< गलातियों 1 >
1 १ पौलुस की, जो न मनुष्यों की ओर से, और न मनुष्य के द्वारा, वरन् यीशु मसीह और परमेश्वर पिता के द्वारा, जिसने उसको मरे हुओं में से जिलाया, प्रेरित है।
མནུཥྱེབྷྱོ ནཧི མནུཥྱཻརཔི ནཧི ཀིནྟུ ཡཱིཤུཁྲཱིཥྚེན མྲྀཏགཎམདྷྱཱཏ྄ ཏསྱོཏྠཱཔཡིཏྲཱ པིཏྲེཤྭརེཎ ཙ པྲེརིཏོ ཡོ྅ཧཾ པཽལཿ སོ྅ཧཾ
2 २ और सारे भाइयों की ओर से, जो मेरे साथ हैं; गलातिया की कलीसियाओं के नाम।
མཏྶཧཝརྟྟིནོ བྷྲཱཏརཤྩ ཝཡཾ གཱལཱཏཱིཡདེཤསྠཱཿ སམིཏཱིཿ པྲཏི པཏྲཾ ལིཁཱམཿ།
3 ३ परमेश्वर पिता, और हमारे प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे।
པིཏྲེཤྭརེཎཱསྨཱཾཀ པྲབྷུནཱ ཡཱིཤུནཱ ཁྲཱིཥྚེན ཙ ཡུཥྨབྷྱམ྄ ཨནུགྲཧཿ ཤཱནྟིཤྩ དཱིཡཏཱཾ།
4 ४ उसी ने अपने आपको हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए। (aiōn )
ཨསྨཱཀཾ ཏཱཏེཤྭརེསྱེཙྪཱནུསཱརེཎ ཝརྟྟམཱནཱཏ྄ ཀུཏྶིཏསཾསཱརཱད྄ ཨསྨཱན྄ ནིསྟཱརཡིཏུཾ ཡོ (aiōn )
5 ५ उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
ཡཱིཤུརསྨཱཀཾ པཱཔཧེཏོརཱཏྨོཏྶརྒཾ ཀྲྀཏཝཱན྄ ས སཪྻྭདཱ དྷནྱོ བྷཱུཡཱཏ྄། ཏཐཱསྟུ། (aiōn )
6 ६ मुझे आश्चर्य होता है, कि जिसने तुम्हें मसीह के अनुग्रह से बुलाया उससे तुम इतनी जल्दी फिरकर और ही प्रकार के सुसमाचार की ओर झुकने लगे।
ཁྲཱིཥྚསྱཱནུགྲཧེཎ ཡོ ཡུཥྨཱན྄ ཨཱཧཱུཏཝཱན྄ ཏསྨཱནྣིཝྲྀཏྱ ཡཱུཡམ྄ ཨཏིཏཱུརྞམ྄ ཨནྱཾ སུསཾཝཱདམ྄ ཨནྭཝརྟྟཏ ཏཏྲཱཧཾ ཝིསྨཡཾ མནྱེ།
7 ७ परन्तु वह दूसरा सुसमाचार है ही नहीं पर बात यह है, कि कितने ऐसे हैं, जो तुम्हें घबरा देते, और मसीह के सुसमाचार को बिगाड़ना चाहते हैं।
སོ྅ནྱསུསཾཝཱདཿ སུསཾཝཱདོ ནཧི ཀིནྟུ ཀེཙིཏ྄ མཱནཝཱ ཡུཥྨཱན྄ ཙཉྩལཱིཀུཪྻྭནྟི ཁྲཱིཥྚཱིཡསུསཾཝཱདསྱ ཝིཔཪྻྱཡཾ ཀརྟྟུཾ ཙེཥྚནྟེ ཙ།
8 ८ परन्तु यदि हम या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हमने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो।
ཡུཥྨཱཀཾ སནྣིདྷཽ ཡཿ སུསཾཝཱདོ྅སྨཱབྷི རྒྷོཥིཏསྟསྨཱད྄ ཨནྱཿ སུསཾཝཱདོ྅སྨཱཀཾ སྭརྒཱིཡདཱུཏཱནཱཾ ཝཱ མདྷྱེ ཀེནཙིད྄ ཡདི གྷོཥྱཏེ ཏརྷི ས ཤཔྟོ བྷཝཏུ།
