< उत्पत्ति 11 >
1 १ सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।
১সমস্ত পৃথিবীতে এক ভাষা ও একই কথা ছিল।
2 २ उस समय लोग पूर्व की ओर चलते-चलते शिनार देश में एक मैदान पाकर उसमें बस गए।
২পরে লোকেরা পূর্বদিকে ঘুরতে ঘুরতে শিনিয়র দেশে এক সমভূমি পেয়ে সে জায়গায় বাস করল;
3 ३ तब वे आपस में कहने लगे, “आओ, हम ईंटें बना-बनाकर भली भाँति आग में पकाएँ।” और उन्होंने पत्थर के स्थान पर ईंट से, और मिट्टी के गारे के स्थान में चूने से काम लिया।
৩আর একে অপরকে বলল, “এস, আমরা ইট তৈরী করে আগুনে পোড়াই,” তাতে তাদের পাথরের পরিবর্তে ইট ও চূনের পরিবর্তে আলকাতরা ছিল।
4 ४ फिर उन्होंने कहा, “आओ, हम एक नगर और एक मीनार बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें, ऐसा न हो कि हमको सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।”
৪পরে তারা বলল, “এস, আমরা নিজেদের জন্য এক শহর ও আকাশকে নাগাল পেতে পারে এমন এক উঁচু বাড়ি (মিনার) তৈরী করে নিজেদের নাম বিখ্যাত করি, যদি সমস্ত পৃথিবীতে ছড়িয়ে ছিটিয়ে পড়ি।”
5 ५ जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब उन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया।
৫পরে মানুষেরা যে শহর ও উঁচু বাড়ি (মিনার) তৈরী করছিল, তা দেখতে সদাপ্রভু নেমে এলেন।
6 ६ और यहोवा ने कहा, “मैं क्या देखता हूँ, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जो कुछ वे करने का यत्न करेंगे, उसमें से कुछ भी उनके लिये अनहोना न होगा।
৬আর সদাপ্রভু বললেন, “দেখ, তারা সবাই এক জাতি ও এক ভাষাবাদী; এখন এই কাজে যুক্ত হল; এর পরে যা কিছু করতে ইচ্ছা করবে, তা থেকে তারা থেমে যাবে না।
7 ७ इसलिए आओ, हम उतरकर उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें।”
৭এস, আমরা নিচে গিয়ে, সেই জায়গায় তাদের ভাষার ভেদ জন্মাই, যেন তারা এক জন অন্যের ভাষা বুঝতে না পারে।”
8 ८ इस प्रकार यहोवा ने उनको वहाँ से सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया; और उन्होंने उस नगर का बनाना छोड़ दिया।
৮আর সদাপ্রভু সেখান থেকে সমস্ত পৃথিবীতে তাদেরকে ছিন্নভিন্ন করলেন এবং তারা শহর তৈরী করা থেকে থেমে গেল।
9 ९ इस कारण उस नगर का नाम बाबेल पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, वह यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया।
৯এই জন্য সেই শহরের নাম বাবিল [ভেদ] হল; কারণ সেই জায়গায় সদাপ্রভু সমস্ত পৃথিবীর ভাষার ভেদ জন্মিয়েছিলেন এবং সেখান থেকে সদাপ্রভু তাদেরকে সমস্ত পৃথিবীতে ছিন্নভিন্ন করেছিলেন।
10 १० शेम की वंशावली यह है। जल-प्रलय के दो वर्ष पश्चात् जब शेम एक सौ वर्ष का हुआ, तब उसने अर्पक्षद को जन्म दिया।
১০শেমের বংশ-বৃত্তান্ত এই। শেম একশো বছর বয়সে, বন্যার দুই বছর পরে, অর্ফকষদের জন্ম দিলেন।
11 ११ और अर्पक्षद के जन्म के पश्चात् शेम पाँच सौ वर्ष जीवित रहा; और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
১১অর্ফকষদের জন্ম দিলে পর শেম পাঁচশো বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
12 १२ जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का हुआ, तब उसने शेलह को जन्म दिया।
১২অর্ফকষদ পঁয়ত্রিশ বছর বয়সে শেলহের জন্ম দিলেন।
13 १३ और शेलह के जन्म के पश्चात् अर्पक्षद चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
১৩শেলহের জন্ম দিলে পর অর্ফকষদ চারশো তিন বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
14 १४ जब शेलह तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा एबेर का जन्म हुआ।
১৪শেলহ ত্রিশ বছর বয়সে এবারের জন্ম দিলেন।
15 १५ और एबेर के जन्म के पश्चात् शेलह चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
১৫এবারের জন্ম দিলে পর শেলহ চারশো তিন বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
