< गलातियों 3 >
1 १ हे निर्बुद्धि गलातियों, किसने तुम्हें मोह लिया? तुम्हारी तो मानो आँखों के सामने यीशु मसीह क्रूस पर दिखाया गया!
¡Oh, insensatos gálatas! ¿cómo ha podido nadie fascinaros a vosotros, ante cuyos ojos fue presentado Jesucristo clavado en una cruz?
2 २ मैं तुम से केवल यह जानना चाहता हूँ, कि तुम ने पवित्र आत्मा को, क्या व्यवस्था के कामों से, या विश्वास के समाचार से पाया?
Quisiera saber de vosotros esto solo: si recibisteis el Espíritu por obra de la Ley o por la palabra de la fe.
3 ३ क्या तुम ऐसे निर्बुद्धि हो, कि आत्मा की रीति पर आरम्भ करके अब शरीर की रीति पर अन्त करोगे?
¿Tan insensatos sois que habiendo comenzado por Espíritu, acabáis ahora en carne?
4 ४ क्या तुम ने इतना दुःख व्यर्थ उठाया? परन्तु कदाचित् व्यर्थ नहीं।
¿Valía la pena padecer tanto si todo fue en vano?
5 ५ इसलिए जो तुम्हें आत्मा दान करता और तुम में सामर्थ्य के काम करता है, वह क्या व्यवस्था के कामों से या विश्वास के सुसमाचार से ऐसा करता है?
Aquel que os suministra el Espíritu y obra milagros en vosotros ¿lo hace por las obras de la Ley o por la palabra de la fe?
6 ६ “अब्राहम ने तो परमेश्वर पर विश्वास किया और यह उसके लिये धार्मिकता गिनी गई।”
Porque ( está escrito ): “Abrahán creyó a Dios, y le fue imputado a justicia”.
7 ७ तो यह जान लो, कि जो विश्वास करनेवाले हैं, वे ही अब्राहम की सन्तान हैं।
Sabed, pues, que los que viven de la fe, esos son hijos de Abrahán.
8 ८ और पवित्रशास्त्र ने पहले ही से यह जानकर, कि परमेश्वर अन्यजातियों को विश्वास से धर्मी ठहराएगा, पहले ही से अब्राहम को यह सुसमाचार सुना दिया, कि “तुझ में सब जातियाँ आशीष पाएँगी।”
Y la Escritura, previendo que Dios justifica a los gentiles por la fe, anunció de antemano a Abrahán la buena nueva: “En ti serán bendecidas todas las naciones”.
9 ९ तो जो विश्वास करनेवाले हैं, वे विश्वासी अब्राहम के साथ आशीष पाते हैं।
De modo que, junto con el creyente Abrahán, son bendecidos los que creen.
10 १० अतः जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के अधीन हैं, क्योंकि लिखा है, “जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।”
Porque cuantos vivan de las obras de la Ley, están sujetos a la maldición; pues escrito está: “Maldito todo aquel que no persevera en todo lo que está escrito en el Libro de la Ley para cumplirlo”.
11 ११ पर यह बात प्रगट है, कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्वर के यहाँ कोई धर्मी नहीं ठहरता क्योंकि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
Por lo demás, es manifiesto que por la Ley nadie se justifica ante Dios, porque “el justo vivirá de fe”;
12 १२ पर व्यवस्था का विश्वास से कुछ सम्बंध नहीं; पर “जो उनको मानेगा, वह उनके कारण जीवित रहेगा।”
en tanto que la Ley no viene de la fe, sino que: “El que hiciere estas cosas, vivirá por ellas”.
13 १३ मसीह ने जो हमारे लिये श्रापित बना, हमें मोल लेकर व्यवस्था के श्राप से छुड़ाया क्योंकि लिखा है, “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है वह श्रापित है।”
Cristo, empero, nos redimió de la maldición de la Ley, haciéndose por nosotros maldición, porque escrito está: “Maldito sea todo el que pende del madero”,
14 १४ यह इसलिए हुआ, कि अब्राहम की आशीष मसीह यीशु में अन्यजातियों तक पहुँचे, और हम विश्वास के द्वारा उस आत्मा को प्राप्त करें, जिसकी प्रतिज्ञा हुई है।
para que en Cristo Jesús alcanzase a los gentiles la bendición de Abrahán, y por medio de la fe recibiésemos el Espíritu prometido.
