< उत्पत्ति 15 >

1 इन बातों के पश्चात् यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुँचा “हे अब्राम, मत डर; मैं तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल हूँ।”
After these things the LORD’s word came to Abram in a vision, saying, “Don’t be afraid, Abram. I am your shield, your exceedingly great reward.”
2 अब्राम ने कहा, “हे प्रभु यहोवा, मैं तो सन्तानहीन हूँ, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्कवासी एलीएजेर होगा, अतः तू मुझे क्या देगा?”
Abram said, “Lord GOD, what will you give me, since I go childless, and he who will inherit my estate is Eliezer of Damascus?”
3 और अब्राम ने कहा, “मुझे तो तूने वंश नहीं दिया, और क्या देखता हूँ, कि मेरे घर में उत्पन्न हुआ एक जन मेरा वारिस होगा।”
Abram said, “Behold, you have given no children to me: and, behold, one born in my house is my heir.”
4 तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा, “यह तेरा वारिस न होगा, तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा।”
Behold, the LORD’s word came to him, saying, “This man will not be your heir, but he who will come out of your own body will be your heir.”
5 और उसने उसको बाहर ले जाकर कहा, “आकाश की ओर दृष्टि करके तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है?” फिर उसने उससे कहा, “तेरा वंश ऐसा ही होगा।”
The LORD brought him outside, and said, “Look now toward the sky, and count the stars, if you are able to count them.” He said to Abram, “So your offspring will be.”
6 उसने यहोवा पर विश्वास किया; और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धार्मिकता गिना।
He believed in the LORD, who credited it to him for righteousness.
7 और उसने उससे कहा, “मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर नगर से बाहर ले आया, कि तुझको इस देश का अधिकार दूँ।”
He said to Abram, “I am the LORD who brought you out of Ur of the Chaldees, to give you this land to inherit it.”
8 उसने कहा, “हे प्रभु यहोवा मैं कैसे जानूँ कि मैं इसका अधिकारी होऊँगा?”
He said, “Lord GOD, how will I know that I will inherit it?”
9 यहोवा ने उससे कहा, “मेरे लिये तीन वर्ष की एक बछिया, और तीन वर्ष की एक बकरी, और तीन वर्ष का एक मेढ़ा, और एक पिण्डुक और कबूतर का एक बच्चा ले।”
He said to him, “Bring me a heifer three years old, a female goat three years old, a ram three years old, a turtledove, and a young pigeon.”
10 १० और इन सभी को लेकर, उसने बीच से दो टुकड़े कर दिया और टुकड़ों को आमने-सामने रखा पर चिड़ियों के उसने टुकड़े नहीं किए।
He brought him all these, and divided them in the middle, and laid each half opposite the other; but he didn’t divide the birds.
11 ११ जब माँसाहारी पक्षी लोथों पर झपटे, तब अब्राम ने उन्हें उड़ा दिया।
The birds of prey came down on the carcasses, and Abram drove them away.
12 १२ जब सूर्य अस्त होने लगा, तब अब्राम को भारी नींद आई; और देखो, अत्यन्त भय और महा अंधकार ने उसे छा लिया।
When the sun was going down, a deep sleep fell on Abram. Now terror and great darkness fell on him.
13 १३ तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “यह निश्चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, और उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे;
He said to Abram, “Know for sure that your offspring will live as foreigners in a land that is not theirs, and will serve them. They will afflict them four hundred years.
14 १४ फिर जिस देश के वे दास होंगे उसको मैं दण्ड दूँगा: और उसके पश्चात् वे बड़ा धन वहाँ से लेकर निकल आएँगे।
I will also judge that nation, whom they will serve. Afterward they will come out with great wealth;
15 १५ तू तो अपने पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा; तुझे पूरे बुढ़ापे में मिट्टी दी जाएगी।
but you will go to your fathers in peace. You will be buried at a good old age.
16 १६ पर वे चौथी पीढ़ी में यहाँ फिर आएँगे: क्योंकि अब तक एमोरियों का अधर्म पूरा नहीं हुआ हैं।”
In the fourth generation they will come here again, for the iniquity of the Amorite is not yet full.”
17 १७ और ऐसा हुआ कि जब सूर्य अस्त हो गया और घोर अंधकार छा गया, तब एक अँगीठी जिसमें से धुआँ उठता था और एक जलती हुई मशाल दिखाई दी जो उन टुकड़ों के बीच में से होकर निकल गई।
It came to pass that, when the sun went down, and it was dark, behold, a smoking furnace and a flaming torch passed between these pieces.
18 १८ उसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बाँधी, “मिस्र के महानद से लेकर फरात नामक बड़े नद तक जितना देश है,
In that day the LORD made a covenant with Abram, saying, “I have given this land to your offspring, from the river of Egypt to the great river, the river Euphrates:
19 १९ अर्थात्, केनियों, कनिज्जियों, कदमोनियों,
the land of the Kenites, the Kenizzites, the Kadmonites,
20 २० हित्तियों, परिज्जियों, रापाइयों,
the Hittites, the Perizzites, the Rephaim,
21 २१ एमोरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यबूसियों का देश, मैंने तेरे वंश को दिया है।”
the Amorites, the Canaanites, the Girgashites, and the Jebusites.”

< उत्पत्ति 15 >