܐ ܕܪܒܘܬܐ ܕܡܠܐܟܐ
23 २३ और उन पहिलौठों की साधारण सभा और कलीसिया जिनके नाम स्वर्ग में लिखे हुए हैं और सब के न्यायी परमेश्वर के पास, और सिद्ध किए हुए धर्मियों की आत्माओं,
ܘܠܥܕܬܐ ܕܒܘܟܪܐ ܕܡܬܟܬܒܝܢ ܒܫܡܝܐ ܘܠܐܠܗܐ ܕܝܢܐ ܕܟܠ ܘܠܪܘܚܬܐ ܕܟܐܢܐ ܕܐܬܓܡܪܘ
24 २४ और नई वाचा के मध्यस्थ यीशु, और छिड़काव के उस लहू के पास आए हो, जो हाबिल के लहू से उत्तम बातें कहता है।
ܘܠܝܫܘܥ ܡܨܥܝܐ ܕܕܝܬܩܐ ܚܕܬܐ ܘܠܪܤܤ ܕܡܗ ܕܡܡܠܠ ܛܒ ܡܢ ܗܘ ܕܗܒܝܠ
25 २५ सावधान रहो, और उस कहनेवाले से मुँह न फेरो, क्योंकि वे लोग जब पृथ्वी पर के चेतावनी देनेवाले से मुँह मोड़कर न बच सके, तो हम स्वर्ग पर से चेतावनी देनेवाले से मुँह मोड़कर कैसे बच सकेंगे?
ܐܙܕܗܪܘ ܗܟܝܠ ܕܠܡܐ ܬܫܬܐܠܘܢ ܡܢ ܡܢ ܕܡܠܠ ܥܡܟܘܢ ܐܢ ܓܝܪ ܗܢܘܢ ܠܐ ܐܬܦܨܝܘ ܕܐܫܬܐܠܘ ܡܢ ܕܡܠܠ ܥܡܗܘܢ ܒܐܪܥܐ ܚܕ ܟܡܐ ܚܢܢ ܐܢ ܢܫܬܐܠ ܡܢ ܡܢ ܕܡܠܠ ܥܡܢ ܡܢ ܫܡܝܐ
26 २६ उस समय तो उसके शब्द ने पृथ्वी को हिला दिया पर अब उसने यह प्रतिज्ञा की है, “एक बार फिर मैं केवल पृथ्वी को नहीं, वरन् आकाश को भी हिला दूँगा।”
ܐܝܢܐ ܕܩܠܗ ܐܪܥܐ ܐܙܝܥ ܗܫܐ ܕܝܢ ܡܠܟ ܘܐܡܪ ܕܬܘܒ ܚܕܐ ܙܒܢ ܐܢܐ ܐܙܝܥ ܠܐ ܒܠܚܘܕ ܐܪܥܐ ܐܠܐ ܐܦ ܫܡܝܐ
27 २७ और यह वाक्य ‘एक बार फिर’ इस बात को प्रगट करता है, कि जो वस्तुएँ हिलाई जाती हैं, वे सृजी हुई वस्तुएँ होने के कारण टल जाएँगी; ताकि जो वस्तुएँ हिलाई नहीं जातीं, वे अटल बनी रहें।
ܗܕܐ ܕܝܢ ܕܐܡܪ ܚܕܐ ܙܒܢ ܡܚܘܝܐ ܫܘܚܠܦܐ ܕܗܢܘܢ ܕܡܬܙܝܥܝܢ ܡܛܠ ܕܥܒܝܕܐ ܐܢܘܢ ܕܢܩܘܘܢ ܗܢܘܢ ܕܠܐ ܡܬܙܝܥܝܢ
28 २८ इस कारण हम इस राज्य को पाकर जो हिलने का नहीं, उस अनुग्रह को हाथ से न जाने दें, जिसके द्वारा हम भक्ति, और भय सहित, परमेश्वर की ऐसी आराधना कर सकते हैं जिससे वह प्रसन्न होता है।
ܡܛܠ ܗܟܝܠ ܕܩܒܠܢ ܡܠܟܘܬܐ ܕܠܐ ܡܬܙܝܥܐ ܢܐܚܘܕ ܛܝܒܘܬܐ ܕܒܗ ܢܫܡܫ ܘܢܫܦܪ ܠܐܠܗܐ ܒܬܚܡܨܬܐ ܘܒܕܚܠܬܐ
29 २९ क्योंकि हमारा परमेश्वर भस्म करनेवाली आग है।
ܐܠܗܢ ܓܝܪ ܢܘܪܐ ܗܘ ܐܟܠܬܐ

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