< एज्रा 1 >

1 फारस के राजा कुस्रू के राज्य के पहले वर्ष में यहोवा ने फारस के राजा कुस्रू का मन उभारा कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुँह से निकला था वह पूरा हो जाए, इसलिए उसने अपने समस्त राज्य में यह प्रचार करवाया और लिखवा भी दिया:
Im ersten Jahr Kores, des Königs in Persien, daß erfüllet würde das Wort des HERRN durch den Mund Jeremias geredet, erweckte der HERR den Geist Kores, des Königs in Persien, daß er ließ ausschreien durch sein ganzes Königreich, auch durch Schrift, und sagen:
2 “फारस का राजा कुस्रू यह कहता है: स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा ने पृथ्वी भर का राज्य मुझे दिया है, और उसने मुझे आज्ञा दी, कि यहूदा के यरूशलेम में मेरा एक भवन बनवा।
So spricht Kores, der König in Persien: Der HERR, der Gott vom Himmel, hat mir alle Königreiche in Landen gegeben; und er hat mir befohlen, ihm ein Haus zu bauen zu Jerusalem in Juda.
3 उसकी समस्त प्रजा के लोगों में से तुम्हारे मध्य जो कोई हो, उसका परमेश्वर उसके साथ रहे, और वह यहूदा के यरूशलेम को जाकर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का भवन बनाए - जो यरूशलेम में है वही परमेश्वर है।
Wer nun unter euch seines Volks ist, mit dem sei sein Gott, und er ziehe hinauf gen Jerusalem in Juda und baue das Haus des HERRN, des Gottes Israels. Er ist der Gott, der zu Jerusalem ist.
4 और जो कोई किसी स्थान में रह गया हो, जहाँ वह रहता हो, उस स्थान के मनुष्य चाँदी, सोना, धन और पशु देकर उसकी सहायता करें और इससे अधिक यरूशलेम स्थित परमेश्वर के भवन के लिये अपनी-अपनी इच्छा से भी भेंट चढ़ाएँ।”
Und wer noch übrig ist an allen Orten, da er Fremdling ist, dem helfen die Leute seines Orts mit Silber und Gold, Gut und Vieh aus freiem Willen zum Hause Gottes zu Jerusalem.
5 तब यहूदा और बिन्यामीन के जितने पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों और याजकों और लेवियों का मन परमेश्वर ने उभारा था कि जाकर यरूशलेम में यहोवा के भवन को बनाएँ, वे सब उठ खड़े हुए;
Da machten sich auf die obersten Väter aus Juda und Benjamin und die Priester und Leviten, alle, deren Geist Gott erweckte, hinaufzuziehen und zu bauen das Haus des HERRN zu Jerusalem.
6 और उनके आस-पास सब रहनेवालों ने चाँदी के पात्र, सोना, धन, पशु और अनमोल वस्तुएँ देकर, उनकी सहायता की; यह उन सबसे अधिक था, जो लोगों ने अपनी-अपनी इच्छा से दिया।
Und alle, die um sie her waren, stärkten ihre Hand mit silbernem und güldenem Geräte, mit Gut und Vieh und Kleinoden, ohne was sie freiwillig gaben.
7 फिर यहोवा के भवन के जो पात्र नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम से निकालकर अपने देवता के भवन में रखे थे,
Und der König Kores tat heraus die Gefäße des Hauses des HERRN, die Nebukadnezar aus Jerusalem genommen und in seines Gottes Haus getan hatte.
8 उनको कुस्रू राजा ने, मिथ्रदात खजांची से निकलवाकर, यहूदियों के शेशबस्सर नामक प्रधान को गिनकर सौंप दिया।
Aber Kores, der König in Persien, tat sie heraus durch Mithredath, den Schatzmeister, und zählete sie dar Sesbazar, dem Fürsten Judas.
9 उनकी गिनती यह थी, अर्थात् सोने के तीस और चाँदी के एक हजार परात और उनतीस छुरी,
Und dies ist ihre Zahl: dreißig güldene Becken und tausend silberne Becken, neunundzwanzig Messer,
10 १० सोने के तीस कटोरे और मध्यम प्रकार की चाँदी के चार सौ दस कटोरे तथा अन्य प्रकार के पात्र एक हजार।
dreißig güldene Becher und der andern silbernen Becher vierhundertundzehn und anderer Gefäße tausend,
11 ११ सोने चाँदी के पात्र सब मिलाकर पाँच हजार चार सौ थे। इन सभी को शेशबस्सर उस समय ले आया जब बन्धुए बाबेल से यरूशलेम को आए।
daß aller Gefäße, beide güldene und silberne, waren fünftausend und vierhundert. Alle brachte sie Sesbazar herauf mit denen, die aus dem Gefängnis von Babel heraufzogen gen Jerusalem.

< एज्रा 1 >