< यहेजकेल 8 >

1 फिर छठवें वर्ष के छठवें महीने के पाँचवें दिन को जब मैं अपने घर में बैठा था, और यहूदियों के पुरनिये मेरे सामने बैठे थे, तब प्रभु यहोवा की शक्ति वहीं मुझ पर प्रगट हुई।
و در سال ششم در روز پنجم از ماه ششم، چون من در خانه خود نشسته بودم ومشایخ یهودا پیش من نشسته بودند، آنگاه دست خداوند یهوه در آنجا بر من فرود آمد.۱
2 तब मैंने देखा कि आग का सा एक रूप दिखाई देता है; उसकी कमर से नीचे की ओर आग है, और उसकी कमर से ऊपर की ओर झलकाए हुए पीतल की झलक-सी कुछ है।
و دیدم که اینک شبیهی مثل صورت آتش بود یعنی ازنمایش کمر او تا پایین آتش و از کمر او تا بالا مثل منظر درخشندگی مانند صورت برنج لامع ظاهرشد.۲
3 उसने हाथ–सा कुछ बढ़ाकर मेरे सिर के बाल पकड़े; तब आत्मा ने मुझे पृथ्वी और आकाश के बीच में उठाकर परमेश्वर के दिखाए हुए दर्शनों में यरूशलेम के मन्दिर के भीतर, आँगन के उस फाटक के पास पहुँचा दिया जिसका मुँह उत्तर की ओर है; और जिसमें उस जलन उपजानेवाली प्रतिमा का स्थान था जिसके कारण द्वेष उपजता है।
و شبیه دستی دراز کرده، موی پیشانی مرابگرفت و روح، مرا در میان زمین و آسمان برداشت و مرا در رویاهای خدا به اورشلیم نزددهنه دروازه صحن اندرونی که بطرف شمال متوجه است برد که در آنجا نشیمن تمثال غیرت غیرت انگیز می‌باشد.۳
4 फिर वहाँ इस्राएल के परमेश्वर का तेज वैसा ही था जैसा मैंने मैदान में देखा था।
و اینک جلال خدای اسرائیل مانند آن رویایی که در هامون دیده بودم ظاهر شد.۴
5 उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, अपनी आँखें उत्तर की ओर उठाकर देख।” अतः मैंने अपनी आँखें उत्तर की ओर उठाकर देखा कि वेदी के फाटक के उत्तर की ओर उसके प्रवेशस्थान ही में वह डाह उपजानेवाली प्रतिमा है।
و اومرا گفت: «ای پسر انسان چشمان خود را بسوی راه شمال برافراز!» و چون چشمان خود را بسوی راه شمال برافراشتم، اینک بطرف شمالی دروازه مذبح این تمثال غیرت در مدخل ظاهر شد.۵
6 तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू देखता है कि ये लोग क्या कर रहे हैं? इस्राएल का घराना क्या ही बड़े घृणित काम यहाँ करता है, ताकि मैं अपने पवित्रस्थान से दूर हो जाऊँ; परन्तु तू इनसे भी अधिक घृणित काम देखेगा।”
و اومرا گفت: «ای پسر انسان آیا تو آنچه را که ایشان می‌کنند می‌بینی؟ یعنی رجاسات عظیمی که خاندان اسرائیل در اینجا می‌کنند تا از مقدس خود دور بشوم؟ اما باز رجاسات عظیم تر خواهی دید.»۶
7 तब वह मुझे आँगन के द्वार पर ले गया, और मैंने देखा, कि दीवार में एक छेद है।
پس مرا به دروازه صحن آورد و دیدم که اینک سوراخی در دیوار است.۷
8 तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, दीवार को फोड़;” इसलिए मैंने दीवार को फोड़कर क्या देखा कि एक द्वार है।
و او مرا گفت: «ای پسر انسان دیوار را بکن.» و چون دیوار راکندم، اینک دروازه‌ای پدید آمد.۸
9 उसने मुझसे कहा, “भीतर जाकर देख कि ये लोग यहाँ कैसे-कैसे और अति घृणित काम कर रहे हैं।”
و او مرا گفت: «داخل شو و رجاسات شنیعی را که ایشان دراینجا می‌کنند ملاحظه نما.»۹
10 १० अतः मैंने भीतर जाकर देखा कि चारों ओर की दीवार पर जाति-जाति के रेंगनेवाले जन्तुओं और घृणित पशुओं और इस्राएल के घराने की सब मूरतों के चित्र खींचे हुए हैं।
