< उत्पत्ति 6 >

1 फिर जब मनुष्य भूमि के ऊपर बहुत बढ़ने लगे, और उनके बेटियाँ उत्पन्न हुईं,
এভাবে যখন পৃথিবীতে মানুষদের সংখ্যা বৃদ্ধি পেতে লাগল ও অনেক মেয়ে জন্ম গ্রহণ করল,
2 तब परमेश्वर के पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों को देखा, कि वे सुन्दर हैं; और उन्होंने जिस-जिसको चाहा उनसे ब्याह कर लिया।
তখন ঈশ্বরের ছেলেরা মানুষদের মেয়েদেরকে সুন্দরী দেখে, যার যাকে ইচ্ছা, সে তাকে বিয়ে করতে লাগল।
3 तब यहोवा ने कहा, “मेरा आत्मा मनुष्य में सदा के लिए निवास न करेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है; उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।”
তাতে সদাপ্রভু বললেন, “আমার আত্মা মানুষদের মধ্যে সবদিন থাকবে না, কারণ তারা মাংসমাত্র; কিন্তু তাদের দিন একশো কুড়ি বছর হবে।”
4 उन दिनों में पृथ्वी पर दानव रहते थे; और इसके पश्चात् जब परमेश्वर के पुत्र मनुष्य की पुत्रियों के पास गए तब उनके द्वारा जो सन्तान उत्पन्न हुए, वे पुत्र शूरवीर होते थे, जिनकी कीर्ति प्राचीनकाल से प्रचलित है।
সেই দিনের পৃথিবীতে মহাবীররা ছিল এবং তার পরেও ঈশ্বরের ছেলেরা মানুষদের মেয়েদের কাছে গেলে তাদের গর্ভে ছেলেমেয়ে জন্মাল, তারাই সেকালের প্রসিদ্ধ বীর।
5 यहोवा ने देखा कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है वह निरन्तर बुरा ही होता है।
আর সদাপ্রভু দেখলেন, পৃথিবীতে মানুষের দুষ্টতা বড় এবং তার হৃদয়ের চিন্তার সমস্ত কল্পনা সবদিন কেবল খারাপ।
6 और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ।
তাই সদাপ্রভু পৃথিবীতে মানুষের সৃষ্টির জন্য দুঃখিত হলেন ও মনে আঘাত পেলেন।
7 तब यहोवा ने कहा, “मैं मनुष्य को जिसकी मैंने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूँगा; क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगनेवाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, सब को मिटा दूँगा, क्योंकि मैं उनके बनाने से पछताता हूँ।”
আর সদাপ্রভু বললেন, “আমি যে মানুষকে সৃষ্টি করেছি, তাকে পৃথিবী থেকে উচ্ছিন্ন করব; মানুষের সঙ্গে পশু, সরীসৃপ জীব ও আকাশের পাখিদেরকেও উচ্ছিন্ন করব; কারণ তাদের সৃষ্টির জন্য আমার দুঃখ হচ্ছে।”
8 परन्तु यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर बनी रही।
কিন্তু নোহ সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে অনুগ্রহ প্রাপ্ত হলেন। নোহের বংশ বৃত্তান্ত এই।
9 नूह की वंशावली यह है। नूह धर्मी पुरुष और अपने समय के लोगों में खरा था; और नूह परमेश्वर ही के साथ-साथ चलता रहा।
নোহ সেই সময়ের লোকদের মধ্যে ধার্মিক ও সিদ্ধ লোক ছিলেন, নোহ ঈশ্বরের সঙ্গে যাতায়াত করতেন।
10 १० और नूह से शेम, और हाम, और येपेत नामक, तीन पुत्र उत्पन्न हुए।
১০নোহ শেম, হাম ও যেফৎ নামে তিন ছেলের জন্ম দেন।
11 ११ उस समय पृथ्वी परमेश्वर की दृष्टि में बिगड़ गई थी, और उपद्रव से भर गई थी।
১১সেই দিনের পৃথিবী ঈশ্বরের সামনে ভ্রষ্ট ও মন্দতায় পরিপূর্ণ ছিল।
12 १२ और परमेश्वर ने पृथ्वी पर जो दृष्टि की तो क्या देखा कि वह बिगड़ी हुई है; क्योंकि सब प्राणियों ने पृथ्वी पर अपना-अपना चाल-चलन बिगाड़ लिया था।
১২আর ঈশ্বর পৃথিবীতে দেখলেন, আর দেখ, সে ভ্রষ্ট হয়েছে, কারণ পৃথিবীতে অবস্থিত সমস্ত প্রাণী ভ্রষ্টাচারী হয়েছিল।