9 ९ जैसा हम पहले कह चुके हैं, वैसा ही मैं अब फिर कहता हूँ, कि उस सुसमाचार को छोड़ जिसे तुम ने ग्रहण किया है, यदि कोई और सुसमाचार सुनाता है, तो श्रापित हो।
པཱུཪྻྭཾ ཡདྭད྄ ཨཀཐཡཱམ, ཨིདཱནཱིམཧཾ པུནསྟདྭཏ྄ ཀཐཡཱམི ཡཱུཡཾ ཡཾ སུསཾཝཱདཾ གྲྀཧཱིཏཝནྟསྟསྨཱད྄ ཨནྱོ ཡེན ཀེནཙིད྄ ཡུཥྨཏྶནྣིདྷཽ གྷོཥྱཏེ ས ཤཔྟོ བྷཝཏུ།
10 १० अब मैं क्या मनुष्यों को मनाता हूँ या परमेश्वर को? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न करता रहता, तो मसीह का दास न होता।
སཱམྤྲཏཾ ཀམཧམ྄ ཨནུནཡཱམི? ཨཱིཤྭརཾ ཀིཾཝཱ མཱནཝཱན྄? ཨཧཾ ཀིཾ མཱནུཥེབྷྱོ རོཙིཏུཾ ཡཏེ? ཡདྱཧམ྄ ཨིདཱནཱིམཔི མཱནུཥེབྷྱོ རུརུཙིཥེཡ ཏརྷི ཁྲཱིཥྚསྱ པརིཙཱརཀོ ན བྷཝཱམི།
11 ११ हे भाइयों, मैं तुम्हें जताए देता हूँ, कि जो सुसमाचार मैंने सुनाया है, वह मनुष्य का नहीं।
ཧེ བྷྲཱཏརཿ, མཡཱ ཡཿ སུསཾཝཱདོ གྷོཥིཏཿ ས མཱནུཥཱནྣ ལབྡྷསྟདཧཾ ཡུཥྨཱན྄ ཛྙཱཔཡཱམི།
12 १२ क्योंकि वह मुझे मनुष्य की ओर से नहीं पहुँचा, और न मुझे सिखाया गया, पर यीशु मसीह के प्रकाशन से मिला।
ཨཧཾ ཀསྨཱཙྩིཏ྄ མནུཥྱཱཏ྄ ཏཾ ན གྲྀཧཱིཏཝཱན྄ ན ཝཱ ཤིཀྵིཏཝཱན྄ ཀེཝལཾ ཡཱིཤོཿ ཁྲཱིཥྚསྱ པྲཀཱཤནཱདེཝ།
13 १३ यहूदी मत में जो पहले मेरा चाल-चलन था, तुम सुन चुके हो; कि मैं परमेश्वर की कलीसिया को बहुत ही सताता और नाश करता था।
པུརཱ ཡིཧཱུདིམཏཱཙཱརཱི ཡདཱཧམ྄ ཨཱསཾ ཏདཱ ཡཱདྲྀཤམ྄ ཨཱཙརཎམ྄ ཨཀརཝམ྄ ཨཱིཤྭརསྱ སམིཏིཾ པྲཏྱཏཱིཝོཔདྲཝཾ ཀུཪྻྭན྄ ཡཱདྲྀཀ྄ ཏཱཾ ཝྱནཱཤཡཾ ཏདཝཤྱཾ ཤྲུཏཾ ཡུཥྨཱབྷིཿ།
14 १४ और मैं यहूदी धर्म में अपने साथी यहूदियों से अधिक आगे बढ़ रहा था और अपने पूर्वजों की परम्पराओं में बहुत ही उत्तेजित था।
ཨཔརཉྩ པཱུཪྻྭཔུརུཥཔརམྤརཱགཏེཥུ ཝཱཀྱེཥྭནྱཱཔེཀྵཱཏཱིཝཱསཀྟཿ སན྄ ཨཧཾ ཡིཧཱུདིདྷརྨྨཏེ མམ སམཝཡསྐཱན྄ བཧཱུན྄ སྭཛཱཏཱིཡཱན྄ ཨཏྱཤཡི།
15 १५ परन्तु परमेश्वर की जब इच्छा हुई, उसने मेरी माता के गर्भ ही से मुझे ठहराया और अपने अनुग्रह से बुला लिया,
