< हाग्गै 1 >

1 दारा राजा के राज्य के दूसरे वर्ष के छठवें महीने के पहले दिन, यहोवा का यह वचन, हाग्गै भविष्यद्वक्ता के द्वारा, शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल के पास, जो यहूदा का अधिपति था, और यहोसादाक के पुत्र यहोशू महायाजक के पास पहुँचा
In the second yeere of King Darius, in the sixt moneth, the first day of the moneth, came ye worde of the Lord (by the ministery of the Prophet Haggai) vnto Zerubbabel the sonne of Shealtiel, a prince of Iudah, and to Iehoshua the sonne of Iehozadak the hie Priest, saying,
2 “सेनाओं का यहोवा यह कहता है, ये लोग कहते हैं कि यहोवा का भवन बनाने का समय नहीं आया है।”
Thus speaketh the Lord of hostes, saying, This people say, The time is not yet come, that the Lords House should be builded.
3 फिर यहोवा का यह वचन हाग्गै भविष्यद्वक्ता के द्वारा पहुँचा,
Then came the worde of the Lord by the ministerie of the Prophet Haggai, saying,
4 “क्या तुम्हारे लिये अपने छतवाले घरों में रहने का समय है, जबकि यह भवन उजाड़ पड़ा है?
Is it time for your selues to dwell in your sieled houses, and this House lie waste?
5 इसलिए अब सेनाओं का यहोवा यह कहता है, अपने-अपने चाल-चलन पर ध्यान करो।
Now therefore thus saith ye Lord of hostes, Consider your owne wayes in your hearts.
6 तुम ने बहुत बोया परन्तु थोड़ा काटा; तुम खाते हो, परन्तु पेट नहीं भरता; तुम पीते हो, परन्तु प्यास नहीं बुझती; तुम कपड़े पहनते हो, परन्तु गरमाते नहीं; और जो मजदूरी कमाता है, वह अपनी मजदूरी की कमाई को छेदवाली थैली में रखता है।
Ye haue sowen much, and bring in litle: ye eate, but ye haue not ynough: ye drinke, but ye are not filled: ye clothe you, but ye be not warme: and he that earneth wages, putteth the wages into a broken bagge.
7 “सेनाओं का यहोवा तुम से यह कहता है, अपने-अपने चाल चलन पर सोचो।
Thus sayth the Lord of hostes, Consider your owne wayes in your hearts.
8 पहाड़ पर चढ़ जाओ और लकड़ी ले आओ और इस भवन को बनाओ; और मैं उसको देखकर प्रसन्न होऊँगा, और मेरी महिमा होगी, यहोवा का यही वचन है।
Goe vp to the mountaine, and bring wood, and build this House, and I wil be fauourable in it, and I will be glorified, sayth the Lord.
9 तुम ने बहुत उपज की आशा रखी, परन्तु देखो थोड़ी ही है; और जब तुम उसे घर ले आए, तब मैंने उसको उड़ा दिया। सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, ऐसा क्यों हुआ? क्या इसलिए नहीं, कि मेरा भवन उजाड़ पड़ा है और तुम में से प्रत्येक अपने-अपने घर को दौड़ा चला जाता है?
Ye looked for much, and lo, it came to litle: and when ye brought it home, I did blowe vpon it. And why, sayth the Lord of hostes? Because of mine House that is waste, and ye runne euery man vnto his owne house.
10 १० इस कारण आकाश से ओस गिरना और पृथ्वी से अन्न उपजना दोनों बन्द हैं।
Therefore the heauen ouer you stayed it selfe from dewe, and the earth stayed her fruite.
11 ११ और मेरी आज्ञा से पृथ्वी और पहाड़ों पर, और अन्न और नये दाखमधु पर और ताजे तेल पर, और जो कुछ भूमि से उपजता है उस पर, और मनुष्यों और घरेलू पशुओं पर, और उनके परिश्रम की सारी कमाई पर भी अकाल पड़ा है।”
And I called for a drought vpon the land, and vpon the mountaines, and vpon the corne, and vpon the wine, and vpon the oyle, vpon all that the ground bringeth foorth: both vpon men and vpon cattell, and vpon all the labour of the hands.
12 १२ तब शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल और यहोसादाक के पुत्र यहोशू महायाजक ने सब बचे हुए लोगों समेत अपने परमेश्वर यहोवा की बात मानी; और जो वचन उनके परमेश्वर यहोवा ने उनसे कहने के लिये हाग्गै भविष्यद्वक्ता को भेज दिया था, उसे उन्होंने मान लिया; और लोगों ने यहोवा का भय माना।
When Zerubbabel the sonne of Shealtiel, and Iehoshua the sonne of Iehozadak the hie Priest with all the remnant of the people, heard the voyce of the Lord their God, and the wordes of the Prophet Haggai (as the Lord their God had sent him) then the people did feare before the Lord.
13 १३ तब यहोवा के दूत हाग्गै ने यहोवा से आज्ञा पाकर उन लोगों से यह कहा, “यहोवा की यह वाणी है, मैं तुम्हारे संग हूँ।”
Then spake Haggai the Lords messenger in the Lords message vnto the people, saying, I am with you, sayth the Lord.
14 १४ और यहोवा ने शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल को जो यहूदा का अधिपति था, और यहोसादाक के पुत्र यहोशू महायाजक को, और सब बचे हुए लोगों के मन को उभारकर उत्साह से भर दिया कि वे आकर अपने परमेश्वर, सेनाओं के यहोवा के भवन को बनाने में लग गए।
And the Lord stirred vp the spirite of Zerubbabel, the sonne of Shealtiel a prince of Iudah, and the spirit of Iehoshua the sonne of Iehozadak the hie Priest, and the spirit of all the remnant of the people, and they came, and did the worke in the House of the Lord of hostes their God.
15 १५ यह दारा राजा के राज्य के दूसरे वर्ष के छठवें महीने के चौबीसवें दिन हुआ।
In the foure and twentieth day of the sixt moneth, in the second yeere of King Darius,

< हाग्गै 1 >