13 १३ तब परमेश्वर ने नूह से कहा, “सब प्राणियों के अन्त करने का प्रश्न मेरे सामने आ गया है; क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है, इसलिए मैं उनको पृथ्वी समेत नाश कर डालूँगा।
১৩তখন ঈশ্বর নোহকে বললেন, “আমার চোখের সামনে সমস্ত প্রাণীর অন্তিমকাল উপস্থিত, কারণ তাদের দিয়ে পৃথিবী অত্যাচারে পরিপূর্ণ হয়েছে; আর দেখ, আমি পৃথিবীর সঙ্গে তাদেরকে বিনষ্ট করব।
14 १४ इसलिए तू गोपेर वृक्ष की लकड़ी का एक जहाज बना ले, उसमें कोठरियाँ बनाना, और भीतर-बाहर उस पर राल लगाना।
১৪তুমি গোফর কাঠ দিয়ে এক জাহাজ তৈরী কর; সেই জাহাজের মধ্যে কামরা তৈরী করবে ও তার ভিতরে ও বাইরে ধূনা দিয়ে লেপে দেবে।
15 १५ इस ढंग से तू उसको बनाना: जहाज की लम्बाई तीन सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ, और ऊँचाई तीस हाथ की हो।
১৫এই ভাবে তা তৈরী করবে। জাহাজ দৈর্ঘ্যে তিনশো হাত, প্রস্থে পঞ্চাশ হাত ও উচ্চতায় ত্রিশ হাত হবে।
16 १६ जहाज में एक खिड़की बनाना, और उसके एक हाथ ऊपर से उसकी छत बनाना, और जहाज की एक ओर एक द्वार रखना, और जहाज में पहला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना।
১৬আর তার ছাদের এক হাত নিচে জানালা তৈরী করে রাখবে ও জাহাজের পাশে দরজা রাখবে; তার প্রথম, দ্বিতীয় ও তৃতীয় তলা তৈরী করবে।
17 १७ और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जल-प्रलय करके सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का श्वास है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूँ; और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे।
১৭আর দেখ, আকাশের নীচে প্রাণবায়ুবিশিষ্ট যত জীবজন্তু আছে, সবাইকে বিনষ্ট করার জন্য আমি পৃথিবীর উপরে বন্যা আনব, পৃথিবীতে সবাই মারা যাবে।
18 १८ परन्तु तेरे संग मैं वाचा बाँधता हूँ; इसलिए तू अपने पुत्रों, स्त्री, और बहुओं समेत जहाज में प्रवेश करना।
১৮কিন্তু তোমার সঙ্গে আমি নিজের নিয়ম স্থির করব; তুমি নিজের ছেলেদের, স্ত্রী ও ছেলের বউদেরকে সঙ্গে নিয়ে সেই জাহাজে প্রবেশ করবে।
19 १९ और सब जीवित प्राणियों में से, तू एक-एक जाति के दो-दो, अर्थात् एक नर और एक मादा जहाज में ले जाकर, अपने साथ जीवित रखना।
১৯আর মাংসবিশিষ্ট সমস্ত জীবজন্তুর স্ত্রীপুরুষ জোড়া জোড়া নিয়ে তাদের প্রাণরক্ষার জন্য নিজের সঙ্গে
20 २० एक-एक जाति के पक्षी, और एक-एक जाति के पशु, और एक-एक जाति के भूमि पर रेंगनेवाले, सब में से दो-दो तेरे पास आएँगे, कि तू उनको जीवित रखे।
২০সেই জাহাজে প্রবেশ করাবে; সর্বজাতীয় পাখি ও সর্বজাতীয় পশু ও সর্বজাতীয় মাটিতে চলা সরীসৃপ জোড়া জোড়া প্রাণরক্ষার জন্য তোমার কাছে প্রবেশ করবে।
21 २१ और भाँति-भाँति का भोजन पदार्थ जो खाया जाता है, उनको तू लेकर अपने पास इकट्ठा कर रखना; जो तेरे और उनके भोजन के लिये होगा।”
২১আর তোমার ও তাদের আহারের জন্য তুমি সব ধরনের খাদ্য সামগ্রী এনে নিজের কাছে সঞ্চয় করবে।”
22 २२ परमेश्वर की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।
২২তাতে নোহ সেরকম করলেন, ঈশ্বরের আদেশ অনুসারেই সব কাজ করলেন।

< उत्पत्ति 6 >

The World is Destroyed by Water
The World is Destroyed by Water