< एज्रा 9 >

1 जब ये काम हो चुके, तब हाकिम मेरे पास आकर कहने लगे, “न तो इस्राएली लोग, न याजक, न लेवीय इस ओर के देशों के लोगों से अलग हुए; वरन् उनके से, अर्थात् कनानियों, हित्तियों, परिज्जियों, यबूसियों, अम्मोनियों, मोआबियों, मिस्रियों और एमोरियों के से घिनौने काम करते हैं।
וּכְכַלּ֣וֹת אֵ֗לֶּה נִגְּשׁ֨וּ אֵלַ֤י הַשָּׂרִים֙ לֵאמֹ֔ר לֹֽא־נִבְדְּל֞וּ הָעָ֤ם יִשְׂרָאֵל֙ וְהַכֹּהֲנִ֣ים וְהַלְוִיִּ֔ם מֵעַמֵּ֖י הָאֲרָצ֑וֹת כְּ֠תוֹעֲבֹֽתֵיהֶם לַכְּנַעֲנִ֨י הַחִתִּ֜י הַפְּרִזִּ֣י הַיְבוּסִ֗י הָֽעַמֹּנִי֙ הַמֹּ֣אָבִ֔י הַמִּצְרִ֖י וְהָאֱמֹרִֽי׃
2 क्योंकि उन्होंने उनकी बेटियों में से अपने और अपने बेटों के लिये स्त्रियाँ कर ली हैं; और पवित्र वंश इस ओर के देशों के लोगों में मिल गया है। वरन् हाकिम और सरदार इस विश्वासघात में मुख्य हुए हैं।”
כִּֽי־נָשְׂא֣וּ מִבְּנֹֽתֵיהֶ֗ם לָהֶם֙ וְלִבְנֵיהֶ֔ם וְהִתְעָֽרְבוּ֙ זֶ֣רַע הַקֹּ֔דֶשׁ בְּעַמֵּ֖י הָאֲרָצ֑וֹת וְיַ֧ד הַשָּׂרִ֣ים וְהַסְּגָנִ֗ים הָֽיְתָ֛ה בַּמַּ֥עַל הַזֶּ֖ה רִאשׁוֹנָֽה׃ ס
3 यह बात सुनकर मैंने अपने वस्त्र और बागे को फाड़ा, और अपने सिर और दाढ़ी के बाल नोचे, और विस्मित होकर बैठा रहा।
וּכְשָׁמְעִי֙ אֶת־הַדָּבָ֣ר הַזֶּ֔ה קָרַ֥עְתִּי אֶת־בִּגְדִ֖י וּמְעִילִ֑י וָאֶמְרְטָ֞ה מִשְּׂעַ֤ר רֹאשִׁי֙ וּזְקָנִ֔י וָאֵשְׁבָ֖ה מְשׁוֹמֵֽם׃
4 तब जितने लोग इस्राएल के परमेश्वर के वचन सुनकर बँधुआई से आए हुए लोगों के विश्वासघात के कारण थरथराते थे, सब मेरे पास इकट्ठे हुए, और मैं साँझ की भेंट के समय तक विस्मित होकर बैठा रहा।
וְאֵלַ֣י יֵאָסְפ֗וּ כֹּ֤ל חָרֵד֙ בְּדִבְרֵ֣י אֱלֹהֵֽי־יִשְׂרָאֵ֔ל עַ֖ל מַ֣עַל הַגּוֹלָ֑ה וַאֲנִי֙ יֹשֵׁ֣ב מְשׁוֹמֵ֔ם עַ֖ד לְמִנְחַ֥ת הָעָֽרֶב׃
5 परन्तु साँझ की भेंट के समय मैं वस्त्र और बागा फाड़े हुए उपवास की दशा में उठा, फिर घुटनों के बल झुका, और अपने हाथ अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फैलाकर कहा:
וּבְמִנְחַ֣ת הָעֶ֗רֶב קַ֚מְתִּי מִתַּֽעֲנִיתִ֔י וּבְקָרְעִ֥י בִגְדִ֖י וּמְעִילִ֑י וָֽאֶכְרְעָה֙ עַל־בִּרְכַּ֔י וָאֶפְרְשָׂ֥ה כַפַּ֖י אֶל־יְהוָ֥ה אֱלֹהָֽי׃
6 “हे मेरे परमेश्वर! मुझे तेरी ओर अपना मुँह उठाते लज्जा आती है, और हे मेरे परमेश्वर! मेरा मुँह काला है; क्योंकि हम लोगों के अधर्म के काम हमारे सिर पर बढ़ गए हैं, और हमारा दोष बढ़ते-बढ़ते आकाश तक पहुँचा है।