16 १६ जब एबेर चौंतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा पेलेग का जन्म हुआ।
১৬এবর চৌত্রিশ বছর বয়সে পেলগের জন্ম দিলেন।
17 १७ और पेलेग के जन्म के पश्चात् एबेर चार सौ तीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
১৭পেলগের জন্ম দিলে পর এবর চারশো ত্রিশ বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
18 १८ जब पेलेग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा रू का जन्म हुआ।
১৮পেলগ ত্রিশ বছর বয়সে রিয়ূর জন্ম দিলেন।
19 १९ और रू के जन्म के पश्चात् पेलेग दो सौ नौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
১৯রিয়ূর জন্ম দিলে পর পেলগ দুইশো নয় বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
20 २० जब रू बत्तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा सरूग का जन्म हुआ।
২০রিয়ূ বত্রিশ বছর বয়সে সরূগের জন্ম দিলেন।
21 २१ और सरूग के जन्म के पश्चात् रू दो सौ सात वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
২১সরূগের জন্ম দিলে পর রিয়ূ দুশো সাত বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
22 २२ जब सरूग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा नाहोर का जन्म हुआ।
২২সরূগ ত্রিশ বছর বয়সে নাহোরের জন্ম দিলেন।
23 २३ और नाहोर के जन्म के पश्चात् सरूग दो सौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
২৩নাহোরের জন্ম দিলে পর সরূগ দুশো বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
24 २४ जब नाहोर उनतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा तेरह का जन्म हुआ;
২৪নাহোর উনত্রিশ বছর বয়সে তেরহের জন্ম দিলেন।
25 २५ और तेरह के जन्म के पश्चात् नाहोर एक सौ उन्नीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
২৫তেরহের জন্ম দিলে পর নাহোর একশো উনিশ বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
26 २६ जब तक तेरह सत्तर वर्ष का हुआ, तब तक उसके द्वारा अब्राम, और नाहोर, और हारान उत्पन्न हुए।
২৬তেরহ সত্তর বছর বয়সে অব্রাম, নাহোর ও হারণের জন্ম দিলেন।
27 २७ तेरह की वंशावली यह है: तेरह ने अब्राम, और नाहोर, और हारान को जन्म दिया; और हारान ने लूत को जन्म दिया।
২৭তেরহের বংশ বৃত্তান্ত এই। তেরহ অব্রাম, নাহোর ও হারণের জন্ম দিলেন।
28 २८ और हारान अपने पिता के सामने ही, कसदियों के ऊर नाम नगर में, जो उसकी जन्म-भूमि थी, मर गया।
২৮আর হারণ লোটের জন্ম দিলেন। কিন্তু হারণ নিজের বাবা তেরহের সামনে নিজের জন্মস্থান কলদীয় দেশের ঊরে প্রাণত্যাগ করলেন।
29 २९ अब्राम और नाहोर दोनों ने विवाह किया। अब्राम की पत्नी का नाम सारै, और नाहोर की पत्नी का नाम मिल्का था। यह उस हारान की बेटी थी, जो मिल्का और यिस्का दोनों का पिता था।
২৯অব্রাম ও নাহর উভয়েই বিয়ে করলেন; অব্রাহামের স্ত্রীর নাম সারী ও নাহোরের স্ত্রীর নাম মিলকা। এই স্ত্রী হারণের মেয়ে; হারণ মিলকার ও যিস্কার বাবা।
30 ३० सारै तो बाँझ थी; उसके सन्तान न हुई।
৩০সারী বন্ধ্যা ছিলেন, তাঁর সন্তান হল না।
31 ३१ और तेरह अपने पुत्र अब्राम, और अपने पोते लूत, जो हारान का पुत्र था, और अपनी बहू सारै, जो उसके पुत्र अब्राम की पत्नी थी, इन सभी को लेकर कसदियों के ऊर नगर से निकल कनान देश जाने को चला; पर हारान नामक देश में पहुँचकर वहीं रहने लगा।
৩১আর তেরহ নিজের ছেলে অব্রামকে ও হারণের ছেলে নিজের নাতি লোটকে এবং অব্রাহামের স্ত্রী সারী নাম্নী ছেলের স্ত্রীকে সঙ্গে নিলেন; তাঁরা একসঙ্গে কনান দেশে যাবার জন্য কলদীয় দেশের ঊর থেকে যাত্রা করলেন; আর হারণ নগর পর্যন্ত গিয়ে সেখানে বাস করলেন।
32 ३२ जब तेरह दो सौ पाँच वर्ष का हुआ, तब वह हारान देश में मर गया।
৩২পরে তেরহের দুশো পাঁচ বছর বয়স হলে হারণে তাঁর মৃত্যু হল।