پس چون داخل شدم، دیدم که هرگونه حشرات و حیوانات نجس و جمیع بتهای خاندان اسرائیل بر دیوار از هر طرف نقش شده بود.۱۰
11 ११ इस्राएल के घराने के पुरनियों में से सत्तर पुरुष जिनके बीच में शापान का पुत्र याजन्याह भी है, वे उन चित्रों के सामने खड़े हैं, और हर एक पुरुष अपने हाथ में धूपदान लिए हुए है; और धूप के धुएँ के बादल की सुगन्ध उठ रही है।
و هفتاد نفر از مشایخ خاندان اسرائیل پیش آنهاایستاده بودند و یازنیا ابن شافان در میان ایشان ایستاده بود و هرکس مجمره‌ای در دست خودداشت و بوی ابر بخور بالا می‌رفت.۱۱
12 १२ तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तूने देखा है कि इस्राएल के घराने के पुरनिये अपनी-अपनी नक्काशीवाली कोठरियों के भीतर अर्थात् अंधियारे में क्या कर रहे हैं? वे कहते हैं कि यहोवा हमको नहीं देखता; यहोवा ने देश को त्याग दिया है।”
و او مراگفت: «ای پسر انسان آیا آنچه را که مشایخ خاندان اسرائیل در تاریکی و هرکس درحجره های بتهای خویش می‌کنند دیدی؟ زیرامی گویند که خداوند ما را نمی بیند و خداوند این زمین را ترک کرده است.۱۲
13 १३ फिर उसने मुझसे कहा, “तू इनसे और भी अति घृणित काम देखेगा जो वे करते हैं।”
و به من گفت که بازرجاسات عظیم تر از اینهایی که اینان می‌کنندخواهی دید.»۱۳
14 १४ तब वह मुझे यहोवा के भवन के उस फाटक के पास ले गया जो उत्तर की ओर था और वहाँ स्त्रियाँ बैठी हुई तम्मूज के लिये रो रही थीं।
پس مرا به دهنه دروازه خانه خداوند که بطرف شمال بود آورد. و اینک در آنجا بعضی زنان نشسته، برای تموز می‌گریستند.۱۴
15 १५ तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तूने यह देखा है? फिर इनसे भी बड़े घृणित काम तू देखेगा।”
و او مراگفت: «ای پسر انسان آیا این را دیدی؟ بازرجاسات عظیم تر از اینها را خواهی دید.»۱۵
16 १६ तब वह मुझे यहोवा के भवन के भीतरी आँगन में ले गया; और वहाँ यहोवा के भवन के द्वार के पास ओसारे और वेदी के बीच कोई पच्चीस पुरुष अपनी पीठ यहोवा के भवन की ओर और अपने मुख पूर्व की ओर किए हुए थे; और वे पूर्व दिशा की ओर सूर्य को दण्डवत् कर रहे थे।
پس مرا به صحن اندرونی خانه خداوندآورد. و اینک نزد دروازه هیکل خداوند در میان رواق و مذبح به قدر بیست و پنج مرد بودند که پشتهای خود را بسوی هیکل خداوند و رویهای خویش را بسوی مشرق داشتند و آفتاب را بطرف مشرق سجده می‌نمودند.۱۶
17 १७ तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तूने यह देखा? क्या यहूदा के घराने के लिये घृणित कामों का करना जो वे यहाँ करते हैं छोटी बात है? उन्होंने अपने देश को उपद्रव से भर दिया, और फिर यहाँ आकर मुझे रिस दिलाते हैं। वरन् वे डाली को अपनी नाक के आगे लिए रहते हैं।
و به من گفت: «ای پسر انسان این را دیدی؟ آیا برای خاندان یهودابجا آوردن این رجاسات که در اینجا بجامی آورند سهل است؟ زیرا که زمین را از ظلم مملو ساخته‌اند و برای هیجان خشم من برمی گردند و هان شاخه را به بینی خودمی گذارند.۱۷
18 १८ इसलिए मैं भी जलजलाहट के साथ काम करूँगा, न मैं दया करूँगा और न मैं कोमलता करूँगा; और चाहे वे मेरे कानों में ऊँचे शब्द से पुकारें, तो भी मैं उनकी बात न सुनूँगा।”
بنابراین من نیز در غضب، عمل خواهم نمود و چشم من شفقت نخواهد کرد ورحمت نخواهم فرمود و اگرچه به آواز بلند به گوش من بخوانند، ایشان را اجابت نخواهم نمود.»۱۸

< यहेजकेल 8 >