וָאֹמְרָ֗ה אֱלֹהַי֙ בֹּ֣שְׁתִּי וְנִכְלַ֔מְתִּי לְהָרִ֧ים אֱלֹהַ֛י פָּנַ֖י אֵלֶ֑יךָ כִּ֣י עֲוֹנֹתֵ֤ינוּ רָבוּ֙ לְמַ֣עְלָה רֹּ֔אשׁ וְאַשְׁמָתֵ֥נוּ גָדְלָ֖ה עַ֥ד לַשָּׁמָֽיִם׃
7 अपने पुरखाओं के दिनों से लेकर आज के दिन तक हम बड़े दोषी हैं, और अपने अधर्म के कामों के कारण हम अपने राजाओं और याजकों समेत देश-देश के राजाओं के हाथ में किए गए कि तलवार, दासत्व, लूटे जाने, और मुँह काला हो जाने की विपत्तियों में पड़ें, जैसे कि आज हमारी दशा है।
מִימֵ֣י אֲבֹתֵ֗ינוּ אֲנַ֙חְנוּ֙ בְּאַשְׁמָ֣ה גְדֹלָ֔ה עַ֖ד הַיּ֣וֹם הַזֶּ֑ה וּבַעֲוֹנֹתֵ֡ינוּ נִתַּ֡נּוּ אֲנַחְנוּ֩ מְלָכֵ֨ינוּ כֹהֲנֵ֜ינוּ בְּיַ֣ד ׀ מַלְכֵ֣י הָאֲרָצ֗וֹת בַּחֶ֜רֶב בַּשְּׁבִ֧י וּבַבִּזָּ֛ה וּבְבֹ֥שֶׁת פָּנִ֖ים כְּהַיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃
8 अब थोड़े दिन से हमारे परमेश्वर यहोवा का अनुग्रह हम पर हुआ है, कि हम में से कोई-कोई बच निकले, और हमको उसके पवित्रस्थान में एक खूँटी मिले, और हमारा परमेश्वर हमारी आँखों में ज्योति आने दे, और दासत्व में हमको कुछ विश्रान्ति मिले।
וְעַתָּ֡ה כִּמְעַט־רֶגַע֩ הָיְתָ֨ה תְחִנָּ֜ה מֵאֵ֣ת ׀ יְהוָ֣ה אֱלֹהֵ֗ינוּ לְהַשְׁאִ֥יר לָ֙נוּ֙ פְּלֵיטָ֔ה וְלָתֶת־לָ֥נוּ יָתֵ֖ד בִּמְק֣וֹם קָדְשׁ֑וֹ לְהָאִ֤יר עֵינֵ֙ינוּ֙ אֱלֹהֵ֔ינוּ וּלְתִתֵּ֛נוּ מִֽחְיָ֥ה מְעַ֖ט בְּעַבְדֻתֵֽנוּ׃
9 हम दास तो हैं ही, परन्तु हमारे दासत्व में हमारे परमेश्वर ने हमको नहीं छोड़ दिया, वरन् फारस के राजाओं को हम पर ऐसे कृपालु किया, कि हम नया जीवन पाकर अपने परमेश्वर के भवन को उठाने, और इसके खण्डहरों को सुधारने पाए, और हमें यहूदा और यरूशलेम में आड़ मिली।
כִּֽי־עֲבָדִ֣ים אֲנַ֔חְנוּ וּבְעַבְדֻ֔תֵנוּ לֹ֥א עֲזָבָ֖נוּ אֱלֹהֵ֑ינוּ וַֽיַּט־עָלֵ֣ינוּ חֶ֡סֶד לִפְנֵי֩ מַלְכֵ֨י פָרַ֜ס לָֽתֶת־לָ֣נוּ מִֽחְיָ֗ה לְרוֹמֵ֞ם אֶת־בֵּ֤ית אֱלֹהֵ֙ינוּ֙ וּלְהַעֲמִ֣יד אֶת־חָרְבֹתָ֔יו וְלָֽתֶת־לָ֣נוּ גָדֵ֔ר בִּֽיהוּדָ֖ה וּבִירוּשָׁלִָֽם׃ ס
10 १० “अब हे हमारे परमेश्वर, इसके बाद हम क्या कहें, यही कि हमने तेरी उन आज्ञाओं को तोड़ दिया है,
וְעַתָּ֛ה מַה־נֹּאמַ֥ר אֱלֹהֵ֖ינוּ אַֽחֲרֵי־זֹ֑את כִּ֥י עָזַ֖בְנוּ מִצְוֹתֶֽיךָ׃
11 ११ जो तूने यह कहकर अपने दास नबियों के द्वारा दीं, ‘जिस देश के अधिकारी होने को तुम जाने पर हो, वह तो देश-देश के लोगों की अशुद्धता के कारण और उनके घिनौने कामों के कारण अशुद्ध देश है, उन्होंने उसे एक सीमा से दूसरी सीमा तक अपनी अशुद्धता से भर दिया है।