ཀིཉྩ ཡ ཨཱིཤྭརོ མཱཏྲྀགརྦྷསྠཾ མཱཾ པྲྀཐཀ྄ ཀྲྀཏྭཱ སྭཱིཡཱནུགྲཧེཎཱཧཱུཏཝཱན྄
16 १६ कि मुझ में अपने पुत्र को प्रगट करे कि मैं अन्यजातियों में उसका सुसमाचार सुनाऊँ; तो न मैंने माँस और लहू से सलाह ली;
ས ཡདཱ མཡི སྭཔུཏྲཾ པྲཀཱཤིཏུཾ བྷིནྣདེཤཱིཡཱནཱཾ སམཱིཔེ བྷཡཱ ཏཾ གྷོཥཡིཏུཉྩཱབྷྱལཥཏ྄ ཏདཱཧཾ ཀྲཝྱཤོཎིཏཱབྷྱཱཾ སཧ ན མནྟྲཡིཏྭཱ
17 १७ और न यरूशलेम को उनके पास गया जो मुझसे पहले प्रेरित थे, पर तुरन्त अरब को चला गया और फिर वहाँ से दमिश्क को लौट आया।
པཱུཪྻྭནིཡུཀྟཱནཱཾ པྲེརིཏཱནཱཾ སམཱིཔཾ ཡིརཱུཤཱལམཾ ན གཏྭཱརཝདེཤཾ གཏཝཱན྄ པཤྩཱཏ྄ ཏཏྶྠཱནཱད྄ དམྨེཥཀནགརཾ པརཱཝྲྀཏྱཱགཏཝཱན྄།
18 १८ फिर तीन वर्षों के बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिये यरूशलेम को गया, और उसके पास पन्द्रह दिन तक रहा।
ཏཏཿ པརཾ ཝརྵཏྲཡེ ཝྱཏཱིཏེ྅ཧཾ པིཏརཾ སམྦྷཱཥིཏུཾ ཡིརཱུཤཱལམཾ གཏྭཱ པཉྩདཤདིནཱནི ཏེན སཱརྡྡྷམ྄ ཨཏིཥྛཾ།
19 १९ परन्तु प्रभु के भाई याकूब को छोड़ और प्रेरितों में से किसी से न मिला।
ཀིནྟུ ཏཾ པྲབྷོ རྦྷྲཱཏརཾ ཡཱཀཱུབཉྩ ཝིནཱ པྲེརིཏཱནཱཾ ནཱནྱཾ ཀམཔྱཔཤྱཾ།
20 २० जो बातें मैं तुम्हें लिखता हूँ, परमेश्वर को उपस्थित जानकर कहता हूँ, कि वे झूठी नहीं।
ཡཱནྱེཏཱནི ཝཱཀྱཱནི མཡཱ ལིཁྱནྟེ ཏཱནྱནྲྀཏཱནི ན སནྟི ཏད྄ ཨཱིཤྭརོ ཛཱནཱཏི།
21 २१ इसके बाद मैं सीरिया और किलिकिया के देशों में आया।
ཏཏཿ པརམ྄ ཨཧཾ སུརིཡཱཾ ཀིལིཀིཡཱཉྩ དེཤཽ གཏཝཱན྄།
22 २२ परन्तु यहूदिया की कलीसियाओं ने जो मसीह में थीं, मेरा मुँह तो कभी नहीं देखा था।
ཏདཱནཱིཾ ཡིཧཱུདཱདེཤསྠཱནཱཾ ཁྲཱིཥྚསྱ སམིཏཱིནཱཾ ལོཀཱཿ སཱཀྵཱཏ྄ མམ པརིཙཡམཔྲཱཔྱ ཀེཝལཾ ཛནཤྲུཏིམིམཱཾ ལབྡྷཝནྟཿ,
23 २३ परन्तु यही सुना करती थीं, कि जो हमें पहले सताता था, वह अब उसी विश्वास का सुसमाचार सुनाता है, जिसे पहले नाश करता था।
ཡོ ཛནཿ པཱུཪྻྭམ྄ ཨསྨཱན྄ པྲཏྱུཔདྲཝམཀརོཏ྄ ས ཏདཱ ཡཾ དྷརྨྨམནཱཤཡཏ྄ ཏམེཝེདཱནཱིཾ པྲཙཱརཡཏཱིཏི།
24 २४ और मेरे विषय में परमेश्वर की महिमा करती थीं।
ཏསྨཱཏ྄ ཏེ མཱམདྷཱིཤྭརཾ དྷནྱམཝདན྄།