< उत्पत्ति 22 >
1 १ इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने, अब्राहम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, “हे अब्राहम!” उसने कहा, “देख, मैं यहाँ हूँ।”
Nach diesen Begebnissen war es; da versuchte Gott den Abraham. Er sprach zu ihm: "Abraham!" Er sprach: "Hier bin ich."
2 २ उसने कहा, “अपने पुत्र को अर्थात् अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिससे तू प्रेम रखता है, संग लेकर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहाँ उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊँगा होमबलि करके चढ़ा।”
Da sprach er: "Nimm deinen einzigen Sohn, den du so liebst, den Isaak, und zieh ins Morialand und bring ihn zum Brandopfer dort dar, auf einem jener Berge, den ich dir bezeichnen werde!"
3 ३ अतः अब्राहम सवेरे तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होमबलि के लिये लकड़ी चीर ली; तब निकलकर उस स्थान की ओर चला, जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उससे की थी।
Da sattelte Abraham frühmorgens seinen Esel, nahm seine beiden Diener samt seinem Sohne Isaak mit, spaltete Holzscheite zum Brandopfer, brach auf und zog nach der Stätte, von der ihm Gott gesprochen.
4 ४ तीसरे दिन अब्राहम ने आँखें उठाकर उस स्थान को दूर से देखा।
Am dritten Tage erhob Abraham seine Augen; da sah er von weitem die Stätte.
5 ५ और उसने अपने सेवकों से कहा, “गदहे के पास यहीं ठहरे रहो; यह लड़का और मैं वहाँ तक जाकर, और दण्डवत् करके, फिर तुम्हारे पास लौट आएँगे।”
Da sprach Abraham zu seinen Dienern: "Bleibt mit dem Esel hier! Ich aber und der Knabe wollen dorthin gehen, anzubeten. Wir kommen dann wieder zu euch."
6 ६ तब अब्राहम ने होमबलि की लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी, और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया; और वे दोनों एक साथ चल पड़े।
Und Abraham nahm das Opferholz und legte es seinem Sohne Isaak auf; er aber nahm Feuer und Messer mit. So zogen sie beide zusammen dahin.
7 ७ इसहाक ने अपने पिता अब्राहम से कहा, “हे मेरे पिता,” उसने कहा, “हे मेरे पुत्र, क्या बात है?” उसने कहा, “देख, आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिये भेड़ कहाँ है?”
Da sprach Isaak zu seinem Vater Abraham; er sprach: "Mein Vater!" Er sprach: "Mein Sohn, hier bin ich." Er sprach: "Da ist Feuer und Holz. Aber wo ist das Schaf zum Opfer?"
8 ८ अब्राहम ने कहा, “हे मेरे पुत्र, परमेश्वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा।” और वे दोनों संग-संग आगे चलते गए।
Da sprach Abraham: "Gott ersieht sich schon das Schaf zum Opfer, mein Sohn." So zogen sie beide zusammen dahin.
9 ९ जब वे उस स्थान को जिसे परमेश्वर ने उसको बताया था पहुँचे; तब अब्राहम ने वहाँ वेदी बनाकर लकड़ी को चुन-चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बाँधकर वेदी पर रखी लकड़ियों के ऊपर रख दिया।
Und sie kamen zu dem Ort, von dem ihm Gott gesprochen. Dort baute Abraham einen Altar und schichtete das Holz. Dann band er seinen Sohn Isaak und legte ihn auf den Altar auf das Holz.
10 १० फिर अब्राहम ने हाथ बढ़ाकर छुरी को ले लिया कि अपने पुत्र को बलि करे।
Dann streckte Abraham seine Hand aus und griff nach dem Messer, um seinen Sohn zu schlachten.
11 ११ तब यहोवा के दूत ने स्वर्ग से उसको पुकारकर कहा, “हे अब्राहम, हे अब्राहम!” उसने कहा, “देख, मैं यहाँ हूँ।”
Da rief ihm der Engel des Herrn vom Himmel her und sprach: "Abraham! Abraham!" Er sprach: "Hier bin ich."