15 १५ हे भाइयों, मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूँ, कि मनुष्य की वाचा भी जो पक्की हो जाती है, तो न कोई उसे टालता है और न उसमें कुछ बढ़ाता है।
Hermanos, voy a hablaros al modo humano: Un testamento, a pesar de ser obra de hombre, una vez ratificado nadie puede anularlo, ni hacerle adición.
16 १६ अतः प्रतिज्ञाएँ अब्राहम को, और उसके वंश को दी गईं; वह यह नहीं कहता, “वंशों को,” जैसे बहुतों के विषय में कहा, पर जैसे एक के विषय में कि “तेरे वंश को” और वह मसीह है।
Ahora bien, las promesas fueron dadas a Abrahán y a su descendiente. No dice: “y a los descendientes” como si se tratase de muchos, sino como de uno: “y a tu Descendiente”, el cual es Cristo.
17 १७ पर मैं यह कहता हूँ कि जो वाचा परमेश्वर ने पहले से पक्की की थी, उसको व्यवस्था चार सौ तीस वर्षों के बाद आकर नहीं टाल सकती, कि प्रतिज्ञा व्यर्थ ठहरे।
Digo, pues, esto: “Un testamento ratificado antes por Dios, no puede ser anulado por la Ley dada cuatrocientos treinta años después, de manera que deje sin efecto la promesa.
18 १८ क्योंकि यदि विरासत व्यवस्था से मिली है, तो फिर प्रतिज्ञा से नहीं, परन्तु परमेश्वर ने अब्राहम को प्रतिज्ञा के द्वारा दे दी है।
Porque si la herencia es por Ley, ya no es por promesa. Y sin embargo, Dios se la dio gratuitamente por promesa”.
19 १९ तब फिर व्यवस्था क्या रही? वह तो अपराधों के कारण बाद में दी गई, कि उस वंश के आने तक रहे, जिसको प्रतिज्ञा दी गई थी, और व्यवस्था स्वर्गदूतों के द्वारा एक मध्यस्थ के हाथ ठहराई गई।
Entonces ¿para qué la Ley? Fue añadida a causa de las transgresiones, hasta que viniese el Descendiente a quien fue hecha la promesa; y fue promulgada por ángeles por mano de un mediador.
20 २० मध्यस्थ तो एक का नहीं होता, परन्तु परमेश्वर एक ही है।
Ahora bien, no hay mediador de uno solo, y Dios es uno solo.
21 २१ तो क्या व्यवस्था परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं के विरोध में है? कदापि नहीं! क्योंकि यदि ऐसी व्यवस्था दी जाती जो जीवन दे सकती, तो सचमुच धार्मिकता व्यवस्था से होती।
Entonces ¿la Ley está en contra de las promesas de Dios? De ninguna manera. Porque si se hubiera dado una Ley capaz de vivificar, realmente la justicia procedería de la Ley.
22 २२ परन्तु पवित्रशास्त्र ने सब को पाप के अधीन कर दिया, ताकि वह प्रतिज्ञा जिसका आधार यीशु मसीह पर विश्वास करना है, विश्वास करनेवालों के लिये पूरी हो जाए।
Pero la Escritura lo ha encerrado todo bajo el pecado, a fin de que la promesa, que es por la fe en Jesucristo, fuese dada a los que creyesen.
23 २३ पर विश्वास के आने से पहले व्यवस्था की अधीनता में हम कैद थे, और उस विश्वास के आने तक जो प्रगट होनेवाला था, हम उसी के बन्धन में रहे।
Mas antes de venir la fe, estábamos bajo la custodia de la Ley, encerrados para la fe que había de ser revelada.
24 २४ इसलिए व्यवस्था मसीह तक पहुँचाने के लिए हमारी शिक्षक हुई है, कि हम विश्वास से धर्मी ठहरें।
De manera que la Ley fue nuestro ayo para conducirnos a Cristo, a fin de que seamos justificados por la fe.
25 २५ परन्तु जब विश्वास आ चुका, तो हम अब शिक्षक के अधीन न रहे।
Mas venida la fe, ya no estamos bajo el ayo,
26 २६ क्योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्वर की सन्तान हो।
por cuanto todos sois hijos de Dios por la fe en Cristo Jesús.
27 २७ और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहन लिया है।
Pues todos los que habéis sido bautizados en Cristo estáis vestidos de Cristo.
28 २८ अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो।
No hay ya judío ni griego, no hay esclavo ni libre, no hay varón y mujer; porque todos vosotros sois uno solo en Cristo Jesús.
29 २९ और यदि तुम मसीह के हो, तो अब्राहम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो।
Y siendo vosotros de Cristo, sois por tanto descendientes de Abrahán, herederos según la promesa.