אֲשֶׁ֣ר צִוִּ֗יתָ בְּיַ֨ד עֲבָדֶ֣יךָ הַנְּבִיאִים֮ לֵאמֹר֒ הָאָ֗רֶץ אֲשֶׁ֨ר אַתֶּ֤ם בָּאִים֙ לְרִשְׁתָּ֔הּ אֶ֤רֶץ נִדָּה֙ הִ֔יא בְּנִדַּ֖ת עַמֵּ֣י הָאֲרָצ֑וֹת בְּתוֹעֲבֹֽתֵיהֶ֗ם אֲשֶׁ֥ר מִלְא֛וּהָ מִפֶּ֥ה אֶל־פֶּ֖ה בְּטֻמְאָתָֽם׃
12 १२ इसलिए अब तू न तो अपनी बेटियाँ उनके बेटों को ब्याह देना और न उनकी बेटियों से अपने बेटों का ब्याह करना, और न कभी उनका कुशल क्षेम चाहना, इसलिए कि तुम बलवान बनो और उस देश के अच्छे-अच्छे पदार्थ खाने पाओ, और उसे ऐसा छोड़ जाओ, कि वह तुम्हारे वंश के अधिकार में सदैव बना रहे।’
וְ֠עַתָּה בְּֽנוֹתֵיכֶ֞ם אַל־תִּתְּנ֣וּ לִבְנֵיהֶ֗ם וּבְנֹֽתֵיהֶם֙ אַל־תִּשְׂא֣וּ לִבְנֵיכֶ֔ם וְלֹֽא־תִדְרְשׁ֧וּ שְׁלֹמָ֛ם וְטוֹבָתָ֖ם עַד־עוֹלָ֑ם לְמַ֣עַן תֶּחֶזְק֗וּ וַאֲכַלְתֶּם֙ אֶת־ט֣וּב הָאָ֔רֶץ וְהוֹרַשְׁתֶּ֥ם לִבְנֵיכֶ֖ם עַד־עוֹלָֽם׃
13 १३ और उस सब के बाद जो हमारे बुरे कामों और बड़े दोष के कारण हम पर बीता है, जबकि हे हमारे परमेश्वर तूने हमारे अधर्म के बराबर हमें दण्ड नहीं दिया, वरन् हम में से कितनों को बचा रखा है,
וְאַֽחֲרֵי֙ כָּל־הַבָּ֣א עָלֵ֔ינוּ בְּמַעֲשֵׂ֙ינוּ֙ הָרָעִ֔ים וּבְאַשְׁמָתֵ֖נוּ הַגְּדֹלָ֑ה כִּ֣י ׀ אַתָּ֣ה אֱלֹהֵ֗ינוּ חָשַׂ֤כְתָּֽ לְמַ֙טָּה֙ מֵֽעֲוֹנֵ֔נוּ וְנָתַ֥תָּה לָּ֛נוּ פְּלֵיטָ֖ה כָּזֹֽאת׃
14 १४ तो क्या हम तेरी आज्ञाओं को फिर से उल्लंघन करके इन घिनौने काम करनेवाले लोगों से समधियाना का सम्बंध करें? क्या तू हम पर यहाँ तक कोप न करेगा जिससे हम मिट जाएँ और न तो कोई बचे और न कोई रह जाए?
הֲנָשׁוּב֙ לְהָפֵ֣ר מִצְוֹתֶ֔יךָ וּ֨לְהִתְחַתֵּ֔ן בְּעַמֵּ֥י הַתֹּעֵב֖וֹת הָאֵ֑לֶּה הֲל֤וֹא תֶֽאֱנַף־בָּ֙נוּ֙ עַד־כַּלֵּ֔ה לְאֵ֥ין שְׁאֵרִ֖ית וּפְלֵיטָֽה׃ פ
15 १५ हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा! तू धर्मी है, हम बचकर मुक्त हुए हैं जैसे कि आज वर्तमान है। देख, हम तेरे सामने दोषी हैं, इस कारण कोई तेरे सामने खड़ा नहीं रह सकता।”
יְהוָ֞ה אֱלֹהֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ צַדִּ֣יק אַ֔תָּה כִּֽי־נִשְׁאַ֥רְנוּ פְלֵיטָ֖ה כְּהַיּ֣וֹם הַזֶּ֑ה הִנְנ֤וּ לְפָנֶ֙יךָ֙ בְּאַשְׁמָתֵ֔ינוּ כִּ֣י אֵ֥ין לַעֲמ֛וֹד לְפָנֶ֖יךָ עַל־זֹֽאת׃ פ

< एज्रा 9 >