12 १२ उसने कहा, “उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उसे कुछ कर; क्योंकि तूने जो मुझसे अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इससे मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।”
Er sprach: "Leg deine Hand nicht an den Knaben! Tu ihm nichts! Jetzt weiß ich: Du bist gottesfürchtig; du verweigerst mir ja selbst deinen einzigen Sohn nicht."
13 १३ तब अब्राहम ने आँखें उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगों से एक झाड़ी में फँसा हुआ है; अतः अब्राहम ने जाकर उस मेढ़े को लिया, और अपने पुत्र के स्थान पर होमबलि करके चढ़ाया।
Und Abraham erhob seine Augen und sah hin; da hatte sich hinter ihm ein Widder mit den Hörnern im Dickicht verfangen. Abraham ging hin, nahm den Widder und brachte ihn an seines Sohnes Statt zum Opfer dar.
14 १४ अब्राहम ने उस स्थान का नाम यहोवा यिरे रखा, इसके अनुसार आज तक भी कहा जाता है, “यहोवा के पहाड़ पर प्रदान किया जाएगा।”
Und Abraham nannte diesen Ort: "Der Herr sorgt", so wie man noch sagt: "Auf dem Berg des Herrn ist man versorgt."
15 १५ फिर यहोवा के दूत ने दूसरी बार स्वर्ग से अब्राहम को पुकारकर कहा,
Und des Herrn Engel rief Abraham ein zweitesmal vom Himmel her
16 १६ “यहोवा की यह वाणी है, कि मैं अपनी ही यह शपथ खाता हूँ कि तूने जो यह काम किया है कि अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा;
und sprach: "Ich leiste bei mir selber einen Schwur" - ein Spruch des Herrn -: "Weil du dies getan und deinen einzigen Sohn mir nicht verweigert,
17 १७ इस कारण मैं निश्चय तुझे आशीष दूँगा; और निश्चय तेरे वंश को आकाश के तारागण, और समुद्र तट के रेतकणों के समान अनगिनत करूँगा, और तेरा वंश अपने शत्रुओं के नगरों का अधिकारी होगा;
so gebe ich dir meinen Segen und mache deinen Stamm so zahlreich wie des Himmels Sterne und wie den Sand am Meeresufer. Dein Stamm soll seiner Feinde Tor erobern!
18 १८ और पृथ्वी की सारी जातियाँ अपने को तेरे वंश के कारण धन्य मानेंगी: क्योंकि तूने मेरी बात मानी है।”
Der Erde Völker alle sollen sich mit deinem Stamme segnen zum Lohn dafür, daß du auf meine Stimme hast gehört."
19 १९ तब अब्राहम अपने सेवकों के पास लौट आया, और वे सब बेर्शेबा को संग-संग गए; और अब्राहम बेर्शेबा में रहने लगा।
Und Abraham kehrte zu seinen Dienern zurück; sie brachen auf und zogen miteinander nach Beerseba. Und Abraham blieb in Beerseba wohnen.
20 २० इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ कि अब्राहम को यह सन्देश मिला, “मिल्का के तेरे भाई नाहोर से सन्तान उत्पन्न हुई हैं।”
Nach diesen Begebnissen geschah es, daß man Abraham meldete: "Auch Milka hat deinem Bruder Nachor Söhne geboren:
21 २१ मिल्का के पुत्र तो ये हुए, अर्थात् उसका जेठा ऊस, और ऊस का भाई बूज, और कमूएल, जो अराम का पिता हुआ।
Uz, seinen Erstgeborenen, und seinen Bruder Buz und Kemuel, den Vater Arams,
22 २२ फिर केसेद, हज़ो, पिल्दाश, यिद्लाप, और बतूएल।
und Kesed, Chazo, Pildas, Jidlaph sowie Betuel."
23 २३ इन आठों को मिल्का ने अब्राहम के भाई नाहोर के द्वारा जन्म दिया। और बतूएल से रिबका उत्पन्न हुई।
Betuel aber hatte Rebekka gezeugt. Diese acht hatte Milka dem Nachor, Abrahams Bruder, geboren.
24 २४ फिर नाहोर के रूमा नामक एक रखैल भी थी; जिससे तेबह, गहम, तहश, और माका, उत्पन्न हुए।
Er hatte auch ein Nebenweib namens Rëuma; sie gebar Tebach, Gacham, Tachas und Maaka.