< उत्पत्ति 23 >
1 १ सारा तो एक सौ सताईस वर्ष की आयु को पहुँची; और जब सारा की इतनी आयु हुई;
Sarah lived one hundred twenty-seven years. This was the length of Sarah’s life.
2 २ तब वह किर्यतअर्बा में मर गई। यह तो कनान देश में है, और हेब्रोन भी कहलाता है। इसलिए अब्राहम सारा के लिये रोने-पीटने को वहाँ गया।
Sarah died in Kiriath Arba (also called Hebron), in the land of Canaan. Abraham came to mourn for Sarah, and to weep for her.
3 ३ तब अब्राहम शव के पास से उठकर हित्तियों से कहने लगा,
Abraham rose up from before his dead and spoke to the children of Heth, saying,
4 ४ “मैं तुम्हारे बीच अतिथि और परदेशी हूँ; मुझे अपने मध्य में कब्रिस्तान के लिये ऐसी भूमि दो जो मेरी निज की हो जाए, कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपनी आँख से दूर करूँ।”
“I am a stranger and a foreigner living with you. Give me a possession of a burying-place with you, that I may bury my dead out of my sight.”
5 ५ हित्तियों ने अब्राहम से कहा,
The children of Heth answered Abraham, saying to him,
6 ६ “हे हमारे प्रभु, हमारी सुन; तू तो हमारे बीच में बड़ा प्रधान है। हमारी कब्रों में से जिसको तू चाहे उसमें अपने मृतक को गाड़; हम में से कोई तुझे अपनी कब्र के लेने से न रोकेगा, कि तू अपने मृतक को उसमें गाड़ने न पाए।”
“Hear us, my lord. You are a prince of God among us. Bury your dead in the best of our tombs. None of us will withhold from you his tomb. Bury your dead.”
7 ७ तब अब्राहम उठकर खड़ा हुआ, और हित्तियों के सामने, जो उस देश के निवासी थे, दण्डवत् करके कहने लगा,
Abraham rose up, and bowed himself to the people of the land, to the children of Heth.
8 ८ “यदि तुम्हारी यह इच्छा हो कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपनी आँख से दूर करूँ, तो मेरी प्रार्थना है, कि सोहर के पुत्र एप्रोन से मेरे लिये विनती करो,
He talked with them, saying, “If you agree that I should bury my dead out of my sight, hear me, and entreat for me to Ephron the son of Zohar,
9 ९ कि वह अपनी मकपेलावाली गुफा, जो उसकी भूमि की सीमा पर है; उसका पूरा दाम लेकर मुझे दे दे, कि वह तुम्हारे बीच कब्रिस्तान के लिये मेरी निज भूमि हो जाए।”
that he may sell me the cave of Machpelah, which he has, which is in the end of his field. For the full price let him sell it to me among you as a possession for a burial place.”
10 १० एप्रोन तो हित्तियों के बीच वहाँ बैठा हुआ था, इसलिए जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से होकर भीतर जाते थे, उन सभी के सामने उसने अब्राहम को उत्तर दिया,
Now Ephron was sitting in the middle of the children of Heth. Ephron the Hittite answered Abraham in the hearing of the children of Heth, even of all who went in at the gate of his city, saying,
11 ११ “हे मेरे प्रभु, ऐसा नहीं, मेरी सुन; वह भूमि मैं तुझे देता हूँ, और उसमें जो गुफा है, वह भी मैं तुझे देता हूँ; अपने जातिभाइयों के सम्मुख मैं उसे तुझको दिए देता हूँ; अतः अपने मृतक को कब्र में रख।”
“No, my lord, hear me. I give you the field, and I give you the cave that is in it. In the presence of the children of my people I give it to you. Bury your dead.”
12 १२ तब अब्राहम ने उस देश के निवासियों के सामने दण्डवत् किया।
Abraham bowed himself down before the people of the land.
13 १३ और उनके सुनते हुए एप्रोन से कहा, “यदि तू ऐसा चाहे, तो मेरी सुन उस भूमि का जो दाम हो, वह मैं देना चाहता हूँ; उसे मुझसे ले ले, तब मैं अपने मुर्दे को वहाँ गाड़ूँगा।”
He spoke to Ephron in the audience of the people of the land, saying, “But if you will, please hear me. I will give the price of the field. Take it from me, and I will bury my dead there.”
14 १४ एप्रोन ने अब्राहम को यह उत्तर दिया,
Ephron answered Abraham, saying to him,
15 १५ “हे मेरे प्रभु, मेरी बात सुन; उस भूमि का दाम तो चार सौ शेकेल रूपा है; पर मेरे और तेरे बीच में यह क्या है? अपने मुर्दे को कब्र में रख।”
“My lord, listen to me. What is a piece of land worth four hundred shekels of silver between me and you? Therefore bury your dead.”
16 १६ अब्राहम ने एप्रोन की मानकर उसको उतना रूपा तौल दिया, जितना उसने हित्तियों के सुनते हुए कहा था, अर्थात् चार सौ ऐसे शेकेल जो व्यापारियों में चलते थे।
Abraham listened to Ephron. Abraham weighed to Ephron the silver which he had named in the hearing of the children of Heth, four hundred shekels of silver, according to the current merchants’ standard.
17 १७ इस प्रकार एप्रोन की भूमि, जो मम्रे के सम्मुख मकपेला में थी, वह गुफा समेत, और उन सब वृक्षों समेत भी जो उसमें और उसके चारों ओर सीमा पर थे,
So the field of Ephron, which was in Machpelah, which was before Mamre, the field, the cave which was in it, and all the trees that were in the field, that were in all of its borders, were deeded
18 १८ जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से होकर भीतर जाते थे, उन सभी के सामने अब्राहम के अधिकार में पक्की रीति से आ गई।
to Abraham for a possession in the presence of the children of Heth, before all who went in at the gate of his city.
19 १९ इसके पश्चात् अब्राहम ने अपनी पत्नी सारा को उस मकपेलावाली भूमि की गुफा में जो मम्रे के अर्थात् हेब्रोन के सामने कनान देश में है, मिट्टी दी।
After this, Abraham buried Sarah his wife in the cave of the field of Machpelah before Mamre (that is, Hebron), in the land of Canaan.
20 २० इस प्रकार वह भूमि गुफा समेत, जो उसमें थी, हित्तियों की ओर से कब्रिस्तान के लिये अब्राहम के अधिकार में पूरी रीति से आ गई।
The field, and the cave that is in it, were deeded to Abraham by the children of Heth as a possession for a burial place.